मुरैना में घूमने की जगह – प्राकृतिक सौंदर्य, इतिहास और विरासत से भरपूर
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का नाम सुनते ही, मुरैना जिले के बीहड़ और बीहड़ में छुपे डाकुओं का ख्याल मस्तिष्क में सबसे पहले आता है, क्योंकि मुरैना जिला डाकुओं के लिए प्रसिद्ध था। यहां पर बड़े-बड़े और ऊंचे ऊंचे बीहड़ देखे जा सकते हैं। मगर मुरैना जिला अपने ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक खूबसूरती, प्राचीन मंदिर के लिए भी जाना जाता है। चंबल घाटी, घड़ियाल अभ्यारण, प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक किले और चंबल नदी का मनोरम तट मुरैना जिला को एक अद्भुत स्थान बनाते हैं और आज हम मुरैना जिले के बारे में और मुरैना जिले के आस-पास में घूमने की जगह (Morena Tourist Places in Hindi) के बारे में जानेंगे।
अगर आप यह जानना चाहते हैं, कि मुरैना में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं, तो यह लेख आपके लिए बिल्कुल सही है। यहाँ हम मुरैना के प्रमुख पर्यटन स्थलों, उनकी खासियत, पहुँच मार्ग और घूमने का सही समय—सब कुछ शामिल कर रहे हैं, ताकि आपका सफर यादगार और जानकारीपूर्ण बन सके।
मुरैना जिले का इतिहास (History of Morena District)
मुरैना में सबसे पहले इसके नाम के बारे में जानते हैं। मुरैना नाम को लेकर माना जाता है, कि मुरैना मोर शब्द से बना है। प्राचीन समय में इस क्षेत्र में मोर अधिक संख्या में पाए जाते थे। इसलिए इसे “मोर-रेना” या “मोरों का स्थान” के नाम से जाना जाता था, जो धीरे-धीरे मुरैना बन गया।
मुरैना में प्राचीन काल में मौर्य, शंकु, नाग और गुप्त वंश का शासन था। मुरैना के आसपास के एरिया में ढेर सारे प्राचीन मंदिर हैं, जो गुप्त काल और मौर्य राज्य वंश से संबंधित है। मुरैना में मध्यकाल में गुर्जर चौहान और तोमर राजवंशों का शासन रहा है।
आजादी से पहले ब्रिटिश के समय, यहां पर डाकू और बागियों के कारण, यह जगह प्रसिद्ध रही है। यहां पर बीहड़ में डाकुओं का घर रहता था। डाकू ट्रेन और गांव लूटकर इन बीहड़ के अंदर चले जाया करते थे। आजादी के बाद, यहां पर धीरे-धीरे डाकुओं का आतंक कम हुआ है। मध्यप्रदेश राज्य के पुनर्गठन के दौरान मुरैना को जिला घोषित किया गया। 1982 में चंबल संभाग बनाया गया और मुरैना इसका मुख्यालय बना।
मुरैना जिले में घूमने के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल (Morena tourist Places in Hindi)
मुरैना के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples in Morena)
1. 64 योगिनी मंदिर मितावली (64 Yogini Temple, Mitawali)
64 योगिनी मंदिर, जिसे एकत्तरसो महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मुरैना के मितावली गांव में बना हुआ है। यह मंदिर पूरे मध्य प्रदेश में अपनी बनावट के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की बनावट इसे एक खास पहचान देती है। हमारे पुराने पार्लियामेंट का डिजाइन भी इसी मंदिर से लिया गया है।
64 योगिनी मंदिर ऊंचे पहाड़ी पर बना है। मंदिर में जाने के लिए सड़क मार्ग बना है। मंदिर में पहुंचने के लिए रास्ता है। यह मंदिर ग्वालियर से करीब 37 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में गोलाकार आकार में 64 अलग-अलग छोटे कमरे बने हुए हैं, जिनमें हर एक कमरे में एक योगिनियों की मूर्तियां विराजमान है और बीच में गोलाकार मंदिर बना है, जिसमें शंकर भगवान जी की मूर्ति विराजमान है।
64 योगिनी मंदिर की खासियत
- यह मंदिर तांत्रिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध था। प्राचीन समय में यहां पर तांत्रिक गतिविधियों की जाती थी।
- यह 11वीं शादी का मंदिर है, जिसे कच्छपघात वंश के राज्य में बनाया गया था।
- यहां पर प्राप्त शिलालेख से पता चलता है, कि इस मंदिर का निर्माण राजा देवपाल के द्वारा 1323ई में करवाया गया था।
- इस मंदिर का आकार गोलाकार है और इसकी दीवारों में 64 कमरे बने हुए हैं, जिनमें 64 योगिनियों की मूर्तियां विराजमान है और बीच में शिव जी को समर्पित एक खुला मंडप है।
- यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना है। पहाड़ी पर पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है और चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे लगे हुए हैं।
2. बटेश्वर मंदिर समूह (Bateshwar Temple Complex)
बटेश्वर मंदिर समूह मुरैना के पास घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थान में से एक है। यहां पर 200 से अधिक प्राचीन मंदिरों का समूह है। यह मंदिर समूह मुरैना जिले में पदावली ग्राम के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। यहां पर पहाड़ी है, जिस पर यह मंदिर समूह फैले हुए हैं। आप यहां पर आकर इन मंदिर समूह को देख सकते हैं। यह मंदिर ग्वालियर से करीब 35 किलोमीटर दूर है। यहां पर पहुंचने के लिए अच्छा सड़क मार्ग है।
बटेश्वर मंदिर की खासियत
- यहां पर 200 से अधिक मंदिर थे। जो समय के साथ नष्ट हो गए थे। वर्षों तक ये मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे, लेकिन पुरातत्वविद् के.के. मोहम्मद ने इन्हें पुनः जीवित किया।
- यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैले हुए हैं और बहुत सुंदर लगते हैं।
- ये मंदिर 8वीं से 10वीं सदी के बीच बने माने जाते हैं।
- बटेश्वर मंदिरों में नागर और हिंदू वास्तुकला देखने के लिए मिलती है।
- बटेश्वर मंदिर समूह भगवान शिव, भगवान विष्णु और शक्ति को समर्पित है।
3. शनिचरा मंदिर (Shanichara Temple)
शनिचरा मंदिर, मुरैना जिले के पास घूमने का प्राचीन और सुन्दर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर मुरैना के पास ऐंती गांव में बना है। यह मंदिर ग्वालियर से करीब 23 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर को लेकर ढेर सारी मान्यताएं हैं।
शनिचरा मंदिर की खासियत
- इस मंदिर का परिसर बहुत सुंदर है।
- यहां पर शनि देव और हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान है। यह प्रतिमाएं विक्रमादित्य जी के समय ही है।
- मंदिर में हनुमान जी, राधा कृष्ण जी, काली मां, काल भैरव जी, और भगवान शिव जी की प्रतिमाएं विराजमान है, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं।
- इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि हनुमान जी ने शनि देव जी को रावण की कैद से छुड़ाया था और उन्हें इस पर्वत पर छोड़ा था।
- यहां पर शनिवार के दिन हजारों भक्त शनिदेव की पूजा करने के लिए आते हैं।
4. प्राचीन सूर्य मंदिर (Ancient Sun Temple)
प्राचीन सूर्य मंदिर मुरैना जिले के ऐंती गांव में बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है और पूरा मंदिर पत्थर से बना है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। अगर आप शनिश्चरा मंदिर घूमने के लिए आते हैं, तो आप यहां पर भी घूमने के लिए आ सकते हैं। ऐंती गांव में ही एक और प्राचीन मंदिर बना है, जो विष्णु भगवान जी को समर्पित है। आप इस मंदिर में भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
प्राचीन सूर्य मंदिर की खासियत
- यह मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित हुआ माना जाता है।
- मंदिर के चारों तरफ स्तंभ युक्त मंडप निर्मित किया गया है।
- मंदिर के द्वार पर गंगा, यमुना नदी देवियों का अंकन किया गया है।
5. कराह धाम मुरैना (Karah Dham Morena)
कराह धाम मुरैना के पास घूमने के लिए एक सुंदर और धार्मिक स्थान में से एक है। कराह धाम मुरैना के पास धनेला में स्थित है। आप यहां पर आसानी से सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह जगह नूराबाद के पास में पड़ता है। इस जगह के बारे में ढेर सारी मान्यताएं हैं। इस जगह में आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिताया जा सकता है। यह जगह पटिया वाले बाबा के नाम से भी मशहूर है।
कराह धाम की खासियत
- इस जगह का धार्मिक महत्व है। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि इस जगह पर महान संत पटिया वाले बाबा जी जो 20वीं सदी के पहले यहां पर रहते थे और बहुत प्रसिद्ध थे। उन्होंने यहां कई सालों तक एक पत्थर की पटिया पर बैठकर ध्यान किया था। इसलिए इस जगह को पटिया वाले बाबा के नाम से जाना जाता है। यहां पर कई और महान लोगों ने तपस्या की थी। यह एक पवित्र तपोभूमि है।
- यहां पर एक चमत्कारिक कुआ है, जिसका पानी में चमत्कार है। माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति, जिसे भी अगर कुत्ते ने काटा हुआ है। अगर वह व्यक्ति इस कुआँ का पानी पीता है और स्नान करता है, तो रेबीज का असर खत्म हो जाता है।
- इस जगह पर कहीं ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जहां पर देवी देवताओं के दर्शन किए जा सकते हैं।
- यहां पर एक गौशाला बनी हुई है, जहां पर ढेर सारी गाय हैं।
- यहां पर आसपास का प्राकृतिक वातावरण है। जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
6. ईश्वरा महादेव मंदिर (Ishwara Mahadev Temple)
ईश्वरा महादेव मंदिर मुरैना जिले के पास कैलारस तहसील में घूमने के लिए एक मुख्य स्थान है। यह मंदिर घने जंगलों के अंदर बना है। यहां पर पहुंचने के लिए अच्छा रास्ता है। यह पहाड़गढ़ से करीब 6 से 7 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर प्राकृतिक माहौल में भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक गुफा है, जहां पर भगवान शिव विराजमान है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
ईश्वरा महादेव मंदिर की खासियत
- यह मंदिर रहस्यमय है। माना जाता है, कि प्रतिदिन रात के समय यहां पर भगवान शिव की कोई पूजा करने के लिए आता है और सुबह के समय यहां पर भगवान शिव के ऊपर फूल चढ़े हुए मिलते हैं।
- यहां पर पहाड़ों के द्वारा भगवान शिव जी का जलाभिषेक किया जाता है। यहां पर प्राकृतिक तरीके से भगवान शिव का जल अभिषेक होता है। पहाड़ों से पानी रिसता है और भगवान शिव के ऊपर गिरता है।
- बरसात के समय यहां पर झरना देखने के लिए मिलता है।
- यह जगह चारों तरफ से हरियाली और पेड़ पौधों से घिरी है।
7. निरार माता मंदिर (Nirar Mata Temple)
निरार माता मंदिर मुरैना जिले के कैलारस में घूमने के लिए एक मुख्य स्थान है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच में बना हुआ है। यह मंदिर निरार माता को समर्पित है। यहां पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। यहां पर आने के लिए आप पहाड़गढ़ से होते हुए या जौरा से होते हुए आ सकते हैं।
निरार माता की खासियत
- निरार माता मंदिर प्राचीन और बहुत सुंदर है। मंदिर में आकर अच्छा लगता है।
- निरार माता मंदिर में नवरात्रि के समय और अन्य उत्सव के समय बहुत सारे लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
- निरार माता मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक वातावरण देखा जा सकता है।
8. सिहोनिया के प्राचीन अवशेष (Sihoniya Ancient Ruins)
सिहोनिया मुरैना के पास एक पवित्र स्थान है। यहां पर ढेर सारे मंदिरों के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बना है, जहां पर आपको विशाल जैन मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर है। सिहोनिया में आप आसानी से सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं।
सिहोनिया मंदिर की खासियत
- सिहोनिया मुरैना का एक ऐतिहासिक गाँव है जहाँ कई प्राचीन स्थापत्य कला के नमूने मिलते हैं।
- यहाँ के मंदिर प्रतिहार काल के हैं।
- सिहोनिया का सबसे प्रसिद्ध संरचना है गुरजरेश्वर मंदिर, जो अपनी अनोखी नक्काशी के लिए जाना जाता है।
- यह गाँव इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद खास अनुभव देता है।
9. काकनमठ मंदिर (Kakanmath Temple)
काकनमठ माता मंदिर मुरैना जिले का एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर के बारे में ढेर सारी मान्यताएं हैं। यह मंदिर मुरैना के पास सिहोनिया में बना है। यह मंदिर 11वीं सदी का विशाल शिव मंदिर और अद्भुत स्थापत्य का नमूना है। इस मंदिर को बनाने में बड़े-बड़े पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है और यह पत्थर एक दूसरे के ऊपर संतुलित करके रखे गए हैं, जो इस मंदिर को खास बनाते हैं।
काकनमठ मंदिर की खासियत
- काकनमठ मंदिर पत्थर के प्राचीन और अद्वितीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- इस मंदिर को बनाने में चूने और गारे का उपयोग नहीं किया गया है।
- इस मंदिर के बारे में माना जाता है, कि इस मंदिर का निर्माण भूतों के द्वारा एक रात में ही किया गया है।
- इस मंदिर की ऊंचाई 100 फीट है।
- इस मंदिर का निर्माण ककनवती रानी के द्वारा कराया गया था, जो कच्छपघात के शासक कीर्ति राज की रानी थी, जिनके आदेश पर इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था।
10. गढ़ी पदावली (Gadhi Padawali)
गढ़ी पदावली मुरैना के पास मितावली गांव के पास स्थित एक प्राचीन स्थल है। यहां पर एक प्राचीन किला और मंदिर परिसर देखने के लिए मिलता है। आप जब भी बटेश्वर घूमने के लिए आते हैं, तो आप इस स्थान पर भी आ सकते हैं।
गढ़ी पदावली की खासियत
- यह स्थल खूबसूरत नक्काशी और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
- यहां पर मिट्टी के बर्तन, औजार, गहने जैसी पुरानी वस्तुएं मिली है।
- यहां पर खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाओं को उकेरा गया है, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश, काली एवं विष्णु के अवतारों का अंकन प्रमुख है।
- किले के ऊपर से आसपास का प्राकृतिक दृश्य शानदार दिखता है
- इस मंदिर की बनावट से पता चलता है, कि यह मंदिर १०वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया है। कालांतर में, इस मंदिर को गोहद के राजाओं के द्वारा गढ़ी में परिवर्तित कर दिया गया है।
मुरैना के पास घूमने के लिए प्राकृतिक स्थान (Natural places to visit near Morena)
11. लिखी छाज (Likhi Chhaj)
लिखी छाज मुरैना के पास घूमने के लिए एक सुंदर और कम मशहूर जगह है। इस जगह के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। ये जगह मुरैना में पहाड़गढ़ के पास में स्थित है। यह पहाड़गढ़ के पास में निचली बहेराई गांव के पास है। यहां पर आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने का रास्ता जंगल से होकर गुजरता है, जो बहुत ही रोमांचक होता है। यहां पर प्राकृतिक गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं।
लिखी छाज की खासियत
- यहां पर प्राचीन गुफा पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो 25000 साल पुरानी है।
- यहां चारों तरफ प्रकृतिक दृश्य और जंगल का दृश्य देखा जा सकता है।
- यहां पर आसन नदी बहती है, जिसका दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है।
12. चंबल घाटी (Chambal Valley)
चंबल घाटी मुरैना में देखने के लिए एक बहुत ही बढ़िया जगह है। अगर आप प्राकृतिक स्थान देखना चाहते हैं, तो यह आपको जरुर देखना चाहिए। यह जगह पुराने समय में डाकुओं के लिए प्रसिद्ध थी। मगर अब यहां पर आपको बड़े-बड़े बीहड़ देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत बड़े एरिया में फैले हुए हैं। चंबल घाटी अपनी अनोखी भौगोलिक संरचना, घुमावदार रास्तों और जंगली खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है।
चंबल घाटी की खासियत
- चंबल में गहरे और अद्भुत बीहड़ एरिया देखने के लिए मिलते हैं।
- फोटोग्राफी और ड्रोन शॉट्स के लिए शानदार स्थान है।
- यहाँ पर सूर्योदय और सूर्यास्त का मनमोहक दृश्य देखने मिलता है।
- यह जगह प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर फोटोग्राफर्स के लिए स्वर्ग है।
13. चंबल सफारी और नेशनल सेंक्चुरी (National Chambal Sanctuary)
मुरैना में चंबल नदी बहती है। चंबल नदी में मगरमच्छ और घड़ियाल देखे जा सकते हैं। यहां पर आप आकर सफारी का आनंद उठा सकते हैं।
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की खासियत
- यहाँ आपको घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन, कछुए और सैकड़ों पक्षियों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं।
- बोट सफारी इसका सबसे रोमांचक हिस्सा है, जहाँ आप वन्यजीवों को बेहद करीब से देख सकते हैं।
- यह स्थान फोटोग्राफरों और वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
- सर्दियों में यहाँ प्रवासी पक्षियों की संख्या और ज्यादा बढ़ जाती है जिससे अभयारण्य की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है।
मुरैना जिले में घूमने के ऐतिहासिक स्थल (Historical places to visit in Morena district)
14. नूराबाद पुल (Noorabad Bridge)
नूराबाद का पुल मुरैना के पास देखने के लिए ऐतिहासिक है। यह पुल मुरैना ग्वालियर हाईवे रोड पर सांक नदी पर बना है। यह मुगल वास्तुकला में बना है और बहुत सुंदर लगता है।
15. पंडित रामप्रसाद बिस्मिल्लाह संग्रहालय (Pandit Ramprasad Bismillah Museum)
पंडित रामप्रसाद बिस्मिल्लाह संग्रहालय मुरैना मुख्य शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मुरैना शहर के बीचो बीच स्थित है। यहां पर ढेर सारे ऐतिहासिक वस्तुएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप आकर मुरैना के हिस्ट्री के बारे में जान सकते हैं। यह मुरैना में परिवार और दोस्तों के साथ घूमने लिए बढ़िया जगह है।
मुरैना में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Morena)
मुरैना में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का होता है। अक्टूबर से मार्च के समय ठंड का समय रहता है। ठंड में आकर आप मुरैना की सभी जगह घूम सकते हैं। ठंड में मौसम सुहावना रहता है, इसलिए मुरैना में घूमने का उपयुक्त समय ठंड है।
मुरैना कैसे पहुँचे? (How to Reach Morena)
रेलवे: मुरैना रेलवे स्टेशन ग्वालियर–आगरा मुख्य रूट पर स्थित है। मुरैना में रेलवे स्टेशन बना है। आप रेल मार्ग के द्वारा यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
रोड: मुरैना NH-44 के जरिए ग्वालियर, आगरा, दिल्ली, जबलपुर, भोपाल, इंदौर, और भिंड से कनेक्टेड है। यहां पर आप बस के द्वारा या अपने वाहन के द्वारा पहुंच सकते हैं।
एयरपोर्ट: निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर एयरपोर्ट (45 km) है। आप हवाई मार्ग द्वारा ग्वालियर आ सकते हैं और उसके बाद मुरैना सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं।
मुरैना का गूगल मैप लोकेशन
मुरैना में रहने की सुविधाएँ
- बजट होटल
- फैमिली लॉज
- गेस्ट हाउस
- मुरैना–ग्वालियर रोड पर अच्छे स्टे विकल्प
निष्कर्ष
मुरैना इतिहास, प्रकृति, रोमांच और धार्मिक स्थलों का ऐसा मिश्रण है जिसे एक ही जिला समेटे हुए है। चाहे आप प्राचीन मंदिर देखना चाहें, चंबल नदी में घड़ियाल सफारी का रोमांच, रहस्यमयी योगिनी मंदिरों की यात्रा या किले और पहाड़ों की खोज — मुरैना हर पर्यटक को कुछ अनोखा अनुभव देता है।
यहाँ की मितावली–पाढ़ावली त्रिकोण, काकनमठ मंदिर, चंबल अभयारण्य और चंबल घाटी मुरैना को भारत के सबसे अनोखे पर्यटन स्थलों में शामिल करते हैं।
