तिलवारा घाट जबलपुर (Tilwara Ghat Jabalpur) – नर्मदा तट का पवित्र और ऐतिहासिक स्थल
भारत की पावन नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी धारा कही जाती है। जबलपुर जिले में बसे कई घाट इस नदी की आभा और धार्मिक महत्त्व को दर्शाते हैं। इन्हीं घाटों में से एक है तिलवारा घाट जबलपुर (Tilwara Ghat Jabalpur), जो धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से विशेष स्थान रखता है। यहाँ केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं बल्कि प्रकृति का मनमोहक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्त्व भी देखने को मिलता है।
तिलवारा घाट को जबलपुर का दूसरा सबसे प्रसिद्ध घाट माना जाता है, ग्वारीघाट के बाद। यहाँ का वातावरण शांत, पवित्र और दिव्य है जो हर यात्री को आकर्षित करता है।
तिलवारा घाट की सुंदरता
तिलवारा घाट (Tilwara Ghat) का वातावरण बहुत शांत और मनमोहक है। घाट के किनारे हरे-भरे पेड़, नदी की कलकल धारा और पंछियों की चहचहाहट इसे और आकर्षक बना देते हैं।
सुबह और शाम के समय यहाँ आकर ध्यान और योग करने का अनुभव अनोखा होता है। स्थानीय लोग अक्सर नर्मदा आरती में शामिल होते हैं, जिससे यहाँ का वातावरण और भी दिव्य हो जाता है।
यहां पर लोग आकर नहाने का आनंद उठाते हैं। कई लोग यहां पर जाकर शांति से बैठते हैं और मनन करते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर हर प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है।
घाट की विशेषताएँ:
- यहाँ चौड़े और सपाट पत्थर बिछे हुए हैं और नर्मदा तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई हैं।
- शाम के समय पंडितों द्वारा नर्मदा आरती का आयोजन किया जाता है, जो बेहद मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है।
- श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ दीपदान करते हैं और नौकायन (Boating) का आनंद उठाते हैं।
- घाट पर बैठकर ध्यान और ध्यान-साधना करने से मन को शांति और सुकून मिलता है।
तिलवारा घाट (Tilwara Ghat) का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
तिलवारा घाट नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध स्थल है। तिलवारा घाट का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यह घाट महात्मा गांधी की स्मृतियों से जुड़ा हुआ है क्योंकि उनकी अस्थियों का विसर्जन यहीं पर किया गया था। यही कारण है कि इसे राष्ट्रपिता की याद में गांधी स्मारक तिलवारा भी कहा जाता है।
नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह स्थान धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है। प्रतिवर्ष यहां नर्मदा जयंती और अन्य धार्मिक पर्वों पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि नर्मदा नदी में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।
नर्मदा आरती – Tilwara Ghat की आध्यात्मिक शांति
तिलवारा घाट की एक बड़ी विशेषता है यहाँ प्रतिदिन होने वाली नर्मदा आरती (Narmada Aarti at Tilwara Ghat)।
- यह आरती शाम को सूर्यास्त के समय होती है।
- पंडितगण मंत्रोच्चार और शंख-ध्वनि के साथ दीप प्रज्वलित करते हैं।
- भक्त दीपदान (दीप प्रवाहित करना) करके नर्मदा मैया से आशीर्वाद मांगते हैं।
इस समय का वातावरण इतना दिव्य और भव्य होता है कि यहाँ उपस्थित हर व्यक्ति शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
फोटो गैलरी




तिलवारा घाट Distance (जबलपुर से तिलवारा घाट की दूरी)
अगर आप जानना चाहते हैं कि Tilwara Ghat Distance कितना है तो यह जानकारी आपके काम आएगी –
- जबलपुर शहर से तिलवारा घाट दूरी लगभग 12 किलोमीटर है।
- यदि आप रेलवे स्टेशन से आते हैं तो दूरी लगभग 14 किलोमीटर होती है।
- यहाँ तक पहुँचने में कार या ऑटो से लगभग 25–30 मिनट का समय लगता है।
तिलवारा घाट की गूगल मैप लोकेशन
Madan Mahal to Tilwara Ghat Distance
जबलपुर का प्रसिद्ध मदन महल किला भी पर्यटकों का आकर्षण है। बहुत से यात्री किले को देखने के बाद तिलवारा घाट की ओर रुख करते हैं।
- Madan Mahal to Tilwara Ghat Distance लगभग 15 किलोमीटर है।
- यहाँ तक पहुँचने में सड़क मार्ग से करीब 30–35 मिनट का समय लगता है।
- मार्ग में पहाड़ों और हरियाली का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, जो यात्रा को और भी यादगार बना देता है।
तिलवारा पुल (Tilwara Pul) का महत्व
तिलवारा पुल (Tilwara Pul) जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। यह पुल न केवल यातायात की दृष्टि से अहम है बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी आकर्षण का केंद्र है।
पुल पर खड़े होकर जब आप नर्मदा की धारा और घाट का नजारा देखते हैं तो मन अपने आप ही प्रफुल्लित हो उठता है। शाम के समय यहाँ का दृश्य और भी मनोहारी हो जाता है।
Old Tilwara Pul – पुराना तिलवारा पुल
तिलवारा का पुराना ब्रिज बहुत सुंदर है। यह ब्रिज अंग्रेजों के जमाने में बना था और बहुत ही आकर्षक लगता है। इस ब्रिज पर बहुत सारे लोग शाम के समय जाकर बैठते हैं और सनसेट का सुंदर दृश्य देखते हैं।
यहां से आपको नर्मदा नदी का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। वैसे इस ब्रिज से आवागमन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, मगर लोग यहां पर पैदल घूम सकते हैं।
पुराना पुल अपनी ऐतिहासिक पहचान रखता है क्योंकि यही वह मार्ग था जहाँ से लोग नर्मदा नदी पार कर अन्य गाँवों और कस्बों से जुड़ते थे। समय के साथ यह पुल ठीक है और आकर्षण का केंद्र है।
तिलवारा घाट पर बरती जाने वाली सावधानियाँ
- नदी में स्नान करते समय सतर्क रहें – नर्मदा नदी की धारा कई जगहों पर तेज़ होती है। गहरे पानी में न जाएँ। बच्चों को अकेला पानी के पास न जाने दें।
- फिसलन वाली सीढ़ियों से बचें – घाट की सीढ़ियाँ अक्सर गीली और काई लगी होती हैं। चलते समय सावधानी बरतें और आराम से सीढ़ियाँ चढ़ें-उतरें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें – प्लास्टिक या कचरा घाट पर न फेंकें। नदी की पवित्रता बनाए रखने के लिए दीपदान और पूजा सामग्री पानी में डालने के बजाय निर्धारित जगह पर ही रखें।
- यातायात और पुल पर सुरक्षा – Tilwara Pul या Old Tilwara Pul के आसपास फोटो खींचते समय सावधान रहें, क्योंकि वहाँ वाहनों की आवाजाही रहती है।
- नर्मदा आरती के दौरान – आरती के समय भीड़ रहती है, इसलिए सामान और मोबाइल सुरक्षित रखें। शांति बनाए रखें और धार्मिक वातावरण का सम्मान करें।
- यात्रा के समय – मानसून के मौसम में नर्मदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, इसलिए उस समय घाट पर अतिरिक्त सावधानी बरतें। गर्मियों में छाता, पानी की बोतल और हल्के कपड़े साथ रखें।
- स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें – घाट पर जूते-चप्पल पहनकर न जाएँ। पूजा और आरती के समय ध्वनि प्रदूषण या ऊँची आवाज़ में बात करने से बचें।
तिलवारा घाट पर करने योग्य गतिविधियाँ
- नर्मदा नदी में स्नान और ध्यान
- नर्मदा आरती में सम्मिलित होना
- गांधी स्मारक की यात्रा
- नर्मदा तट पर फोटोग्राफी
- प्रकृति के बीच शांति का अनुभव
निष्कर्ष
तिलवारा घाट जबलपुर (Tilwara Ghat Jabalpur) धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है। चाहे आप आस्था के भाव से आएं या पर्यटन के उद्देश्य से, यह घाट हर किसी को एक अनोखा अनुभव देता है।
यहाँ का Tilwara ghat or Narmada River Bridge, Tilwara Pul, और आसपास की हरियाली यात्रा को यादगार बना देते हैं।
अगर आप जबलपुर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो तिलवारा घाट को अपनी यात्रा सूची में ज़रूर शामिल करें।
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