Beautiful Maihar Devi Mandir – माँ शारदा देवी मंदिर, इतिहास और पर्यटन गाइड

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मैहर (Maihar) – मां शारदा की नगरी और मध्यप्रदेश का प्रमुख तीर्थ स्थल

मध्यप्रदेश के सतना ज़िले में स्थित माँ शारदा देवी मंदिर, मैहर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है और माता शारदा की शक्ति स्वरूपा के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं। माँ शारदा को विद्या और ज्ञान की देवी माना जाता है और उन्हें विशेष रूप से गोंडवाना क्षेत्र की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है।

मैहर (Maihar) का प्राकृतिक सौंदर्य

मैहर (Maihar) मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक छोटा सा शहर है। मैहर बहुत सुंदर है। मैहर शहर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है और बहुत सुंदर लगता है। बरसात के समय यह जगह बहुत ही आकर्षक हो जाती है। बरसात के समय यहां आकर घूमने का एक अलग अनुभव होता है।
यहां आस-पास पहाड़ियां हैं, जहां पर ढेर सारे झरने देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर बरसात और ठंड के समय जाकर एंजॉय कर सकते हैं। गर्मी में भी यहां पर ढेर सारे लोग आते हैं।

मैहर मां शारदा देवी का मंदिर त्रिकूट पहाड़ी की छोटी पर स्थित है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियों की व्यवस्था है। त्रिकूट पहाड़ी से चारों तरफ का दृश्य बहुत ही सुंदर स्थित लगता है।

माँ शारदा मंदिर मैहर (Maa Sharda Mandir Maihar) जाने का यात्रा अनुभव

मैहर माता का मंदिर (Maihar Mata ka Mandir) जाना बहुत ही आसान है। मैहर मंदिर पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। पूरे भारत देश से मैहर जाने के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। अन्य शहरों से माँ शारदा मंदिर मैहर आने के लिए आपको हवाई, रेल मार्ग और रोड मार्ग की सुविधा आराम से मिल जाती है।

मैहर देवी मंदिर (Maihar devi mandir) में पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है रेल मार्ग। मैहर में पहुंचने के लिए मैहर रेलवे स्टेशन (Maihar railway Station) बना हुआ है। मैहर रेलवे स्टेशन, मैहर शारदा माता मंदिर से करीब 6 या 7 किलोमीटर दूर है।

आपको सबसे पहले रेलवे स्टेशन आना है। उसके बाद आप ऑटो बुक करके मैहर मंदिर तक पहुंच सकते हैं। ऑटो का किराया 20 से ₹30 के बीच में रहता है। ऑटो से मैहर पहुंचकर आप नहा सकते हैं। यहां पर नहाने धोने की व्यवस्था उपलब्ध रहती है। मंदिर पहुंचकर आप प्रसाद की खरीदारी कर सकते हैं और उसके बाद मैहर मंदिर जा सकते हैं।

माँ शारदा मंदिर मैहर (Maa Sharda Mandir Maihar) जाने के दो रास्ते हैं। आप माँ शारदा मंदिर तक सीढ़यों से या रोपवे से जा सकते है। दोनों ही रास्ते बहुत ही रोमांचक रहते हैं। मैहर जाने का एक और रास्ता है। मैहर जाने के लिए आप सड़क का प्रयोग भी कर सकते हैं।

माँ शारदा मंदिर मैहर में ऊपर तक जाने के लिए सड़क व्यवस्था है। मगर गाड़ी या बाइक से रोड मार्ग से जाने के बाद ऊपर पहुंचने पर आपको कुछ दूरी तक सीढ़ियों से चलना पड़ेगा। यहां पर करीब आपको 100 से 150 छोटी सीढ़ियां मिलती हैं, जिनसे आपको चलना पड़ता है।

मैहर माँ शारदा मंदिर (Maihar Maa Sharda Mandir)  जाने का सबसे अच्छा रास्ता है सीढ़ियां। सीढ़ियां से जाने में बहुत ही आनंद आता है। सीढ़ियां में चलने का एक अलग ही अनुभव होता है। सीढ़ियां से जाने में करीब डेढ़ से 2 घंटे लग जाते हैं, मगर माँ शारदा मंदिर पहुंचकर आपकी सारी थकान मिट जाती है।

मैहर माँ शारदा मंदिर के गेट पर पहुंचकर मां के जयकारे सुनकर बहुत ही आनंद आता है। मैहर के गेट में पहुंचकर लाइन लगानी पड़ती है। उसके बाद मां के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

मैहर माता का मंदिर में कभी कभार बहुत ज्यादा भीड़ बढ़ रहती है, जिससे बहुत ज्यादा समय मां के दर्शन करने में लगता है। करीब 1 से 2 घंटा मां के दर्शन करने में लग जाते हैं। मगर कभी कम भीड़ होती है, जिससे आप आराम से जाकर मां के दर्शन कर सकते हैं। त्यौहार के समय आपको और भी ज्यादा समय लगता सकता है।आप मैहर की शारदा माता के दर्शन करने के बाद, आप मंदिर के पीछे जा सकते हैं, जहां पर बहुत बड़ा आंगन बना हुआ है। यहां पर आप शांति से बैठकर मनन कर सकते हैं।

मैहर माता मंदिर (Maihar Mata Mandir) के पीछे ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जो छोटे-छोटे हैं और बहुत सुंदर हैं। इन मंदिर में पंडित जी बैठे रहते हैं। आप इन मंदिर में पूजा कर सकते हैं। प्रसाद चढ़ा सकते हैं। मैहर मंदिर (Maihar Mandir) के पीछे और भी बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं।

यहां पर खाने-पीने की व्यवस्था है। यहां पर आपको फोटोग्राफर मिल जाते हैं, जो आपकी सुंदर-सुंदर फोटोग्राफ खींच देते हैं और आपको आधे घंटे में फोटो दे देते हैं। आप यहां पर फोटोग्राफ क्लिक करवा सकते हैं। मैहर की शारदा माता के पीछे साइड से आप मैहर के चारों तरफ का दृश्य देख सकते हैं।

मैहर मंदिर (Maihar Mandir) का इतिहास, रहस्य या रोचक तथ्य

मैहर मंदिर (Maihar Mandir) एक प्रसिद्ध स्थल है और इसकी प्रसिद्धि होने का कारण इस जगह का रहस्यमई होना है। मैहर मंदिर बहुत ही रहस्यमय है। अलग-अलग लोगों का इस जगह के बारे में अलग-अलग मान्यताएं हैं।
मैहर मंदिर के प्रसिद्ध होने का सबसे प्रसिद्ध कारण यह है, कि यहां पर दो प्रसिद्ध वीर नायक आल्हा और उदल नाम के परम भक्त थे, जो मां शारदा के परम भक्त थे।
उन्होंने मां की तपस्या करी और उनकी तपस्या से मां शारदा देवी प्रसन्न हुई और मां शारदा ने उनको अमर होने का वरदान दिया और वह आज भी जिंदा है और मां की पूजा करने के लिए सुबह-सुबह आते हैं।

मैहर मंदिर (Maihar Mandir) के बारे में एक और आश्चर्य जनक बात यह कही जाती है, कि मैहर मंदिर में जो भी रात के समय रुकता है। वह व्यक्ति या जीव या तो मर जाता है या पागल हो जाता है।
यह क्यों होता है, इसके बारे में जानकरी नहीं है। मैहर मंदिर (Maihar Mandir) में रात के समय रुकने की मनाही है। आरती के बाद मंदिर बंद हो जाता है, जिससे यहां पर एक भी जीव जंतु नहीं रखता है। मैहर मंदिर में रात के समय ना ही कोई व्यक्ति और ना ही कोई जीव जंतु चाहे कोई पक्षी, कुत्ता या अन्य जीव कोई भी नहीं रुकते हैं।

मैहर मां शारदा माता मंदिर (Maihar Maa Sharda Mata Mandir) का धार्मिक महत्व या कथा

मैहर का शारदा माता मंदिर (Maihar ka Sharda Mata Mandir) का धार्मिक महत्व है और यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है और इसके प्रसिद्ध होने के कारण एक धार्मिक कथा है। कहा जाता है, कि जब माता सती ने अग्नि में अपने आप को समर्पित किया और माता सती का शरीर पूरी तरह से भस्म हो गया। जब शिव जी को इस बात का पता चला, तो शिव जी बड़े ही क्रोधित हुए और उन्होंने माता सती के शरीर को अपने कंधे पर ले जाकर तांडव किया। तब भगवान विष्णु को भगवान शिव के लिए बहुत ही चिंता हुए और उन्होंने माता सती के शरीर के अपने सुदर्शन चक्र से टुकड़े करवा दिए।

माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां भी गिरे। वहां पर एक शक्तिपीठ बना। मैहर में माता सती का हर गिरा था। इसलिए मैहर भी एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है और मैहर शहर का जो नाम है, वह मां का हार के नाम से जाना जाता है और इसलिए इस सिटी को मैहर कहा जाता है।

मैहर सिटी (Maihar City) का इतिहास

मैहर (Maihar) का इतिहास धार्मिक आस्था और प्राचीन कथाओं से जुड़ा हुआ है।

  • मान्यता है कि यहाँ शारदा देवी का मंदिर लगभग 1000 से अधिक वर्ष पुराना है।
  • बुंदेलखंड के शासकों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।
  • यहाँ आदि शंकराचार्य के समय से ही शक्ति उपासना की परंपरा रही है।
  • मैहर न सिर्फ़ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि संगीत की दुनिया में भी खास महत्व रखता है क्योंकि यहीं से विश्वप्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद अल्लाउद्दीन खाँ और पंडित रविशंकर जैसे दिग्गजों का संबंध जुड़ा रहा।

मैहर देवी मंदिर (Maihar Devi Mandir) का महत्व

मैहर देवी मंदिर को विद्या और ज्ञान की देवी माँ शारदा का शक्ति पीठ माना जाता है।

  • विद्यार्थी विशेष रूप से यहाँ आकर आशीर्वाद लेते हैं।
  • नवरात्रि और वसंत पंचमी पर विशेष उत्सव होता है।
  • यहाँ दर्शन मात्र से मनोकामना पूर्ण होने का विश्वास है।

मैहर माता किसकी कुलदेवी है?

मैहर माता विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के अनेक परिवारों की कुलदेवी मानी जाती हैं। विशेष रूप से:

  • बुंदेला,
  • कछवाहा,
  • गोंड,
  • परिहार,
  • यादव समुदाय

इन सभी परिवारों में माँ शारदा को प्रमुख देवी के रूप में पूजा जाता है। विवाह, शुभ कार्य और त्योहारों पर सबसे पहले माँ शारदा का आशीर्वाद लिया जाता है।

मैहर रेलवे स्टेशन (Maihar Railway Station) से मैहर मंदिर की दूरी

मैहर रेलवे स्टेशन शहर के मुख्य हिस्से में है।

  • स्टेशन से माँ शारदा मंदिर मैहर की दूरी लगभग 5-6 किलोमीटर है।
  • स्टेशन से टैक्सी, ऑटो और बस की सुविधा उपलब्ध है।
  • मंदिर के बेस तक पहुँचने के बाद आप सीढ़ियों या रोपवे से ऊपर जा सकते हैं।

मैहर देवी मंदिर (Maihar Devi Mandir) कहां है?

मैहर देवी मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के सतना ज़िले में स्थित है।

  • मैहर मंदिर त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है।
  • मैहर मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के करीब साढे चार सौ किलोमीटर दूर है।
  • सतना शहर से दूरी लगभग 40 किलोमीटर है।
  • जबलपुर से दूरी 150 किलोमीटर के आसपास है।

माँ शारदा माता मंदिर मैहर की गूगल मैप लोकेशन

मैहर (Maihar) में रुकने की व्यवस्था

श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए मैहर में रुकने की भरपूर व्यवस्था है।

  • धर्मशालाएँ – मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय समाज द्वारा संचालित।
  • होटल्स और गेस्ट हाउस – बजट से लेकर लग्ज़री तक।
  • सरकारी विश्राम गृह – जिला प्रशासन द्वारा संचालित।

नवरात्रि जैसे अवसरों पर यहाँ भीड़ अधिक रहती है, इसलिए पहले से बुकिंग कराना बेहतर होता है।

मैहर (Maihar) में कितनी सीढ़ियां हैं?

मैहर मंदिर (Maihar Mandir) तक पहुंचाने के लिए 1063 सीढ़यों है। सीढ़यों का सफर बहुत ही मजेदार होता है। सीढ़यों से आप मंदिर में जा सकते हैं। सीढ़यों से जाने में थोड़ी मेहनत लगती है, मगर मजा बहुत आता है। आप इंजॉय करते हुए सीढ़यों से मैहर मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

  • भक्तजन प्रायः पैदल सीढ़ियाँ चढ़कर माता का दर्शन करते हैं।
  • बुजुर्ग और बच्चों के लिए रोपवे की सुविधा है।
  • सीढ़ियों के रास्ते पर विश्राम स्थल और पेयजल की व्यवस्था है।

मैहर (Maihar) में घूमने वाली जगह

मैहर (Maihar) केवल मंदिर के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के पर्यटन स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है।

  • अल्हा-उदल अखाड़ा – जहाँ अल्हा और उदल साधना किया करते थे।
  • बड़ा अखाड़ा – बड़ा अखाड़ा मैहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां पर आपको जरूर जाना चाहिए।
  • मैहर का किला – एक ऐतिहासिक स्थल।
  • ब्रह्मणी देवी मंदिर – ऐतिहासिक धार्मिक स्थल।
  • गोलामाथ – पुरातात्विक महत्व का स्थान।
  • नीलकंठ बाबा मंदिर – आध्यात्मिक एवं धार्मिक स्थल।
  • पन्नी जलप्रपात – मैहर का एक प्राकृतिक स्थान।
  • बड़ी माई मंदिर – मैहर का प्रसिद्ध मंदिर धार्मिक है।
  • बाबा तालाब शिव मंदिर – प्राचीन और सुन्दर मंदिर।
  • इच्छापूर्ति मंदिर – मैहर का एक और आकर्षक मंदिर

माँ शारदा देवी मंदिर मैहर की फोटो गैलरी

Maihar Mata Mandir Entrance Gate
मैहर मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार का दृश्य।
Maihar Mata Mandir Entrance Gate
मैहर मंदिर की सीढ़ियों की चढ़ाई से पहले गणेश प्रतिमा
Maihar Mata Temple Stairs
श्रद्धालु माता शारदा के दर्शन हेतु सीढ़ियाँ चढ़ते हुए।
Maihar Ropeway Cable Car
रोपवे से त्रिकूट पर्वत पर स्थित माँ शारदा मंदिर का रास्ता।
View from Maihar Mata Temple
मैहर मंदिर से दिखने वाला विंध्याचल पर्वत का अद्भुत दृश्य।
Maihar Main temple
मुख्य मंदिर का लाइन लगाकर खड़े भक्त

 

मैहर का मंदिर कितने बजे खुलता है?

माँ शारदा मंदिर मैहर का समय:

  • सुबह: 5:00 बजे मंदिर के द्वार खुलते हैं।
  • दोपहर: आरती और पूजन का समय।
  • शाम: 7:00 बजे विशेष आरती होती है।
  • रात: 10:00 बजे मंदिर के द्वार बंद हो जाते हैं।

त्योहार और नवरात्रि के समय दर्शन का समय बढ़ा दिया जाता है।

मैहर कितने किलोमीटर है?

मैहर मंदिर की अन्य प्रमुख शहर से दूरी

  • सतना से मैहर की दूरी (Satna to Maihar Distance) – 40 किमी
  • रीवा से मैहर की दूरी (Rewa to Maihar Distance) – 65 किमी
  • जबलपुर से मैहर की दूरी (Jabalpur to Maihar Distance) – 150 किमी
  • कटनी से मैहर की दूरी (Katni to Maihar Distance) – 55 किमी
  • इलाहाबाद (प्रयागराज) से मैहर की दूरी (Allahabad (Prayagraj) to Maihar Distance) – 170 किमी
  • भोपाल से मैहर की दूरी (Bhopal to Maihar Distance) – 370 किमी

मैहर से चित्रकूट की दूरी

मैहर से चित्रकूट की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है।

  • सड़क मार्ग से लगभग 3-3.5 घंटे का समय लगता है।
  • सतना या रीवा होते हुए चित्रकूट पहुँचा जा सकता है।
  • चित्रकूट भी धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इसलिए अधिकतर यात्री मैहर-चित्रकूट यात्रा साथ में करते हैं।

मैहर रेलवे स्टेशन

मैहर पहुंचने के लिए सबसे आसान रास्ता है – रेल मार्ग। मैहर रेलवे स्टेशन पश्चिम-मध्य रेलवे का प्रमुख स्टेशन है।

  • यह सतना–कटनी रेलखंड पर स्थित है।
  • यहाँ से दिल्ली, मुंबई, जबलपुर, भोपाल, प्रयागराज और बनारस के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।
  • स्टेशन से ऑटो और टैक्सी द्वारा आसानी से मंदिर पहुँचा जा सकता है।

मैहर माता की फोटो

मंदिर के अंदर माँ शारदा की मूर्ति स्वर्णाभूषित रूप में विराजमान है। श्रद्धालु फोटो खींचने की इच्छा रखते हैं लेकिन मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होती।
हालाँकि, मंदिर के ट्रस्ट और प्रसाद की दुकानों से मैहर माता की फोटो और कैलेंडर खरीदे जा सकते हैं।

मैहर मंदिर में घूमने का सबसे अच्छा समय

मैहर में घूमने के लिए साल भर श्रद्धालु आते हैं और माता के दर्शन करते हैं। मगर हम आपको बताते हैं, कि मैहर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कब है। जब आप जाकर माता के दर्शन कर सकते हैं।

मौसम के अनुसार मैहर घूमने का समय 

अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम)
अक्टूबर से मार्च का समय मैहर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, जिससे मंदिर की सीढ़ियाँ चढ़ना भी आसान होता है।
इस समय आप आकर मंदिर में आसानी से हर जगह घूम सकते हैं। इस समय तापमान लगभग 10°C से 25°C के बीच रहता है।

अप्रैल से जून (गर्मी का मौसम)
गर्मियों में तापमान 40°C तक चला जाता है। अगर इस मौसम में जाते हैं तो सुबह या शाम के समय मंदिर जाएं। इस मौसम में सीढ़ियां चढ़ना बहुत ही दिक्कत हो सकती है।

जुलाई से सितंबर (बरसात का मौसम)
बरसात के मौसम में हरियाली देखने लायक होती है, लेकिन ज्यादा बारिश होने पर सीढ़ियों और रास्तों पर फिसलन हो सकती है।

धार्मिक अवसरों पर मैहर मंदिर की यात्रा

नवरात्रि (मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर)
नवरात्रि के समय मैहर में खास रौनक होती है। लाखों भक्त माता शारदा के दर्शन के लिए आते हैं। इस समय मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है और इस समय आप आकर मां के दर्शन कर सकते हैं। इस समय दर्शन करने का अलग महत्व होता है।

मकर संक्रांति और चैत्र नवरात्रि
इन पर्वों पर भी विशेष मेला और आयोजन होते हैं।

मैहर शहर का सांस्कृतिक महत्व

मैहर सिर्फ़ धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि यह भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी प्रमुख केंद्र रहा है।

  • यहाँ से मैहर घराना की स्थापना हुई, जिसे उस्ताद अल्लाउद्दीन खाँ ने विकसित किया।

  • उनके शिष्य पंडित रविशंकर और अली अकबर खाँ ने इस घराने को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध किया।

  • इस कारण मैहर को संगीत की नगरी भी कहा जाता है।

मैहर मेला (Maihar Mela)

मैहर में हर साल कई धार्मिक मेले और अन्य प्रमुख कार्यक्रम आयोजन होते हैं, जिनका विशेष महत्व माँ शारदा देवी मंदिर से जुड़ा है। यहाँ मुख्य मेले इस प्रकार हैं –

मैहर में लगने वाले प्रमुख मेले

1. नवरात्रि मेला (चैत्र और शारदीय नवरात्रि)

मैहर का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेला नवरात्रि के अवसर पर लगता है।

साल में दो बार – चैत्र नवरात्रि (मार्च–अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर–अक्टूबर) में लाखों भक्त माता शारदा के दर्शन करने आते हैं।

मंदिर और पूरे मैहर शहर में रौनक होती है, जगह-जगह भजन-कीर्तन और धार्मिक आयोजन होते हैं।

2. मकर संक्रांति मेला (14 जनवरी)

इस दिन मैहर में विशेष पूजा-अर्चना और स्नान का महत्व होता है।

दूर-दराज़ से श्रद्धालु माता शारदा के दर्शन करने आते हैं।

मंदिर परिसर और आसपास मेला जैसा माहौल रहता है।

3. बसंत पंचमी मेला

बसंत पंचमी के दिन माता शारदा को विशेष रूप से विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है।

इस अवसर पर भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी और श्रद्धालु आते हैं।

4. अन्य अवसर

गुप्त नवरात्रि और शारदा जयंती पर भी धार्मिक कार्यक्रम और मेले आयोजन होते हैं, लेकिन इनमें भीड़ सामान्य नवरात्रि की तुलना में कम होती है।

मैहर मंदिर यात्रा (Maihar Mandir Yatra) टिप्स और सावधानियां

1. यात्रा का सही समय चुनें

  • मैहर मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का होता है।
  • नवरात्रि और मकर संक्रांति पर विशेष भीड़ रहती है, तो यदि आप धार्मिक उत्सव का अनुभव करना चाहते हैं तो इन्हीं दिनों में जाएं, वरना सामान्य दिनों में दर्शन आसानी से हो जाते हैं।

2. कैसे पहुँचें

  • रेल से: मैहर रेलवे स्टेशन कटनी–सतना लाइन पर है।
  • सड़क से: जबलपुर, सतना, कटनी और रीवा से बस व टैक्सी मिल जाती हैं।
  • एयरपोर्ट: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा खजुराहो और जबलपुर है।

3. सीढ़ियाँ या रोपवे

  • मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 1063 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। अगर आप यंग है और एडवेंचरस सफर का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप सीढ़यों से जा सकते हैं।
  • बुजुर्गों, बच्चों और जिन्हें चढ़ाई में दिक़्क़त हो, उनके लिए रोपवे सुविधा उपलब्ध है।

4. भीड़ और कतारों से बचने के लिए

  • सुबह जल्दी (सुबह 5 से 7 बजे के बीच) दर्शन के लिए पहुँचना सबसे अच्छा रहता है।
  • नवरात्रि और मेलों में दर्शन के लिए समय अधिक लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें। नवरात्रि और मेले के समय मैहर मुख्य मंदिर में बहुत लंबी-लंबी लाइन लगती है।

5. सुरक्षा और सामान

  • भीड़भाड़ में कीमती सामान और ज़्यादा नकद पैसे साथ न रखें।
  • मोबाइल और बैग रखने के लिए मंदिर परिसर में लॉकर रूम की सुविधा मिल सकती है।

6. खानपान और ठहरने की व्यवस्था

  • मैहर शारदा मंदिर के निचले हिस्से में प्रसाद की दुकानें और भोजनालय मौजूद हैं।
  • मैहर मंदिर परिसर में कुछ भी उपलब्ध नहीं है। आप अपने साथ खाना लेकर जा सकते है और मुख्य मंदिर के पीछे बने आंगन में बैठकर खा सकते हैं।
  • मैहर शहर में धर्मशालाएँ, होटल और गेस्ट हाउस ठहरने के लिए आसानी से मिल जाते हैं।

7. धार्मिक आचार-व्यवहार

  • मंदिर परिसर में सफाई और अनुशासन का ध्यान रखें।
  • मैहर मंदिर जाने में आप कपड़ों का विशेष ध्यान रखें। मंदिर जैसी जगह में आपको भारतीय परिधान पहन कर जाना चाहिए।
  • पूजा करते समय मोबाइल पर फोटो/वीडियो लेने से बचें (जहाँ मना हो)।

8. बच्चों और बुजुर्गों के साथ यात्रा

  • अगर बच्चों या बुजुर्गों के साथ हैं तो रोपवे का ही उपयोग करें।
  • गर्मी के दिनों में पानी और हल्का खाना साथ रखें।
  • सीढ़ियाँ चढ़ने वाले श्रद्धालु पानी की बोतल और हल्का सामान रखें।

9. अन्य दर्शनीय स्थल

  • मैहर के पास ओंकारेश्वर मंदिर, भेरागढ़, आल्हा-उदल अखाड़ा, गौरी सरोवर आदि घूमने लायक जगहें हैं।
  • मैहर शहर में ही ढेर सारे स्थल है, जहां पर आप घूम सकते हैं। अगर आप मैहर जा रहे हैं, तो इन स्थलों के भी सैर कर सकते हैं।

10. मैहर के बाजार में शॉपिंग

  • मैहर के बाजार में आप शॉपिंग का आनंद उठा सकते हैं। मैहर के बाजार में ढेर सारे अलग-अलग तरह की चीज मिलती हैं, जो माँ शारदा से संबंधित रहती हैं। आप वह खरीद सकते हैं। यहां पर प्रसाद भी मिलते हैं, जो आप ले सकते हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: मैहर में कितनी सीढ़ियाँ हैं?
उत्तर: कुल 1063 सीढ़ियाँ हैं।

प्रश्न 2: मैहर माता किसकी कुलदेवी हैं?
उत्तर: बुंदेला, कछवाहा, गोंड, यादव आदि कई समुदायों की कुलदेवी।

प्रश्न 3: मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी कितनी है?
उत्तर: लगभग 5-6 किलोमीटर।

प्रश्न 4: मैहर देवी मंदिर कहाँ है?
उत्तर: सतना ज़िला, मध्य प्रदेश।

प्रश्न 5: मैहर से चित्रकूट की दूरी कितनी है?
उत्तर: लगभग 130 किलोमीटर।

प्रश्न 6: मैहर मंदिर कितने बजे खुलता है?
उत्तर: सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक।

प्रश्न 7: मैहर कितने किलोमीटर है?
उत्तर: सतना से 40 किमी, जबलपुर से 150 किमी, रीवा से 65 किमी।

प्रश्न 8: मैहर कहाँ स्थित है?
उत्तर: मैहर मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यह नगर माँ शारदा देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है और इसे एक प्रमुख शक्ति पीठ माना जाता है।

प्रश्न 9:मैहर किसके लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: मैहर मुख्यतः माँ शारदा देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही यह अल्हा-उदल की वीर गाथाओं और मैहर संगीत घराने के कारण भी जाना जाता है।

प्रश्न 10: मैहर कैसे पहुँचा जा सकता है?
उत्तर: रेल मार्ग: मैहर का अपना रेलवे स्टेशन है, जो सतना, कटनी, रीवा, जबलपुर और दिल्ली से जुड़ा है।
सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) से सीधे पहुँचा जा सकता है।
वायु मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट – जबलपुर (140 किमी) और प्रयागराज (170 किमी)।

प्रश्न 11: माँ शारदा देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए कितनी सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं?
उत्तर: माँ शारदा देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 1063 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।

प्रश्न 12: मैहर जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर: अक्टूबर से मार्च का समय मैहर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त है। नवरात्रि के दौरान यहाँ का वातावरण उत्सवमय हो जाता है।

प्रश्न 13: मैहर में कौन-कौन से दर्शनीय स्थल हैं?
उत्तर: मैहर में माँ शारदा देवी मंदिर, अल्हा-उदल अखाड़ा, गोलमाथ मंदिर, ओखर घाट और आसपास के खजुराहो व पन्ना नेशनल पार्क प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।

प्रश्न 14: क्या मैहर में नवरात्रि पर मेला लगता है?
उत्तर: हाँ, चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मैहर में भव्य मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु माता शारदा देवी के दर्शन के लिए आते हैं।

निष्कर्ष

मैहर (माँ शारदा देवी मंदिर) न सिर्फ़ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। यहाँ दर्शन करने से श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। मंदिर की ऐतिहासिक मान्यताएँ, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व इसे एक अनोखा तीर्थ स्थल बनाते हैं।

यदि आप धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं तो अपने जीवन में कम से कम एक बार माँ शारदा मंदिर मैहर ज़रूर जाएँ।

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