Beautiful Madan Mahal Fort Jabalpur – मदन महल किला जबलपुर | इतिहास, रहस्य और पर्यटन जानकारी

मदन महल किला या रानी दुर्गावती किला (Madan Mahal Fort or Rani Durgavati Fort) जबलपुर – जबलपुर का ऐतिहासिक स्थल

मध्यप्रदेश का जबलपुर शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। नर्मदा नदी के किनारे बसे इस शहर में कई ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्हीं ऐतिहासिक स्थलों में से एक है मदन महल किला (Madan Mahal Fort)। यह किला न केवल जबलपुर के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है, बल्कि यहाँ से शहर का मनोरम दृश्य भी दिखाई देता है।

मदन महल का किला (Madan Mahal Fort) या रानी दुर्गावती का किला (Rani Durgavati Fort) जबलपुर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और बरसात के समय यह किला देखने लायक होता है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

रानी दुर्गावती किला या मदन महल किला की यात्रा (Rani Durgavati Fort or Madan Mahal Fort Tour)

मदन महल का किला (Madan Mahal Fort) जबलपुर जिले में मदन महल क्षेत्र में बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले तक आप आसानी से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इस किले में आप सार्वजनिक परिवहन से भी आ सकते हैं, मगर आपको थोड़ा दूर चलना पड़ता है।

इसके बाद आप किले की तरफ चढ़ाई कर सकते हैं। किले तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर करीब 100 से 150 सीढ़ियां बनी हुई है। आप आराम से सीढ़ियां से चढ़कर किले तक पहुंच सकते हैं। सीढ़ियों से चढ़ते हुए, आपको सीढ़ियां के दोनों तरफ पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं।

यहां पर आपको एक शिव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक छोटा सा तालाब भी बना हुआ है, जो बहुत सुंदर लगता है। यहां पर ढेर सारी बांस के पेड़ लगे हुए हैं, जो इस जगह की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। इन सभी चीजों को देखते हुए आप ऊपर पहुंचते हैं, तो आपकी सबसे पहली नजर मदन महल किले में पड़ती है। यहां पर बड़ी सी चट्टान में महल बना हुआ है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है।

मदन महल किले के अंदर (Inside Madan Mahal Fort) जाने में, आपको महल के ऊपर की ओर जाने के लिए सीढ़ियां दिखती है। सीढ़ियां से आप महल के ऊपरी हिस्से में जा सकते हैं। यहां पर सिक्योरिटी गार्ड बैठे रहते हैं, जो महल की रखवाली करते हैं।

आप मदन महल किले की सबसे ऊपरी हिस्से में जाकर जबलपुर शहर का दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत ही मनोरम रहता है। महल के ऊपर की तरफ एक छोटा सा कमरा बना हुआ है और उसे कमरे के ऊपर भी एक कमरा बना हुआ है।

यहां पर एक स्नानागार बना हुआ है। महल के ऊपरी हिस्से से जबलपुर शहर का दूर दूर तक का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां से आप बजनामठ मंदिर भी देख सकते है। यहां से आपको बजनामठ मंदिर और बड़ी सी झील देखने के लिए मिलती है, जो बहुत बड़े एरिया में फैली हुई है।

मदन महल किले (Madan Mahal Fort) के ऊपरी हिस्से में घूमने के बाद, आप नीचे आ सकते हैं। मदन महल किले के ठीक सामने किले के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको प्राचीन भवन के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं, जो आप पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गए हैं।

यहां पर आप इन अवशेषों को देखकर, यह जरूर जान सकते हैं, कि पहले यहां पर क्या रहा होगा। यहां पर प्राचीन कुंड बना है, जिसमें बरसात के समय पानी भर जाता है। इस कुंड के बारे में भी अलग-अलग बातें कही जाती है।

कुंड के पास में ही घोड़े को रखने लिए एक बड़ा भवन है। यह अस्तबल बहुत सुंदर है। अस्तबल से किले का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। आसपास का एरिया में पेड़ पौधे लगे हुए हैं और जंगल है।

मदन महल किले के अंदर की संरचना (Inside Madan Mahal Fort)

मदन महल किला (Madan Mahal Fort) एक विशाल ग्रेनाइट की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस महल परिसर में कई भवन निर्मित हैं, जिनमें से प्रमुख महल एक विशाल शिलाखंड पर स्थित है, जो मदन महल के नाम से विख्यात है।

इस महल का पूर्वी भाग विशाल शिलाखंड पर स्थित है तथा पश्चिमी भाग को छोटे शिलाखंड पर आश्रित है। यह महल चूना, पत्थर, लाखोरी ईट आदि के संयोजन से निर्मित है, जो गोंड काल की प्रकाष्ठा को प्रस्तुत करता है। इस महल की कुछ भागों पर आज भी प्राचीन छूने के प्लास्टर दिखाई देते हैं।

यह महल चारों ओर वन, प्राकृतिक पहाड़ियों, परकोटा और बुर्ज आदि से सुरक्षित था। इस महल के आस-पास के क्षेत्र में कई प्राकृतिक जलाशय निर्मित है, जो इस महल के निर्माण की दूरदर्शिता को प्रदर्शित करते हैं।

महल के परिसर में अस्तबल, युद्ध कक्ष, बावड़ी आदि स्थित है। वर्तमान अस्तबल के मध्य में ही प्राचीन प्रमुख द्वारा निर्मित है, जिसके दोनों ओर झरोखों के अवशेष व आले आज भी दिखाई देते हैं। इन आलों में गोंड चित्रकारी के अवशेष विद्यमान है।

अस्तबल दो मंजिला भवन था, जिसकी सीढ़ियां महल परिसर के आंतरिक भाग में खुलती है। इस महल परिसर में कई भग्न अवशेष बिखरे पड़े हैं, जो यह सिद्ध करते हैं, कि यहां पर प्राचीन काल में भी अन्य कई और अवशेष विद्यमान थे, जो समय के साथ नष्ट हो गए।

इस महल का निर्माण गोंड वंशी शासक संग्राम सिंह ने करवाया था। यह महल रानी दुर्गावती व उनके पुत्र वीर नारायण से संबंधित रहा है। यह महल मुख्य रूप से सुरक्षा चौकी के रूप में प्रयोग लाया जाता था।

मदन महल किले का रहस्य (Madan Mahal Fort Mystery)

मदन महल किले का रहस्य बहुत ही रोचक है। मदन महल किले के बारे में कहा जाता है, कि इस किले में बहुत बड़ा खजाना है, जो यहां पर छुपा हुआ है।

कहा जाता है कि यहां पर सोने की ईट छिपी हुई है, जिसके कारण लोग यहां पर पहले के समय में बहुत सारी जगह खुदाई किए हैं और खुदाई के अवशेष आप अभी भी देख सकते हैं। यहां पर एक विशेष कहावत प्रसिद्ध है, जिसके कारण लोग इस जगह की खुदाई किए हैं।

इसके अलावा मदन महल किले (Madan Mahal Fort) के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर प्राचीन समय में सुरंग हुआ करती थी, जिसे रानी और महाराजा ट्रैवल किया करते थे। यह सुरंग ग्वारीघाट में जाकर ओपन होती थी और मंडला किले में जाकर ओपन होती थी।

मदन महल किले का इतिहास (Madan Mahal Fort History)

  • मदन महल किले (Madan Mahal Fort) का निर्माण 11वीं शताब्दी में गोंड शासक राजा मदन सिंह ने करवाया था। यह किला उनकी सैन्य शक्ति और रणनीतिक कौशल का प्रतीक है।
  • यह किला मुख्य रूप से सैन्य छावनी और निगरानी चौकी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
  • गोंड वंश की रानी दुर्गावती (Rani Durgavati) का नाम भी इस किले से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि रानी दुर्गावती ने इसी किले को अपना प्रशासनिक और सैन्य केंद्र बनाया था।
  • इस किले से आसपास की घाटियों और जंगलों पर आसानी से नजर रखी जा सकती थी, जिससे यह किला दुश्मनों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थान बन जाता था।

वास्तुकला और संरचना

  • मदन महल किला (Madan Mahal Fort) आकार में बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन इसका ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प महत्व बेहद खास है।
  • किले में छोटे-छोटे कमरे, गुप्त मार्ग, सुरक्षा चौकियाँ, अस्तबल और भंडार गृह बने हुए हैं।
  • यहाँ एक तहखाना (Underground Chamber) भी है जिसे खजाना रखने के लिए प्रयोग किया जाता था।
  • किले की ऊँचाई से पूरे जबलपुर शहर और आसपास के क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।
  • पास ही में स्थित बलुआ पत्थरों और रहस्यमयी चट्टानों के कारण यह क्षेत्र और भी आकर्षक लगता है।

फोटो गैलरी

madan mahal fort
मदन महल किले का सामने से दृश्य
madan mahal fort
मदन महल किले के ऊपर से दृश्य

मदन महल किले की खास बातें

  • यह किला आसपास की पहाड़ियों का खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करता है।
  • यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
  • किले में बने गुप्त मार्ग और तहखाने आज भी रहस्य बने हुए हैं।
  • स्थानीय मान्यताओं के अनुसार किले के अंदर कभी गुप्त खजाना छुपाया गया था।

मदन महल किले का स्थान (Madan Mahal Fort Location)

  • यह किला जबलपुर शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • मदन महल रेलवे स्टेशन से यह किला आसानी से पहुंचा जा सकता है।
  • यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन ऊपर से दिखाई देने वाला दृश्य उस मेहनत को सार्थक बना देता है।

मदन महल किले का गूगल मैप लोकेशन

घूमने का समय (Madan Mahal Fort Timings)

  • मदन महल किला (Madan Mahal Fort) सुबह 8:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
  • घूमने के लिए 2–3 घंटे का समय पर्याप्त होता है।
  • सर्दियों और मानसून का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि उस समय मौसम सुहावना रहता है।

एंट्री फीस (Madan Mahal Fort Entry Fee)

  • वर्तमान में मदन महल किला देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क (Entry Fee) नहीं है।
  • यह स्थान स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।

पर्यटन महत्व (Tourism Importance)

  • मदन महल किला सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं है बल्कि यह जबलपुर पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • इतिहास प्रेमियों के लिए यह किला गोंड वंश की वीरता की गाथा सुनाता है।
  • प्रकृति प्रेमियों के लिए यहाँ से दिखाई देने वाले दृश्य किसी सपने से कम नहीं।
  • फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह जगह पिक्चर परफेक्ट है।

मदन महल किले तक कैसे पहुँचे? (How to Reach Madan Mahal Fort)

  • हवाई मार्ग (By Air): जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जो किले से लगभग 20 किमी दूर है। आप एयरपोर्ट से टैक्सी की सर्विस लेकर किले तक डायरेक्ट पहुंच सकते हैं।
  • रेल मार्ग (By Train): मदन महल रेलवे स्टेशन और जबलपुर जंक्शन से ऑटो/कैब द्वारा किला पहुँचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग (By Road): जबलपुर अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह किले में आप सार्वजनिक परिवहन से पहुंच सकते हैं। सार्वजनिक परिवहन से आने के बाद, आपको कुछ दूरी तक पैदल चलना होगा। उसके बाद आप किले तक पहुंच जाते हैं। अगर आप अपने वाहन से आ रहे हैं, तो किले के नीचे तलहटी में पार्किंग की व्यवस्था है, जहां पर आप गाड़ी खड़ी करके किले में जा सकते हैं।

मदन महल किले के आसपास के दर्शनीय स्थान (Nearby Tourist Places)

मदन महल किले (Madan Mahal Fort) के आसपास कई और दर्शनीय स्थल हैं जिन्हें आप देख सकते हैं:

  • शारदा माता मंदिर
  • शानी मंदिर
  • बैलेंसिंग रॉक
  • देवताल झील
  • शैलपर्ण उद्यान
  • बजनामथ मंदिर
  • पिसनहारी की माड़िया

FAQs – मदन महल किला

Q1. मदन महल किला कब बना था?
यह किला 11वीं शताब्दी में गोंड शासक राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया था।

Q2. मदन महल किला किसके लिए प्रसिद्ध है?
यह किला अपनी रहस्यमयी संरचना, गुप्त मार्ग, तहखाने और रानी दुर्गावती की वीरता के लिए प्रसिद्ध है।

Q3. मदन महल किला घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
सर्दियों और मानसून का मौसम घूमने के लिए सबसे अच्छा है।

Q4. क्या मदन महल किला घूमने के लिए एंट्री फीस है?
नहीं, वर्तमान में यहाँ कोई एंट्री फीस नहीं है।

निष्कर्ष

मदन महल किला (Madan Mahal Fort) न केवल जबलपुर की शान है बल्कि यह मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों में एक अनमोल रत्न भी है। यह किला इतिहास, वास्तुकला, प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यों का संगम है। यदि आप जबलपुर घूमने जा रहे हैं, तो मदन महल किला आपकी सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए।

अगर आप जबलपुर के अन्य प्रसिद्ध स्थान के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप हमारे फेमस ब्लॉग पढ़ सकते हैं :-
धुआंधार जलप्रपात
64 योगिनी मंदिर
ग्वारीघाट

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top