Ujjain me Ghumne ki Jagah – उज्जैन के पास प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल की जानकारी
उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक प्राचीन और पवित्र शहर है, जिसे महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है। उज्जैन शहर में ढेर सारे धार्मिक स्थल है, जो इस शहर को पवित्र और बनाते हैं। यह शहर हिंदू धर्म के सात मोक्षदायिनी नगरियों में से एक है और यहाँ स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण है। प्राचीन समय में यह शहर अवंतिका और उज्जयिनी नाम से प्रसिद्ध था और यह भारतीय संस्कृति, शिक्षा तथा खगोल विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र रहा है।
आज का उज्जैन अपने मंदिरों, घाटों, वेधशाला, और सिंहस्थ कुंभ मेले की भव्यता के लिए विश्वभर में मशहूर है। यह शहर आस्था, अध्यात्म और इतिहास का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको उज्जैन शहर में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है, जहां पर जाकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। उन सभी जगह के बारे में जानकारी देंगे। उज्जैन में घूमने के लिए क्या-क्या है, उज्जैन में खाने के लिए क्या-क्या फेमस है, उज्जैन के पिकनिक स्पॉट कौन-कौन से हैं, उज्जैन में कपल्स के घूमने के लिए कौन सी जगह है। इन सभी बातों के बारे में जानकारी आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मिलेगी।
Ujjain me Ghumne ki Jagah – उज्जैन के पास प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी
उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples in Ujjain)
उज्जैन शहर अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। आर्टिकल के इस सेक्शन में हम आपको उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे, ताकि आप उज्जैन के मंदिरों में जाकर यात्रा कर सकें।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple)
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, उज्जैन का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे “महाकाल की नगरी” उज्जैन की पहचान माना जाता है। यह मंदिर मुख्य उज्जैन शहर में स्थित है। यहां पर आप आसानी से आकर की इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही भव्य तरीके से बना हुआ है।
महाकालेश्वर मंदिर की खासियत
- यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जहाँ भगवान शिव स्वयं “कालों के महाकाल” के रूप में पूजे जाते हैं।
- महाकालेश्वर मंदिर भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ प्रतिदिन प्रातःकाल होने वाली भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान महाकाल को चिता की भस्म से अलंकृत किया जाता है।
- मंदिर पाँच मंजिला है, जिसमें ऊपरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है, जो केवल नागपंचमी के दिन ही दर्शन के लिए खुलता है।
- महाकालेश्वर मंदिर परिसर में ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं जिनके दर्शन आप कर सकते हैं और हर मंदिर का अलग-अलग धार्मिक महत्व है।
- महाकालेश्वर मंदिर की नर्मदा तटस्थता और इसका उल्लेख पुराणों और संस्कृत ग्रंथों में मिलता है, जिससे इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
- यहाँ हर 12 साल में आयोजित होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला दुनिया भर के लाखों श्रद्धालुओं और संतों को आकर्षित करता है।
दर्शन का समय – सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक
प्रवेश शुल्क – निःशुल्क (भस्म आरती के लिए अलग बुकिंग)
काल भैरव मंदिर उज्जैन (Kaal Bhairav Temple Ujjain)
काल भैरव मंदिर उज्जैन का एक प्राचीन और रहस्यमय मंदिर है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव को समर्पित है। यह मंदिर उज्जैन मुख्य शहर के बाहर बना हुआ है ,इस मंदिर में आप ऑटो के द्वारा या अपने स्वयं के वाहन से आराम से पहुंच सकते हैं। मंदिर के बाहर पार्किंग के लिए बहुत बड़ी जगह है। यह मंदिर उज्जैन आने वाले हर यात्री के लिए विशेष आकर्षण है और माना जाता है कि यहाँ दर्शन करने से बुरी शक्तियाँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं।
काल भैरव मंदिर की खासियत
- यह मंदिर अष्ट भैरवों में प्रमुख काल भैरव को समर्पित है।
- यहाँ भगवान को मदिरा (शराब) का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है, जो इसे अद्वितीय और रहस्यमय बनाती है।
- यह मंदिर प्राचीन और बहुत सुंदर है मंदिर की दीवारों में सुंदर कलाकृतियां देखी जा सकती है जो इस मंदिर को और भी खास बना देती हैं।
- मंदिर की दीवारों और शिल्पकला में प्राचीन भारतीय स्थापत्य झलकती है।
- काल भैरव मंदिर को उज्जैन के तांत्रिक साधना केंद्रों में से एक माना जाता है।
- यहाँ रोजाना आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि उनकी मनोकामनाएँ शीघ्र ही पूरी होती हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य शहर से दूरी 5 किलोमीटर
हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mata Temple Ujjain)
हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पास में बना हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर में घूमने के बाद, आप इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य के द्वारा किया गया था। हरसिद्धि माता राजा विक्रमादित्य जी की कुलदेवी थी। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर हरसिद्धि माता को समर्पित है। हरसिद्धि माता पार्वती माता का स्वरूप है।
हरसिद्धि माता मंदिर की खासियत
- यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है, जहाँ देवी सती का अंग (कोहनी) गिरा था।
- विशाल दीप स्तंभ – मंदिर के प्रांगण में स्थित दो विशाल दीप स्तंभ (लैम्प टावर) विशेष आकर्षण का केंद्र हैं, जो नवरात्रि में हजारों दीपों से जगमगाते हैं।
- मंदिर परिसर में और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर शंकर भगवान जी, गणेश जी, नवग्रह, शनि भगवान जी के मंदिर बने हुए हैं।
- इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर आकर आप जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह जरूर पूरी होती है।
- हरसिद्धि माता को विजय और शक्ति की देवी माना जाता है, इसलिए भक्त यहाँ विजय, सुख-समृद्धि और शक्ति की कामना करते हैं।
- नवरात्रि के समय यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य शहर में महाकाल मंदिर के करीब
चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन (Chintaman Ganesh Temple Ujjain)
चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन का प्राचीन और अत्यंत लोकप्रिय मंदिर है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर मुख्य उज्जैन शहर के बाहरी क्षेत्र में शिप्रा नदी के पास में बना है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों ही उपलब्ध है। मंदिर के पास ही रेलवे स्टेशन बना हुआ है, जिससे आप यहां पर रेल मार्ग से भी आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर गणेश जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह उज्जैन में घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है।
चिंतामन गणेश मंदिर की खासियत
- यह मंदिर उज्जैन का सबसे बड़ा और प्राचीन गणेश मंदिर माना जाता है।
- यहाँ भगवान गणेश की मूर्ति को स्वयंभू माना जाता है, जिसका अर्थ है कि वह प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई है।
- इस मंदिर का नाम चिंतामन इसलिए रखा गया, क्योंकि यहाँ आने से भक्तों की सभी चिंताएँ और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।
- मंदिर की वास्तुकला में प्राचीन पत्थर की नक्काशी और धार्मिक शिल्पकला झलकती है।
- विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
- इस मंदिर में सभी नव विवाहित जोड़े विवाह के तुरंत बाद श्री चिंतामन गणेशजी का आशीर्वाद लेने के लिए सबसे पहले मंदिर में आते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य शहर से 5 किलोमीटर दूर
गढ़कालिका मंदिर उज्जैन (Garh Kalika Temple Ujjain)
गढ़कालिका मंदिर उज्जैन में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है। यह मंदिर कालिका देवी जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन समय में तांत्रिक साधना के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह मंदिर मुख्य उज्जैन सिटी से थोड़ी दूरी पर भर्तृहरि गुफाओं के रास्ते में स्थित है। आप यहां पर अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आ सकते हैं।
गढ़ कालिका मंदिर की खासियत
- कहा जाता है की महान संस्कृत कवि कालिदास जी, देवी गढ़कालिका के परम भक्त थे। देवी गढ़कालिका की कृपा से ही उन्हें साहित्य का ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिससे उन्हें इतनी प्रसिद्धि मिली है।
- गढ़कालिका मंदिर उज्जैन के प्राचीन मंदिरों में से एक है।
- यह मंदिर शक्ति साधना और तांत्रिक क्रिया के लिए प्रसिद्ध है।
- मंदिर के विराजमान काली जी की मूर्ति अत्यंत प्राचीन और दिव्य है।
- यहां पर नवरात्रि के समय विशेष पूजा का आयोजन होता है।
- मंदिर परिसर बहुत सुंदर और आकर्षक है यहां पर आकर अच्छा है और आप शांतिपूर्वक यहां पर समय बिता सकते हैं।
- मंदिर के बाहर ढेर सारी दुकाने हैं, जहां परआप प्रसाद ले सकते हैं। यहां चाय नाश्ते के भी स्टॉल है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य शहर से 4 किलोमीटर दूर
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन (Mangalnath Temple Ujjain)
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन का एक प्राचीन और अत्यंत प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। मंदिर में आप सड़क माध्यम से अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान शिव के दर्शन होते हैं। यहां पर मंगल दोष की पूजा होती है। यह मंदिर आस्था के साथ-साथ ज्योतिष एवं खगोल विज्ञान की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है।
मंगलनाथ मंदिर की खासियत
- यह मंदिर मंगल ग्रह के जन्मस्थान के रूप में विश्व प्रसिद्ध है।
- यहाँ की गई पूजा से मंगल दोष, कर्ज और वैवाहिक जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, यहाँ की गई मंगल ग्रह शांति पूजा अत्यंत फलदायी होती है।
- यहां पर शिप्रा नदी के किनारे सुंदर घाट बना हुआ है, जहां पर आप शिप्रा नदी में नहाने का आनंद उठा सकते हैं। घाट में बैठकर शांति का अनुभव कर सकते हैं।
- यहां पर मंगलवार के दिन बहुत ज्यादा भीड़ होती है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य शहर से 4 किलोमीटर दूर
गोपाल मंदिर उज्जैन (Gopal Mandir Ujjain)
गोपाल मंदिर उज्जैन में राधे कृष्ण भक्तों के लिए एक अद्भुत और सुंदर स्थानों में से एक है। यह उज्जैन का एक भव्य और प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण (गोपाल) को समर्पित है। यह मंदिर शहर के बीचोंबीच मुख्य चौक बाज़ार में स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर अपनी खूबसूरत वास्तुकला तथा धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण मराठा शासिका महारानी बायजाबाई (सिंधिया परिवार) ने 19वीं शताब्दी में कराया था।
गोपाल मंदिर की खासियत
- यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल रूप को समर्पित है।
- मंदिर का संगमरमर और पत्थर की नक्काशीदार वास्तुकला दर्शनीय है।
- मुख्य मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की दो फीट ऊंची चांदी से मढ़ी संगमरमर की मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के अलावा भगवान शिव, पार्वती और गरुड़ की मूर्तियां भी विराजमान है।
- इस मंदिर में जन्माष्टमी और हरिहर पर्व बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। इस समय मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
- मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को अध्यात्म और भक्ति से जोड़ देता है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान – मुख्य उज्जैन शहर
इस्कॉन मंदिर उज्जैन (ISKCON Temple Ujjain)
इस्कॉन (ISKCON – International Society for Krishna Consciousness) मंदिर उज्जैन का एक बेहद खूबसूरत और शांतिपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। यह मंदिर उज्जैन में नानाखेड़ा बस स्टैंड से करीब 1 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहाँ का शांत वातावरण, भक्ति संगीत और सुंदर वास्तुकला इसे भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।
इस्कॉन मंदिर की खासियत
- मंदिर की वास्तुकला आधुनिक शैली और पारंपरिक भारतीय कला का सुंदर संगम है। मंदिर में मार्बल का सुंदर काम देखने के लिए मिलता है। मार्बल की बारिक नक्काशी से सुसज्जित दीवार और छत इस मंदिर को आकर्षक बनाती हैं।
- गर्भगृह में राधा-कृष्ण, श्रीगौर-निताई और जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित हैं।
- यहाँ प्रतिदिन सुंदर भजन-कीर्तन और आरती आयोजित होती है, जो भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करती है।
- यहां पर एक बड़ा और सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे पेड़ पौधे और फूलों वाले प्लांट लगाए गए हैं।
- मंदिर परिसर में गोशाला (गायों का संरक्षण केंद्र) और पुस्तकालय भी है, जहाँ भक्त वैदिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
- जन्माष्टमी और रथयात्रा के समय मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
- यहां पर एक कैंटीन बनी हुई है, जहां पर स्वादिष्ट खाना उपलब्ध रहता है। यहां पर वेजीटेरियन खाना मिलता है।
दर्शन का समय – सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से 9:30 तक
स्थान – नानाखेड़ा बस स्टैंड के पास
नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन (Navgrah Shani Mandir, Ujjain)
नवग्रह शनि मंदिर उज्जैन के पास शिप्रा नदी के पवित्र तट पर बना एक प्रसिद्ध और सुंदर मंदिर है। यह उज्जैन में घूमने वाली प्रमुख जगह में से एक है। यह मंदिर भगवान शनि और अन्य नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, राहु और केतु) को समर्पित है। शनि देव यहाँ मुख्य देवता के रूप में विराजमान हैं, जिनकी काले पत्थर की भव्य प्रतिमा बहुत आकर्षक लगती है।
नवग्रह मंदिर की खासियत
- शनि साढ़े साती, ढैया और ग्रह दोषों से मुक्ति पाने हेतु यह मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है।
- यहां पर शनिवार को बहुत सारे लोग शनि भगवान जी की पूजा करने और शनि देवता जी को तेल चढ़ाने के लिए आते हैं।
- यहां पर आसपास का वातावरण बहुत सुंदर और मनमोहक है। यहां पर आकर आप शांतिपूर्वक नदी के किनारे बैठ सकते हैं और नदी के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
- यहां पर आकर आप शिप्रा नदी में स्नान का आनंद ले सकते हैं।
- मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर भी स्थित है।
दर्शन का समय – सुबह 5 बजे से शाम 9 बजे तक
स्थान – उज्जैन मुख्य शहर के बाहरी क्षेत्र, शिप्रा नदी के किनारे
भारत माता मंदिर, उज्जैन (Bharat Mata Mandir, Ujjain)
भारत माता मंदिर उज्जैन में घूमने वाले प्रमुख स्थानों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पास महाकालेश्वर कॉरिडोर के पास में बना हुआ है। भारत माता मंदिर देशभक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है, जहाँ देवी भारत माता की प्रतिमा के साथ-साथ देश की एकता, संस्कृति और परंपराओं का संदेश मिलता है। यहां पर आकर हर पर्यटक को देशभक्ति का एहसास होता है और वह देश प्रेम की भावना से भर जाता है।
भारत माता मंदिर की खासियत
- मंदिर में भारत माता की प्रतिमा राष्ट्र की एकता और शक्ति का प्रतीक मानी जाती है।
- भारत माता मंदिर बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। मंदिर के बाहर एक बड़ा सा बगीचा बना हुआ है, जहां पर आप जाकर बैठ सकते हैं और अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
- मंदिर परिसर के अंदर आपको भारत देश का नक्शा देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। मंदिर में भारत माता की एक सुंदर प्रतिमा में विराजमान है।
- यहाँ नियमित रूप से राष्ट्रीय पर्वों और विशेष अवसरों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
- मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति, परंपरा और गौरवशाली इतिहास को दर्शाने वाले चित्र और शिल्पकला देखने को मिलते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक
स्थान – मुख्य उज्जैन शहर में महाकाल कॉरिडोर के पास
बड़ा गणेश मंदिर उज्जैन (Bada Ganesh Mandir Ujjain)
बड़ा गणेश मंदिर उज्जैन में घूमने के लिए प्रमुख जगह में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में महाकाल प्रवेश द्वार गेट नंबर 4 के ठीक सामने स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और प्राचीन है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए जा सकते हैं और गणेश भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं।
बड़ा गणेश मंदिर की खासियत
- इस मंदिर में गणेश जी की बहुत ही बड़ी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगती है।
- मंदिर परिसर में ढेर सारी देवी देवता विराजमान है। यहां पर नरसिंह भगवान की बहुत ही सुंदर धातु की प्रतिमा देखी जा सकती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है।
- मंदिर में मंत्र जाप चलते रहते हैं, जिससे यहां का वातावरण आध्यात्मिक लगता है।
- मंदिर के बाहर ढेर सारी दुकाने हैं, जहां से आप प्रसाद और अन्य सामान ले सकते हैं।
विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी उज्जैन (Vikramaditya Singhasan Battisi Ujjain)
उज्जैन का विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी सम्राट विक्रमादित्य की वीरता, न्यायप्रियता और ज्ञान की याद में बनाया गया एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल है। यह उज्जैन में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है। यह स्थल उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है। यहाँ पर राजा विक्रमादित्य की विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिसके चारों ओर बत्तीस पुतलियाँ (प्रतिमाएँ) विराजमान हैं। प्रत्येक प्रतिमा राजा विक्रमादित्य के किसी न किसी गुण, कथा और आदर्श की झलक प्रस्तुत करती है।
विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी की खासियतें
- यह स्थल बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। यहां पर यह स्थल एक टापू पर तालाब के बीच में बनाया गया है, जिसमें एक बड़े मंच पर राजा विक्रमादित्य की प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
- यह स्थल सम्राट विक्रमादित्य की स्मृति और उनके अद्भुत गुणों को समर्पित है।
- सिंहासन के चारों ओर बनी 32 पुतलियाँ (प्रतिमाएँ) विक्रमादित्य के आदर्शों, न्यायप्रियता, ज्ञान और वीरता की कथाएँ दर्शाती हैं।
- यहाँ स्थापित राजा विक्रमादित्य की विशाल प्रतिमा अत्यंत भव्य और आकर्षक है।
- यहां पर राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों को भी देखा जा सकता है, जो उनकी सभा के शान थे।
दर्शन का समय – सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – मुख्य उज्जैन शहर में महाकाल मंदिर के पास
श्री चार धाम मंदिर उज्जैन (Shri Char Dham Temple Ujjain)
श्री चार धाम मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के समीप पार्किंग स्पेस के पास में स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर में आपको ढेर सारी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव जी को समर्पित है। इस मंदिर में आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
चार धाम मंदिर की खासियत
- इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं।
- इस मंदिर में आपको आकर चारों धाम के दर्शन होते हैं। यहां पर चारों धाम की प्रतिकृतियां के दर्शन किए जा सकते हैं।
- यहां पर वैष्णो देवी गुफा को बनाया गया है। आप इस गुफा में जा सकते हैं और गुफा के अंदर ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन कर सकते हैं।
- यहां पर गौशाला बनाई गई है, जहां पर आप गायों को देख सकते हैं। उनके लिए चारा दाना कर सकते हैं।
- यहां पर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप शांति से बैठ सकते हैं और अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – मुख्य उज्जैन शहर में महाकाल मंदिर के पास
भूखी माता मंदिर उज्जैन (Bhukhi Mata Temple Ujjain)
भूखी माता मंदिर उज्जैन के एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर रामघाट से करीब एक किलोमीटर दूर बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर भूखी माता को समर्पित है। इस मंदिर को लेकर ढेर सारी मान्यताएं हैं। इस मंदिर में आकर अच्छा लगता है।
भूखी माता मंदिर की खासियत
- भूखी माता मंदिर के बारे में एक मान्यता प्रसिद्ध है, कि इस मंदिर में पुराने जमाने में भूखी माता को मानव बलि दी जाती थी, लेकिन जब विक्रमादित्य राजा बने तो उन्होंने यहां पर पशु बलि माता को अर्पित करना स्टार्ट कर दिया।
- यह मंदिर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर तंत्र विधान से पूजा की जाती है।
- यहां पर आकर आप ध्यान कर सकते हैं।
- यह बहुत शांत जगह है और यहां पर आकर अच्छा लगता है।
- शिप्रा नदी का घाट बहुत सुंदर है। यहां पर शिप्रा नदी के किनारे आप बैठकर शांति का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर आकर आप नहाने का भी आनंद उठा सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – शिप्रा नदी के पास, रामघाट से करीब एक किलोमीटर दूर
महर्षि सांदीपनि आश्रम, उज्जैन (Maharishi Sandipani Ashram, Ujjain)
उज्जैन का महर्षि सांदीपनि आश्रम एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। यह आश्रम गुरु-शिष्य परंपरा का अद्भुत प्रतीक माना जाता है। यह उज्जैन में घूमने वाले प्रमुख स्थानों में से एक है। यह उज्जैन मुख्य शहर में मंगलनाथ मंदिर जाने वाले सड़क में बना हुआ है। यह मुख्य सड़क में स्थित है, इसलिए यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है और मंदिर परिसर में देखने के लिए बहुत सारे स्थल हैं, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।
महर्षि सांदीपनि आश्रम की खासियतें
- मान्यता है कि यहाँ महर्षि सांदीपनि ने भगवान श्रीकृष्ण और बलराम को वेद, शास्त्र और शस्त्रों की शिक्षा दी थी।
- इस आश्रम परिसर में कुंडेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है, जहां पर भगवान शिव के दर्शन किए जा सकते हैं।
- आश्रम में “गणेश कुण्ड” स्थित है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहीं से श्रीकृष्ण ने शंखचक्र और अन्य दिव्य शस्त्र प्राप्त किए थे।
- आश्रम परिसर के बाहर ढेर सारे दुकान और स्टाल लगे हुए हैं, जहां पर आप खाने-पीने का सामान ले सकते हैं। नाश्ता कर सकते हैं। स्ट्रीट फूड का आनंद ले सकते हैं। साथ ही साथ आप यहां पर शॉपिंग भी कर सकते हैं।
- यहां पर आश्रम के भीतरी दीवार पर चित्रकारी की गई है, जिसमें कृष्ण द्वारा अध्ययन की गई 64 कलाओं को दिखाया गया है।
दर्शन का समय – सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – मंगलनाथ मंदिर जाने वाली रोड में
विष्णु सागर तालाब उज्जैन (Vishnu Sagar Lake Ujjain)
विष्णु सागर तालाब उज्जैन में देखने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। यहां पर आकर आप ढेर सारी गतिविधि कर सकते हैं। विष्णु तालाब उज्जैन में सांदीपनि आश्रम मंदिर के बहुत करीब है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह उज्जैन में आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह एक मनोरम पर्यटन स्थल है। यहां पर आकर आप शांति से अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।
विष्णु सागर तालाब की खासियत
- विष्णु सागर तालाब लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में फैला है।
- तालाब के किनारे ढेर सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो इस जगह को और भी खास बनाते हैं। यहां पर आकर आप शांति से अपना वक्त व्यतीत कर सकते हैं।
- तालाब में बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप पैडल बोट का आनंद ले सकते हैं।
- विष्णु तालाब के किनारे ढेर सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं, जो इस जगह को और भी ज्यादा खास बनाते हैं।
राम जनार्दन मंदिर उज्जैन (Ram Janardan Temple Ujjain)
राम जनार्दन मंदिर उज्जैन में घूमने वाली प्रमुख जगह में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में विष्णु तालाब के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है और बहुत सुंदर है। यह मंदिर 17 शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर श्री राम जी को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान श्री राम ही बहुत ही अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जिसमें भगवान श्री राम जी की दाढ़ी मूछ वाली प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर में भगवान श्री राम जी के जीवन की वनवास काल की झलक देखने के लिए मिलती है।
राम जनार्दन मंदिर की खासियत
- मंदिर के चारों तरफ का वातावरण शांत और आकर्षक है। यहां पर आकर आप शांतिपूर्वक कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं। मंदिर में ज्यादा भीड़भाड़ नहीं रहती है, जिससे यह जगह और भी अच्छी लगती है।
- मंदिर के पास में विष्णु तालाब है जिसमें बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। आप यहां पर आकर बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं।
- यह मंदिर धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल भी है। इस जगह को गवर्नमेंट के द्वारा संरक्षित किया गया है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – विष्णु तालाब के पास
भर्तृहरि गुफा उज्जैन (Bhartrihari Cave Ujjain)
भर्तृहरि गुफा उज्जैन के एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह गुफाएं उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई महान ऋषि महर्षि भर्तृहरि को समर्पित की गई है। वे एक महान संत थे और वह गुरु गोरखनाथ के शिष्य बन गए और अपना शेष जीवन इन्हीं गुफाओं में उन्होंने बिताया था। यहां पर आकर आप उनकी साधना स्थली को देख सकते हैं, जहां पर उन्होंने तप किया था और ज्ञान प्राप्त किया था। यह जगह उज्जैन से करीब तीन से चार किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के किनारे बनी हुई है।
भर्तृहरि गुफा की खासियत
- यहां पर शिप्रा नदी के किनारे राजा भर्तृहरि घाट बना हुआ है, जहां पर जाकर आप शांति से बैठ सकते हैं और आप यहां पर नहाने का आनंद भी उठा सकते हैं।
- यहां पर एक अंडरग्राउंड गुफा बनी हुई है, जहां जाकर आप इस गुफा को और संत भर्तृहरि की साधना स्थली को देख सकते हैं।
- यहां पर गौशाला बनी हुई है, जहां पर आप गायों को देख सकते हैं। आप यहां पर गायों को चारा भी खिला सकते हैं।
- यहां पर ढेर सारी स्ट्रीट वेंडर रहते हैं, जहां पर तरह-तरह का खाना मिलता है। आप यहां पर खाने-पीने का आनंद ले सकते हैं।
- आश्रम परिसर में ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 7 बजे से रात के 8 बजे तक
स्थान – शिप्रा नदी के किनारे
श्री पीर मत्स्येन्द्रनाथ नाथ समाधी (Shri Peer Matsyendranath Nath Samadhi)
श्री पीर मत्स्येन्द्रनाथ नाथ समाधि उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे स्थित शांत और सुन्दर स्थलों में से एक है। यहां पर आप आसानी से सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह जगह गढ़ कालिका मंदिर के बहुत करीब है। मत्स्येंद्रनाथ की समाधि को पीर मछिंदर के नाम से जाना जाता है। वे नाथ संप्रदाय के संस्थापक और संत गोरखनाथ जी के गुरु थे। यह जगह बहुत अच्छी तरह से बनाई गई है। आप यहां पर अच्छा और शांतिपूर्ण अनुभव कर सकते हैं।
श्री पीर मत्स्येन्द्रनाथ नाथ समाधी
- हिंदू मुस्लिम एकता – यह जगह हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है। यहां पर हिंदू मुस्लिम दोनों धर्म के लोग आते हैं और इस जगह में आकर आराधना करते हैं।
- यहां पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं है, जिससे यहां पर आकर आप शांति से कुछ अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 7 बजे से रात के 8 बजे तक
स्थान – शिप्रा नदी के किनारे
नगरकोट की रानी उज्जैन (Nagarkot ki Rani Ujjain)
नगरकोट की रानी मंदिर उज्जैन शहर में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में मुख्य शहर में, गोवर्धन सागर के पास में स्थित है। इस मंदिर के मुख्य गर्भग्रह में नगरकोट की रानी देवी माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। नगरकोट का अर्थ होता है – शहर के चारों और बनी दीवार अर्थात नगर की रक्षक देवी। यह मंदिर उज्जैन नगर के रक्षक देवी को समर्पित किया गया है। इस मंदिर में आप घूमने के लिए आ सकते हैं और अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
नगरकोट की रानी मंदिर की खासियत
- यह मंदिर प्राचीन है और इस मंदिर का उल्लेखस्कंद पुराण में किया गया है।
- मंदिर का वातावरण शांत और अच्छा है। यहां पर आकर आप शांतिपूर्वक कुछ समय बिता सकते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान उज्जैन में अन्य माता मंदिरों के दर्शन नगरकोट की रानी माता के बिना अधूरे माने जाते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक
स्थान – गोवर्धन सागर के पास
चामुंडा माता मंदिर उज्जैन (Chamunda Mata Temple Ujjain)
चामुंडा माता मंदिर उज्जैन के प्राचीन और पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में देवास गेट बस स्टैंड के पास में स्थित है। इस मंदिर में आप सड़क मार्ग से आसानी से आ सकते हैं। इस मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे लोग इस मंदिर में चामुंडा देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर के गर्भगृह में चामुंडा माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
चामुंडा माता मंदिर की खासियत
- नवरात्रि के समय इस मंदिर में बहुत सारे लोग चामुंडा माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में उसे समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
- इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना यह है, कि इस मंदिर में आकर जो भी मनोकामना मांगी जाती है। वह जरूर पूरी होती है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक
स्थान – देवास गेट बस स्टैंड के पास
महाकाल लोक उज्जैन (Mahakal Lok Ujjain)
महाकाल लोक उज्जैन में देखने लायक प्रमुख जगहों में से एक है। महाकाल लोक एक ऐसी जगह है, जहां भगवान शिव की विशाल प्रतिमाएं और सुन्दर भित्ति चित्र देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिव पुराण की कथाओं को चित्रों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है। यहां पर भगवान शिव के बहुत सुंदर स्टैचू देखे जा सकते हैं, जो बहुत ही आकर्षक है। आपको इस जगह का दौरा जरूर करना चाहिए और इस जगह में जाकर इस जगह की सुंदरता को देखना चाहिए। यह जगह उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास ही में स्थित है।
महाकाल लोक की खासियत
- महाकाल लोक में ढेर सारे स्टैचू हैं, जो भगवान शिव और उनकी प्राचीन कथाओं से संबंधित है।
- यहां शाम के समय लाइट के कारण पानी में बनने वाले प्रतिबिंब को देखा जा सकता है, जो इस जगह को और भी ज्यादा आकर्षक बनाता है।
- यहां का वातावरण शांत और आकर्षक है। यहां पर आकर आप भक्तिमय माहौल में खो जाते हैं।
- यह उज्जैन में एक खूबसूरत और शांत जगह है। यहां पर सभी चीज अच्छी तरह से मेंटेन करके रखी गई है। यहां का वातावरण बहुत अच्छा है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक
स्थान – महाकालेश्वर मंदिर के पास
श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर, उज्जैन (Shri Choubis Khamba Mata Mandir, Ujjain)
श्री 24 खंबा माता मंदिर उज्जैन में देखने के लिए प्रमुख जगहों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में मुख्य मार्केट में बना हुआ है। आप महाकालेश्वर मंदिर घूमने के बाद पैदल ही इस मंदिर तक जा सकते हैं। यह महाकालेश्वर मंदिर से 500 मीटर दूर है। यह मंदिर ऐतिहासिक है और इस मंदिर का निर्माण 9वीं से 10वीं शताब्दी में हुआ है। इस मंदिर के निर्माण के बारे में बहुत सारी बातें कही जाती है। इस मंदिर की बनावट इस जगह को और भी खास बनाती है।
श्री 24 खंबा मंदिर की खासियत
- इस मंदिर की बनावट, इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है, क्योंकि यह मंदिर 24 स्तंभों पर खड़ा है, जिसके कारण इस मंदिर को 24 खंबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह खंभे बहुत ही सुंदर है और इनमें सुंदर नक्काशी की गई है।
- यहां पर छोटी माता और बड़ी माता को समर्पित दो मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें महामाया और महालाया नाम से जाना जाता है। आप इन दोनों देवियों के दर्शन कर सकते हैं।
- मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे लोग आकर मंदिर में माता के दर्शन करते हैं और मनोकामना मांगते हैं।
- मंदिर के आसपास ढेर सारी स्टॉल और नाश्ते की दुकान है, जहां से आप चाय नाश्ता कर सकते हैं। यहां पर आप शॉपिंग भी कर सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – महाकालेश्वर मंदिर के पास
अंगारेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन (Angareshwar Mahadev Temple Ujjain)
अंगारेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है। अगर आप उज्जैन जा रहे हैं, तो इस मंदिर में भी जा सकते हैं। यह मंदिर मुख्य रूप से मंगल ग्रह संबंधित पूजा पाठ, राहु, केतु, कालसर्पदोष एवं कुंडली में कमजोर ग्रहों की पूजा पाठ के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे मंगलनाथ मंदिर के पास में बना हुआ है। लोगों का मानना है, कि मंगल ग्रह का जन्म इसी स्थान से हुआ है।
अंगारेश्वर महादेव मंदिर की खासियत
- इस मंदिर में सभी प्रकार की ग्रहों से संबंधित पूजा होती है। यहां पर आकर आप पूजा करवा सकते हैं और अपनी कुंडली में ग्रह दोष को दूर कर सकते हैं।
- यहां पर शिप्रा नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही आकर्षक होता है। आप यहां पर नदी के दृश्य को एंजॉय कर सकते हैं और शांति से कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं।
- यहां पर गौशाला बनी हुई है, जहां पर ढेर सारी गायों को रखा गया है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – शिप्रा नदी के पास
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन (Ranmukteshwar Mahadev Temple Ujjain)
ऋणमुक्तेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध और सुंदर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे भर्तृहरि गुफा के करीब बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर के नाम से पता चलता है, कि इस मंदिर में दर्शन करने से और विधि-विधान से पूजा करने से आपके सभी कर्ज से मुक्ति मिल जाती है। यहां पर सिर्फ आर्थिक कर्ज से ही नहीं है, बल्कि जीवन भर के कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है।
ऋणमुक्तेश्वर मंदिर की खासियत
- ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में पूजा करने से ज्ञात अज्ञात ऋणों से मुक्ति मिल जाती है।
- यहां पर सोमवार का दिन बहुत ही खास माना जाता है। यहां पर सोमवार के दिन पीली पूजा का विधान है। यहां पर सोमवार के दिन आकर आप पीली वस्तुओं का दान कर सकते हैं और अपने कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं। सोमवार इस मंदिर में पीली पूजा का दिन होता है।
- ऐसा माना जाता है कि राजा हरिश्चंद्र जब भारी कर्ज में डूबे थे, तब उन्होंने यहाँ तपस्या की थी और यहीं उन्हें महादेव का आशीर्वाद मिला था।
- इस मंदिर में ढेर सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो इस मंदिर के वातावरण को और भी खास बनाते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – भर्तृहरि गुफा के पास
पिंगलेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन (Pingleshwar Mahadev Temple Ujjain)
पिंगलेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन का एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन नगरी में स्थित चौरासी महादेव का 81वाँ महादेव मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन में पिंगलेश्वर गांव में बना हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग और रेल मार्ग से आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। इस मंदिर को महाकाल वन के चार द्वारपालो में से एक कहा जाता है, इसलिए यह मंदिर पंचक्रोशी यात्रा का पहला पड़ाव है।
पिंग्लेश्वर महादेव मंदिर की खासियत
- इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, अर्थात यह शिवलिंग स्वयं धरती से उत्पन्न हुआ है।
- मंदिर का परिसर बहुत शांत पर बहुत अच्छा है। यहां पर आकर आप शांतिपूर्वक अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।
- मंदिर परिसर में ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक
स्थान – पिंगलेश्वर गांव
बिजासन माता मंदिर उज्जैन (Bijasan Mata Temple Ujjain)
बिजासन माता मंदिर उज्जैन के पास प्रमुख मंदिर में से एक है। यह मंदिर उज्जैन के पास देवास रोड में बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यह मंदिर मां दुर्गा के रूप बिजासन देवी को समर्पित है। इस मंदिर में आकर अच्छा लगता है।
बिजासन मंदिर की खासियत
- यह मंदिर ऊंची पहाड़ी में बना है। मंदिर के चारों तरफ ढेर सारी पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो इस जगह को और भी ज्यादा खास बनाते हैं। यहां पर आकर आप शांतिपूर्वक समय बिता सकते हैं।
- मंदिर से आस-पास का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर आस-पास के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
- नवरात्रि के समय आकर आप इस मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। यहां पर काफी भीड़ रहती है।
- शाम के समय सूर्यास्त का यहां पर सुंदर दृश्य देखा जा सकता है, जो बहुत ही आकर्षक होता है।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक
स्थान – देवास रोड
उज्जैन के अन्य प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर, जिन्हें उज्जैन जाने पर आपको जरुर देखना चाहिए।
- प्राचीन हनुमान मंदिर नीलगंगा उज्जैन
- श्री पारदेश्वर शिवलिंग, सिद्ध आश्रम
- गुरुद्वारा गुरु नानक घाट साहिब
- श्री विक्रांत भैरव मंदिर
- गायत्री शक्ति पीठ मंदिर
उज्जैन के घाट (Ghats in Ujjain)
उज्जैन के मंदिरों के अलावा, उज्जैन में घूमने लायक स्थान में, उज्जैन के घाट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन घाटों का अपना एक अलग आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। चलिए जानते हैं – उज्जैन के घाटों के बारे में
राम घाट, उज्जैन (Ram Ghat, Ujjain)
उज्जैन का राम घाट शिप्रा नदी के तट पर स्थित सबसे प्रसिद्ध और पवित्र घाटों में से एक है। रामघाट उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। यहां पर आप पैदल या गाड़ी से आराम से पहुंच सकते हैं। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु स्नान, पूजा और आरती के लिए आते हैं। विशेष रूप से सिंहस्थ कुंभ के दौरान राम घाट का महत्व और भी बढ़ जाता है, जब लाखों लोग यहाँ पवित्र स्नान करते हैं।
राम घाट की खासियतें
- शिप्रा नदी का सबसे प्रमुख और प्राचीन घाट, जहाँ धार्मिक स्नान का विशेष महत्व है।
- शिप्रा नदी की आरती यहां पर सबसे बड़ा आकर्षण है। शिप्रा नदी की आरती में यहां पर बहुत सारे लोग शामिल होते हैं।
- रामघाट में ढेर सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं, जिनका अपना अलग महत्व है।
- रामघाट के बारे में कहा जाता है की, प्राचीन काल में श्री राम जी अपने वनवास काल के दौरान यहां आए थे। इसलिए इस घाट को रामघाट के नाम से जाना जाता है।
- सूर्योदय और सूर्यास्त के समय शिप्रा नदी का दृश्य अत्यंत मनमोहक लगता है।
- शाम के समय यह जगह और भी यह सुंदर और आकर्षक हो जाती है यहां का माहौल आध्यात्मिक और शांत हो जाता है जिससे आप यहां पर अच्छा समय बिता सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 5 बजे से रात के 10 बजे तक
स्थान – महाकालेश्वर मंदिर से 1 किलोमीटर दूर
सिद्धवट घाट उज्जैन (Siddhavat Ghat Ujjain)
सिद्धवट घाट उज्जैन शहर में घूमने लायक प्रमुख जगहों में से एक है। यह घाट उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे पर स्थित है। इस मंदिर में एक पवित्र वट वृक्ष लगा है, जिसके बारे में मान्यता है, कि इस वृक्ष को माता पार्वती ने स्वयं अपने हाथों से लगाया था। इस वृक्ष का महत्व उज्जैन नगरी में इस प्रकार है, जिस प्रकार प्रयाग में अक्षयवट, गया में बौद्ध वट और मथुरा वृंदावन में वंशीवट का महत्व है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस वृक्ष को स्वयं माता पार्वती ने लगाया था और शंकर के पुत्र स्वामी कार्तिकेय ने इस वृक्ष के नीचे भोजन किया था।
सिद्धवट घाट की खासियत
- यहां पर शिप्रा नदी पर एक सुंदर घाट बना हुआ है, जहां पर आप नहा सकते हैं और घाट पर शांति से बैठ सकते हैं। यहां पर बहुत ज्यादा शांति है।
- यहां पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है, जिसे पातालेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
- यहां पर पूजा और हवन करवाए जाते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक
स्थान – शिप्रा नदी के किनारे
त्रिवेणी घाट उज्जैन (Triveni Ghat Ujjain)
त्रिवेणी घाट उज्जैन के पास घूमने के प्रमुख स्थानों में से एक है। त्रिवेणी घाट उज्जैन में नवग्रह मंदिर के पास, शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। त्रिवेणी घाट में तीन पवित्र नदियों का संगम हुआ है। यहां पर शिप्रा नदी, खान नदी और सरस्वती नदी का संगम हुआ है। सरस्वती नदी यहां पर अदृश्य मानी जाती है, इसलिए इस घाट को त्रिवेणी घाट के नाम से जाना जाता है।
त्रिवेणी घाट की खासियत
- त्रिवेणी घाट बहुत सुंदर है। यहां पर चारों तरफ आपको पेड़ पौधे और हरियाली देखने के लिए मिलती है और घाट के सुन्दर दृश्य को आप यहां पर इंजॉय कर सकते हैं।
- त्रिवेणी घाट में आकर आप नहाने का मजा ले सकते हैं।
- त्रिवेणी घाट के पास में ही नवग्रह शानी मंदिर बना हुआ है, जहां पर जाकर आप पूजा कर सकते हैं।
- यह जगह बहुत ही शांत और आध्यात्मिक है।
गऊघाट उज्जैन (Gaughat Ujjain)
गऊघाट उज्जैन के पास जंतर मंतर के करीब स्थित एक सुंदर घाट है। यह घाट शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यह घाट जंतर मंतर के पीछे के साइड बना हुआ है। आप यहां पर सड़क के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर हनुमान जी का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर आस-पास का वातावरण बहुत सुंदर है।
गऊघाट की खासियत
- गऊघाट में आकर आप नहाने का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर आप आकर तैराकी कर सकते हैं।
- यह घाट सुबह के समय मॉर्निंग वॉक के लिए बहुत ही बढ़िया है। यहां पर ढेर सारे लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं।
- यहां पर बहुत ज्यादा शांति है, जिससे आप यहां पर आकर अच्छा और सुकून भरा टाइम बिता सकते हैं।
उज्जैन के फेमस पार्क और गार्डन (Famous Parks in Ujjain)
उज्जैन के पास घूमने के लिए ढेर सारे गार्डन और पार्क है, जहां पर जाकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। इन गार्डन और पार्क में जाकर आप पिकनिक और दोस्तों और परिवार वालों के साथ समय बिता सकते हैं।
अटल अनुभूति पार्क उज्जैन (Atal Anubhuti Park Ujjain)
अटल अनुभूति पार्क उज्जैन के पास परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए एक बहुत ही बढ़िया जगह में से एक है। यहां पर अगर आप पिकनिक मना सकते हैं। यह पार्क उज्जैन में कोठी रोड पर विक्रम विश्वविद्यालय के पास स्थित है। यह प्रकृति मनोरंजन और शिक्षा का एक अद्भुत मिश्रण है। इस पार्क में आकर आप ढेर सारी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यह पार्क श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को समर्पित किया गया है और उनकी स्मृति में बनाया गया है।
अटल अनुभूति पार्क की खासियत
- यह पार्क उज्जैन में बच्चों के साथ घूमने के लिए एक बढ़िया जगह है। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए ढेर सारी चीज और बड़ा मैदान हैं। यहां पर वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट की ढेर सारी नमूने हैं, जो बच्चों और बड़ों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- पार्क में चारों तरफ हरियाली है। यहां पर ढेर सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं और फूलों वाले प्लांट लगे हुए हैं, जो इस पार्क को आकर्षक बनाते हैं।
- झूले और राइड्स – पार्क में ढेर सारे झूले और राइड्स है, जिनमें बच्चे और बड़े इंजॉय कर सकते हैं।
- एक्यूप्रेशर फ्लोर – पार्क में एक्यूप्रेशर फ्लोर बनाया गया है, जिसमें चलकर शारीरिक दर्द को कम किया जा सकता है।
- पार्क में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी ढेर सारी चीजे और गतिविधि हैं।
कमल तालाब उज्जैन (Kamal Talab Ujjain)
कमल तालाब उज्जैन के पास घूमने के लिए एक सुंदर जगह है। यह एक प्राकृतिक जगह है। यहां पर एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है, जिसमें ढेर सारे कमल के फूल लगे हुए हैं। यह तालाब कालिदास अकादमी के पास में स्थित है। आप यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। कमल तालाब को लोटस लेक नाम से भी जाना जाता है।
कमल तालाब की खासियत
- मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए यह जगह बहुत ही अच्छी है। यहां पर लोग मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए आते हैं और शांतिपूर्वक समय बिताते हैं।
- जब यहां पर कमल के फूल खिलते हैं। तब यह जगह और भी ज्यादा आकर्षक लगती है। आप यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
- यहां पर बैठने के लिए व्यवस्था है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और झील के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
नौलखी इको टूरिज्म पार्क उज्जैन (Naulakhi Eco Tourism Park Ujjain)
नौलखी इको टूरिज्म पार्क उज्जैन के पास घूमने के लिए एक बढ़िया जगह है। यहां पर आप अपने फैमिली और दोस्तों के साथ हैंगआउट करने के लिए आ सकते हैं। यह उज्जैन शहर के बाहरी इलाके में मक्सी रोड में स्थित है। यह लगभग तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ एक बड़ा सा जंगल है, जहां पर जंगली जानवर और प्राकृतिक सुंदरता का संगम देखा जा सकता है।
नौलखी इको टूरिज्म पार्क की खासियत
- बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यहां पर ढेर सारे पेड़ पौधे और जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
- इस पार्क के अंदर झील भी बनी हुई है, जो इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बनती है।
- झील के किनारे आप कुछ देर बैठ सकते हैं और अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
- उज्जैन में फोटोग्राफी के लिए यह एक बढ़िया जगह है। यहां पर आकर आप फोटोग्राफ क्लिक कर सकते हैं। यहां पर फोटो बहुत ही बढ़िया आती है।
- यहां पर चिल्ड्रन प्ले एरिया बनाया गया है, जहां पर बच्चे लोग खेल सकते हैं।
उज्जैन के फेमस संग्रहालय (Famous Museums in Ujjain)
कालिदास अकादमी उज्जैन (Kalidas Academy Ujjain)
कालिदास अकादमी उज्जैन में देखने लायक प्रमुख जगहों में से एक है। कालिदास अकादमी उज्जैन में कोठी मार्ग पर बनी हुई है। यह अकादमी महान संस्कृत कवि कालिदास को समर्पित की गई है। कालिदास संस्कृत साहित्य में अपनी रचनाओं मेघदूत और अभिज्ञान शाकुंतलम के लिए प्रसिद्ध है। इस अकादमी का उद्देश्य संगीत, नाटक, चित्रकला, शास्त्रीय नृत्य को बढ़ावा देना है। यहां पर समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कालिदास अकादमी की खासियत
- यहां पर हर साल नवंबर के महीने पर वार्षिक कालिदास महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसमें विभिन्न विधाओं के भारतीय कलाकार भाग लेते हैं।
त्रिवेणी म्यूजियम उज्जैन (Triveni Museum Ujjain)
त्रिवेणी म्यूजियम उज्जैन में देखने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। यह संग्रहालय उज्जैन की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को खूबसूरती से प्रदर्शित करता है। यह उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के पास में स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर ढेर सारी प्राचीन वस्तुओं का कलेक्शन देखा जा सकता है। उसके साथ-साथ यहां पर धार्मिक वस्तुएं, कथाएं, मूर्तियां देखी जा सकती है।
त्रिवेणी संग्रहालय की खासियत
- त्रिवेणी संग्रहालय बहुत सुंदर और सुव्यवस्थित है। इस संग्रहालय में हर चीज को बहुत अच्छी तरह से रखा गया है, जिससे आपको चीजों के बारे में अच्छे से ज्ञान हो सके।
- यहां पर ढेर सारी पुरानी वस्तुओं का कलेक्शन करके रखा गया है, जिन्हें आप देख सकते हैं।
- यहां पर ढेर सारी धार्मिक मूर्तियों का कलेक्शन है, जिन्हें आप देख सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं।
- यहां पर एक विशाल लाइब्रेरी है, जहां पर ढेर सारी पुस्तक हैं, जिन्हें आप पढ़ सकते हैं।
उज्जैन के प्रमुख ऐतिहासिक स्थान (Famous historical places in Ujjain)
जंतर मंतर, उज्जैन (Jantar Mantar, Ujjain)
उज्जैन स्थित जंतर मंतर (जिसे वेधशाला भी कहा जाता है) खगोलशास्त्र और ज्योतिष विद्या का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1725 में करवाया था और इसमें 13 खगोलीय उपकरण बनाये गए है, जो आज भी कार्यरत है। यह उज्जैन में देखने लायक प्रमुख जगहों में से एक है। यह उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर प्रवेश के लिए टिकट लगता है।
जंतर मंतर की खासियतें
- यह खगोलीय गणनाओं और ग्रह-नक्षत्रों की सटीक स्थिति जानने के लिए बनाया गया था।
- यहाँ लगे यंत्रों की मदद से समय, सूर्य की गति, ग्रहों की स्थिति और खगोलीय घटनाओं का अध्ययन किया जाता था।
- यह भारत की पाँच प्रमुख वेधशालाओं में से एक है।
- यहां पर एक सुंदर बगीचा बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे फूलों वाले प्लांट लगाए गए हैं। यहां पर महाराजा जयसिंह की मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है।
- यहां पर नक्षत्र गार्डन बना हुआ है जिसमें राशियों के हिसाब से प्लांट लगे हुए हैं जिन्हें आप देख सकते हैं
दर्शन का समय – सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क :- ₹10 प्रति व्यक्ति
दुर्गादास राठौड़ की छतरी उज्जैन (Chhatri of Durgadas Rathore, Ujjain)
दुर्गादास राठौड़ की छत्री उज्जैन में घूमने के लिए एक ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर चक्रतीर्थ शमशान घाट के पास में बनी हुई है। दुर्गादास राठौड़ जी की स्मृति में जोधपुर के शासको ने इस छतरी का निर्माण 18वीं सदी में करवाया था। वीर दुर्गादास राठौड़ वंशी क्षत्रिय थे। आप यहां पर आकर इस छतरी को देख सकते हैं। यहां पर आने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है। यह छतरी बहुत ही अच्छी तरह से बनाई गई है।
दुर्गादास छतरी की खासियत
- दुर्गादास राठौड़ जी जोधपुर के राजा जसवंत सिंह के वीर सेनापति थे और मालवा के इतिहास में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
- यह छतरी बहुत ही अच्छी तरह से बनाई गई है।
- यह छतरी लाल बलुआ पत्थर से बनी हुई है। छतरी की दीवारों और छत पर सुंदर नक्काशी देखी जा सकती है, जो बहुत ही खूबसूरती से की गई है।
- छतरी के आसपास का वातावरण बहुत अच्छा और शांत है। यहां पर आकर आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
दर्शन का समय – सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क :- निशुल्क
मौलाना रूमी का मकबरा उज्जैन (Maulana Rumi’s Tomb Ujjain)
मौलाना रूमी का मकबरा उज्जैन में घूमने के प्रमुख स्थानों में से एक है। यह एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर प्राचीन मकबरा देखने के लिए मिलता है, जो अभी भी अच्छे हालात में है। आप इस मकबरे में जाकर घूम सकते हैं। यह मकबरा भरतरी गुफाओ के करीब स्थित है।
मौलाना रूमी का मकबरा
- इस मकबरा एक के बारे में कहा जाता है कि यह तुर्की का एक सौदागर का मकबरा है।
- यह मकबरा षट्कोणीय है
कालियादेह पैलेस उज्जैन (Kaliadeh Palace Ujjain)
कालियादेह पैलेस उज्जैन के पास घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। कालियादेह पैलेस के बारे में कहा जाता है, कि यह पैलेस हांटेड है। मगर यह पैलेस बहुत सुंदर है। यह उज्जैन के पास बरसात के समय घूमने के लिए एक सुंदर स्थान है। यहां पर आकर आप बरसात में अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं, क्योंकि यहां पर बरसात में चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है और यहां पर शिप्रा नदी का बहुत ही आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है।
कालियादेह पैलेस की खासियत
- यह पैलेस प्राचीन और सुंदर है।
- इस पैलेस में हिंदू और मुगल वास्तुकला देखने के लिए मिलती है।
- यहां पर आकर आप सनसेट का बहुत ही सुंदर दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगता है।
- यह जगह फोटो क्लिक करने के लिए बहुत ही बढ़िया है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छी फोटो क्लिक कर सकते हैं।
- बरसात के समय शिप्रा नदी चट्टानों के ऊपर से बहती है और छोटे-छोटे जलप्रपात बनती है, जो इस जगह को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।
घूमने का समय – दिन में जाये
एंट्री फी – फ्री
स्थान – उज्जैन मुख्य शहर से 12 किलोमीटर
बावन कुंड उज्जैन (Bawan Kund Ujjain)
बावन कुंड उज्जैन में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। यह कालिया देह पैलेस के पास में स्थित है। यहां पर 52 छोटे-छोटे कुंड बने हुए हैं, जिनका धार्मिक महत्व है। यहां पर भैरव बाबा जी का मंदिर भी बना हुआ है, जो प्राचीन है और इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर आकर आप जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह जरूर पूरी होती है।
52 कुंड की खासियत
- यह जगह प्राचीन है और इस जगह का ऐतिहासिक महत्व है।
- यहां पर छोटे-छोटे 52 कुंड बने हुए हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं और बरसात में यह कुंड पानी से भर जाते हैं। यहां पर सबसे प्राचीन और बड़ा कुंड सूर्यकुंड है, जिसके बारे में अलग-अलग मान्यताएं कही जाती है।
उज्जैन के मेले और उत्सव
- सिंहस्थ कुंभ मेला – 12 साल में एक बार।
- नवरात्रि उत्सव – हरसिद्धि मंदिर में।
- कार्तिक मेला और अन्य धार्मिक आयोजन।
स्थानीय भोजन
- पोहा-जलेबी
- मावे की गजक
- मालपुआ और दाल-बाफला
- उज्जैन की स्ट्रीट फूड संस्कृति अद्भुत है।
उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit Ujjain)
उज्जैन सालभर श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भरा रहता है, लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना और ठंडा होता है, जिससे मंदिर दर्शन, घाटों पर पूजा-अर्चना और पर्यटन आराम से किया जा सकता है।
अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम): सर्दियों का मौसम उज्जैन घूमने के लिए बहुत ही बढ़िया रहता है। इस समय मौसम बहुत ही अच्छा रहता है। इस समय तापमान 10°C से 25°C के बीच रहता है। इस समय मंदिर दर्शन और घूमने का अनुभव सुखद होता है।
अप्रैल से जून (गर्मी का मौसम): गर्मी के समय घूमने में परेशानी हो सकती है। गर्मी के समय तापमान 35 से 45 डिग्री तक रहता है, जिससे घूमने में परेशानी हो सकती है। आप इस समय सुबह या शाम के समय घूम सकते हैं।
जुलाई से सितंबर (बरसात का मौसम): बरसात में शहर और घाट हरियाली और ताजगी से भर जाते हैं। हालांकि इस मौसम में यात्रा के दौरान बारिश बाधा बन सकती है। मगर इस समय घूमने में बहुत ही आनंद आता है।
उज्जैन यात्रा के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं? (How many days required to visit Ujjain?)
आमतौर पर 2 से 3 दिन उज्जैन घूमने के लिए पर्याप्त माने जाते हैं। इतने समय में आप मंदिर दर्शन, घाटों पर पूजा-अर्चना और प्रमुख पर्यटन स्थलों का आनंद आराम से ले सकते हैं।
1 दिन में क्या देख सकते हैं (Short Trip):
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
- हरसिद्धि माता मंदिर
- काल भैरव मंदिर
- राम घाट (शिप्रा आरती)
2 दिन का प्लान (Normal Trip):
- पहले दिन: महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर, राम घाट, गढ़ कालिका मंदिर, मंगलनाथ मंदिर।
- दूसरे दिन: नवग्रह शनि मंदिर, विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी, महर्षि सांदीपनि आश्रम, गोपाल मंदिर, इस्कॉन मंदिर।
3 दिन का प्लान (Relaxed Trip):
ऊपर बताए सभी स्थल + पास के आकर्षण जैसे जंतर-मंतर, कालियादेह पैलेस, चिंतामन गणेश मंदिर, भर्तृहरि गुफाएँ।
यदि आप धार्मिक दृष्टि से यात्रा कर रहे हैं तो 2 दिन पर्याप्त हैं, लेकिन पर्यटन और आसपास के स्थानों का अनुभव लेना चाहते हैं तो 3 दिन का समय सबसे बेहतर रहेगा।
उज्जैन कहाँ स्थित है (where is ujjain located)
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन और धार्मिक नगरी है। यह शिप्रा नदी के तट पर बसी हुई है और मालवा क्षेत्र का हिस्सा है। उज्जैन, इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और भोपाल (राजधानी) से करीब 190 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
यह नगरी प्राचीन समय से ही धार्मिक, सांस्कृतिक और खगोलीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उज्जैन को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और सिंहस्थ कुंभ मेला के कारण विश्वभर में ख्याति प्राप्त है।
उज्जैन सिटी का गूगल मैप लोकेशन
उज्जैन कैसे पहुँचे (How to reach Ujjain)
उज्जैन मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है, जहाँ देशभर से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
1. हवाई मार्ग (By Air)
- उज्जैन का निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर है, जो लगभग 55 किमी दूर है।
- इंदौर एयरपोर्ट से टैक्सी, कैब और बस के जरिए 1–1.5 घंटे में उज्जैन पहुँचा जा सकता है।
2. रेल मार्ग (By Train)
- उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन पश्चिम रेलवे का बड़ा स्टेशन है।
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, भोपाल और इंदौर जैसी प्रमुख शहरों से सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।
- स्टेशन से शहर के प्रमुख मंदिर और पर्यटन स्थल आसानी से ऑटो, टैक्सी या ई-रिक्शा द्वारा पहुँचे जा सकते हैं।
3. सड़क मार्ग (By Road)
- उज्जैन राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- भोपाल (190 किमी), इंदौर (55 किमी), ओंकारेश्वर (140 किमी) और मंदसौर (150 किमी) से सीधी बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- राज्य परिवहन (MPRTC) और निजी बसें नियमित रूप से उज्जैन के लिए चलती हैं।
उज्जैन यात्रा टिप्स (Travel Tips)
-
महाकाल भस्म आरती के लिए पहले से बुकिंग करें।
-
कुंभ मेले के समय भीड़ अधिक होती है, तैयारी ज़रूरी।
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धार्मिक स्थलों पर ड्रेस कोड और अनुशासन का पालन करें।
निष्कर्ष
उज्जैन एक ऐसा शहर है जो आस्था, इतिहास और संस्कृति का अद्भुत संगम है। यहाँ के मंदिर, घाट, पार्क और संग्रहालय पर्यटकों को अनोखा अनुभव देते हैं। चाहे आप धार्मिक यात्रा पर हों, ऐतिहासिक धरोहरें देखना चाहते हों या सिर्फ आध्यात्मिक शांति पाना चाहते हों – उज्जैन हर दृष्टि से विशेष है।
उज्जैन में घूमने की जगहें (Ujjain me Ghumne ki Jagah)– FAQs
1. उज्जैन में घूमने की सबसे प्रसिद्ध जगह कौन सी है?
उज्जैन की सबसे प्रसिद्ध जगह महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर है। इसके अलावा काल भैरव मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर और राम घाट भी बेहद प्रसिद्ध हैं।
2. उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और धार्मिक आयोजनों का आनंद लिया जा सकता है।
3. उज्जैन में कौन-कौन से घाट देखने योग्य हैं?
उज्जैन में प्रमुख घाट हैं – राम घाट, सिद्धवट घाट, त्रिवेणी घाट, नृसिंह घाट और गौ घाट। इनमें राम घाट सबसे प्रसिद्ध है।
4. महाकाल मंदिर की भस्म आरती कब होती है?
महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती प्रतिदिन सुबह 4 बजे होती है। इसके लिए पहले से ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग करनी पड़ती है।
5. उज्जैन से जुड़ा कुंभ मेला कितने साल में लगता है?
उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।
6. उज्जैन में बच्चों के घूमने के लिए कौन-कौन सी जगहें हैं?
बच्चों के लिए नौलखी इको पार्क, अटल अनुभूति पार्क, महाकाल लोक कॉरिडोर और शहर के छोटे पार्क अच्छे विकल्प हैं।
7. उज्जैन में संग्रहालय कौन-कौन से हैं?
उज्जैन में प्रमुख संग्रहालय हैं – त्रिवेणी संग्रहालय, कालिदास अकादमी और वेधशाला (जंतर मंतर)।
8. उज्जैन कैसे पहुँचा जा सकता है?
उज्जैन रेलवे से भारत के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। निकटतम एयरपोर्ट इंदौर (55 किमी) है, जहाँ से टैक्सी और बस उपलब्ध हैं।
9. उज्जैन में प्रसिद्ध भोजन क्या है?
उज्जैन में पोहा-जलेबी, मावे की गजक, दाल-बाफला और स्ट्रीट फूड बहुत प्रसिद्ध हैं।
10. क्या उज्जैन सिर्फ धार्मिक लोगों के लिए ही घूमने की जगह है?
नहीं, उज्जैन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि इतिहास, संस्कृति, खगोल विज्ञान और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। हर प्रकार के पर्यटक के लिए यहाँ कुछ खास है।
कटनी में घूमने की जगह
भोपाल में घूमने की जगह
धुआंधार जलप्रपात
