देवास की माँ कैला देवी मंदिर दर्शन और यात्रा : Beautiful Kaila Devi Mandir Dewas

कैला देवी मंदिर देवास – शक्ति की दिव्य नगरी में माँ का पवित्र धाम

कैला देवी मंदिर मध्य प्रदेश के देवास शहर में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। देवास शहर देवी उपासना के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर में देवास टेकरी मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। कैला देवी मंदिर देवास (Kaila Devi Mandir Dewas) में लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर देवास टेकरी से 10 से 15 मिनट की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। यहां पर ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

इस लेख में कैला देवी मंदिर के बारे में जानेंगे। कैला देवी मंदिर राजस्थान के प्रमुख और एकमात्र मंदिर है। राजस्थान में कैला देवी बहुत प्रसिद्ध है। उन्ही कैला देवी को समर्पित मंदिर मध्य प्रदेश के देवास शहर में बनाया गया है।

देवास की कैला देवी मंदिर के दर्शन और यात्रा (Visit and Travel to the Kaila Devi Mandir in Dewas)

कैला देवी मंदिर देवास की प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवास मुख्य शहर में बना है। इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको सबसे पहले देवास शहर में आना पड़ता है। देवास शहर इंदौर उज्जैन का बहुत करीब है। आप सड़क मार्ग और रेल मार्ग के द्वारा आसानी से देवास शहर में आ सकते हैं।

अगर आप कैला देवी मंदिर रेल मार्ग से आ रहा है, तो देवास मुख्य शहर में रेलवे स्टेशन बना हुआ है। देवास रेलवे स्टेशन से कैला देवी मंदिर करीब चार किलोमीटर है। आप देवास रेलवे स्टेशन से ऑटो बुक कर सकते हैं और उसके बाद आराम से कैला देवी मंदिर पहुंच सकते हैं।

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) मुख्य हाइवे मार्ग से थोड़ी दूर स्थित है। यह मंदिर AB मार्ग से करीब 400 मीटर अंदर बना हुआ है। यहां पर आप आराम से आ सकते हैं। इस मंदिर में पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बना है। मंदिर में आप कार और बाइक से आराम से आ सकते हैं। मंदिर में आने में कोई भी दिक्कत नहीं होती है। मंदिर के बाहर पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है।

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) के बाहर ढेर सारी प्रसाद की दुकान है, जहां से आप माता को अर्पित करने के लिए प्रसाद ले सकते हैं। कैला देवी मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत सुंदर है। मंदिर के अंदर जाकर सबसे पहले ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है, जहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना है। यह मंदिर साउथ इंडियन स्टाइल में बना है। मंदिर बहुत ही कलरफुल है। मंदिर की छत पर सुंदर फूलों की आकृति बनाई गई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। मंदिर की दीवारों में सुंदर पेंटिंग बनी हुई है।

ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान है। मंडप में नंदी भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत सुंदर लगता है। ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर के दर्शन करने के बाद, आप आगे जाएंगे तो आपको कैला देवी मंदिर का प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलता है, जहां पर भीड़ भाड़ के समय माता के दर्शन करने के लिए लाइन लगाकर माता के दर्शन करने जाना पड़ता है।

कैला माता का, जो मुख्य मंदिर है। वह बहुत सुंदर है। मुख्य गर्भगृह में मां कैला देवी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा विराजमान है। मुख्य गर्भगृह में कैला देवी, मां दुर्गा जी और गणेश जी के दर्शन करने के लिए मिलते है। यहां पर गणेश जी और रिद्धि-सिद्धि माता के साथ विराजमान है। यहां पर मंडप में शेर की प्रतिमा विराजमान है, जो बहुत आकर्षक लगती है। मंदिर के मंडप के ऊपर की तरफ देवियों के चित्र देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बगलामुखी माता, तारा देवी, काली देवी, त्रिपुर भैरवी, भुवनेश्वरी देवी के चित्र बने हुए हैं, जो मंदिर को और भी सुंदर और आकर्षक बनाते हैं।

कैला देवी मां के दर्शन करने के बाद, मंदिर से बाहर आने के बाद, यहां पर हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा देखने के लिए मिलती है और यहां पर हनुमान जी का मंदिर भी बना हुआ है, जिसे मंशापूर्ण सिद्ध हनुमान जी का मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी से मनोकामना मांगने से सभी मनोकामना पूरी होती है। लोग यहां पर आकर, अपनी इच्छाएं मांगते हैं। वह हनुमान जी पूरा करते हैं, इसलिए इस मंदिर को मंशापूर्ण हनुमान जी के नाम से जाना जाता है।

यहां पर 51 फीट ऊंची हनुमान जी की विशाल प्रतिमा विराजमान है, जो बहुत ही अद्भुत लगती है और यह प्रतिमा आपको दूर से ही देखने के लिए मिल जाती है। हनुमान जी की यह प्रतिमा बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर ढेर सारी पेंटिंग लगी हुई है, जिसमें रामायण के चित्रों को दर्शाया गया है। कैला देवी मंदिर के परिसर में वैष्णो देवी गुफा भी बनी हुई है।

वैष्णो देवी गुफा बहुत सुंदर है। यहां पर मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा बनी हुई है, जो बहुत अद्भुत लगती है। मां दुर्गा की प्रतिमा के नीचे की तरफ वैष्णो देवी गुफा बनी हुई है, जहां पर आप मां वैष्णो देवी के पिंडी रूप के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर नौ देवियों की स्थापना की गई है। यहाँ नवरात्रि में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है।

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) में मां दुर्गा और वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद, आप कैला देवी परिसर में बोधि वृक्ष देख सकते हैं। बोधि वृक्ष की परिक्रमा करने से और वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से, मन में जो भी इच्छा रहती है। वह पूरी होती है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और बोधि वृक्ष की परिक्रमा करते हैं और दीपक जलते हैं। बोधि वृक्ष के दर्शन करने के बाद, परिसर में बैठने के लिए सीमेंटेड चेयर बनी हुई है, जहां पर आप कुछ टाइम बैठ सकते हैं और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

कैला देवी मंदिर का इतिहास (Kaila Devi Mandir History)

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) का इतिहास लगभग सैकड़ों वर्ष पुराना बताया जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना राजस्थानी कैला देवी धाम की शाखा के रूप में की गई थी। राजस्थान के करौली जिले में स्थित कैला देवी का मुख्य मंदिर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि कुछ श्रद्धालुओं ने वहाँ से माँ की प्रतिमा लाकर देवास नगर में प्रतिष्ठापित की थी, ताकि यहाँ के भक्त भी दूर जाए बिना माँ कैला देवी के दर्शन कर सकें। धीरे-धीरे यह स्थान स्थानीय श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बन गया। आज यह मंदिर देवास के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है।

मंदिर की संरचना और स्थापत्य

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) एक ऊँचे चबूतरे पर स्थित है, जिसके चारों ओर खुले प्रांगण में श्रद्धालु बैठकर भजन, कीर्तन और आरती करते हैं। मुख्य गर्भगृह में माँ कैला देवी की मूर्ति विराजमान है — जिनका स्वरूप अत्यंत तेजस्वी, सौम्य और करुणामयी है। माँ की प्रतिमा संगमरमर और काले पत्थर से निर्मित है, और उनके दोनों ओर शेर और सिंहासन बना हुआ है। मंदिर के चारों ओर तोरणद्वार, घंटियाँ और लाल पत्थर की दीवारें इसकी पवित्रता को और बढ़ाती हैं।

कैला देवी की आरती और पूजा विधि

माँ कैला देवी की आरती दिन में दो बार की जाती है –

  1. प्रातः आरती (सुबह 6:00 बजे)
  2. सायं आरती (शाम 7:00 बजे)

पूजा में मुख्य रूप से नारियल, चुनरी, कुमकुम, फूल और दीप अर्पित किए जाते हैं। श्रद्धालु “जय माता दी” के जयकारों के साथ माँ के दरबार में दर्शन करते हैं। माना जाता है कि माँ कैला देवी की सच्चे मन से की गई प्रार्थना से भय, रोग और संकट दूर हो जाते हैं।

माँ कैला देवी मंदिर देवास की फोटो

Kaila Devi Mandir Dewas
कैला देवी प्रांगण में विराजमान माँ दुर्गा की विशाल मूर्ति
Kaila Devi Mandir Dewas
हनुमान मंदिर
Kaila Devi Mandir Dewas
माँ कैला देवी मंदिर
Kaila Devi Mandir Dewas
हनुमान जी की विशाल मूर्ति

कैला देवी मंदिर में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहार और मेले

  • चैत्र नवरात्रि (मार्च–अप्रैल) : इस समय मंदिर में हजारों भक्त पहुँचते हैं। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती पाठ, भंडारा, और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।
  • शारदीय नवरात्रि (सितंबर–अक्टूबर) : भक्त माँ के दर्शन के लिए कतारों में खड़े रहते हैं। मंदिर में 108 दीपों से महाआरती की जाती है।
  • कैला देवी मेला : हर वर्ष चैत्र मास की अष्टमी से पूर्णिमा तक मेला लगता है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं।

कैला देवी मंदिर कहां पर है (Where is Kaila Devi Mandir located)

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) मध्य प्रदेश के देवास जिले के मध्य में स्थित है। यह मंदिर स्थानीय लोगों में और आसपास के शहर में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर देवास रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर देवास शहर के पास टेकरी पर, यानी देवी की टेकरी (माता चामुंडा और तुलजा भवानी मंदिरों के पास) के नीचे की ओर स्थित है।

कैला देवी मंदिर की गूगल मैप लोकेशन

कैला देवी मंदिर कैसे पहुँचे (How to reach Kaila Devi Mandir Dewas)

रेल मार्ग से: देवास रेलवे स्टेशन (Dewas Junction) सबसे नजदीकी स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से ऑटो, टैक्सी या लोकल बस से आसानी से मंदिर पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग से: देवास शहर इंदौर (35 किमी) और उज्जैन (40 किमी) से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-52) द्वारा जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन और निजी बसें नियमित रूप से चलती हैं।

हवाई मार्ग से: देवास का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट – देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर में है, जो देवास से लगभग 50 किमी दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी द्वारा 1 घंटे में मंदिर पहुँचा जा सकता है।

ठहरने की व्यवस्था

देवास शहर में हर बजट के लिए ठहरने के विकल्प उपलब्ध हैं —

  • एमपी टूरिज्म होटल
  • धर्मशालाएँ (जैसे श्री कैला देवी धर्मशाला, नर्मदा रेस्ट हाउस)
  • प्राइवेट लॉज और बजट होटल

नवरात्रि और त्योहारों के समय पहले से बुकिंग करवाना उचित होता है।

कैला देवी मंदिर में घूमने का सर्वोत्तम समय

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) सालभर दर्शन के लिए खुला रहता है, लेकिन यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उत्तम माना जाता है। अक्टूबर से मार्च का मौसम ठंडा रहता है, जिससे घूमने में कोई भी दिक्कत नहीं होती है। गर्मी के महीनों में दोपहर में भीड़ कम रहती है, पर सुबह-सायं का समय भक्ति से सराबोर होता है।

कैला देवी मंदिर के आस-पास घूमने की जगह

दर्शन और परिक्रमा मार्ग

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) के चारों ओर एक छोटा परिक्रमा मार्ग बनाया गया है, जहाँ श्रद्धालु नंगे पाँव माँ की परिक्रमा करते हैं। रास्ते में अनेक छोटे-छोटे मंदिर, शिवलिंग और नर्मदा जल से भरे कलश दिखाई देते हैं। माँ के दरबार के पीछे एक छोटा गौशाला परिसर और वृक्ष वाटिका भी है, जहाँ भक्त शांति का अनुभव करते हैं।

धार्मिक संदेश

कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir) सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, शक्ति और साधना का प्रतीक है। माँ कैला देवी की उपासना से भक्तों को धैर्य, साहस और आत्मविश्वास की शक्ति मिलती है। जो भी सच्चे मन से यहाँ आता है, वह न केवल अपनी मनोकामनाएँ पूरी करता है बल्कि आत्मिक शांति और संतोष भी प्राप्त करता है।

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