होशंगशाह का मकबरा मांडू – भारत का पहला संगमरमर का मकबरा | Amazing Hoshang Shah Tomb Mandu

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होशंगशाह का मकबरा – भारत का पहला संगमरमर का मकबरा

होशंगशाह का मकबरा मांडू के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगर मांडू (धार जिला) में स्थित होशंगशाह का मकबरा भारतीय इस्लामी स्थापत्य कला का एक अद्भुत उदाहरण है। यह भारत का पहला संगमरमर से निर्मित मकबरा माना जाता है, जिसने आगे चलकर ताजमहल जैसे भव्य स्मारकों की प्रेरणा दी।

इस लेख में हम होशंगशाह के मकबरे (Hoshang Shah Tomb) के बारे में जानेंगे। मांडू में ढेर सारी स्थल है, जिसमें से होशंग शाह का मकबरा अपना खास स्थान रखता है। चलिए जानते हैं – होशंगशाह के मकबरे के बारे में

होशंगशाह के मकबरे का सौंदर्य (Beauty of Hoshang Shah Tomb)

होशंगशाह का मकबरा मांडू के प्रमुख स्थलों में से एक है। होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) मुख्य रूप से ताजमहल का प्रेरणा स्रोत है। ताजमहल बनाने की प्रेरणा इस मकबरे से ली गई थी। यह मकबरा मांडू के प्रथम सुल्तान होशंग शाह की कब्र है। मकबरा के मुख्य हॉल में होशंग शाह और उनकी पत्नी की कब्र देखी जा सकती है। यहां पर उनकी मृत्यु के पश्चात दफनाया गया था।

होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) सफेद मार्बल से बना हुआ है। पूरा ही मकबरा बहुत सुंदर लगता है। यह मकबरा एक बड़े से आंगन के बीच में बना है। यह मकबरा चारो तरफ से दीवारों से घिरा हुआ है। उत्तरी दीवार के मध्य में प्रवेश द्वार है। मकबरे के चारों तरफ सुंदर बगीचा बना हुआ है और बीच में मकबरा ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है।

होशंगशाह के मकबरे में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। होशंग शाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) एक बहुत ही भव्य स्मारक है। इस मकबरे के ऊपर एक बड़ा सा गुंबद देखने के लिए मिलता है, जो संगमरमर से बना हुआ है। मकबरे के चारों तरफ छोटे-छोटे गुंबज बने हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। मकबरे के दक्षिण दिशा की ओर सीढ़ियां बनी हुई है।

मकबरे की छत पर सुंदर कंगूरे बने हुए हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं। मकबरे की दीवारों में नक्काशी बनी हुई है। इसमें आपको हिंदू पैटर्न देखने के लिए मिलते हैं। यहां काले और लाल रंग का प्रयोग किया गया है। मकबरे के मुख्य हाल में दीवारों में जालियां बनी हुई है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।

होशंगशाह के मकबरे (Hoshang Shah Tomb) की एक तरफ एक लंबी संरचना बनी हुई है, जिसे प्राचीन समय में सराय के नाम से जाना जाता था। इसमें लोग जो भी ट्रैवल करते थे। वह रुका करते थे। इसमें भी आपको सुंदर खंभे की नक्काशी देखने के लिए मिलती है। खंभे में बारीक नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह जगह फोटोशूट के लिए बढ़िया है।

होशंग शाह के मकबरे के बाहर की तरफ और भी जगह देखने के लिए मिलती है। यहां पर एक प्राचीन तालाब बना हुआ है, जिसे प्राचीन समय में स्नान के लिए उपयोग किया जाता था। इस तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। इस तालाब में पानी रहता है। इसके पास में ही एक विशाल वृक्ष लगा हुआ है। साथ ही यहां पर सुन्दर बगीचा बना हुआ है।

होशंगशाह के मकबरे की यात्रा (Trip tomb of Hoshang Shah)

होशंगशाह के मकबरे (Hoshang Shah Tomb) की यात्रा के लिए सबसे पहले मांडू शहर आना पड़ता है। मांडू मुख्य शहर में होशंग शाह का मकबरा स्थित है। यहां पर आप अपने वाहन से आ सकते हैं और पार्किंग में वाहन खड़ा कर सकते हैं। इसके बाद इस मकबरे में प्रवेश करने के लिए आपको प्रवेश शुल्क देना पड़ता है। यहां पर ₹25 शुल्क लगता है। उसके बाद आप इस मकबरे में प्रवेश कर सकते हैं।

होशंगशाह के मकबरे (Hoshang Shah Tomb) में आने से पहले, आपको यहां पर जामा मस्जिद देखने के लिए मिलती है। जामा मस्जिद के ठीक सामने अशर्फी महल बना है। जामा मस्जिद बहुत सुंदर है और इस मस्जिद की संरचना बहुत ही आकर्षक लगती है। जामा मस्जिद के एक ऊंचे चबूतरे पर बनी हुई है। जामा मस्जिद में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार के अंदर पहुंचने पर आपको एक भव्य बड़ा सा गुंबददार हॉल देखने के लिए मिलता है जो बहुत ही आकर्षक लगता है।

इस हाल की दीवारों में जालीदार खिड़कियां लगी हुई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। जामा मस्जिद से आगे जाने पर एक बड़ा बगीचा और जामा मस्जिद देखने के लिए मिलती है। जामा मस्जिद के पास से ही होशंगशाह के मकबरा (Hoshang Shah Tomb) जाने का रास्ता बना है। आप वहां पर पैदल जा सकते हैं और इस मकबरे को देख सकते हैं। इस मकबरे का प्रवेश द्वार बहुत सुंदर है। यह प्रवेश द्वार संगमरमर से बना हुआ है और यहां पर छोटा सा गुंबद देखने के लिए मिलता है।

आप प्रवेश द्वार से होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) के अंदर जाएंगे, तो आपको एक बड़ा आँगन देखने मिलता है। यहां पर पेड़ पौधे लगे हुए हैं और घास का मैदान है। प्रवेश द्वार से प्रवेश करने पर, में आपको मकबरे का पीछे का भाग देखने के लिए मिलता है। आगे बढ़ने पर आपको मकबरे का सामने का भाग देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है।

होशंगशाह का पूरा मकबरा संगमरमर से बना है। मकबरे में आप सीढ़ियों से जा सकते हैं। मकबरे के अंदर आपको कब्र देखने के लिए मिलती है। यहां पर सुल्तान होशंगशाह और. साथ ही उनकी पत्नी की कब्र भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर सुंदर खिड़कियां बनी हुई है, जिनकी नक्काशी बहुत ही आकर्षक लगती है। मकबरे का प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर है।

होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) में घूमने के बाद आप मकबरे के पास बनी सराय देख सकते है। जिसमें प्राचीन समय में यात्रा करने वाले यात्री आकर रुका करते थे। यह सराय बहुत सुंदर तरीके से बनाई गई है। यहां पर आपको खभों की सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। उसके बाद आप बाहर आकर आसपास के एरिया को घूम सकते हैं।

होशंगशाह का इतिहास

होशंगशाह मालवा सल्तनत का तीसरा शासक था, जिसने 1405 से 1435 ईस्वी तक शासन किया। उसका असली नाम अलाउद्दीन होशंगशाह गौरी था। उसने मांडू को राजधानी बनाया और इसे एक भव्य नगरी के रूप में विकसित किया। होशंगशाह अपने न्यायप्रिय शासन और स्थापत्य प्रेम के लिए प्रसिद्ध था। उसके शासनकाल में मांडू में कई शानदार इमारतें बनीं — जैसे जमा मस्जिद, लाल बाग महल, और होशंगशाह का मकबरा। उसकी मृत्यु के बाद 1435 ईस्वी में यही मकबरा उसकी याद में बनवाया गया।

होशंगशाह के मकबरे की स्थापत्य कला

1. निर्माण सामग्री और शैली

मकबरा पूरी तरह सफेद संगमरमर से बना है, जो इसे मांडू की लाल बलुआ पत्थर की इमारतों से अलग पहचान देता है। यह मकबरा भारतीय और अफगानी स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। मकबरे का निर्माण दिलावर खां के उत्तराधिकारियों द्वारा करवाया गया था। इसके शिल्पकारों ने स्थापत्य की सूक्ष्मताओं को बड़ी सुंदरता से उकेरा है।

2. बाहरी स्वरूप

मकबरा एक चौकोर आकार की ऊँची चबूतरे पर बना है। इसके चारों कोनों पर छोटे-छोटे गुंबद हैं और बीच में एक विशाल मुख्य गुंबद बना है जो इसे भव्य रूप देता है मुख्य प्रवेश द्वार नक्काशीदार है, जिसमें पत्थरों पर फूल-पत्तियों और ज्यामितीय आकृतियों की सुंदर नक्काशी की गई है।

3. आंतरिक सजावट

मकबरे का भीतरी हिस्सा सरल लेकिन प्रभावशाली है। अंदर संगमरमर की चार कब्रें हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख कब्र होशंगशाह की मानी जाती है। दीवारों पर हल्की नक्काशी और गुंबद की ऊपरी सतह पर गुम्बदाकार डिजाइन इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं।

4. स्थापत्य विशेषताएँ

  • मुख्य गुंबद अर्धगोलाकार है, जो आगे चलकर मुगल काल की स्थापत्य कला की प्रेरणा बना।
  • दरवाजों और खिड़कियों पर झरोखा शैली का प्रभाव देखा जा सकता है।
  • संगमरमर की नक्काशी और उसकी चिकनी सतह सूर्य की रोशनी में झिलमिलाती है, जो इसे अत्यंत आकर्षक बनाती है।

होशंगशाह का मकबरा मांडू (Hoshang Shah’s Tomb photos)

Hoshang Shah Tomb Mandu
होशंगशाह मकबरा मांडू
Hoshang Shah Tomb Mandu
मकबरे के अंदर बनी कब्र

ताजमहल से संबंध

ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, शाहजहाँ ने जब ताजमहल का निर्माण शुरू किया, तो उसने अपने स्थापत्यकारों को मांडू भेजा था ताकि वे होशंगशाह के मकबरे की संरचना का अध्ययन कर सकें। दरअसल, यह मकबरा अपने गुंबद, संगमरमर की गुणवत्ता, और नक्काशीदार द्वारों के कारण ताजमहल के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है। इसलिए, इसे “ताजमहल का स्थापत्य पूर्वज (Architectural Predecessor of Taj Mahal)” भी कहा जाता है।

मांडू के अन्य आकर्षणों के बीच मकबरे की स्थिति

होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) जामा मस्जिद के पास स्थित है। यह मांडू के रॉयल एन्क्लोजर (Royal Enclosure) क्षेत्र में आता है, जहाँ कई ऐतिहासिक स्मारक हैं – जैसे जहाज महल, हिंडोला महल, अशरफी महल और रानी रूपमती महल। इन सभी स्मारकों को देखने के बाद होशंगशाह का मकबरा दर्शकों को एक शांत और पवित्र वातावरण का अनुभव कराता है।

होशंगशाह का मकबरा कहाँ स्थित है

  • स्थान: मांडू, जिला धार, मध्यप्रदेश
  • निकटतम शहर: इंदौर (99 किमी) और धार (35 किमी)
  • निर्माण काल: लगभग 1440 ईस्वी
  • निर्माता: होशंगशाह गौरी के उत्तराधिकारी

होशंगशाह का मकबरा कैसे पहुंचे (How to reach Hoshang Shah Tomb)

✈️ हवाई मार्ग:

निकटतम हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट है, जो मांडू से लगभग 100 किमी दूर है।

🚉 रेल मार्ग:

निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम और इंदौर हैं। वहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से मांडू पहुँचा जा सकता है।

🚌 सड़क मार्ग:

मांडू सड़क मार्ग से धार, इंदौर और उज्जैन से जुड़ा है। नियमित बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।

होशंगशाह का मकबरा का गूगल मैप लोकेशन

घूमने का समय और प्रवेश शुल्क

  • खुलने का समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक

  • प्रवेश शुल्क:

    • भारतीय नागरिक – ₹25 प्रति व्यक्ति

    • विदेशी पर्यटक – ₹300 प्रति व्यक्ति

  • सर्वश्रेष्ठ समय: अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम घूमने के लिए उत्तम है।

होशंगशाह का मकबरा के आसपास घूमने योग्य स्थान (Things to do near Hoshang Shah’s Tomb)

  1. जहाज महल – दो तालाबों के बीच बना यह महल जलमहल के रूप में प्रसिद्ध है।
  2. हिंडोला महल – झूलते हुए झरोखे और दीवारों के कारण इसे यह नाम मिला।
  3. अशरफी महल – विद्या और शिक्षा का केंद्र रहा यह स्थल अब खंडहर के रूप में देखा जा सकता है।
  4. रानी रूपमती महल – प्रेम और त्याग की कहानी का प्रतीक।
  5. जामा मस्जिद मांडू – मांडू की सबसे भव्य मस्जिद, जिसकी वास्तुकला अफगान शैली में बनी है।

होशंगशाह का मकबरा क्यों विशेष है?

  1. ऐतिहासिक महत्व – यह मध्यकालीन मालवा सल्तनत की स्थापत्य कला का प्रतीक है।
  2. संगमरमर का प्रयोग – भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार बड़े पैमाने पर संगमरमर का उपयोग हुआ।
  3. मुगल कला की प्रेरणा – आगे चलकर मुगलों ने इसी शैली को अपनाया।
  4. शांति और सौंदर्य का अनुभव – मकबरे का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक महसूस होता है।
  5. होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) भारत का पहला संगमरमर का मकबरा है।
  6. इसके वास्तुकारों ने संगमरमर को बिना जोड़ के इतनी सुंदरता से फिट किया है कि आज भी दरारें दिखाई नहीं देतीं।
  7. मकबरे के द्वार पर लगा शिलालेख बताता है कि इसे “मालवा की शान” कहा गया था।
  8. ताजमहल के शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने भी इस स्मारक का अध्ययन किया था।

होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb Mandu) FAQ

Q1. होशंगशाह का मकबरा कहाँ स्थित है?
होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू (मालवा) में स्थित है। यह जामा मस्जिद के पीछे की तरफ स्थित है।

Q2. होशंगशाह कौन थे?
होशंगशाह मालवा सल्तनत के पहले शासक थे। उनका शासनकाल 1405 से 1435 ईस्वी तक रहा, और उन्होंने मांडू को अपनी राजधानी बनाया था।

Q3. होशंगशाह का मकबरा किसने बनवाया था?
यह मकबरा होशंगशाह की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी महमूद शाह खलजी द्वारा 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था।

Q4. होशंगशाह के मकबरे की वास्तुकला की क्या विशेषता है?
यह भारत का पहला पूर्ण संगमरमर से बना मकबरा माना जाता है। इसकी वास्तुकला अफगानी और हिंदुस्तानी शैलियों का सुंदर मिश्रण है, जो आगे चलकर ताजमहल की प्रेरणा बनी।

Q5. क्या यह सच है कि ताजमहल की रूपरेखा होशंगशाह के मकबरे से प्रेरित है?
हाँ, इतिहासकारों के अनुसार शाहजहाँ के वास्तुकारों ने ताजमहल के निर्माण से पहले मांडू आकर होशंगशाह के मकबरे (Hoshang Shah Tomb) का अध्ययन किया था। इसलिए इसे ताजमहल की प्रेरणा कहा जाता है।

Q6. होशंगशाह के मकबरे का निर्माण किस पत्थर से किया गया है?
यह पूरा मकबरा सफेद संगमरमर (White Marble) से बना है, जो उस समय के लिए एक अनोखी और भव्य शैली थी।

Q7. होशंगशाह का मकबरा किस काल का है?
यह 15वीं शताब्दी (लगभग 1440 ईस्वी) का स्मारक है।

Q8. होशंगशाह के मकबरे के पास कौन-कौन से दर्शनीय स्थल हैं?
इसके पास जामा मस्जिद, अशरफी महल, हिंडोला महल, और रानी रूपमती महल जैसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं।

Q9. होशंगशाह का मकबरा घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
अक्टूबर से मार्च तक का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।

Q10. मांडू में होशंगशाह के मकबरे तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम और इंदौर हैं। इंदौर से मांडू की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है, जहाँ आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं।

निष्कर्ष

होशंगशाह का मकबरा (Hoshang Shah Tomb) सिर्फ एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला की एक जीवंत गाथा है। यह हमें यह याद दिलाता है कि भारतीय शिल्पकारों ने सैकड़ों वर्ष पहले ही वह स्थापत्य कुशलता हासिल कर ली थी जो बाद में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल में दिखाई दी। मांडू का यह स्मारक हर इतिहास प्रेमी, स्थापत्य कला के विद्यार्थी और पर्यटक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है।

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