अशरफी महल मांडू – प्रेम और स्थापत्य कला का अद्भुत संगम
अशर्फी महल मांडू शहर के सबसे आकर्षक और ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह स्मारक मांडू शहर के केंद्र में स्थित है। अशर्फी महल को द पैलेस ऑफ गोल्ड कॉइन के नाम से भी जाना जाता था। अशर्फी महल में ढेर सारे स्थान है, जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है।
अशरफी महल (Ashrafi Mahal) का निर्माण मालवा के सुल्तान होशंग शाह के उत्तराधिकारी मोहम्मद शाह खिलजी ने करवाया था। यह इमारत कभी एक विशाल मदरसा (इस्लामिक शिक्षा संस्थान) और बाद में मकबरे के रूप में प्रसिद्ध हुई। आज हम आपको मांडू के प्रसिद्ध अशर्फी महल के बारे में जानकारी देंगे।
मांडू के अशर्फी महल की यात्रा (Visit the Ashrafi Mahal in Mandu)
अशरफी महल मध्य प्रदेश के एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। अशरफी महल मध्य प्रदेश में इंदौर शहर के पास मांडू सिटी के मध्य में बना है। इस महल की यात्रा करने के लिए, आप आसानी से मांडू शहर के केंद्र में आ सकते हैं और इस महल में जा सकते हैं। इस महल में प्रवेश के लिए कोई भी शुल्क नहीं लगता। यह महल जामा मस्जिद के ठीक सामने बना हुआ है।
अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) के आसपास ढेर सारी दुकान एवं खाने-पीने के स्टॉल देखने के लिए मिलती है, जहां पर आप खाने-पीने का सामान ले सकते हैं। यहां पर मार्केट लगा रहता है। यह भीड़ भाड़ वाला इलाका है। मांडू का अशर्फी महल पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है, मगर यहां पर देखने लायक बहुत सारी स्थल है।
इस महल में सबसे पहले आपको सीढ़ियों की श्रृंखला देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है। अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) की सीढ़ियों के बारे में अलग-अलग तथ्य प्रसिद्ध है। सीढ़ियों से ऊपर जाने पर खूबसूरत मेहराबदार प्रवेश द्वार है, जो संगमरमर, नीले और पीले पत्थरों से सजा हुआ है, जो मांडू आने वाले सभी पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्रवेश द्वार के ऊपर एक बड़ा सा गुंबद हुआ करता था, जो पूरी तरह नष्ट हो गया है। अब इसके सिर्फ अवशेष ही देखे जा सकते हैं।
अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) के नीचे, भूतल में मदरसा देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया है। इस महल को सबसे पहले एक मदरसे के रूप में बनाया गया था। इसके प्रांगण के चारों ओर कमरे की एक श्रृंखला देखने के लिए मिलती है, जिसकी प्रत्येक कोने में चार मीनार है। यहां पर कमरे में पिरामिडनुमा आकार की छत हैं, जो आज भी देखी जा सकती है। यहां खूबसूरत बगीचा बना हुआ है, जहां पर पेड़ पौधे और घास का मैदान है। आप इस बगीचे में बैठकर कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं।
अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) की छत पर, जहां पर आप सीढ़ियों के द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं। यह खुला एरिया है और यहां पर ढेर सारी स्मारक है, जिनके अलग-अलग महत्व है। यहां पर सबसे पहले आप महमूद खिलजी के मकबरे को देख सकते हैं, जो यहां पर ओपन एरिया में बना हुआ है। यहां पर मकबरे केआसपास ढेर सारे खंडहर अवशेष देखने के लिए मिलते हैं, जिसे यह पता चलता है कि यह स्मारक बहुत ही अच्छी तरह से बनाई गई होगी, मगर समय के साथ यह नष्ट हो गई है।
महमूद खिलजी का मकबरा यहां पर बहुत अच्छे से संरक्षित करके रखा गया है। महमूद खिलजी मालवा में शासन करने वाले खिलजी वंश के संस्थापक थे। उन्होंने गौरी वंश के अंतिम राजा मुहम्मद शाह गौरी की हत्या करके इसकी नींव रखी। महमूद खिलजी ने अशर्फी महल का निर्माण पूरा करवाया, जिसकी नींव होशंग शाह गौरी ने रखी थी।
अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) में एक और प्राचीन संरचना देखने के लिए मिलती है, जो विजय स्तंभ या विजय मीनार के नाम से जानी जाती है। यह स्मारक मोहम्मद प्रथम ने 1443 में चित्तौड़ के राणा पर अपनी विजय के उपलक्ष में बनाई थी। यह मीनार अशरफी महल की छत के उत्तर पूर्वी कोने पर स्थित है। यह मीनार लाल बलुआ पत्थर से बनी थी, जो सात चरणों में तैयार की गई थी। यह मीनार 150 फीट ऊंचाई की थी।
इस मीनार के प्रत्येक मंजिल को संगमरमर से सजाया गया था। इस मीनार में नक्काशीदार खंभों और सुंदर छज्जे बनाए गए थे। समय के साथ यह मीनार नष्ट हो गई है। इसका सिर्फ नीचे का हिस्सा रह गया है। वह भी खंडहर में बदल गया है। विजय स्मारक को देखने के बाद, आप अशरफी महल के एक और हिस्से को देख सकते हैं, जहां पर आपको एक कब्र देखने के लिए मिलती है, जो अनजान है।
अशर्फी महल का इतिहास (Asharfi Mahal History)
अशर्फी महल मांडू (Ashrafi Mahal Mandu) की एक ऐतिहासिक स्मारक है। अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) का निर्माण होशंग शाह के द्वारा किया गया था। इसका निर्माण होशंग शाह ने एक मदरसे के रूप में किया था। यहाँ विद्यार्थियों को कुरान, अरबी, फारसी और इस्लामी दर्शन की शिक्षा दी जाती थी। मदरसे के बीच में एक बड़ा सा आंगन था और उसके किनारों पर दलान युक्त पंक्तियां थी, जो अब पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। बाद में महमूद खिलजी ने यहां पर एक सात मंजिला विशाल इमारत का निर्माण करवाया था, जिसे विजय स्तंभ के नाम से जाना जाता है। विजय स्तंभ भी अब नष्ट हो गया है।
यहां पर महमूद खिलजी का संगमरमर का बना मकबरा है। महमूद खिलजी ने अपने लिए इसी स्थान पर एक भव्य मकबरा (tomb) बनवाने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद यहीं दफनाए जाने की इच्छा जताई। उनके आदेश पर मदरसे के पास ही मकबरा बनाया गया, जिससे यह परिसर धार्मिक शिक्षा और शाही कब्रगाह दोनों का केंद्र बन गया।
अशर्फी महल के बारे में रोचक तथ्य
कहा जाता है, कि मांडू के शासक गयासुद्दीन खिलजी ने अपनी रानियों का वजन को कम करने के लिए, इस महल की सीढ़ियां उतरने चढ़ने के लिए कहा और हर सीढ़ी के बदले 1 सोने के सिक्का यानी अशर्फी देने का वादा किया। तब से यह महल अशर्फी महल के नाम से जाना जाता है।
अशरफी महल की वास्तुकला
अशरफी महल (Ashrafi Mahal) की वास्तुकला में अफगानी और हिंदुस्तानी शैली का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। इसके निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और चूने के प्लास्टर का प्रयोग किया गया है।
1. मदरसा परिसर
मदरसे का निर्माण चारों ओर से आंगन के आकार में किया गया था। इसके चारों ओर कमरे बने थे जहाँ विद्यार्थी रहते और पढ़ाई करते थे। इन कमरों की दीवारों पर अरबी और फारसी शिलालेख पाए जाते हैं, जो उस युग की शिक्षा व्यवस्था को दर्शाते हैं।
2. मकबरा
सुल्तान महमूद खिलजी का मकबरा इस परिसर का सबसे प्रमुख भाग है। इसमें चार मीनारें थीं, जो आज आंशिक रूप से खंडहर बन चुकी हैं। मकबरे का गुंबद कभी बहुत विशाल और आकर्षक था। वास्तुकला में दिल्ली की कुतुब मीनार की झलक भी दिखाई देती है।
3. मीनार और सीढ़ियाँ
कहा जाता है कि यहाँ की एक मीनार लगभग 7 मंज़िला ऊँची थी, जिसे बाद में भूकंप या समय के प्रभाव से नुकसान पहुँचा। मीनार की ऊँचाई से पूरा मांडू शहर दिखाई देता था।
अशर्फी महल मांडू की फोटो (Ashrafi Mahal Mandu Photo)


अशरफी महल का महत्व
- अशरफी महल (Ashrafi Mahal) सिर्फ एक इमारत नहीं बल्कि मांडू की समृद्ध विरासत और स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण है।
- यह मांडू के शिक्षा केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा।
- यहाँ की वास्तुकला से उस समय के इस्लामी कला और शिल्प कौशल की झलक मिलती है।
- इतिहासकारों के अनुसार, यह मालवा सल्तनत की राजनीतिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
- आज भी जब पर्यटक मांडू आते हैं, तो जहाज महल, हिंडोला महल और होशंग शाह के मकबरे के साथ अशरफी महल देखना नहीं भूलते।
अशरफी महल कैसे पहुँचे (How to reach Ashrafi Mahal)
अशर्फी महल मांडू (Ashrafi Mahal Mandu)का एक मुख्य आकर्षक स्थल है। अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) मुख्य मांडू शहर में बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह महल मांडू शहर के केंद्र में, मुख्य बाजार में स्थित है। आप यहां पर सड़क मार्ग से, अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आ सकते हैं और उसके बाद इस महल में प्रवेश कर सकते हैं। इस महल में प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। महल के बाहर पार्किंग की व्यवस्था मिल जाती है।
हवाई मार्ग : सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर एयरपोर्ट (देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट) है, जो लगभग 99 किलोमीटर दूर है। इंदौर से टैक्सी या बस के माध्यम से मांडू पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग : सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन रतलाम और इंदौर हैं। इन स्टेशनों से मांडू के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग : मांडू सड़क मार्ग से धार और इंदौर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इंदौर से दूरी: लगभग 99 किमी, धार से दूरी: लगभग 35 किमी
अशर्फी महल की गूगल मैप लोकेशन
अशर्फी महल में घूमने का अच्छा समय (Best Time to Visit Asharfi Mahal)
अशर्फी महल (Ashrafi Mahal) में घूमने के लिए आप ठंड के समय में आ सकते हैं। ठंड का मौसम बहुत बढ़िया और सुहावना होता है, जिससे घूमने में कोई भी दिक्कत नहीं होती है। बाकी आप अपनी इच्छा अनुसार कभी भी अशर्फी महल में घूमने के लिए आ सकते हैं। गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में यहाँ का तापमान अधिक रहता है, इसलिए इस दौरान यात्रा टालना बेहतर होता है।
घूमने के सुझाव
- अशरफी महल (Ashrafi Mahal) देखने के साथ जहाज महल, हिंडोला महल, और होशंग शाह का मकबरा भी ज़रूर देखें।
- परिसर में पर्याप्त समय दें ताकि आप इसकी ऐतिहासिक खूबसूरती को महसूस कर सकें।
- स्थानीय गाइड से जानकारी लें — वे आपको इतिहास की कई अनकही बातें बताएँगे।
- अपने साथ पानी और टोपी रखें, क्योंकि परिसर खुला और धूप वाला है।
फोटोग्राफी और अनुभव
अशरफी महल (Ashrafi Mahal) की ऊँची दीवारें और विशाल स्तंभ फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह हैं। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का दृश्य बेहद आकर्षक होता है। मांडू की पहाड़ियों पर बिखरी ऐतिहासिक इमारतें इस स्थान को और भी रहस्यमयी बना देती हैं।
आसपास के प्रमुख स्थल
- जहाज महल – एक भव्य महल जो दो झीलों के बीच बना है।
- हिंडोला महल – झुकी हुई दीवारों के कारण इसका नाम हिंडोला पड़ा।
- होशंग शाह का मकबरा – भारत की पहली संगमरमर की कब्र।
- रानी रूपमती महल – बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी से जुड़ा।
- इको पॉइंट – मांडू का सबसे प्रसिद्ध व्यू पॉइंट जहाँ आवाज़ गूंजती है।
- लोहानी गुफा – मांडू का ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थान
निष्कर्ष
अशरफी महल (Ashrafi Mahal), मांडू केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि यह मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य और इस्लामी शिक्षा के संगम का प्रतीक है। यहाँ आकर आप मालवा सल्तनत की भव्यता, कला, और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
मांडू की यात्रा अधूरी मानी जाती है जब तक आप अशरफी महल के खंडहरों में बीते समय की फुसफुसाहट न सुन लें। यह स्थान हर इतिहासप्रेमी, फोटोग्राफर और संस्कृति में रुचि रखने वाले व्यक्ति के लिए अवश्य घूमने योग्य है।
अशरफी महल मांडू (Ashrafi mahal Mandu) FAQ
Q1. अशरफी महल कहाँ स्थित है?
अशरफी महल मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित ऐतिहासिक नगर मांडू (Mandu) में स्थित है। यह जहाज महल और जामी मस्जिद के सामने स्थित एक प्रसिद्ध स्मारक है।
Q2. अशरफी महल का निर्माण किसने कराया था?
अशरफी महल का निर्माण मालवा के सुल्तान महमूद शाह खिलजी ने 15वीं शताब्दी में कराया था।
Q3. अशरफी महल का क्या महत्व है?
अशरफी महल कभी मालवा के सुल्तानों का मदरसा (इस्लामी विद्यालय) था, बाद में इसे एक शानदार मकबरे में परिवर्तित कर दिया गया। यह मांडू की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
Q4. अशरफी महल का नाम ‘अशरफी’ क्यों रखा गया?
कहा जाता है कि महमूद शाह खिलजी ने इस महल के निर्माण पर अशरफियों (सोने के सिक्कों) की वर्षा की थी, इसी कारण इसका नाम “अशरफी महल” पड़ा।
Q5. अशरफी महल की वास्तुकला कैसी है?
अशरफी महल की वास्तुकला में अफगानी और इस्लामी शैली का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें विशाल सीढ़ियाँ, पत्थर की नक्काशी और ऊँचे गुंबद इसकी शोभा बढ़ाते हैं।
Q6. अशरफी महल में क्या देखने योग्य है?
यहाँ के टूटे हुए स्तंभ, विशाल प्रांगण, जामी मस्जिद का दृश्य और प्राचीन मकबरे के अवशेष दर्शकों को अतीत में ले जाते हैं।
Q7. अशरफी महल घूमने का समय क्या है?
अशरफी महल घूमने का समय सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है।
Q8. अशरफी महल घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन-सा है?
मांडू घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना और ठंडा रहता है।
Q9. अशरफी महल कैसे पहुँचा जा सकता है?
अशरफी महल पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी शहर धार (35 किमी) और इंदौर (95 किमी) हैं। इंदौर से मांडू तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
Q10. क्या अशरफी महल में प्रवेश शुल्क है?
नहीं, अशर्फी महल में प्रवेश करने के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
