बाज बहादुर का महल, मांडू – प्रेम, संगीत और स्थापत्य का अद्भुत संगम
मध्य प्रदेश के धार जिले में बसा मांडू (Mandu) भारत का वह ऐतिहासिक नगर है जो अपनी सुंदरता, स्थापत्य और प्रेम कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। मांडू शहर का एक और स्मारक प्रसिद्ध है और वह है – बाज बहादुर का महल। रानी रूपमती महल के पास में स्थित है और यह महल बहुत ही खूबसूरत तरीके से बना है।
बाज बहादुर का महल मांडू के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जो अपनी सुंदर पहाड़ियों, हरियाली और ऐतिहासिक स्मारकों के बीच एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। इस महल से मांडू शहर का सुन्दर दृश्य देखने के लिए मिलता है और इस महल के ठीक सामने रेवा कुंड बना हुआ है, जो इस जगह को और भी आकर्षक बनाता है। इस लेख में हम बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) के बारे में जानेंगे।
बाज बहादुर महल मांडू की यात्रा (Visit to Baz Bahadur Mahal, Mandu)
बाज बहादुर महल मांडू शहर का एक सुंदर स्मारक है। यह स्मारक रानी रूपमती महल के पास में बना है। आप यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं। यह स्मारक बहुत ही आकर्षक है। यह महल रानी रूपमती महल के जाने के रास्ते में पड़ता है। रानी रूपमती महल आने का रास्ता बहुत ही खूबसूरत है। रास्ते में खूबसूरत खेत, जंगल, और पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं। रास्ते में ढेर सारे प्राचीन स्मारक भी देखने के लिए मिलते हैं। इन स्मारक को देखते हुए, आप बाज बहादुर महल पहुंचते है।
बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) देखने से पहले, रेवा कुंड देखने के लिए मिलता है। रेवा कुंड बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक और इसके पास एक सुंदर सा स्मारक बना हुआ है। रेवा कुंड प्राचीन है और बहुत सुंदर है। रेवा कुंड के पास पूर्व की ओर पहाड़ी पर बाज बहादुर महल स्थित है। बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) की पानी की आपूर्ति रेवा कुंड से की जाती थी।
बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) के पास में पार्किंग की व्यवस्था है, जहां पर आप अपनी बाइक और कार पार्क कर सकते है। यहां पर चौड़ी सीढ़ियां बनी हुई है, जिसके माध्यम से पर्यटक प्रवेश द्वार तक पहुंचाते हैं। महल का प्रवेश द्वार मेहराबदार है और बहुत ही आकर्षक लगता है। इसके ऊपर उर्दू में कुछ लिखा हुआ है।
प्रवेश द्वार से महल के अंदर प्रवेश करने पर, एक सुन्दर गार्डन और गलियारा देखने के लिए मिलता है। इस गलियारा से होते हुए, आगे बढ़ते हुए आप महल के अंदर जाने पर कमरा देख सकते है। महल के अंदर एक छोटा सा जलकुंड भी बना हुआ है, जिसके चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है और यह बरसात में पूरी तरह पानी से भर जाता है। गर्मी के समय इसका पानी सूख जाता है। यह जलकुंड बहुत ही सुंदर लगता है।
इस जलकुंड के पास बहुत सारे लोग फोटो खींचाते हैं। यहां पर फोटो बहुत ही अच्छी आती है। बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) में ऊपर जाने के लिए सीढ़िया बनी हुई है। आप यहां पर ऊपर जाकर मांडू शहर के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं। ऊपर से आपको चारों तरफ खेत का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) के चारों तरफ सुंदर और दूर तक फैले हुए खेतों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप कुछ समय बिताने के बाद, मांडू के अन्य स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
मांडू का प्रसिद्ध रेवा कुंड (The Famous Rewa Kund in Mandu)
मांडू में रेवा कुंड एक आकर्षक स्थल है। यहां पर एक बहुत बड़ी प्राकृतिक झील है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। झील के किनारे प्राचीन ने स्मारक बनाया गया है, जो इसकी सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ता है। रेवा कुंड बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) के पास में बनी हुई है।
रीवा कुंड के बारे में माना जाता है, कि यहां पर रानी रूपमती सुबह-शाम जाकर अपना समय बिताया करती थी और पूजा किया करती थी। इस जगह का कनेक्शन मां नर्मदा जी से माना जाता है। इस कुंड का पानी नर्मदा नदी से आता है। इसलिए आज भी यहां पर बहुत सारे लोग आकर, इस कुंड में डुबकी लगाते हैं और पूजा पाठ करते हैं।
इस कुंड को मां नर्मदा जी के नाम से रेवा कुंड के नाम से जाना जाता है। आप भी इस जगह पर आकर घूम सकते हैं और शांति से समय बिता सकते हैं। यह जगह बहुत ही अच्छी लगती है। प्राचीन समय में, इस कुंड का पानी महलों में सप्लाई भी किया जाता था।
बाज बहादुर महल का इतिहास (Baz Bahadur Mahal History)
बाज बहादुर महल मांडू (Baz Bahadur Mahal Mandu) शहर का एक ऐतिहासिक स्थल है। सुल्तान बाज बहादुर मालवा सल्तनत के आखिरी सुलतान थे। बाज बहादुर के पिता सुजात खान थे और उन्होंने बाज बहादुर को उत्तराधिकारी बनाया था। बाज बहादुर की राजधानी मांडू थी। यह महल रेवा कुंड के पास में बना हुआ है। यह महल वर्षा जल को संग्रहित करने का एक मुख्य उदाहरण है।
यह महल ढलान में बना हुआ है और महल के अंदर एक जलकुंड बनाया गया है, जहां पर वर्षा जल को एकत्र किया जाता था। इस महल की वास्तुकला राजपूत और मुगल है। सुल्तान नसीरुद्दीन द्वारा 1508 में निर्मित, यह महल बाद में मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक बाज बहादुर का निवास स्थान बना, जिन्होंने 1555 से 1561 तक शासन किया।
रानी रूपमती और सुल्तान बाज बहादुर की प्रेम कहानी
बाज बहादुर मालवा के आखिरी स्वतंत्र शासक थे, जिनका असली नाम था नसीरुद्दीन बाज बहादुर। उनका शासनकाल 1555 से 1561 तक रहा। वे संगीत, नृत्य और कला के प्रेमी शासक थे। उनकी प्रेम कहानी रानी रूपमती के साथ इतिहास के पन्नों में अमर हो चुकी है। कहा जाता है कि बाज बहादुर पहली बार रूपमती की मधुर आवाज सुनकर ही उनसे प्रेम करने लगे। बाद में उन्होंने मांडू में यह महल रूपमती के लिए बनवाया, जहाँ वे साथ में संगीत और प्रेम के क्षण बिताते थे।
मुगल बादशाह अकबर के सेनापति आदिल शाह ने जब मांडू पर आक्रमण किया, तब यह प्रेम कथा tragically समाप्त हुई — रानी रूपमती ने आत्महत्या कर ली और बाज बहादुर पराजित हो गए। आज भी इस महल की दीवारें उस अमर प्रेम कहानी की गवाही देती हैं।
स्थापत्य कला – संगीत और सौंदर्य का संगम
बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) स्थापत्य की दृष्टि से अत्यंत सुंदर और संतुलित है। यह महल एक पहाड़ी ढलान पर स्थित है, जिससे चारों ओर के दृश्य अत्यंत मनोहारी दिखाई देते हैं।
मुख्य स्थापत्य विशेषताएँ:
- अफगानी और राजस्थानी वास्तुकला का सुंदर मेल
- विशाल आंगन, बरामदे और मेहराबदार गलियारे
- केंद्रीय हॉल जहाँ संगीत सभाएँ होती थीं
- ऊँचे छतरियाँ (Chhatris) जो राजसी गौरव दर्शाती हैं
- पत्थर की नक्काशीदार दीवारें और झरोखे
महल का मुख्य दरवाज़ा ऊँचे मेहराबों से सुसज्जित है। अंदर प्रवेश करते ही एक बड़ा आंगन (Courtyard) दिखाई देता है जिसके चारों ओर कमरे बने हैं।
इन कमरों का उपयोग रानी रूपमती और बाज बहादुर के निजी निवास के रूप में होता था। महल की एक छत से रूपमती मंडप (Roopmati Pavilion) साफ दिखाई देता है — जहाँ रानी रूपमती नर्मदा नदी के दर्शन करती थीं।
बाज बहादुर महल मांडू की फोटो




बाज बहादुर महल के पास घूमने योग्य स्थल
- रूपमती मंडप: रानी रूपमती का दर्शनी स्थल, जहाँ से वे नर्मदा नदी के दर्शन करती थीं।
- जहाज महल: दो झीलों के बीच बना जलमहल।
- हिंडोला महल: झुकी हुई दीवारों वाला अनोखा महल।
- चंपा बावड़ी: भूमिगत जलाशय और स्नानगृह।
- होशंगशाह का मकबरा: भारत का पहला संगमरमर का मकबरा।
बाज बहादुर महल में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Baz Bahadur Palace)
बाज बहादुर महल (Baz Bahadur Mahal) में घूमने का अच्छा समय ठंड का है। आप यहां पर ठंड में आकर घूम सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं। ठंड का समय सुहावना और अच्छा होता है, जिससे घूमने में कोई भी परेशानी नहीं होती है। आप यहां पर बरसात के मौसम में भी आ सकते हैं।
बरसात का मौसम जुलाई से सितंबर माह तक होता है। बरसात के समय, यहां पर हरी-भरी घटिया और बादलों से घिरा हुआ मांडू शहर देखने के लिए मिलता है। गर्मी में भी यहां पर घूमने के लिए आया जा सकता है, मगर गर्मी में आप यहां पर सुबह एवं शाम के समय आ सकते हैं।
बाज बहादुर महल खुलने का समय और एंट्री शुल्क (Baz Bahadur Mahal Timings and Entry Fee)
⏰ समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
🎟️ टिकट शुल्क:
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भारतीय पर्यटक: ₹25
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विदेशी पर्यटक: ₹300
बाज बहादुर महल कहां पर है (Where is Baz Bahadur Mahal)
बाज बहादुर महल माण्डू (Baz Bahadur Mahal Mandu) शहर में स्थित है। बाज बहादुर महल मांडू में रानी रूपमती महल के पास ही में स्थित है। यह महल मुख्य सड़क में है और यहां पर पार्किंग के लिए जगह है। महल के पास में रेवा कुंड बना हुआ है। यहां पर कार और बाइक से पहुंचा जा सकता है और यहां पर आने के लिए पक्की सड़क है।
कैसे पहुंचे – बाज बहादुर महल तक पहुंचने का मार्ग
सड़क मार्ग: मांडू तक पहुँचने का सबसे आसान तरीका सड़क मार्ग है।
- इंदौर से मांडू की दूरी: लगभग 100 किलोमीटर
- धार से मांडू की दूरी: लगभग 35 किलोमीटर
बसें और टैक्सी दोनों सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन – रतलाम (124 किमी) और इंदौर (100 किमी)
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा – देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर
यात्रा सुझाव (Travel Tips)
- सुबह या शाम के समय जाएँ, धूप से बचें और दृश्य का पूरा आनंद लें।
- मानसून के मौसम में फिसलन से सावधान रहें।
- स्थानीय गाइड लेने से अनुभव और भी रोचक हो जाता है।
- पास ही स्थित रूपमती मंडप को ज़रूर देखें, यह दोनों स्थान एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
- पानी और हल्का स्नैक साथ रखें, क्योंकि मांडू में विकल्प सीमित हैं।
FAQ – बाज बहादुर महल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र.1: बाज बहादुर महल किसने बनवाया था?
उत्तर: यह महल 16वीं शताब्दी में मालवा के शासक बाज बहादुर ने बनवाया था।
प्र.2: बाज बहादुर महल कहाँ स्थित है?
उत्तर: यह मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू कस्बे में स्थित है।
प्र.3: बाज बहादुर महल क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह महल रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी, संगीत परंपरा और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
प्र.4: बाज बहादुर महल घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
उत्तर: अक्टूबर से मार्च और मानसून के महीनों में यह महल सबसे सुंदर दिखता है।
प्र.5: क्या रूपमती मंडप बाज बहादुर महल के पास है?
उत्तर: हाँ, रूपमती मंडप बाज बहादुर महल के बिल्कुल पास स्थित है और दोनों का ऐतिहासिक संबंध है।
निष्कर्ष
बाज बहादुर का महल मांडू सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि प्रेम, संगीत और स्थापत्य का प्रतीक है। यह महल उस दौर की संस्कृति और सौंदर्यबोध को दर्शाता है जहाँ शासक युद्ध के साथ-साथ कला और संगीत के भी संरक्षक थे। यहाँ की हवा में आज भी रानी रूपमती के गीतों की गूँज सुनाई देती है और बाज बहादुर का प्रेम इतिहास के पन्नों में अमर बना हुआ है।
अगर आप इतिहास, स्थापत्य और प्रेम कथाओं में रुचि रखते हैं, तो मांडू का बाज बहादुर महल आपकी यात्रा का एक अनमोल हिस्सा होगा।
