मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Mandir) भारत के सबसे पुराने और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है। नर्मदा नदी के किनारे भेड़ाघाट (Bhedaghat) की पहाड़ियों पर बसा यह मंदिर अपने अद्वितीय वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से नर्मदा नदी और संगमरमर की घाटियों का दृश्य बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
Chausath Yogini Mandir का परिचय
चौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Mandir) भारत के दुर्लभ मंदिरों में से एक है। यह मंदिर जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर बहुत अनोखा है। मंदिर में 64 देवियों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। यह मूर्तियां वर्तमान में खंडित अवस्था में है।
मंदिर के बीच में एक और मंदिर बना हुआ है, जो पूरी तरह पत्थर का बना हुआ है और बहुत खूबसूरत लगता है। इस मंदिर में बारीक़ नक्काशी की गई है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में भगवान शिव जी की बहुत ही दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन होते हैं। इस प्रतिमा में भगवान शिव दूल्हा वेश में विराजमान है। भगवान शिव जी की गोद में माता पार्वती विराजमान है और बहुत सारे देवी देवताओं के प्रतिमा भी यहां पर देखने के लिए मिलती है। मंदिर के बाहर शिवलिंग बना हुआ है।
ऐतिहासिक महत्व
यह मंदिर 10वीं शताब्दी में कल्चुरी वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। चौंसठ योगिनी का अर्थ है 64 देवी शक्तियों का समूह, और मंदिर में इन 64 योगिनियों की मूर्तियां एक वृत्ताकार गलियारे में स्थापित हैं। माना जाता है कि यह मंदिर तांत्रिक साधना और शक्ति उपासना का केंद्र था।
इतिहासकारों का मानना है कि यह मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं बल्कि शिक्षा, साधना और ज्योतिष विद्या का भी केंद्र था। यहां की मूर्तियों में गुप्तकालीन और प्राचीन भारतीय कला की झलक देखने को मिलती है।
वास्तुकला और संरचना
Chausath Yogini Mandir की संरचना गोलाकार है, जिसके चारों ओर पत्थर के खंभों से घिरा गलियारा है। हर खांचे में एक योगिनी की प्रतिमा स्थापित है। बीच में मुख्य मंदिर है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है, और इसकी ऊंचाई से आसपास का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनमोहक लगता है। यहां से आप दूर तक बहती नर्मदा नदी, संगमरमर की चट्टानें और भेड़ाघाट का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।
धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, चौंसठ योगिनियां शक्ति के विभिन्न रूप हैं, जो भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति और आत्मिक शांति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
विशेष रूप से नवरात्रि और शिवरात्रि के समय यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और मंदिर का वातावरण भक्ति और ऊर्जा से भर जाता है।
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चौसठ योगिनी मंदिर कहाँ स्थित है?
- गाँव और जिला: Chausath Yogini Mandir भेड़ाघाट गाँव, जबलपुर, मध्य प्रदेश में स्थित है ।
- भौगोलिक सन्दर्भ: यह नर्मदा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है, जबलपुर से लगभग 25 किमी दक्षिण-पश्चिम की दूरी पर ।
- स्थानीय नाम: इसे कभी-कभी ‘Golaki Math’ (गोलकी मठ) कहा जाता है, क्योंकि इसका गोलाकार स्वरूप है।
Chausath Yogini Mandir (भेड़ाघाट) तक कैसे पहुंचे – विस्तार से जानकारी
1. स्थान और दूरी
- Chausath Yogini Mandir भेड़ाघाट (Bhedaghat) में नर्मदा नदी के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है, जो कि जबलपुर से लगभग 5–25 किलोमीटर की दूरी पर है।
- यह धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Falls) और मार्बल रॉक्स की ओर जाते समय रास्ते में आता है।
64 योगिनी मंदिर सड़क मार्ग कैसे पहुंचे
- जबलपुर से बस, किराए की कैब, या ऑटो रिक्शा द्वारा भेड़ाघाट आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- निजी वाहन से यात्रा करने वाले लोग सीधे पहाड़ी के नीचे स्थित पार्किंग तक पहुंच सकते हैं, जहाँ से मंदिर की ओर पैदल चढ़ाई शुरू होती है।
64 योगिनी मंदिर रेल मार्ग कैसे पहुंचे
- नज़दीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन जबलपुर रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 21 km दूर है।
- यहाँ से आप टैक्सी/ऑटो लेकर भेड़ाघाट पहुँच सकते हैं।
64 योगिनी मंदिर वायु मार्ग से कैसे पहुंचे
- निकटतम हवाई अड्डा है जबलपुर एयरपोर्ट, जो मंदिर से लगभग 20–25 km की दूरी पर है।
- एयरपोर्ट से टैक्सी या कार से सीधे भेड़ाघाट पहुँचना आसान है।
मंदिर तक चढ़ाई
- Chausath Yogini Mandir तक पहुंचने के लिए लगभग 150 सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं—यह सौफ्ट एक्सरसाइज की तरह है, लेकिन बुजुर्ग और घुटने में समस्या वाले लोग सावधानी बरतें।
- मंदिर किसी प्रकार का टिकट शुल्क नहीं मांगता—यह नि:शुल्क खुला रहता है।
- मंदिर के बाहर एंट्री गेट पर प्रसाद की दुकान है, जहां से आप मंदिर में चढ़ने के लिए प्रसाद ले सकते हैं।
Chausath Yogini Mandir आने का सबसे अच्छा समय
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अक्टूबर से मार्च – यह सबसे आदर्श समय है।
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मौसम ठंडा और साफ रहता है, जिससे 150 सीढ़ियों की चढ़ाई आसान लगती है।
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धुआंधार जलप्रपात भी इस समय शानदार रूप में रहता है।
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बरसात (जुलाई–सितंबर) –
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नर्मदा नदी और जलप्रपात का जलस्तर ऊँचा होता है, दृश्य अत्यंत खूबसूरत होते हैं।
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लेकिन सीढ़ियाँ और आसपास के रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं, इसलिए सावधानी ज़रूरी है।
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गर्मी (अप्रैल–जून) –
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दिन में गर्मी बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए यह समय कम अनुकूल है।
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अगर आना हो तो सुबह-सुबह या शाम को आएँ।
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दिन का सही समय
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सुबह 7–10 बजे –
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हल्की धूप, ठंडी हवा और भीड़ कम रहती है।
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फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन रोशनी मिलती है।
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शाम 4–6 बजे –
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सीढ़ियों पर धूप कम रहती है और मंदिर से सूर्यास्त का सुंदर नज़ारा दिखता है।
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सावधानियां
चौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Mandir) और भेड़ाघाट घूमते समय सावधानियां रखना जरुरी है। चलिए देखते है कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए
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सीढ़ियों पर सावधानी
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मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 150 सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं।
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बरसात या सुबह-सुबह सीढ़ियाँ फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए नॉन-स्लिप जूते पहनें।
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धूप और मौसम
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गर्मियों में दोपहर की धूप तेज होती है, इसलिए टोपी/कैप और सनस्क्रीन लगाएँ।
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बरसात में छाता या रेनकोट साथ रखें।
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बुजुर्ग और बच्चे
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बुजुर्गों या घुटनों की समस्या वाले लोगों को चढ़ाई कठिन लग सकती है, इसलिए बीच-बीच में आराम करें।
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बच्चों पर नजर रखें, खासकर सीढ़ियों और ऊँचाई वाले हिस्सों में।
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सामान की सुरक्षा
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कैमरा, मोबाइल या हैंडबैग अच्छे से पकड़ें, क्योंकि पहाड़ी पर हवा तेज हो सकती है।
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स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान
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मंदिर परिसर में शालीन कपड़े पहनें और धार्मिक नियमों का पालन करें।
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यात्रा सुझाव
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सबसे अच्छा समय
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अक्टूबर से मार्च – ठंडा और साफ मौसम, यात्रा और फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त।
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बरसात में दृश्य सुंदर होते हैं, लेकिन फिसलन से सावधान रहें।
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दिन का समय
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सुबह 7–10 बजे या शाम 4–6 बजे सबसे अच्छा रहता है।
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फोटोग्राफी
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गोलाकार मंदिर परिसर और नर्मदा घाटी का ऊपर से नज़ारा कैद करना न भूलें।
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सूर्योदय या सूर्यास्त का दृश्य अद्भुत लगता है।
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आसपास के दर्शनीय स्थल
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यात्रा में धुआंधार जलप्रपात, मार्बल रॉक्स, और नर्मदा नौका विहार को भी शामिल करें।
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पानी और स्नैक्स
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पहाड़ी पर चढ़ने से पहले पानी की बोतल साथ रखें, क्योंकि ऊपर दुकानों की सुविधा सीमित है।
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निष्कर्ष
चौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Mandir) केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। यहाँ की वास्तुकला, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक वातावरण हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देता है।
जब भी आप जबलपुर आएँ, भेड़ाघाट के इस अद्भुत स्थल को अपनी यात्रा सूची में ज़रूर शामिल करें।
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