चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर – दर्शन, यात्रा, इतिहास और महत्व : Beautiful Chintaman Ganesh Mandir Sehore

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चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर – भक्तों की चिंता हरने वाले श्री गणेश का पवित्र धाम

श्री चिंतामन गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थान में से एक है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में सीवन नदी के पास में बना हुआ है। यह मंदिर गणेश जी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में गणेश जी, चिंतामन के रूप में विराजमान है, जो भक्तों की सभी चिंताओं का नाश करते हैं।

यह मंदिर न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं का केंद्र है बल्कि मालवा और नर्मदांचल क्षेत्र के गणेश भक्तों के लिए भी प्रमुख तीर्थस्थल है। माना जाता है कि यहाँ भगवान गणेश स्वयंभू रूप में प्रकट हुए थे, और तभी से यह स्थान “चिंतामन गणेश” नाम से प्रसिद्ध है — अर्थात “जो अपने भक्तों की सभी चिंताएँ हर लेते हैं।”

इस लेख में, हम सीहोर के प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर के बारे में जानेंगे। अगर आप सीहोर में यात्रा कर रहे हैं, तो तो आपको चिंतामन गणेश मंदिर जरूर जाना चाहिए।

श्री चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर की यात्रा (Visit to Shri Chintaman Ganesh Mandir Sehore)

श्री चिंतामन गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थान में से एक है। यह मध्य प्रदेश के भोपाल के पास सीहोर जिले में प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सिवान नदी के पास में बना हुआ है। इस मंदिर में सड़क मार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर में बाइक और कार से आराम से आ सकते हैं। आस-पास गांव के लोग इस मंदिर में ट्रक, ऑटो और ट्रैक्टर बुक करके आते हैं और मंदिर के दर्शन करते हैं। इस मंदिर में लोग आकर मनोकामना मांगते हैं और जिसकी मनोकामना पूरी होती है। वह इस मंदिर में आकर दर्शन करता है और आशीर्वाद प्राप्त करता है।

सीहोर का चिंतामन गणेश मंदिर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore), सीहोर रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर है। यह गणेश मंदिर इंदौर भोपाल हाईवे सड़क से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यहां पर आने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है। यहां पर आने का रास्ता बहुत खूबसूरत है। यहां आने के रास्ते में, हनुमान फाटक मंदिर और भूतेश्वर मंदिर बना है, जो सीहोर के प्रसिद्ध मंदिर है।

सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) में आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। मंदिर के बाहर पार्किंग के लिए बहुत बड़ा स्पेस दिया गया है। मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकान है, जहां पर प्रसाद एवं खाने-पीने के लिए नाश्ता, चाय, कॉफी मिल जाती है। यहां पर मोदक प्रसाद मिलता है, जो गणेश जी को बहुत प्रसिद्ध है। आप यह प्रसाद भी ले सकते हैं और गणेश जी को अर्पित कर सकते हैं।

चिंतामन गणेश मंदिर बहुत सुंदर है और मंदिर के आस-पास का वातावरण आध्यात्मिक है। यहां पर आकर एक अलग अनुभूति होती है। यह मंदिर पेशवाकालीन है। मंदिर बाहर से देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर को गोल्डन कलर से पोता गया है, जिससे मंदिर और भी आकर्षक लगता है। त्योहारों एवं पर्वों के समय मंदिर में बहुत भीड़ लगती है। तब मंदिर में लाइन लगाकर भगवान गणेश जी के दर्शन करने के लिए जाना पड़ता है, मगर अन्य दिनों में मंदिर में काम भीड़ रहती है, जिससे आप भगवान गणेश जी के दर्शन आसानी से कर सकते हैं।

चिंतामन गणेश मंदिर में मंडप बना हुआ है और गर्भ गृह बना हुआ है। गर्भ गृह में भगवान गणेश जी की बहुत ही सुंदर और आकर्षक प्रतिमा के दर्शन किए जा सकते हैं। भगवान गणेश जी की मूर्ति गहनों और फूलों से सुसज्जित है और बहुत ही आकर्षक लगती है। गणेश जी की प्रतिमा के आजू-बाजू में माता रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमा विराजमान है।

गणेश मंदिर का पूरा गर्भ गृह कांच से सजाया गया है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है।यहां पर रंग-बिरंगे कांच लगे हुए हैं। मंदिर में कांच से फूल पत्ती और अन्य डिजाइन बने हुए हैं, जो इस जगह को और भी आकर्षक बनाते हैं। यहां पर कांच से भगवान शिव का शिवलिंग और उनकी आकृति बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है।

चिंतामन गणेश जी के दर्शन करने के बाद, बाहर आने पर बरगद का एक विशाल पेड़ लगा है। बरगद के पेड़ के नीचे श्री बटुकेश्वर श्रीधन कुबेर मंदिर बना है। यहां पर कुबेर महाराज जी विराजमान है। यहां पर हनुमान जी और काल भैरव जी की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है। यहां पर लोहे की जालियां लगी हुई है। आप यहां पर कुबेर, हनुमान जी और काल भैरव के दर्शन करके आगे जा सकते है।

आगे जाने पर मंदिर की दीवार में बने हुए स्वास्तिक दिखाई देते हैं। यहां पर ढेर सारे स्वास्तिक बने हुए हैं। लोगों के अनुसार यहां पर उल्टे स्वास्तिक बनाए जाते हैं और मनोकामना मांगी जाती है और जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तब यहां पर जाकर दोबारा सीधा स्वास्तिक बनाया जाता है। यहां पर बहुत सारी स्वास्तिक दीवार पर बनाए गए हैं। पूरी दीवार ही स्वास्तिक से भर गई है।

इस मंदिर में दर्शन करके बहुत अच्छा लगता है। मन को शांति लगती है। यहां आपकी जो भी चिंता रहती है। वह दूर हो जाती है। मंदिर की परिसर में आप कुछ टाइम बैठ सकते हैं और अच्छा अनुभव कर सकते हैं। मंदिर के पास में ही दुकानें बनी हुई है, जहां पर चाय कॉफी मिलती है। यहां पर दुकानों में मोदक मिलता है, जो बहुत प्रसिद्ध है और बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।

आप यहां पर मोदक जरूर खाएं। यहां पर गांव वाले ताजा फल और बेरी लेकर बैठते और बेचते हैं। आप वह भी ले सकते हैं और खा सकते है। यह मंदिर आस्था का पवित्र केंद्र है और यहां पर आकर अच्छा लगता है। अगर आप सीहोर में यात्रा कर रहे हैं, तो इस मंदिर में जरूर आए।

चिंतामन गणेश मंदिर का इतिहास और उत्पत्ति (History and Origin of the Chintaman Ganesh Mandir Sehore)

चिंतामन गणेश मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है। माना जाता है, कि इस मंदिर में राजा विक्रमादित्य पूजा करने के लिए आते थे और प्रारंभिक मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य के द्वारा ही करवाया गया था। बाद में यह मंदिर परमार वंश के राजाओं के द्वारा पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर में स्थित श्री गणेश की प्रतिमा स्वयंभू (स्वतः प्रकट) मानी जाती है, अर्थात इसे किसी मानव ने नहीं बनाया।

पौराणिक कथा के अनुसार: त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे, तब उन्होंने अपने राज्याभिषेक से पहले इस स्थल पर रुककर गणेश जी की आराधना की थी। भगवान गणेश ने प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया कि “जो भी यहाँ आकर मेरी पूजा करेगा, उसकी चिंता समाप्त होगी।” तब से इस स्थान को “चिंतामन गणेश” कहा जाने लगा।

मंदिर की संरचना और स्थापत्य कला

मंदिर का निर्माण प्राचीन शिल्पकला के अनुसार पत्थर और चूने से किया गया है। मंदिर का प्रवेश द्वार विशाल और आकर्षक है, जिस पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर का गर्भ ग्रह बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर के गर्भ ग्रह में गणेश जी की सुंदर लाल रंग की प्रतिमा विराजमान है, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र है। उनकी सूंड दाएँ दिशा में मुड़ी हुई है, जो विशेष रूप से सिद्धि और शक्ति का प्रतीक मानी जाती है। गणेश जी के साथ रिद्धि और सिद्धि देवी की मूर्तियाँ भी हैं।

सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर का धार्मिक महत्व

भगवान चिंतामन गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और चिंता हरने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहाँ आकर गणेश जी से प्रार्थना करता है, उसकी सभी समस्याएँ और बाधाएँ दूर हो जाती हैं। यह मंदिर नवविवाहित जोड़ों, विद्यार्थियों, और व्यापारियों के लिए विशेष रूप से पूजनीय है। लोग यहाँ आकर नए कार्यों की शुरुआत से पहले गणेश जी का आशीर्वाद लेते हैं।

सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर में पूजा पाठ और आरती समय

मंदिर में प्रतिदिन तीन बार पूजा होती है –

  1. प्रातःकाल आरती – सुबह 6:00 बजे
  2. दोपहर आरती – 12:00 बजे
  3. सायं आरती – शाम 7:00 बजे

गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहाँ विशेष पूजा, भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। श्रद्धालु इस दिन पूरे क्षेत्र से यहाँ आते हैं और लड्डू व मोदक का प्रसाद चढ़ाते हैं।

चिंतामन गणेश मंदिर की फोटो

Chintaman Ganesh Mandir Sehore
चिंतामन गणेश मंदिर
Chintaman Ganesh Mandir Sehore
श्री धन कुबेर मंदिर

चिंतामन गणेश मंदिर में प्रमुख उत्सव और आयोजन

  1. गणेश चतुर्थी (भाद्रपद मास) – यहाँ 10 दिनों का भव्य मेला लगता है। मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। हर दिन भजन संध्या और आरती में हजारों भक्त शामिल होते हैं।
  2.  संकष्टी चतुर्थी – हर महीने के इस विशेष दिन पर भक्त व्रत रखकर भगवान चिंतामन गणेश का दर्शन करते हैं।
  3.  दुर्गा नवमी और दीपावली – इन पर्वों पर भी मंदिर में विशेष पूजा और प्रसाद वितरण होता है।

चिंतामन गणेश मंदिर कहां पर स्थित है – Where is Chintaman Ganesh Temple

चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) जिले का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) जिले में गोपालपुर गांव में स्थित है। यह मंदिर सिवान नदी के पास में बना है। चिंतामन गणेश मंदिर, सीहोर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) शहर के मुख्य मार्ग से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

यह मंदिर सीहोर-भोपाल रोड के पास शांत और सुंदर परिवेश में स्थित है। इस मंदिर तक गाड़ी और कार से आराम से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए पक्की सड़क है। मंदिर के पास पार्किंग के लिए बहुत बड़ा ही जगह है। यहां पर निशुल्क पार्किंग की जा सकती है।

चिंतामन गणेश मंदिर का गूगल मैप लोकेशन

चिंतामन गणेश मंदिर कैसे पहुंचे (How to Reach Chintaman Ganesh Temple)

चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) जिले में सीवन नदी के किनारे बना हुआ है। यह मुख्य हाइवे मार्ग से करीब 2 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यहां पर आप बाइक और कार से आ सकते हैं।

रेल मार्ग : अगर आप चिंतामन गणेश मंदिर रेल मार्ग से आ रहे हैं, तो सीहोर जिले में रेलवे स्टेशन बना हुआ है, जो अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर किसी भी शहर से आ सकते हैं और उसके बाद चिंतामन गणेश मंदिर में ऑटो के द्वारा पहुंच सकते हैं। सीहोर रेलवे स्टेशन से चिंतामन गणेश मंदिर करीब 3 किलोमीटर दूर है।

सड़क मार्ग से: सीहोर, भोपाल (35 किमी), इंदौर (120 किमी), और उज्जैन (100 किमी) से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। NH-46 हाईवे के ज़रिए आसानी से मंदिर पहुँचा जा सकता है।

हवाई मार्ग से: निकटतम एयरपोर्ट – राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, भोपाल, जो लगभग 45 किमी दूर है। आप अन्य शहरों से हवाई मार्ग के द्वारा भोपाल आ सकते हैं और उसके बाद चिंतामन गणेश मंदिर जा सकते हैं।

ठहरने की सुविधा

सीहोर में ठहरने के लिए कई अच्छे होटल और धर्मशालाएँ हैं।

  • एमपी टूरिज्म गेस्ट हाउस
  • स्थानीय धर्मशालाएँ (जैसे श्री गणेश भक्त निवास)
  • बजट होटल और लॉज

त्योहारों के समय पहले से बुकिंग करवाना बेहतर रहता है।

चिंतामन गणेश मंदिर का वातावरण और दर्शन अनुभव

चिंतामन गणेश मंदिर के आसपास का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण है। सुबह और शाम के समय मंदिर की घंटियों की ध्वनि और भजन की गूंज पूरे क्षेत्र में गूंजती है। नर्मदा घाट के समीप होने के कारण यहाँ का वातावरण शुद्ध और दिव्य लगता है। मंदिर के बाहर प्रसाद, फूल, नारियल और मोदक की दुकानें लगी रहती हैं। भक्त यहाँ परिक्रमा करते हुए “जय श्री गणेश देवा” का जाप करते हैं।

चिंतामन गणेश मंदिर की विशेषताएँ

  • भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति
  • सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई – दुर्लभ रूप।
  • मंदिर परिसर में अखंड दीप प्रज्वलित।
  • गणेश चतुर्थी पर 10 दिनों का भव्य मेला
  • मंदिर से पास ही सीहोर का ऐतिहासिक किला और अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं।

आसपास घूमने की जगहें

  1. हनुमान टेकरा मंदिर – शहर के ऊपर स्थित प्राचीन स्थल।
  2. सीहोर किला – मराठा कालीन स्थापत्य का उदाहरण।
  3. श्री नर्मदा मंदिर – नदी किनारे शांत स्थान।
  4. कुबेरेश्वर महादेव मंदिर – सीहोर का प्रसिद्ध शिवधाम।
  5. सीहोर में घूमने की जगह
  6. भोपाल में घूमने की जगह

धार्मिक संदेश

भगवान चिंतामन गणेश का यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और शांति का प्रतीक है। भक्त मानते हैं कि यहाँ आकर उन्हें मन की शांति, सफलता और भयमुक्त जीवन का आशीर्वाद मिलता है। माँ नर्मदा के आशीर्वाद और गणपति बप्पा की कृपा से यह स्थान एक आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है।

चिंतामण गणेश मंदिर सीहोर (Chintaman Ganesh Mandir Sehore) – FAQ (Frequently Asked Questions)

1. चिंतामण गणेश मंदिर कहाँ स्थित है?
चिंतामण गणेश मंदिर, सीहोर जिले में स्थित है। यह शहर के मुख्यालय से लगभग 3 किमी दूर गोपालपुर गाँव के पास पश्चिम-उत्तरी दिशा में स्थित है।

2. इस मंदिर का इतिहास क्या है?
यह मंदिर 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने यहाँ श्री गणेश मूर्ति की पूजा करने आते थे। मूर्ति स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है, अर्थात इसे मनुष्य ने नहीं बनाया। बाद में मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम ने इसका नवीनीकरण कराया था।

3. मंदिर के खुलने और बंद होने का समय क्या है?
समय: सुबह 6:00 AM से दोपहर 12:00 PM तक और शाम 5:00 PM से रात 9:00 PM तक। (त्योहारों के समय समय-सारणी में परिवर्तन हो सकता है।)

4. मंदिर से जुड़ी मुख्य मान्यताएँ क्या हैं?
यहाँ पूजा करने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते। भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना से उल्टा स्वस्तिक बनाते हैं। जब मुराद पूरी हो जाती है, तो सीधा स्वस्तिक बनाकर आभार व्यक्त करते हैं। गणेश मूर्ति का अधभाग जमीन के अंदर धंसा हुआ है, जो इसे अद्भुत बनाता है।

5. मंदिर में सबसे अधिक भीड़ कब होती है?
हर बुधवार को यहाँ विशेष पूजा होती है और भक्तों की भीड़ रहती है। गणेश चतुर्थी और अंगारकी चतुर्थी पर विशाल उत्सव और मेला आयोजित होता है।

6. चिंतामण गणेश मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
🚆 रेलमार्ग: सीहोर रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 3 किमी दूर है।
🚌 सड़कमार्ग: भोपाल से सीहोर लगभग 35 किमी है — NH-86 मार्ग से सुविधाजनक पहुँच।
✈️ वायुमार्ग: निकटतम एयरपोर्ट भोपाल का राजा भोज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

7. दर्शन और यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय कौन-सा है?
सुबह के समय (6 से 9 बजे) सबसे शांत और पवित्र वातावरण होता है। अगस्त-सितंबर (गणेश चतुर्थी) या सर्दियों के मौसम में यात्रा आदर्श रहती है।

8. चिंतामण गणेश मंदिर के आसपास कौन-से दर्शनीय स्थल हैं?
चिंतामण गणेश मंदिर के आसपास कौन-से दर्शनीय स्थल – सीहोर का हनुमान टेकरी मंदिर, राम मंदिर, सीहोर तालाब, श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्यान।

9. यहाँ कौन-से भोग या प्रसाद चढ़ाए जाते हैं?
यहां मोदक, लड्डू, दूर्वा और लाल फूल मुख्य भोग रूप में चढ़ाए जाते हैं। बुधवार के दिन विशेष मोदक भोग का आयोजन होता है।

10. मंदिर में क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
मंदिर परिसर में पार्किंग सुविधा, जल-व्यवस्था, और प्रसाद दुकानें उपलब्ध हैं। मुख्य द्वार के पास शौचालय और आराम क्षेत्र भी हैं।

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