Top 16 Beautiful Chitrakoot me Ghumne ki Jagah – चित्रकूट के 16 प्रमुख पर्यटन स्थल और उनकी खासियतें

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Chitrakoot me ghumne ki Jagah– चित्रकूट के दर्शनीय स्थल और चित्रकूट यात्रा गाइड

परिचय

चित्रकूट मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा हुआ एक छोटा सा शहर है। चित्रकूट शहर अपने धार्मिक महत्व के कारण पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। चित्रकूट के बारे में मान्यता है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल का अधिकांश समय चित्रकूट में बिताया था। यहां पर बहुत सारी जगह है, जो श्री राम से संबंधित है।
चित्रकूट का प्राकृतिक सौंदर्य, पवित्र नदियाँ, धार्मिक तीर्थ स्थल, झरने और आश्रम, इसे पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव देते है। यह जगह आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य दोनों का अद्भुत संगम है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको चित्रकूट के बारे में जानकारी देंगे, कि चित्रकूट में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है, जहां पर आप घूम कर अच्छा समय बिता सकते हैं। चित्रकूट में क्या फेमस है, चित्रकूट में ठहरने की जगह, चित्रकूट में खाने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है, चित्रकूट में धर्मशाला कौन सी है, जहां पर आप ठहर सकते हैं। इन सभी की जानकारी आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मिलेगी।

चित्रकूट का इतिहास और महत्व (History and Importance of Chitrakoot)

चित्रकूट भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। चित्रकूट का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।

  1. रामायण से संबंध: चित्रकूट का रामायण से संबंध माना जाता है, माना जाता है कि यहां पर भगवान श्री राम अपने वनवास काल के दौरान चित्रकूट आए थे और उन्होंने यहां पर अपने 14 वर्ष के वनवास काल में से 13 वर्ष चित्रकूट में बिताया था। चित्रकूट में बहुत सारे स्थान हैं, जो भगवान श्री राम से संबंधित है, जहां पर भगवान श्री राम और माता सीता के चरण पड़े हैं। आप चित्रकूट में जाकर इन सभी स्थलों में घूम सकते हैं और इन सभी स्थलों की हिस्ट्री जान सकते हैं।
  2. ऋषियों की तपोभूमि: यहाँ कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या की थी। चित्रकूट में बहुत सारे साधु संत ने तपस्या की है। आज भी अगर आप चित्रकूट के जंगलों के अंदर जाते हैं, तो आपको बहुत सारे साधु संत देखने के लिए मिलते हैं, जो यहां पर एकांत में रहकर तपस्या करते हैं।
  3. ऐतिहासिक महत्व : चित्रकूट में और चित्रकूट के आसपास आपको ढेर सारे प्राचीन महल और स्मारक देखने के लिए मिलते हैं, जो चित्रकूट के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।

Chitrakoot me ghumne ki Jagah – चित्रकूट के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल

चित्रकूट में घूमने के लिए बहुत सारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है, जहां पर जाकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। चलिए जानते हैं – चित्रकूट में घूमने के प्रमुख स्थानों के बारे में

1. कामदगिरि पर्वत चित्रकूट (Kamadgiri Parvat Chitrakoot)

कामदगिरि पर्वत चित्रकूट के प्रमुख धार्मिक स्थान में से एक है। माना जाता है कि भगवान श्री राम ने कामदगिरि पर्वत पर अपना समय बिताया था और कामदगिरि पर्वत को आशीर्वाद दिया था, कि जो भी चित्रकूट में आकर तुम्हारी आराधना करेगा। तुम उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करोगे। लोग चित्रकूट में आते हैं और कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते हैं। कामदगिरि परिक्रमा पथ 5 किलोमीटर लंबा है और प्रतिदिन श्रद्धालु यहां पर आकर परिक्रमा करते हैं।

कामदगिरि पर्वत की खासियत

  • चित्रकूट का सबसे पवित्र स्थल है।
  • मान्यता है कि भगवान राम ने यहीं निवास किया था।
  • श्रद्धालु पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
  • कामदगिरि पर्वत परिक्रमा मार्ग पर ढेर सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।

2. श्री कामतानाथ मंदिर, चित्रकूट (Shri Kamtanath Temple, Chitrakoot)

कामतानाथ मंदिर पर्वत के पास में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। कामतगिरी पर्वत की यात्रा यहीं से शुरू होती है। श्रद्धालु सबसे पहले मंदिर जाकर भगवान कामतनाथ के दर्शन करते हैं और उसके बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा शुरू करते हैं। जो इसी स्थान से शुरू होकर कामद गिरि पहाड़ी का एक चक्कर लगाकर उसी स्थान पर समाप्त होती है। इसकी कुल दूरी 5 किमी है और इसमें 1.5-2 घंटे लगते हैं।

कामदगिरि मंदिर बहुत ही प्राचीन है और बहुत अच्छी तरीके से बनाया गया है। मंदिर परिसर में ढेर सारे देवी देवता विराजमान है। मंदिर परिसर की मुख्य गर्भगृह में कामतनाथ जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

कामतानाथ मंदिर की खासियत

  • जो भी श्रद्धालु चित्रकूट आते हैं। वह सबसे पहले कामतगिरी पर्वत पर जाकर कामता नाथ के दर्शन करते हैं। उसके बाद यात्रा शुरू करते हैं। कामतानाथ के दर्शन के बिना चित्रकूट की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
  • कामतानाथ मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है। यहां पर आपको भगवान श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं।

3.रामघाट चित्रकूट (Ram Ghat Chitrakoot)

रामघाट चित्रकूट में घूमने के लिए पवित्र स्थान में से एक है। रामघाट के बारे में कहा जाता है, कि भगवान श्री राम ने वनवास काल के दौरान इस जगह पर स्नान किया था। यहां पर मंदाकिनी नदी बहती है, जिसके दोनों किनारो पर सुंदर घाट बना हुआ है। वर्तमान समय में आप यहां पर जाकर घूम सकते हैं और घाट के किनारे ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं।

रामघाट की खासियत

  • मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है।
  • यहाँ भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने स्नान किया था।
  • सुबह और शाम की आरती बेहद मनमोहक होती है।
  • रामघाट के किनारे ढेर सारी मंदिर बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं।
  • रामघाट के किनारे मार्केट लगता है, जहां पर आप शॉपिंग कर सकते हैं।
  • रामघाट के किनारे तुलसी मंदिर बना हुआ है, जहां पर जाकर आप तुलसी जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर शाम के समय आरती होती है, जिसमें आप भाग ले सकते हैं।

3. भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट (Bharat Milap Mandir, Chitrakoot)

भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट के पास कामतगिरी पर्वत परिक्रमा मार्ग पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। भारत मिलाप मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस स्थल में भगवान श्री राम जी से भरत की मिलने के लिए आए थे और भरत जी ने राम जी से मिलकर उन्हें अयोध्या के सिंहासन पर वापस लौटने के लिए राजी किया था। चारों भाइयों के मिलन से यह जगह इतना भावपूर्ण हो गया था, की चट्टानें और पहाड़ भी पिघल गई थी। आज भी इन चट्टानें में श्री राम और उनके भाईयों के चरण चिन्ह इन चट्टानों देखे जा सकते है।

भरत मिलाप मंदिर की खासियत

  • यह वह स्थान है जहाँ भरत जी ने भगवान राम से मिलने के बाद अयोध्या का सिंहासन उनके चरणों में समर्पित किया।
  • यहाँ हर साल रामलीला का आयोजन होता है।

4.लक्ष्मण पहाड़ी (Lakshman Hill)

लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट में देखने लायक स्थलों में से एक प्रमुख है। यह कामदगिरि परिक्रमा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो भगवान लक्ष्मण को समर्पित है। कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर एक पहाड़ी है। इस पहाड़ी में जाने के लिए सीढ़ियों का मार्ग और रोपवे की सुविधा है। आप इस पहाड़ी में जाकर, पहाड़ी के चारों तरफ प्रकृतिक दृश्य का आनंद ले सकते हैं।

इस पहाड़ी के बारे में मान्यता है, कि वनवास काल के दौरान भगवान लक्ष्मण ने माता सीता और भगवान राम की सुरक्षा हेतु यहां पर पहरा दिया था। उन्होंने अपने बड़े भाई राम और माता सीता जी को रात्रि के समय रक्षा करने के लिए, अपनी नींद को त्याग दिया था और वह यहां पर पहरा दिया करते थे।

लक्ष्मण पहाड़ी की खासियत

  • वर्तमान समय में यहां पर एक सुंदर मंदिर बना हुआ है, जहां पर श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण की प्रतिमा के दर्शन किए जा सकते हैं।
  • यह स्थान कामता नाथ जी की परिक्रमा मार्ग पर स्थित है।
  • पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान से श्रीराम और सीता जी की रक्षा की थी।
  • यहाँ से चारों ओर का मनमोहक प्राकृतिक दृश्य दिखाई देता है।
  • यहां पर सूर्यास्त का बहुत सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
  • यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए आस्था व आकर्षण का केंद्र है।

5. राम शैय्या चित्रकूट (Ram Shaiya Chitrakoot)

राम शैय्या चित्रकूट के पास घूमने की एक मुख्य स्थान में से एक है। यह स्थल भरत कूप की तरफ जाने वाले मार्ग से चित्रकूट से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर आप सड़क मार्ग से ऑटो के द्वारा आसानी से आ सकते हैं। ये जगह श्री राम जी से संबंधित है।
माना जाता है, कि यहां पर श्री राम जी ने विश्राम किया था। यहां पर एक बड़ी सी शिला है, जिसमें भगवान श्री राम के पदचिन्ह साथ-साथ भगवान राम के धनुष के निशान भी बने हुए हैं। यहां पर श्री राम जी और माता सीता ने विश्राम और निद्रा किया था।

राम शैय्या की खासियत

  • यहां पर एक मंदिर बना हुआ है, जहां पर श्री राम जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
  • मंदिर के आसपास का वातावरण अच्छा है। यहां पर चारों तरफ पहाड़ी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
  • यहां पर आकर आध्यात्मिक शांति मिलती है। यहां पर आपको 5 मिनट बैठकर भगवान श्री राम का नाम जपना चाहिए। आपको यहां पर और भी अच्छा लगेगा।
  • यह चित्रकूट में अवश्य देखने लायक स्थान है। आपके यहां पर जरूर आना चाहिए और इस स्थान को देखना चाहिए।

6. भरतकूप मंदिर चित्रकूट (Bharatkoop Temple Chitrakoot)

भरतकूप मंदिर चित्रकूट के पास घूमने के लिएएक प्रसिद्ध स्थान में से एक है। भरत कूप मंदिर की यात्रा के बिना चित्रकूट की यात्रा अधूरी मानी जाती है। भरतकूप मंदिर चित्रकूट से 18 किलोमीटर पश्चिम की तरफ स्थित है।

भरतकूप के बारे में माना जाता है, कि जब भगवान राम को वनवास जाना पड़ा था। तो उनके छोटे भाई भरत जी, राम जी को अपना उत्तराधिकारी मानते थे और उन्हें अयोध्या वापस लौटने के लिए और राजगद्दी स्वीकार करने के लिए चित्रकूट गए। भरत जी ने राम जी का राज्याभिषेक करने के लिए पवित्र नदियों से जल इकट्ठा किया था।

मगर राम जी ने अपने पिता के निर्देशों का पालन करते हुए लौटने से मना कर दिया। तब भरत जी ने ऋषि अत्रि से सलाह पर सभी पवित्र नदी का जल यहां बने एक कुए में डाला दिया। जिससे यह कूप भरतकूप के नाम से प्रसिद्ध है। आज यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और भरतकूप के दर्शन करते हैं और इससे स्नान करते हैं। माना जाता है कि इससे स्नान करने से सभी प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं।

भरतकूप मंदिर की खासियत

  • यहां पर एक कुआं बना हुआ है, जो पवित्र है और इस पवित्र जल से सभी लोग स्नान करते हैं। इस पवित्र जल को लोग अपने साथ घर में लेकर जाते हैं।
  • भरतकूप के पास में मंदिर बना हुआ है, जो चारों भाइयों को समर्पित है। इसमें आप चारों भाइयों के दर्शन कर सकते हैं।
  • यहां पर हनुमान जी का मंदिर भी बना हुआ है।
  • भरतकूप मंदिर के बाहर होटल बना हुआ है, जहां पर खाने-पीने की व्यवस्था है। अगर आप दूर से आते हैं, तो यहां पर खाना पीना कर सकते हैं।

7. जानकी कुंड चित्रकूट (Janaki Kund Chitrakoot)

जानकी कुंड चित्रकूट के एक प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे बना एक सुंदर स्थल है। यहां पर आप आकर सीता माता के चरण चिन्ह देख सकते हैं। यहां पर सीता माता के चरण चिन्ह चट्टान पर उभरे हुए हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं।
माना जाता है, कि यहां पर माता सीता जी स्नान किया करती थी। इसलिए इस जगह को जानकी कुंड के नाम से जाना जाता है। यह जगह बहुत सुंदर है और यहां पर आकर अच्छा लगता है।

जानकी कुंड की खासियत

  • जानकी कुंड के चारों तरफ प्राकृतिक वातावरण देखने के लिए मिलता है। यहां पर मंदाकिनी नदी बहती है। यहां पर चट्टानें हैं और यहां का माहौल बहुत ही अच्छा है।
  • यहां पर नहाने की व्यवस्था है। यहां पर आप नहा सकते हैं और बैठकर आप कुछ समय बिता सकते हैं।
  • जानकी कुंड के आसपास ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।

8.राम दर्शन चित्रकूट (Ram Darshan Chitrakoot)

राम दर्शन चित्रकूट के प्रमुख स्थलों में से एक है। राम दर्शन चित्रकूट में चित्रकूट विश्वविद्यालय के पास मुख्य रोड में बना हुआ है। राम दर्शन में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर रामायण और श्री राम जी से संबंधित बहुत सारी वस्तुएं और मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत ही अद्भुत लगती है। इन मूर्तियों को देखकर ऐसा लगता है, कि यह मूर्तियां जीवंत है और अभी ही बोल पड़ेंगी। इन मूर्तियों में रामायण के बहुत सारे दृश्यों को दिखाया गया है।

राम दर्शन की खासियत

  • राम दर्शन चित्रकूट में मुख्य सड़क में स्थित है। यहां पर आप ऑटो से आ सकते हैं और मंदिर में घूमने के लिए जा सकते हैं।
  • यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे फूलों वाले प्लांट लगे हुए हैं। इसके अलावा यहां पर औषधि गार्डन बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे औषधि वाले पौधे लगे हुए हैं।
  • यहां पर हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है।
  • यहां पर श्री राम जी से संबंधित ढेर सारी वस्तु है। यहां पर विभिन्न देशों में रामायण के अलग-अलग वर्जन देखने के लिए मिलते हैं, जो अलग-अलग भाषाओं में लिखे गए हैं।

9. स्फटिक शिला चित्रकूट (Sphatik Shila Chitrakoot)

स्फटिक शिला चित्रकूट के पास मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित एक प्राकृतिक जगह है। ये जगह बहुत सुंदर और हरियाली से भरपूर है। यहां पर एक बड़ा सा चिकन पत्थर है, जिसमें भगवान श्री राम के चरण चिन्ह को देखा जा सकता है। माना जाता है, कि यहां पर भगवान श्री राम जी और माता सीता जी ने अपना अधिकांश समय बिताया था और प्रकृति के नजरों को एंजॉय करते थे। यहां पर श्री राम जी माता सीता जी का श्रृंगार किया करते थे।

स्फटिक शिला की खासियत

  • यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर मंदाकिनी नदी का दृश्य बहुत ही आकर्षक है। यहां पर मंदाकिनी नदी बहुत गहरी है और मंदाकिनी नदी में ढेर सारी मछलियां है। नदी के किनारे ही बड़ी चट्टान है, जहां पर पंडित जी बैठे रहते हैं और इस जगह के बारे में कहानी सुनाते हैं।
  • यहां पर भगवान श्री राम का मंदिर भी बना हुआ है, जहां पर आप जाकर भगवान श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं।
  • यहां पर बहुत सारे बंदर हैं, जो यहां पर उछल कूद करते रहते हैं। आप बंदरों को यहां पर खाना भी खिला सकते हैं। यहां पर ढेर सारी गाय भी हैं।

10. गुप्त गोदावरी चित्रकूट (Gupt Godavari Chitrakoot)

गुप्त गोदावरी चित्रकूट में घूमने के सबसे सुंदर और अद्भुत स्थान में से एक है। गुप्त गोदावरी चित्रकूट से करीब 15 किलोमीटर दूर पहाड़ियों और घाटियों से घिरी एक सुंदर जगह है। यहां पर दो गुफाएं बनी हुई है, जो प्राकृतिक रूप से निर्मित है।

यहां पर एक गुफा बहुत सकरी है और यहां पर गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है, इसलिए इस जगह को गुप्त गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के रूप में माना जाता है और यहां पर हमेशा पानी भरा रहता और पानी की धार बहती रहती है। नदी के उद्गम स्थल देखने के लिए, आपको घुटनों तक पानी तक चल कर जाना पड़ता है।

इसके अलावा एक गुफा यहां पर बहुत बड़ी है और हवादार है। यहां पर भगवान श्री राम जी अपने वनवास काल के दौरान दरबार लगाया करते थे। यहां पर आप भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्ति देख सकते हैं। यहां पर शिव जी का मंदिर बना है। यहां पर और भी ढेर सारे स्थल बने हुए हैं, जिनके बारे में अलग-अलग कथा कही जाती है।

गुप्त गोदावरी की खासियत

  • गुप्त गोदावरी चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरा है। यहां पर आपको चारों तरफ पहाड़ियों और पेड़ पौधे का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर अच्छा लगता है।
  • गुप्त गोदावरी में जाने के रास्ते की तरफ ढेर सारे दुकानें बनी हुई है, जहां से आप सामान खरीद सकते हैं। यहां पर आप प्रसाद और अन्य घर के सामान की सामग्री ले सकते हैं।
  • यहां पर खाने-पीने की भी बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं। अगर आपने खाना पीना नहीं खाया है, तो यहां पर होटल बने हुए हैं, जहां पर आप खाना खा सकते हैं।
  • ये गुफाएँ चित्रकूट के सबसे आकर्षक स्थलों में से हैं।

11. सती अनसूया आश्रम चित्रकूट (Sati Anasuya Ashram Chitrakoot)

सती अनसूया आश्रम चित्रकूट में घूमने के प्राकृतिक और धार्मिक स्थान में से एक है। यह मंदिर घने जंगलों के अंदर मंदाकिनी नदी के किनारे बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए अच्छा मार्ग बना हुआ है। इस जगह पर एक भव्य आश्रम बना हुआ है, जहां पर ब्राह्मणों को शिक्षा दी जाती है। यहां पर बड़े से मंदिर में ढेर सारी मूर्तियां पेंटिंग बनी हुई है, जिन्हें आप देख सकते हैं।

माना जाता है कि इसी स्थल पर मंदाकिनी नदी का उद्गम हुआ है। आप मंदाकिनी नदी के उद्गम स्थल को देख सकते हैं। यह जगह सती अनसूया का आश्रम थी, जहां पर सती अनसूया मां ने माता सीता को पतिव्रता होने का पाठ पढ़ाया था। यहां पर आकर आप सती अनसूया जी और माता सीता जी की ढेर सारी मूर्तियां देख सकते हैं।

सती अनसूया आश्रम की खासियत

  • यहां पर ढेर भगवान की मूर्तियां और पेंटिंग देखी जा सकती हैं, जो बहुत ही अच्छी लगती है।
  • मंदिर के बाहर मंदाकिनी नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां पर आप कुछ समय बैठकर नदी के सुंदर दृश्य को अपनी मेमोरी में कैद कर सकते है।
  • अगर आपको शॉपिंग करना है, तो यहां पर ढेर सारी दुकान है, जहां से आप सामान ले सकते हैं। यहां पर बच्चों के खिलौने और धार्मिक वस्तुएं मिलती हैं।
  • यहां पर खाने-पीने की ढेर सारी दुकान है। अगर आप खाना पीना चाहते हैं या चाय नाश्ता करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं।
  • यहां पर ढेर सारे बंदर भी हैं, जो उछल कूद करते रहते हैं।
  • यह आश्रम ऋषि अत्रि और माता अनुसूया से जुड़ा है।
  • वातावरण बेहद शांत और प्राकृतिक है।

12. हनुमान धारा चित्रकूट (Hanuman Dhara Chitrakoot)

हनुमान धारा चित्रकूट के पास घूमने का एक सुंदर और आकर्षक स्थान है। हनुमान धारा चित्रकूट में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर जाने के लिए रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप सीढ़ियों से भी जा सकते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि जब भगवान हनुमान जी ने लंका पर आग लगाई थी और उनकी पूछ जल गई थी। तब हनुमान जी को बहुत जलन हो रही थी और अपनी जलन को मिटाने के लिए वह इस जगह पर आए थे। तब यहां पर एक पहाड़ों के बीच से एक जल धारा फूटी थी, जिसके कारण हनुमान जी की जलन शांत हुई थी। यहां पर आकर आप उस धारा को देख सकते हैं। यहां पर प्राचीन मंदिर, झरना, सीता रसोई और ढेर सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

हनुमान धारा की खासियत

  • हनुमान धारा ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां का रास्ता बहुत ही एडवेंचरस रहता है। आप यहां पर जाकर एडवेंचर करना चाहते हैं, तो सीढ़ियां से जा सकते हैं और आसपास के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
  • मंदिर के सबसे ऊपरी सिरा से नीचे का दृश्य देखना बहुत ही मजेदार रहता है। यहां पर आपको दूर-दूर तक का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
  • बरसात के समय यहां पर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। इस जलप्रपात को नरसिंह धारा के नाम से जाना जाता है और यह बहुत सुंदर लगता है। यहां पर नरसिंह भगवान की बहुत सुंदर प्रतिमा भी विराजमान है।
  • यहां पर ढेर सारी दुकान है, जहां पर आप खाने-पीने का सामान ले सकते हैं और भगवान जी को अर्पित करने के लिए प्रसाद ले सकते हैं।

13. टाटीघाट चित्रकूट (Tatighat Chitrakoot)

टाटीघाट चित्रकूट में घूमने का एक हिडन प्लेस है। यह जगह प्राकृतिक परिवेश से घिरी है। टाटीघाट सती अनुसुइया मार्ग पर दो किलोमीटर अंदर जंगल के अंदर स्थित है। इस जगह के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है, तो यहां ज्यादा भीड़ भाड़ भी नहीं होती है।
आप यहां पर जाकर शांति पूर्वक अपना समय बिता सकते हैं। यह जगह बहुत शांत और प्राकृतिक है। यहां पर मंदाकिनी नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है, साथ ही घना जंगल देखने के लिए मिलता है। यहां पर जंगली जानवर भी देखे जा सकते हैं। यहां पर आकर आप नहाने का आनंद उठा सकते हैं।

टाटीघाट की खासियत

  • यह चित्रकूट के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इस जगह के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, इसलिए यहां पर भीड़ भाड़ नहीं रहती है। आप यहां पर शांतिपूर्वक समय बिता सकते हैं।
  • यहां पर आकर आप नदी में नहाने का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर नदी ज्यादा गहरी नहीं है, जिससे आप यहां पर नहा सकते हैं।
    यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है।

14. कोठी तालाब चित्रकूट (Kothi Talab Chitrakoot)

कोठी तालाब कर्वी शहर के मध्य में घूमने के लिए एक अच्छा स्थान है। यह चित्रकूट बस स्टैंड के पास में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है, जिसके चारों ओर सीढ़ियां बनी हुई है। तालाब के बीचो-बीच भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर मराठा शैली में बनाया हुआ है। यह जगह जल संरक्षण का एक अच्छा उदाहरण है। यह चित्रकूट में देखने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। इस जगह का रखरखाव भारतीय पुरातत्व संरक्षण के द्वारा किया जाता है।

कोठी तालाब की खासियत

  • यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। बरसात के समय यह तालाब पानी से पूरी तरह भर जाता है और गर्मी के समय सूख जाता है और यहां बड़े-बड़े घास उग जाती है।
  • इस जगह का ऐतिहासिक महत्व है। आप यहां पर जाकर इस जगह में घूम सकते हैं।
  • कोठी तालाब के पास में एक बड़ा सा पार्क बना हुआ है। जिसे अटल पार्क के नाम से जाना जाता है। आप इस जगह भी घूम सकते है।

15. गणेश बाग चित्रकूट (Ganesh Bagh Chitrakoot)

गणेश बाग चित्रकूट में घूमने के लिए ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। गणेश बाग चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर कर्वी-देवांगना मार्ग पर बना हुआ एक सुंदर स्थान है। यहां पर प्राचीन भवन, विशाल तालाब, मंदिर और बावली देखने मिलती है। इस जगह का निर्माण पेशवा नरेश श्रीमंत विनायक राव पेशवा ने 19वीं शताब्दी में अपने मनोरंजन के लिए करवाया था।

यहां पर राजा और उनके परिवार के सदस्य पिकनिक और मौज-मस्ती के लिए आते थे। यह जगह भारतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां पर मंदिर बना हुआ है, जिसके ऊपर पत्थरों पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है। यह नक्काशी खजुराहो की मंदिरों में बनी मूर्तिकला के समान है। इसलिए इस जगह को मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है।

गणेश बाकी की खासियत

  • गणेश बाग चित्रकूट धाम के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। अगर आपको ऐतिहासिक जगह देखने का शौक है, तो आप यहां पर आकर इस जगह को देख सकते हैं।
  • इस जगह में आपको एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही खूबसूरत है और बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है।
  • यहां पर बावली भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत हीअच्छी तरह से बनाई गई है। यह जगह प्राचीन समय में जल संरक्षण का एक मुख्य उदाहरण है।

16. सोमनाथ मंदिर चित्रकूट (Somnath Temple Chitrakoot)

सोमनाथ मंदिर चित्रकूट धाम के पास घूमने का प्राकृतिक और धार्मिक स्थान है। यहां पर एक प्राचीन शिव मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो वर्तमान समय में खंडहर अवस्था में है और इसके खंडहर इधर-उधर बिखरे पड़े हुए हैं। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां का रास्ता है। यह मंदिर चित्रकूट के पास चार गांव के पास वाल्मीकि नदी के किनारे बना हुआ है।

सोमनाथ मंदिर की खासियत

  • यह मंदिर ढाई हजार साल पुराना है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर में बहुत ही बारिक नक्काशी की गई है और यह बहुत ही आकर्षक लगता है।
  • यह मंदिर आज भी जीवंत है। लोग आज भी यहां पर पूजा करने के लिए आते हैं। सावन सोमवार के समय यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है और लोग यहां पर जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं, जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं।

चित्रकूट घूमने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit Chitrakoot)

चित्रकूट धाम धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर तीर्थस्थल है। यहाँ सालभर श्रद्धालु आते हैं, लेकिन चित्रकूट में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है।

सर्दी का मौसम (अक्टूबर – मार्च) चित्रकूट घूमने का सबसे उपयुक्त समय है। इस समय तापमान 8°C से 25°C के बीच रहता है। इस समय आप मंदिर भ्रमण, परिक्रमा, मंदिर दर्शन और प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण करने का आनंद ले सकते है। चित्रकूट में दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा और मकर संक्रांति जैसे त्यौहारों पर विशेष रौनक रहती है।

गर्मी का मौसम (अप्रैल – जून) चित्रकूट घूमने के लिए उपयुक्त नहीं है। इस समय तापमान 30°C से 45°C तक चला जाता है। गर्मी के कारण दिन में घूमना कठिन हो जाता है। हालांकि, धार्मिक श्रद्धालु सालभर यहाँ आते रहते हैं। मगर गर्मियों में यहां पर घूमने कठिन है।

बरसात का मौसम (जुलाई – सितंबर) चित्रकूट में घूमने के लिए अच्छा है। मानसून के दौरान हरियाली और झरनों की सुंदरता देखते ही बनती है। कामदगिरि परिक्रमा और प्राकृतिक सौंदर्य का अलग ही आनंद मिलता है। लेकिन तेज़ बारिश में यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है, मगर मजा आता है।

चित्रकूट कहाँ है (Where is Chitrakoot)

चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह स्थान अपनी धार्मिक महत्ता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।
स्थान: चित्रकूट का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में आता है। इसका कुछ भाग मध्य प्रदेश के सतना ज़िले में भी फैला हुआ है।
भौगोलिक स्थिति: चित्रकूट विंध्य पर्वतमाला की गोद में बसा है। यहाँ मंदाकिनी नदी बहती है, जिसके किनारे कई प्राचीन मंदिर और घाट बने हुए हैं।

चित्रकूट का गूगल मैप लोकेशन

चित्रकूट कैसे पहुंचे या चित्रकूट की यात्रा कैसे करें (How to reach Chitrakoot or How to travel to Chitrakoot)

हवाई मार्ग: नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो और प्रयागराज में है। हवाई मार्ग से चित्रकूट आने के लिए आप खजुराहो या प्रयागराज में आ सकते हैं और उसके बाद रेल मार्ग के द्वारा चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन आ सकते है और उसके बाद ऑटो से चित्रकूट की अन्य जगहों में जा सकते हैं।

रेल मार्ग: चित्रकूट धाम करवी रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी है। प्रयागराज से चित्रकूट के लिए डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है। स्टेशन आने के बाद ऑटो से चित्रकूट की अन्य जगहों में जा सकते हैं।

सड़क मार्ग: प्रयागराज, सतना, रीवा और बांदा से सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। चित्रकूट से होकर हाईवे रोड गुजरती है, जिससे यहां पर आसानी से अन्य स्थानों से आया जा सकता है। चित्रकूट में आने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर प्रमुख शहर से बस के द्वारा डायरेक्ट आया जा सकता है।

चित्रकूट में ठहरने की सुविधा

  • यहाँ बजट होटल, धर्मशालाएँ और लॉज उपलब्ध हैं।
  • मंदिरों के आसपास श्रद्धालुओं के लिए सस्ती धर्मशालाएँ भी मिलती हैं।
  • मंदाकिनी नदी के किनारे ढेर सारी धर्मशालाएं हैं, जहां पर जाकर आप रह सकते हैं। यहां पर 400 से ₹500 में आपको धर्मशाला की सुविधा मिल जाती है, जिसमें आपको बाथरूम और सोने के लिए बिस्तर की सुविधा मिल जाती है।

चित्रकूट यात्रा के टिप्स

  1. धार्मिक स्थल पर शालीन वस्त्र पहनें।
  2. परिक्रमा और दर्शन करते समय स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करें।
  3. पानी और हल्का भोजन साथ रखें।
  4. मानसून में सावधानी रखें क्योंकि झरनों और नदियों में जल स्तर बढ़ सकता है।
  5. यहां पर बंदर ढेर सारे हैं, तो आप अपने साथ एक लकड़ी रखें, ताकि बंदर आपसे डर जाए, मगर उन्हें मारे नहीं।

चित्रकूट के आसपास घूमने की जगहें

  • खजुराहो मंदिर समूह (140 किमी) – यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
  • प्रयागराज (125 किमी) – त्रिवेणी संगम।
  • सतना (70 किमी) – मध्यप्रदेश का प्रमुख जिला।

FAQs – Chitrakoot me Ghumne ki Jagah

प्रश्न 1. चित्रकूट घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
उत्तर: 2-3 दिन चित्रकूट दर्शन के लिए पर्याप्त हैं।

प्रश्न 2. चित्रकूट में कौन-कौन से धार्मिक पर्व विशेष रूप से मनाए जाते हैं?
उत्तर: राम नवमी, दिवाली, मकर संक्रांति और अमावस्या के दिन विशेष आयोजन होते हैं।

प्रश्न 3. चित्रकूट किस राज्य में स्थित है?
उत्तर: चित्रकूट उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है।

प्रश्न 4. चित्रकूट यात्रा का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: यह स्थान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास से जुड़ा है और अनेक ऋषियों की तपोभूमि है।

प्रश्न 5. क्या चित्रकूट में परिवार के साथ घूमना सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, चित्रकूट परिवार और बच्चों के साथ घूमने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।

निष्कर्ष

चित्रकूट केवल एक धार्मिक स्थान ही नहीं बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास और आस्था का संगम है। यहाँ के मंदिर, घाट, गुफाएँ और आश्रम आपको अध्यात्म और शांति की ओर ले जाते हैं। यदि आप प्रकृति और भक्ति दोनों का अनुभव करना चाहते हैं तो चित्रकूट की यात्रा आपके लिए अविस्मरणीय साबित होगी।

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