Top 18 Amazing Damoh Tourist Places – दमोह के दर्शनीय और पर्यटन स्थल की सैर | Picnic Spot & Travel Guide

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Damoh Tourist Places – दमोह में घूमने की जगह और पर्यटन गाइड

दमोह मध्य प्रदेश का एक प्रमुख और सुंदर जिला है। दमोह जिले में घूमने के लिए ढेर सारे स्थल है, जहां पर जाकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। दमोह जिले को रानी दमयंती के द्वारा बसाया गया था। दमोह जिले में ढेर सारे ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थान है, जिनका अत्यंत महत्व है। दमोह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, प्राचीन मंदिरों, किलों और झरनों के कारण प्रसिद्ध है।

इस आर्टिकल में हम दमोह जिले में घूमने की प्रमुख जगहें, प्राकृतिक स्थान, धार्मिक स्थान और ऐतिहासिक स्थान के बारे में जानेंगे, ताकि अगर आप दमोह जाने की यात्रा का प्लान कर रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए मददगार साबित हो।

दमोह जिले के इतिहास (History of Damoh District)

लोगों के अनुसार, दमोह नगर को राजा नल की रानी दमयंती के द्वारा बसाया गया माना जाता है। इस संदर्भ में कुछ विद्वानों की धारणा है, कि दमोह नाम संस्कृत के “दमकनपुर” का रूपांतरण है।
दिल्ली के मुसलमान शासको ने दमोह के पास बतियागढ़ में अपना मुख्यालय बनाया था। 15वीं सदी में जब मालवा की खिलजियों के हाथ में यह क्षेत्र आया, उसे समय मुख्यालय बटियागढ़ को दमोह में स्थानांतरित किया। उसे समय से दमोह का विकास प्रारंभ हुआ और यहां पर प्राचीन किले का निर्माण करवाया गया।

दमोह में घूमने की प्रमुख जगह (Damoh Tourist Places)

दमोह मध्य प्रदेश के खूबसूरत जिलों में से एक है। दमोह जिले के आसपास और दमोह जिले में घूमने के लिए ढेर सारी जगह है, जहां पर जाकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। चलिए जानते हैं – दमोह जिले के आसपास घूमने की प्रमुख जगहों (Damoh Tourist Places) के बारे में

दमोह के प्रसिद्ध मंदिर (Famous temples in Damoh)

जटाशंकर मंदिर (Jatashankar Temple)

जटाशंकर मंदिर दमोह जिले में घूमने के लिए सबसे अच्छे धार्मिक स्थान में से एक है। यह मंदिर दमोह जिले में जबलपुर भोपाल मार्ग में सर्किट रोड पर बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए पहुंच सकते हैं। इस मंदिर को जटाशंकर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और भगवान शिव को समर्पित है।

जटाशंकर मंदिर की खासियत

  • यहां पर प्राकृतिक गुफा है, जिसके गर्भ ग्रह में शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग देखने में बहुत सुंदर लगता है। मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत सुंदर है।
  • यहां पर बरसात में बहुत अच्छा लगता है। बरसात के समय यह जगह और अधिक आकर्षक हो जाती है, जिससे यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
  • ऐसा कहा जाता है, कि यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना है।
  • यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है।
  • इस मंदिर के परिसर में ढेर सारे हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां विराजमान है, जिनके दर्शन आप यहां पर आकर कर सकते हैं।
  • इस मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे भक्त लोग यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।

साई मंदिर और बेला ताल दमोह (Sai Mandir and Bela Tal Damoh)

साई मंदिर और बेला ताल दमोह जिले में घूमने के एक मुख्य स्थान में से एक है। यह मंदिर और तालाब दमोह में जबलपुर दमोह हाईवे रोड में स्थित है। यहां पर आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर तालाब के बीच में टपू बना हुआ है, जिसमें साई मंदिर बना हुआ है। आप यहां पर जाकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

बेलाताल और साई मंदिर की खासियत

  • यहां पर तालाब के बीच में टापू बना है, जिसमें आप जाकर साई बाबा के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में जाने के लिए ब्रिज बना हुआ है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
  • यहां पर एक छोटा सा पार्क बना हुआ है, जहां पर आप शांतिपूर्वक समय बिता सकते हैं।
  • यह जगह दमोह में सुबह और शाम के समय घूमने के लिए बहुत ही अच्छी है।

नोहलेश्वर शिव मंदिर दमोह (Noheshwar Shiva Temple Damoh)

नोहलेश्वर शिव मंदिर दमोह के पास घूमने के लिए एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर दमोह जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर नोहटा तहसील में, दमोह जबलपुर हाईवे मार्ग पर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरती से बना हुआ है।

नोहलेश्वर शिव मंदिर की खासियत

  • नोहलेश्वर मंदिर को नोहटा शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर खजुराहो के मंदिर के समान सुंदर और नक्काशीदार है पूरे। पूरे मंदिर में खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बलुआ पत्थर से बना है।
  • नोहटा शिव मंदिर नागर शैली में बने हैं, जिसमें गर्भगृह, अंतराल, मंडप, अर्ध मंडप, जगती, सीढ़ियां देखने के लिए मिलती है।
  • इन मंदिरों का निर्माण दसवीं शताब्दी में करवाया गया था। इन मंदिरों को कल्चरी नरेश ने अपनी पत्नी नोहला की याद में बनवाया था।
  • इन मंदिर का आर्किटेक्चर बहुत ही सुंदर है।

श्री जागेश्वर नाथ मंदिर दमोह (Shri Jageshwar Nath Temple Damoh)

श्री जागेश्वर नाथ मंदिर दमोह जिले की एक आध्यात्मिक स्थान में से एक है। यह मंदिर दमोह जिले में बांदकपुर में स्थित है। इसे बांदकपुर शिव धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर प्राचीन है और बहुत सुंदर है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग स्वयंभू है।

बांदकपुर मंदिर की खासियत

  • यह मंदिर बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है।
  • यह मंदिर दमोह जिले से लगभग 17 किलोमीटर दूर गांव में बना हुआ है। यहां पर सड़क मार्ग और रेल मार्ग से आ सकते है।
  • मंदिर का वातावरण शांत है, जिससे यह भक्तों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
  • यहां पर शिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर मेले का आयोजन होता है, जिसमें ढेर सारी दुकानें लगती हैं।
  • यहां पर आकर मन्नत पूरी होती है। यहां पर लोगों से आते हैं और मन्नत मांगते हैं, जो जरूर पूरी होती है।

कुंडलपुर जैन मंदिर (Kundalpur Jain Temple)

कुंडलपुर के जैन मंदिर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर दमोह से 35 किलोमीटर दूर कुंडलपुर तहसील में बने हुए हैं। यह जैन धर्म के लोगों के लिए बहुत ही पवित्र स्थान है। कुंडलपुर में बड़े बाबा का मंदिर और अन्य जैन मंदिर प्रसिद्ध है। यह जगह प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी है। चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। यह मंदिर बहुत अच्छे से बनाए गए हैं। मंदिर की वस्तुकला देखने लायक है। यहां पर बड़े बाबा का मंदिर का निर्माण कर अंतिम चरण में है। आप यहां पर घूम सकते हैं।

कुंडलपुर जैन मंदिर की खासियत

  • कुंडलपुर में 63 मंदिर बने हुए हैं। यह सभी मंदिर पहाड़ियों पर बने हुए हैं। इन मंदिरों में आप यात्रा कर सकते हैं। इन मंदिरों की यात्रा आप सुबह के समय जाकर कर सकते हैं। सुबह के समय मंदिर खुले रहते हैं।
  • कुंडलपुर में सबसे प्रसिद्ध मंदिर बड़े बाबा का है, जहां पर भगवान आदिनाथ की 15 फीट ऊंची प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है।
  • बड़े बाबा मंदिर कुंडलपुर का सबसे प्राचीन मंदिर है। मूल मंदिर आठवीं शताब्दी में निर्मित किया गया था। अभी यहां पर भव्य मंदिर निर्मित किया जा रहा है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है और इसमें सुंदर कारीगरी की गई है।

जरारू धाम दमोह (Jararu Dham Damoh)

जरारू धाम दमोह के पास घूमने के लिए प्राकृतिक स्थान में से एक है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा है। यह मंदिर दमोह जिले के हटा तहसील के पास फतेहपुर में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।

जरारू धाम की खासियत

  • यह जगह बहुत सुंदर है और चारों तरफ से हरियाली से घिरी है। यहां पर पहाड़, नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
  • यहां पर आप पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यह दमोह के पास पिकनिक के लिए एक अच्छी जगह है।
  • यह जगह बरसात के समय बहुत सुंदर लगती है। बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है और यहां पर नदी बहती है, जिससे यह जगह और भी ज्यादा आकर्षक लगती है। यहां पर चारों तरफ प्रकृतिक दृश्य देखे जा सकते हैं।

गौरी शंकर मंदिर हट्टा (Gauri Shankar Temple Hatta)

गौरी शंकर मंदिर दमोह के पास हट्टा तहसील में घूमने के लिए एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर भगवान शंकर जी और पीतांबरा माता को समर्पित है। यह हट्टा तहसील का एक आध्यात्मिक और शांति स्थान है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

गौरी शंकर मंदिर की खासियत

  • गौरी शंकर मंदिर बहुत अच्छे से बना हुआ है। मंदिर परिसर में ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर भगवान शिव की बहुत ही अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
  • परिसर में एक विशाल बरगद का पेड़ लगा हुआ है और यहां पर पीतांबरा माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
  • यहां पर हर साल मंदिर परिसर के पास में बुंदेली मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से लोग मेले में शामिल होने के लिए आते हैं।

चंडी माता जी मंदिर हट्टा (Chandi Mata Ji Temple Hatta)

चंडी माता मंदिर दमोह के पास हट्टा तहसील में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। यह मंदिर हट्टा मुख्य शहर में मुख्य रोड पर बना हुआ है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला में बना हुआ है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में चंडी माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

चंडी माता मंदिर की खासियत

  • चंडी माता मंदिर में दर्शन करने के लिए सुबह एवं शाम के समय बहुत सारे लोग आते हैं। चंडी माता के दर्शन करके अच्छा लगता है। यहां पर आकर आप शांति से बैठ सकते हैं।
  • चंडी माता मंदिर में मां दुर्गा के नौ रूपों के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर प्राचीन प्रतिमा के दर्शन भी किया जा सकते हैं।
  • यहां पर नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे लोग यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

श्री मढ़कोलेश्वर धाम दमोह (Shri Madhkoleshwar Dham Damoh)

श्री मढ़कोलेश्वर धाम दमोह जिले के पास घूमने के लिए प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थान है। यह जगह चारों तरफ से प्राकृतिक सुंदरता से घिरा है। यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर दो नदियों के संगम स्थल के पास में स्थापित है। यह मंदिर दमोह जिले से 25 किलोमीटर दूर नरसिंहगढ़ के पास सीतानगर से 6 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है। अगर आप दमोह के पास आध्यात्मिक की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं, तो यहां पर आ सकते हैं।

श्री मढ़कोलेश्वर धाम की खासियत

  • यह जगह दमोह के पास फैमिली दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए बहुत ही बढ़िया है। दमोह के पास यह अच्छा पिकनिक स्थल है। आप यहां पर जाकर अपना पूरा दिन बिता सकते हैं।
  • यहां पर मध्य प्रदेश के दो प्रसिद्ध नदी, कोपरा और सुनार नदी का संगम स्थल देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर है।
  • मंदिर के मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो प्राचीन हैं। यहां पर माता पार्वती की भी सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
  • मंदिर के आस-पास का वातावरण बहुत सुंदर और शांत है।

दमोह के पास प्रसिद्ध किले एवं ऐतिहासिक स्थान (Famous forts and historical places near Damoh)

हट्टा का किला (Hatta Fort)

हट्टा का किला दमोह के पास घूमने के लिए ऐतिहासिक स्थान है। यह किला हटा तहसील में बस स्टैंड के पास में बना हुआ है। यह किला प्राचीन है और वर्तमान समय में किले का अधिकतर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। इस किले को रंग महल के नाम से भी जाना जाता है। किले के चारों तरफ बाउंड्री बनी है। किले के अंदर बाउंड्री के पास एक बावली भी बनी हुई है, जो बहुत प्राचीन और सुंदर है।

हट्टा का किला की खासियत

  • यह किला हट्टा की प्राचीन धरोहर में से एक है। अगर आप हटा जाते हैं, तो इस किले में घूम सकते हैं। यह किला बहुत सुंदर है।
  • किले के पास दिवार के ऊपर चढ़कर आप घूम सकते है। बाउंड्री बॉल से दूर-दूर तक का दृश्य देख सकते हैं और किले के पीछे की तरफ सुनार नदी बहती है, जिसका दृश्य भी आप यहां पर जाकर देख सकते हैं।

सिंगौरगढ़ किला दमोह (Singorgarh Fort Damoh)

सिंगौरगढ़ किला दमोह जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर और ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह किला वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। आप यहां पर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यह किला दमोह जिले में जबलपुर दमोह मार्ग में सिंग्रामपुर ग्राम के पास में बना हुआ है।

सिंगौरगढ़ किला की खासियत

  • यह किला रानी दुर्गावती वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बना हुआ है। इस किले में प्रवेश करने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
  • यह किला ऊंचाई पर बना हुआ है, जिससे किले तक पहुंचाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ट्रैकिंग करने में बहुत मजा आता है। ट्रैकिंग का रास्ता बहुत ही सुंदर है।
  • किले के आसपास ढेर सारी प्राचीन प्रतिमाएं और किले के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं।
  • किले के नीचे तलहटी में एक बड़ा सा झील है, जिसे सिंगौरगढ़ झील के नाम से जाना जाता है। यह झील बहुत सुंदर है और यहां पर आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। यह जगह पिकनिक के लिए बहुत ही बढ़िया है।
  • यह किला दमोह जिले का सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है।
  • यहाँ रानी दुर्गावती के साहस और शौर्य की गाथाएँ जुड़ी हुई हैं।
  • किले के आसपास पहाड़ियाँ और जंगल हैं, जो इसे रोमांचक स्थल बनाते हैं।

 

दमोह के पास प्रसिद्ध झरने (Famous Waterfalls near Damoh)

भदभदा जलप्रपात हट्टा दमोह (Bhadbhada Waterfall Hatta Damoh)

भदभदा जलप्रपात सुनार नदी पर बना हुआ एक सुंदर जलप्रपात है। यह जलप्रपात दमोह जिले के पास हट्टा तहसील में घूमने के लिए एक सुंदर और प्राकृतिक स्थान में से एक है। यह जलप्रपात हट्टा तहसील के पास हारट गांव में बना हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

भदभदा जलप्रपात की खासियत

  • भदभदा जलप्रपात सुनार नदी पर बना है। यहां पर जलप्रपात चट्टानों के ऊपर से बहता है और बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यहां पर आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ आ सकते हैं।
  • जलप्रपात में घूमने का समय बरसात और ठंड का रहता है। बरसात और ठंड के समय जलप्रपात में पर्याप्त पानी की मात्रा रहती है,जिससे जलप्रपात आकर्षक लगता है।
  • जलप्रपात में जाकर आप नहाने का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर जलप्रपात के किनारे चट्टानों में आप नहा सकते हैं।

नरसिंहगढ़ जलप्रपात दमोह (Narsinghgarh Waterfall Damoh)

नरसिंहगढ़ जलप्रपात दमोह के पास घूमने के लिए एक खूबसूरत और आकर्षक स्थान में से एक है। यह जलप्रपात दमोह के पास नरसिंहगढ़ में बना हुआ है। यह जलप्रपात सुनार नदी पर बना हुआ है। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच से सुनार नदी बहती है और बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर बरसात और ठंड के समय घूमने के लिए आ सकते हैं और इस जलप्रपात का सुन्दर दृश्य देख सकते हैं।

नरसिंहगढ़ जलप्रपात की खासियत

  • नरसिंहगढ़ जलप्रपात दमोह के पास नरसिंहपुर में घूमने का एक हिडन प्लेस है। इसकी जानकारी लोगों को ज्यादा नहीं है। यहां पर आप बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।
  • जलप्रपात के आसपास बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है, जिसके ऊपर से जलप्रपात बहता है।

निदान जलप्रपात या भैसाघाट जलप्रपात दमोह (Nidan Waterfall or Bhaisaghat Waterfall Damoh)

निदान जलप्रपात दमोह के पास सिंग्रामपुर में स्थित एक सुंदर और प्राकृतिक स्थान है। यह दमोह के पास घूमने के प्रसिद्ध झरनों में से एक है। यह झरना वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बना है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यहां पर चारों तरफ हरियाली और पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर खूबसूरत चट्टानें देखने के लिए मिलती हैं, जिनके बीच से यह जलप्रपात बहता है।

निदान जलप्रपात की खासियत

  • यह वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बना हुआ है। आप यहां पर जाकर पिकनिक मना सकते हैं। यह जगह बहुत अच्छी और शांत है।
  • बहुत सारे लोग निदान जलप्रपात में जाकर नहाने का भी आनंद उठाते हैं। आप यहां पर जाकर नहा सकते हैं।
  • निदान जलप्रपात में प्रवेश के लिए टिकट लगता है, क्योंकि यह वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थित है।
  • यह जलप्रपात बरसात और ठण्ड के समय घूमने के लिए एक बहुत ही बढ़िया जगह है। बरसात के समय चारों तरफ हरियाली और जलप्रपात में पानी की पर्याप्त मात्रा देखने के लिए मिलती है।

जोगन कुंड दमोह (Jogan Kund Damoh)

जोगन कुंड दमोह जिले के पास घूमने के लिए प्राकृतिक और खूबसूरत स्थान में से एक है। यहां पर एक खूबसूरत झरना और प्राकृतिक गुफा देखने के लिए मिलती है। यह जगह दमोह जिले के पास जबेरा तहसील के पास में स्थित है। यह जबेरा तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। आप यहां पर बाइक आ सकते हैं। अगर आपको ट्रैकिंग का शौकीन है, तो यह जगह आपके लिए है, क्योंकि यहां पर घने जंगलों के बीच में ट्रैकिंग करनी पड़ती है।

जोगन कुंड की खासियत

  • जोगन कुंड जलप्रपात घने जंगलों के अंदर स्थित है। यहां पर पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां पर पहुंच कर आपको प्रकृति का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
  • यह झरना लगभग 50 से 60 फीट ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह झरना एक कुंड में गिरता है और बहुत ही आकर्षक लगता है।
  • झरने के पास ही में एक गुफा देखने के लिए मिलती है, जो 15 से 20 फीट लंबी है। इस गुफा के अंदर ढेर सारे चमगादड़ देखे जा सकते हैं।
  • इस जगह पर मकर संक्रांति के समय मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं।

दमोह जिले के पास फेमस बांध (Famous Dam near Damoh District)

राजनगर झील दमोह (Rajnagar Lake Damoh)

राजनगर झील दमोह जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर और आकर्षक स्थान हैं। यहां पर एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है, जो बहुत बड़े एरिया में फैली हुई है। यह झील दमोह जिले के पास में स्थित है। यह झील दमोह सिटी के लिए पानी का एक मुख्य स्रोत है। यहां पर पंप हाउस बना हुआ है, जिसके द्वारा दमोह सिटी में पानी पहुंचाया जाता है।

राजनगर झील की खासियत

  • यह झील दमोह जिले के पास में है, जिससे आप यहां पर आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह दमोह के पास फैमिली और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए बढ़िया स्थान है।
  • आप झील के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
  • झील के पास में ही एक बड़ा बगीचा बना हुआ है, जहां पर आप शांति से बैठकर कुछ समय बिता सकते हैं।
  • झील के पास में मंदिर बना हुआ है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  • बरसात में यह झील दमोह के पास घूमने के लिए एक अच्छे स्थानों में से एक है।

सीतानगर बांध दमोह (Sitanagar Dam Damoh)

सीतानगर बांध दमोह के पास सीतानगर गांव में बना हुआ है। यह बांध सुनार नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह दमोह के पास एक दर्शनीय स्थान है।

सीता नगर बांध की खासियत

  • सीतानगर बांध बहुत सुंदर है और बहुत ही बड़े एरिया में फैला हुआ है। बांध के चारों तरफ का दृश्य प्राकृतिक है।
  • सीतानगर बांध मुख्य रूप से पीने के पानी के लिए और सिंचाई के लिए बनाया गया है।
  • बरसात के समय यह बांध बहुत ही आकर्षक लगता है, जब बांध पानी से पूरी तरह भर जाता है और बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है।

दमोह के पास प्राकृतिक पर्यटन स्थल (Natural tourist places near Damoh)

रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य दमोह (Rani Durgavati Wildlife Sanctuary Damoh)

रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण दमोह जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर अभ्यारण है। यह अभ्यारण बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण मध्यप्रदेश के दमोह, सागर और नरसिंहपुर जिले में फैला हुआ है। यह अभ्यारण बहुत सुंदर और हरयाली से भरपूर है। इस अभ्यारण के अंदर ढेर सारी जगह है, जहां पर आप घूम सकते हैं। यह अभ्यारण दमोह जबलपुर मार्ग पर सिंग्रामपुर के पास में स्थित है। आप यहां पर आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं और दमोह जिले के पास हैंगआउट के लिए यह बढ़िया जगह में से एक है।

रानी दुर्गावती अभ्यारण की खासियत

  • इस अभ्यारण में आकर आप जंगली जानवर देख सकते हैं। यहां पर जंगली जानवरों को आप उनके प्राकृतिक परिवेश में देख सकते हैं।
  • अभ्यारण के अंदर ढेर सारे वॉच टावर बने हुए हैं, जिनसे आप अभ्यारण के दूर-दूर तक के एरिया के देख सकते हैं।
  • अभ्यारण के अंदर ढेर सारे खूबसूरत दर्शनीय स्थल है, जहां पर जाकर आप उस जगह की मनोरम सुंदरता का आनंद उठा सकते हैं।
  • अभ्यारण के अंदर खूबसूरत झरना बना हुआ है, जहां पर जाकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं।
  • यह जगह बरसात के समय बहुत खूबसूरत लगती है। आप यहां पर बरसात और ठंड के समय घूमने के लिए आ सकते हैं।

दमोह में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit in Damoh)

दमोह में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। आप यहां पर ठंड के समय जाकर अच्छा और शांतिपूर्वक समय बिता सकते हैं। अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम) का समय यात्रा के लिए परफेक्ट है। यह समय दमोह घूमने के लिए सबसे उपयुक्त है। मौसम सुहावना और ठंडा रहता है, जिससे मंदिरों, किलों और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा आरामदायक होती है।

जुलाई से सितंबर (मानसून) का समय भी आप यात्रा कर सकते है। इस समय दमोह के झरने जैसे निदान जलप्रपात, जोगन कुंड फॉल्स और प्राकृतिक जगहें अपनी पूरी खूबसूरती में नजर आती हैं। बारिश की वजह से हरियाली चारों ओर फैल जाती है। तो बरसात के समय आप प्राकृतिक जगह की सैर कर सकते हैं।

अप्रैल से जून (गर्मी का मौसम) का समय यात्रा करने के लिए ठीक नहीं है। गर्मियों में यहाँ का तापमान काफी बढ़ जाता है, इसलिए इस समय यात्रा करना कठिन हो सकता है।

दमोह तक कैसे पहुँचे (How to Reach Damoh)

  • रेलवे: दमोह रेलवे स्टेशन झांसी-जबलपुर रेलमार्ग पर स्थित है। दमोह मुख्य शहर में रेलवे स्टेशन बना हुआ है। आप यहां पर रेल मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग से जबलपुर, सागर, कटनी और भोपाल से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर बस के द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं। यहां पर बस की सर्विस उपलब्ध है। आप यहां अपने वाहन से भी यात्रा कर सकते हैं।
  • हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जबलपुर (100 किमी) और भोपाल (250 किमी) है। आप हवाई मार्ग से भोपाल या जबलपुर अपनी सुविधा के अनुसार आ सकते हैं और उसके बाद सड़क मार्ग के द्वारा दमोह पहुंच सकते हैं।

दमोह जिले का गूगल मैप लोकेशन

ठहरने की सुविधा (Hotels in Damoh)

दमोह में कई होटल और लॉज उपलब्ध हैं:

  • Hotel Blue Star
  • Hotel Shree Krishna
  • Hotel Raj Vilas
  • बजट से लेकर मिड-रेंज होटल आसानी से मिल जाते हैं।

दमोह में घूमने की जगह – FAQs

प्रश्न 1. दमोह किस चीज़ के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: दमोह अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, प्राकृतिक झरनों, प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 2. दमोह में घूमने की प्रमुख जगहें कौन सी हैं?
उत्तर: दमोह में नोहटा जलप्रपात, रतनगढ़ किला, सिंगौरगढ़ किला, जटाशंकर मंदिर, कुदान जलप्रपात और रानी दुर्गावती की स्मृतियाँ प्रमुख आकर्षण हैं।

प्रश्न 3. दमोह घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?
उत्तर: अक्टूबर से मार्च का समय दमोह घूमने के लिए सबसे अच्छा है, जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। मानसून (जुलाई-सितंबर) में झरनों का सौंदर्य अद्भुत होता है।

प्रश्न 4. दमोह कैसे पहुँचा जा सकता है?
उत्तर: दमोह रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। नजदीकी हवाई अड्डा जबलपुर और खजुराहो है।

प्रश्न 5. क्या दमोह परिवार के साथ घूमने के लिए सुरक्षित जगह है?
उत्तर: हाँ, दमोह धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों के कारण परिवार और बच्चों के साथ घूमने के लिए सुरक्षित और उपयुक्त जगह है।

निष्कर्ष

दमोह (Damoh) मध्य प्रदेश का एक ऐसा जिला है जहाँ धार्मिक आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का संगम मिलता है। कुंडलपुर जैन मंदिर, सिंगौरगढ़ किला, निदान झरना और जटाशंकर मंदिर जैसे स्थल हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। यदि आप मध्य प्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो दमोह में घूमने की जगह (Damoh tourist places) को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।

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