Powerful Maa Harsiddhi Mandir Ujjain – हरसिद्धि मंदिर उज्जैन – इतिहास, महत्व और यात्रा गाइड

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हरसिद्धि मंदिर उज्जैन – इतिहास, महत्व और यात्रा गाइड

मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर अपने मंदिरों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। उज्जैन में ढेर सारे मंदिर है। हरसिद्धि माता मंदिर (Harsiddhi Mandir Ujjain), जिसे उज्जैन की सबसे शक्तिशाली और पवित्र शक्तिपीठों में गिना जाता है। यह मंदिर महाकाल मंदिर के पास ही स्थित है और नवरात्रि के समय यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

चलिए जानते हैं उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर हरसिद्धि मंदिर के बारे में

हरसिद्धि माता मंदिर की दिव्य अनुभूति और भव्यता (The divine experience and grandeur of Harsiddhi Mata Temple)

हरसिद्धि माता मंदिर भारत के एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है और हिंदू पौराणिक कथाओं में इसका विशेष महत्व है। हरसिद्धि माता पार्वती माता का ही रूप है। हरसिद्धि माता के दर्शन करने से एक दिव्य अनुभव मिलता है। मंदिर का परिसर बहुत ही आध्यात्मिक है। मंदिर में कदम रखते ही एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है।

हरसिद्धि मंदिर का संबंध प्राचीन काल से रहा है। प्राचीन काल में ढेर सारी घटनाएं हुई हैं, जो इस मंदिर को पूरे भारत देश में प्रसिद्ध बनती हैं। हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) शहर के मध्य में स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन शहर में महाकाल मंदिर के बहुत करीब है। मंदिर को बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। मंदिर का परिसर बहुत ही सुंदर है। मंदिर के परिसर में ढेर सारे मंदिर हैं, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं।

हरसिद्धि मंदिर में एक बड़ा सा आंगन है। आंगन के मध्य में दो भव्य दीपस्तंभों बने हुए हैं, जो इस जगह का मुख्य आकर्षण है। यह दीप स्तंभ मराठा शैली में बने हुए हैं। इन्हें शाम की आरती के दौरान इन दीयों को प्रज्वलित किया जाता है, जिससे एक दिव्य और मनमोहक वातावरण बनता है। दीप स्तंभों के ठीक सामने हरसिद्धि माता मंदिर माता का मुख्य मंदिर बना है।

हरसिद्धि माता का मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर का, जो प्रवेश द्वार है। वह बहुत ही आकर्षक है। पूरा प्रवेश द्वार पत्थर का बना हुआ है और इसमें सुंदर नक्काशी की गई है। प्रवेश द्वार के एक तरफ श्री विष्णु जी और दूसरे तरफ गणेश जी के दर्शन होते हैं। प्रवेश द्वार के ऊपर की साइड बहुत ही आकर्षक नक्काशी है, जिसमें विभिन्न देवी देवताओं की आकृतियों को उकेरकर बनाया गया है।

मंदिर के अंदर जाने पर मंदिर के ऊपर के छत पर श्री यंत्र बना हुआ है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। इस श्री यंत्र का बहुत महत्व है। मंदिर की दीवारों में श्री कृष्ण भगवान जी की पेंटिंग बनी हुई है। गर्भगृह में मां हरसिद्धि के दर्शन होते हैं। यहां पर शिव भगवान जी की भी दर्शन होते हैं।

मंदिर के बाहर भगवान शंकर जी का 84 मंदिरों में से एक कर्कोटकेश्वर महादेव मंदिर बना है, जिसका दर्शन किया जा सकता है। इस मंदिर के दर्शन करने का अलग महत्व है। यहां पर चिंताहरण मंदिर बना हुआ है, जिनके दर्शन करने से सारी परेशानी से मुक्ति मिलती है। उज्जैन में दर्शन करने आते हैं तो इस मंदिर में आकर मां हरसिद्धि के दर्शन जरूर करें क्योंकि मां के दर्शन करने से मन को शांति और सुकून मिलेगा

माँ हरसिद्धि मंदिर उज्जैन के दर्शन (Maa Harsiddhi Mandir Ujjain Darshan)

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) में महाकाल मंदिर के पास में बना हुआ एक सुंदर मंदिर है। इस मंदिर में आप दर्शन करने के लिए आ सकते हैं। आप महाकाल मंदिर में दर्शन करने के बाद, हरसिद्धि मंदिर में आ सकते हैं। हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) में रुद्र सागर के ठीक सामने बना हुआ है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित है। आप पैदल चलकर इस मंदिर में आ सकते हैं। मंदिर के बाहर बहुत भीड़ रहती है।

हरसिद्धि मंदिर के बाहर ढेर सारी दुकानें लगती हैं। यहां पर खाने-पीने की और अनेक तरह की समान की दुकान लगी रहती हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही मंदिर का भव्य दीप स्तंभ देखने के लिए मिलता है और दीप स्तंभ देखने के बाद, आप आगे जाकर मां के मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।

मंदिर का मुख्य गर्भगृह में हरसिद्धि माता की प्रतिमा बहुत ही आकर्षक लगती है। माता का मुख का विग्रह देखने के लिए मिलता है। माता गहनों से सजी हुई है। माता को बहुत ही आकर्षक तरीके से सजाया गया है। हरसिद्धि मैया की एक तरफ महालक्ष्मी माता और दूसरी तरफ मां सरस्वती की मूर्तियां स्थापित की गई है। इनके मध्य में हरसिद्धि माता की प्रतिमा विराजमान है। माता की प्रतिमा सिंदूरी रंग की है और बहुत अच्छी लगती है।

मुख्य गर्भगृह में भगवान शिव की शिवलिंग की भी दर्शन होते हैं और मंडप में नंदी प्रतिमा के दर्शन होते हैं। हरसिद्धि माता मंदिर में एक शेर की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यह मंदिर तांत्रिक पूजा में विशेष महत्व रखता है, इसलिए इस मंदिर को सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है।

हरसिद्धि माता के दर्शन करने के बाद, मंदिर के बाहर के प्रांगण में कर्कोटकेश्वर शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं और चिंतामन गणेश भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर परिसर में एक बड़ा सा पीपल का पेड़ लगा हुआ है, जिसके पास में नीचे भगवान शिवलिंग है, उनके दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर बहुत से लोग मन्नत का धागा बांध जाते हैं। मंदिर में कुछ देर आप शांतिपूर्वक बैठ सकते हैं और मनन कर सकते हैं। उसके बाद आप अपने उज्जैन की यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं।

उज्जैन का मां हरसिद्धि मंदिर की कहानी – Harsiddhi Mandir Ujjain Story

हरसिद्धि माता मंदिर प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को लेकर पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारे में शिव पुराण में कहा जाता है, कि राजा दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया और उस यज्ञ में राजा दक्ष ने ब्रह्मांड के सभी लोगों को आमंत्रित किया। इस बात का पता, जब पार्वती माता को चला।

तब पार्वती जी ने इस यज्ञ में बिना शिवजी को बताएं पहुंच गए और यज्ञ में पहुंच कर राजा दक्ष से माता पार्वती ने प्रश्न किया। तब राजा दक्ष ने शिवजी का बहुत अपमान किया। इस अपमान को पार्वती जी ने सहन नहीं कर पाई और वह हवन की जलती हुई, अग्नि में अपने आप को समर्पित कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

जब यह बात शिवजी को पता चली। तब शिव जी को बहुत गुस्सा आया और शिवाजी राजा दक्ष के यज्ञ में पहुंचे और राजा दक्ष जी को उसी समय एक जानवर के रूप में परिवर्तित कर दिया और माता पार्वती के भस्म शरीर को लेकर, पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे और तांडव करने लगे। तब विष्णु जी ने अपने चक्र से पार्वती माता के शरीर को अंग को काट दिया। उज्जैन नगरी में माता पार्वती जी की कोहनी गिरी थी, इसलिए यहां पर शक्तिपीठ का निर्माण हुआ।

स्कंद पुराण के अनुसार – देवी ने यहां पर चंड मुंड नामक राक्षस का वध किया था और उन्होंने शिवजी से सिद्धि प्राप्त की थी। इसलिए इस जगह को हरसिद्धि कहते हैं।

हरसिद्धि मंदिर का इतिहास (History in Maa Harsiddhi Temple)

हरसिद्धि माता महाराज विक्रमादित्य जी की कुलदेवी थी। महाराज विक्रमादित्य हरसिद्धि माता के परम भक्त थे। वह माता की प्रतिदिन पूजा पाठ किया करते थे और हर साल माता को बलिदान स्वरूप अपने प्राण दिया करते थे और माता से प्रसन्न होकर, उनका जीवन उन्हें वापस लौटा दिया करती थी। माता का प्राचीन मंदिर राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनवाया गया था और बाद में मंदिर का पुनर्निर्माण मराठों के द्वारा किया गया है।

हरसिद्धि माता का मंदिर वर्तमान स्वरूप मराठों ने बनाया है। मंदिर के सामने मराठा वास्तुकला के अनुसार दीपस्तंभ स्थापित किए गए हैं, जो कई दियों से सुशोभित है। दक्षिण में एक बावड़ी बनी हुई है, जो पुराणों के अनुसार एक तीर्थ है। इस बावड़ी के ऊपर एक 1447 संबंध का शिलालेख भी उत्कीर्ण है।

हरसिद्धि माता किसकी कुलदेवी है (Whose family deity is Harsiddhi Mata)

लोगों के अनुसार हरसिद्धि माता राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी थी। राजा विक्रमादित्य की हरसिद्धि माता कुलदेवी थी।

हरसिद्धि मंदिर की वास्तुकला (Maa Harsiddhi Mandir Ujjain Architecture )

मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और आकर्षक है। मुख्य गर्भगृह में हरसिद्धि माता की प्रतिमा स्थापित है, जो अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। यहाँ दो विशाल दीपस्तंभ (लैम्प पिलर) हैं, जिन पर नवरात्रि के समय हजारों दीप जलाए जाते हैं। मंदिर परिसर विशाल है और इसके चारों ओर भक्तों के लिए मंडप और प्रांगण बने हुए हैं।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व (Religious and Spiritual Significance)

  • हरसिद्धि माता को शक्ति और साहस की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।
  • मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से भक्त की हर इच्छा पूरी होती है।
  • नवरात्रि, चैत्र और शारदीय नवरात्र विशेष महत्व रखते हैं।
  • यह मंदिर उज्जैन की शक्ति साधना और तांत्रिक परंपरा का प्रमुख केंद्र भी है।

माँ हरसिद्धि मंदिर उज्जैन में उत्सव और मेले (Festivals and Fairs at Maa Harsiddhi Mandir Ujjain)

  1. नवरात्रि उत्सव – नवरात्रि का त्योहार यहां पर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के समय यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहाँ पूरे नौ दिन भव्य आयोजन और विशेष पूजा होती है। दीपस्तंभ पर हजारों दीप जलाए जाते हैं।
  2. महाशिवरात्रि – चूंकि मंदिर महाकालेश्वर के पास स्थित है, इसलिए इस दिन यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
  3. दीपावली – दीपावली का दिन हरसिद्धि मंदिर में बहुत ही खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन भी मंदिर में पूजा पाठ एवं भव्य आयोजन होते हैं।

हरसिद्धि मंदिर में दर्शन का समय (Harsiddhi Mandir Ujjain Timings)

  • सुबह: 5:30 AM – 12:00 PM
  • शाम: 4:00 PM – 9:00 PM
  • नवरात्रि और विशेष पर्वों पर समय बढ़ सकता है।

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Harsiddhi Temple, Ujjain)

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) एक प्रमुख शक्तिपीठ है और लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर साल भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। मगर आप हरसिद्धि माता मंदिर में और उज्जैन के अन्य मंदिर में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो कौन सा समय आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा, चलिए बात करते हैं।

सर्दी के समय हरसिद्धि मंदिर की यात्रा

अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम) हरसिद्धि मंदिर की यात्रा का सबसे अच्छा मौसम है। यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। तापमान सुहावना (10°C – 25°C) रहता है। नवरात्रि और महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व भी इन्हीं महीनों में आते हैं।

गर्मी के समय हरसिद्धि मंदिर की यात्रा

गर्मी के समय हरसिद्धि मंदिर की यात्रा की जा सकती है। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है, तो मंदिर में जाने के लिए, कोई भी दिक्कत नहीं होती है। यहां पर आप आराम से सुबह के समय यात्रा कर सकते हैं। सुबह मौसम अच्छा रहता है और ठंडा रहता है। दोपहर के समय यात्रा करने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।

नवरात्रि के समय हरसिद्धि माता मंदिर की यात्रा

हरसिद्धि माता का मुख्य पर्व नवरात्रि है। उज्जैन में नवरात्रि के समय मंदिर की यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। आप इस समय जाकर हरसिद्धि माता मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। इस समय यात्रा करने का बहुत महत्व है। इस समय यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं और मंदिर में विभिन्न तरह के आयोजन होते हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं और एंजॉय कर सकते हैं।

त्योहारों के समय हरसिद्धि मंदिर की यात्रा

त्योहारों के समय हरसिद्धि मंदिर की यात्रा करने के लिए बहुत सारे लोग आते हैं। हरसिद्धि माता मंदिर में सावन सोमवार और महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों के समय बहुत सारे लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

हरसिद्धि मंदिर के पास घूमने की जगहें (Places to visit near Harsiddhi Temple Ujjain)

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन कैसे पहुँचे (How to Reach Harsiddhi Temple, Ujjain)

हरसिद्धि माता मंदिर, उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) शहर के बीचों-बीच, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास स्थित है। यहाँ पहुँचना आसान है क्योंकि उज्जैन सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है।

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन में रेल मार्ग से कैसे पहुँचे (How to Reach Harsiddhi Temple, Ujjain by Rail)

उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन (UJN) सबसे नज़दीकी स्टेशन है। उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन, मंदिर से लगभग 2–3 किलोमीटर है। आप ऑटो, टैक्सी या ई-रिक्शा से 10–15 मिनट में मंदिर पहुँच सकते हैं। उज्जैन रेल मार्ग से भोपाल, इंदौर, दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और अन्य बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन में हवाई मार्ग से कैसे पहुँचे (How to Reach Harsiddhi Temple, Ujjain by Air)

उज्जैन का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर (IDR) है। यह मंदिर से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी/कैब द्वारा आप 1–1.5 घंटे में उज्जैन पहुँच सकते हैं।

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन में सड़क मार्ग से कैसे पहुँचे (How to reach Harsiddhi Temple Ujjain by road)

उज्जैन, मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप बस, टैक्सी या निजी वाहन से आसानी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं। उज्जैन आने के लिए अन्य शहरों से बस की सुविधा उपलब्ध है। उज्जैन बस स्टैंड से मंदिर की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।

  • इंदौर से दूरी: लगभग 55 किमी
  • भोपाल से दूरी: लगभग 190 किमी
  • ओंकारेश्वर से दूरी: लगभग 140 किमी

हरसिद्धि मंदिर का गूगल मैप लोकेशन

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) – FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1. हरसिद्धि मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) क्यों प्रसिद्ध है?
यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और यहाँ माता सती की कोहनी गिरी थी।

Q2. Harsiddhi Mandir Ujjain में नवरात्रि का क्या महत्व है?
नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा, आरती और दीपस्तंभ पर हजारों दीप जलाए जाते हैं।

Q3. हरसिद्धि मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से कितनी दूरी पर है?
यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के पास ही पैदल दूरी पर स्थित है।

Q4. हरसिद्धि मंदिर कब खुलता और बंद होता है?
सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।

Q5. हरसिद्धि मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) कैसे पहुँचा जा सकता है?
निकटतम एयरपोर्ट इंदौर (55 किमी), रेलवे स्टेशन उज्जैन जंक्शन है। सड़क मार्ग से भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है।

निष्कर्ष

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन (Harsiddhi Mandir Ujjain) आस्था और शक्ति का अद्भुत केंद्र है। यहाँ आने वाले भक्त न केवल माता के दर्शन से आत्मिक शांति पाते हैं बल्कि उज्जैन की धार्मिक संस्कृति को भी नजदीक से अनुभव करते हैं। नवरात्रि के समय मंदिर का दृश्य अविस्मरणीय होता है। अगर आप उज्जैन यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हरसिद्धि माता मंदिर अवश्य जाएँ।

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