जहाज महल, मांडू – जल महलों का अनोखा दृश्य
मांडू मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है। मांडू शहर में बहुत सारे महल स्थित है, जिनमें से एक महल है – जहाज महल। जहाज महल अपनी वस्तु कला के लिए प्रसिद्ध है और यह महल देखने में ऐसा लगता है, कि बड़ा जहाज, किसी समुद्र के बीच में खड़ा है और यह बहुत ही सुंदर दिखता है। तो चलिए जानते हैं – मांडू शहर के जहाज महल के बारे में
यह महल मुंझ तालाब और कपूर तालाब के बीच बना है, जिससे यह जल में तैरते जहाज जैसा दृश्य प्रस्तुत करता है। इसकी स्थापत्य कला और भव्यता आज भी मध्यकालीन अफगानी शैली की झलक दिखाती है।
जहाज महल की भव्यता और सुंदर वास्तुकला (The Grandeur and Beautiful Architecture of Jahaz Mahal)
मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित मांडू (Mandu) अपनी ऐतिहासिक विरासत, प्रेम कथाओं और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं अद्भुत स्मारकों में सबसे आकर्षक है जहाज महल (Jahaz Mahal), जिसे देखने के बाद हर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाता है। झीलों के बीच बसा यह महल ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई विशाल जहाज पानी पर तैर रहा हो — इसलिए इसका नाम पड़ा “जहाज महल”।
जहाज महल (Jahaz Mahal) अफगान वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। यह महल दोनों झीलों के बीच में सकरे स्थान पर बना हुआ है। जहाज महल (Jahaz Mahal) की दोनों तरफ विशाल तालाब बने हुए हैं, जो इस महल को किसी बड़े से जहाज की तरह लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। यहां पर कपूर तालाब और मुंजा तालाब बने हुए हैं। यह महल बहुत ही सुंदर लगता है और महल के आसपास बगीचा बना हुआ है, जो इसे और भी खास बनाता है।
जहाज महल (Jahaz Mahal) के ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है, जिससे आप महल के ऊपर आसानी से जा सकते हैं और महल के ऊपर से झीलों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां से आप महल के आसपास के एरिया के भी देख सकते हैं। महल के ऊपर भी छोटे-छोटे स्मारक और पूल बने हुए हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। जहाज महल के आसपास ढेर सारे ऐतिहासिक स्मारक बने हुए हैं। जब आप यहां पर घूमने आएंगे। तो इन सभी जगह को घूम सकते हैं और खूबसूरती देख सकते हैं।
मांडू के जहाज महल की यात्रा (Jahaz Mahal Tour)
मांडू का जहाज महल अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह महल किसी बड़े जहाज की तरह दिखाई देता है। इस महल की यात्रा करने के लिए सबसे पहले मांडू शहर आना पड़ता है। यह मांडू मुख्य शहर में बना हुआ है। जहाज महल शाही महल परिसर का एक मुख्य महल है। इस महल परिसर में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर देखने के लिए ढेर सारे महल बने हुए हैं, जिन्हें देखा जा सकता है।
शाही महल परिसर के बाहर आप अपने बाइक, कार या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आ सकते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए बहुत बड़ा स्पेस दिया है। महल के बाहर खाने पीने की व्यवस्था भी है। यहां पर गिफ्ट शॉप है, जहां से आप सामान ले सकते हैं। शाही महल परिसर के बाहर टिकट ऑफिस बना हुआ है, जहां पर आप महल में प्रवेश करने के लिए टिकट लेते हैं। उसके बाद आप महल में प्रवेश कर सकते हैं।
एंट्री गेट के पास में ही तवेली महल बना हुआ है। तवेली महल बहुत सुंदर है। इसमें एक छोटा सा म्यूज़ियम बना हुआ है, जहां पर आपको ढेर सारी प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर मांडू शहर के ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानकारी भी मिलेगी। तवेली महल, कपूर तालाब के पास में बना है। तबली महल दो मंजिला है। इस महल के निचले हिस्से का उपयोग प्राचीन समय में जानवरों के रहने के लिए और ऊपरी तल का उपयोग रक्षकों के रहने के लिए किया जाता था। वर्तमान समय में इस महल का उपयोग संग्रहालय और कार्यालय के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
तवेली महल के सामने सुंदर गार्डन बना हुआ है। गार्डन के आंगन में घास लगी हुई है और ढेर सारी पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। तवेली महल के दाएं तरफ जहाज महल बना हुआ है। जहाज महल (Jahaz Mahal) में ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां दी हुई है, जहां से आप ऊपर जाकर चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। जहाज महल के सामने सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर बेंच लगी हुई है। यहां पर आप शांतिपूर्वक बैठ सकते हैं और कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर नीचे आंगन में घास लगी हुई है, जहां पर फैमिली वाले लोग बैठते हैं और समय बिताते हैं।
जहाज महल (Jahaz Mahal) में घूमने के बाद और छत से चारों तरफ का दृश्य देखने के बाद, आप जहाज महल (Jahaz Mahal) के आसपास बने अन्य महलों को देख सकते हैं। जहाज महल में घूमने के बाद, आगे जाने बाद प्राचीन हिन्दू बावड़ी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह बावड़ी बहुत सुंदर है। बावड़ी में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। बावड़ी में नीचे की तरफ सुंदर आर्च बने हुए हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं।
प्राचीन हिंदू बावड़ी से थोड़ा आगे जाने पर, हिंडोला महल देखने के लिए मिलता है, जो अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह महल बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। और इसको बाहर से देखने में यह झूले के सामान देखने के लिए मिलता है, क्योंकि इसकी दीवारें झुकी हुई है। हिंडोला महल के आगे जाने पर चंपा बावड़ी देखने के लिए मिलती है।
जहाज महल के उत्तर पश्चिम में स्थित इस बाबरी का पानी चंपक फूल की तरह सुगंधित है, इसलिए इसे चंपा बावड़ी कहा जाता है। यह बावड़ी हिंडोला महल के थोड़ा आगे स्थित है। इस बावड़ी तक पहुंचाने के लिए आपको थोड़ा चलना पड़ता है। यह बावड़ी बहुत ही खूबसूरत लगती है। बावड़ी की भू योजना अष्टाकार है, जबकि बावड़ी ऊपर से गोलाकार है एवं इसके भूतल पर कमरे हैं, जिन्हें गर्मी के महीना में ठंड एवं हवायुक्त रहने के लिए बनाया गया था।
मुंज तालाब के भू स्तर पर बने इन्हीं कमरों से होते हुए बावड़ी के तल तक जाया जा सकता है। इस बावड़ी के नजदीक हम्म और स्नानागार स्थित है। जिनमें ठंड और गर्म पानी की सुविधा प्रदान की गई है। हवा एवं प्रकाश के लिए इन हमाम की छत पर सितारों की आकृतियां कटी है। इस बावड़ी का निर्माण लगभग 14वीं और 15वीं शताब्दी में किया गया था।
चंपा बावड़ी बहुत ही सुंदर और एक अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण है। यहां पर गर्मी के समय भी ठंड महसूस होता था। यहां पर राजा रानी गर्मी के समय जाकर विश्राम किया करते थे। चंपा बावड़ी के और आगे जाने पर जल महल देखने के लिए मिलता है। जल महल शाही महल परिसर के सबसे अंतिम में बना हुआ है। जल महल तक पहुंचाने के लिए, थोड़ा पैदल चलना पड़ता है। यह महल मुंज तालाब के बीच में बना है। इस महल में पहुंचने के लिए छोटा सा पुल बना हुआ है, जिसके जरिए आप महल तक पहुंच सकते हैं। यह महल बहुत सुंदर है। महल के अंदर भी जलकुंड बने हुए हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।
जहाज महल का इतिहास (Jahaz Mahal History)
जहाज महल (Jahaz Mahal) का निर्माण सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने 15वीं शताब्दी के आसपास करवाया था। गयासुद्दीन खिलजी मांडू के आखिरी स्वतंत्र शासक थे और उन्हें विलासिता एवं कला से विशेष लगाव था। कहा जाता है कि इस महल का निर्माण उन्होंने अपनी हरम की रानियों और उपपत्नियों के लिए करवाया था। कहा जाता है कि सुल्तान के हरम में 15,000 से अधिक महिलाएँ थीं, और जहाज महल उन्हें रहने और मनोरंजन के लिए बनाया गया था। यह महल उनके गर्मियों के विश्राम स्थल के रूप में भी इस्तेमाल होता था क्योंकि यह चारों ओर से पानी से घिरा हुआ था, जिससे यहाँ का वातावरण ठंडा और मनमोहक बना रहता था।
स्थापत्य कला – अफगानी और हिंदु स्थापत्य का मिश्रण
जहाज महल (Jahaz Mahal) की वास्तुकला इस्लामी और हिंदु दोनों स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। इसकी लंबाई लगभग 110 मीटर और चौड़ाई लगभग 15 मीटर है। महल के दोनों छोरों पर विशाल मंडप बने हैं जो जहाज के आगे और पीछे का आभास कराते हैं। बीच का हिस्सा दो मंज़िला है, जिसमें गैलरी, हॉल और छतरियाँ बनी हुई हैं।
मुख्य स्थापत्य विशेषताएँ:
- जलाशयों के ऊपर बना पत्थर का पुलनुमा आधार
- मेहराबदार खिड़कियाँ और जालीदार दीवारें
- गुंबदनुमा छतें और छतरियाँ
- पत्थरों पर नक्काशी और नाजुक डिजाइन
- झीलों के प्रतिबिंब से निर्मित सुंदर दृश्य
जब सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सूरज की किरणें महल की दीवारों पर पड़ती हैं, तो यह पूरा महल सुनहरी आभा से चमक उठता है — मानो कोई असली जहाज पानी पर तैर रहा हो।
जहाज महल का वातावरण और झीलें
जहाज महल (Jahaz Mahal) को दोनों ओर से घेरे हुए झीलें — मुंझ तालाब और कपूर तालाब, इस स्थल की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती हैं। इन झीलों का उपयोग न केवल सजावट के लिए था बल्कि जल संग्रह और तापमान नियंत्रण के लिए भी किया जाता था। झीलों में प्रतिबिंबित होता जहाज महल एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है, जिसे कैमरे में कैद करना हर पर्यटक का सपना होता है। बरसात के मौसम में जब झीलें पूरी तरह भर जाती हैं, तब यह महल सचमुच किसी जलमहल जैसा प्रतीत होता है। बरसात और ठंड के समय आकर आप जल महल के खूबसूरत दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
जहाज महल मांडू की फोटो (Jahaz Mahal Mandu Photo)


जहाज महल के आसपास घूमने योग्य स्थल
मांडू को जॉय सिटी के नाम से जाना जाता है। मांडू में घूमने के लिए ढेर सारे स्थल है, जो बहुत सुंदर है।
- हिंडोला महल (Hindola Mahal): तिरछी दीवारों वाला यह महल जहाज महल के पास स्थित है।
- जल महल: पानी के बीच स्थित एक और सुंदर महल, जहाँ सुल्तान गर्मियों में ठहरते थे।
- रूपमती मंडप: बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम कहानी का प्रतीक।
- बाज बहादुर का महल: संगीतप्रेमी शासक का निवास स्थान।
- चंपा बावड़ी: भूमिगत जलस्रोत और ठंडा विश्राम स्थल।
- लोहानी की गुफाएं – प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल।
जहाज महल में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Jahaz Mahal)
जहाज महल (Jahaz Mahal) में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। जहाज महल (Jahaz Mahal) शाही महल परिसर में स्थित है। शाही महल परिसर में घूमने के लिए ढेर सारे स्थल है। आप यहां पर ठंड के समय जाकर इन सभी जगह में घूम सकते हैं। इन सभी जगह में घूमने में थोड़ा समय लगता है और पैदल चलना पड़ता है। ठंड में मौसम बहुत सुहावना और अच्छा रहता है, जिससे आप यहां पर आराम से आकर घूम सकते हैं।
आप यहां पर बरसात के समय भी घूम सकते हैं। बरसात के समय तालाब पानी से भर जाते हैं और बहुत ही आकर्षक लगते हैं। बारिश के समय झीलें भर जाती हैं और महल सचमुच “जहाज” जैसा प्रतीत होता है। गर्मी के समय यहां पर घूमने में परेशानी हो सकती है, इसलिए गर्मी के समय आप यहां सुबह और शाम के समय घूम सकते हैं।
जहाज महल में एंट्री का समय और प्रवेश शुल्क (Entry timings and entry fees for Jahaaz Mahal)
⏰ समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
🎟️ टिकट शुल्क:
- भारतीय पर्यटक: ₹25
- विदेशी पर्यटक: ₹300 (ASI द्वारा निर्धारित शुल्क)
जहाज महल कैसे पहुंचे (How to Reach Jahaz Mahal)
जहाज महल मांडू (Jahaz Mahal Mandu)मुख्य शहर में शाही महल परिसर में स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह महल मुख्य मांडू शहर में ही स्थित है। मांडू सिटी के एंट्री गेट के पास में मुख्य सड़क के पास, ही यह महल शाही महल परिसर स्थित है। यहां पर आप अपनी कार और बाइक से आ सकते हैं। महल परिसर के बाहर पार्किंग के लिए बहुत बड़ी जगह है।
अगर आप मांडू, अन्य शहरों से घूमने के लिए आ रहे, तो मांडू का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर में बना हुआ है। इंदौर में देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट बना हुआ है, जहां पर आप हवाई मार्ग से आ सकते हैं और उसके बाद मांडू सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं।
अगर आप मांडू रेल मार्ग द्वारा आ रहे हैं, तो आप इंदौर या रतलाम आ सकते हैं और उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा मांडू पहुंच सकते हैं। अगर आप सड़क मार्ग द्वारा मांडू आ रहे हैं, तो इंदौर धार से होते हुए मांडू आ सकते हैं। यहां पर नियमित बस और टैक्सिया चलती है, जिससे आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं।
जहाज महल मांडू का गूगल मैप लोकेशन
जहाज महल की खास बातें
- यह महल पानी में तैरते जहाज जैसा दिखता है।
- सुल्तान की रानियों के लिए बनाया गया था।
- स्थापत्य में अफगानी, तुर्की और हिंदु शिल्पकला का मेल।
- मांडू का सबसे अधिक फोटोजेनिक स्मारक।
- हर मौसम में अलग रूप में निखरता है — खासकर मानसून में।
यात्रा सुझाव (Travel Tips)
- सुबह या शाम के समय जाएँ ताकि भीड़ कम हो और फोटोग्राफी के लिए बेहतर रोशनी मिले।
- मानसून में झीलों के किनारे फिसलन हो सकती है — आरामदायक जूते पहनें।
- स्थानीय गाइड लें ताकि महल की कहानियाँ और इतिहास बेहतर समझ सकें।
- पानी और हल्का भोजन साथ रखें, क्योंकि मांडू में विकल्प सीमित हैं।
FAQ – जहाज महल मांडू (Jahaz Mahal Mandu) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र.1: जहाज महल किसने बनवाया था?
उत्तर: जहाज महल का निर्माण 15वीं शताब्दी में सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने करवाया था।
प्र.2: जहाज महल को जहाज महल क्यों कहा जाता है?
उत्तर: यह महल दो झीलों के बीच स्थित है और पानी में तैरते जहाज जैसा दिखता है, इसलिए इसे “जहाज महल” कहा जाता है।
प्र.3: जहाज महल कहाँ स्थित है?
उत्तर: यह मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू कस्बे में स्थित है।
प्र.4: जहाज महल घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर: अक्टूबर से मार्च और बारिश के मौसम में (जुलाई-सितंबर) जहाज महल घूमने का सबसे अच्छा समय होता है।
प्र.5: जहाज महल के पास और क्या-क्या देखने लायक है?
उत्तर: रूपमती मंडप, बाज बहादुर का महल, हिंडोला महल, जल महल, चंपा बावड़ी आदि प्रसिद्ध स्थल हैं।
प्र.6: जहाज महल किस जिले में है
उत्तर: जहाज महल धार जिले में है।
निष्कर्ष
जहाज महल मांडू (Jahaz Mahal Mandu) की शान है — एक ऐसा स्मारक जो न सिर्फ स्थापत्य की दृष्टि से अद्भुत है बल्कि इतिहास और रोमांस से भी जुड़ा हुआ है। इसकी झीलों में प्रतिबिंबित होती भव्य आकृति, नीले आसमान और हरी-भरी घाटियों का संगम यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। अगर आप मध्य प्रदेश की यात्रा पर हैं, तो जहाज महल मांडू आपकी ट्रैवल लिस्ट में जरूर होना चाहिए — क्योंकि यह अनुभव आपको सदियों पुरानी रूमानी दुनिया में ले जाता है।
