कंदरिया महादेव मंदिर – खजुराहो का अद्भुत शिव मंदिर
मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) भारतीय शिल्पकला का एक अनुपम उदाहरण है। यह मंदिर खजुराहो के सबसे बड़े और भव्य मंदिरों में से एक है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) का हिस्सा है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और इस मंदिर की विशेष बनावट के कारण इस मंदिर को कंदरिया महादेव मंदिर कहा जाता है।
कंदरिया महादेव मंदिर की भव्यता और वास्तुकला (The magnificence and architecture of Kandariya Mahadev Mandir)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) खजुराहो का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा मंदिर है जो पश्चिमी मंदिर समूह के अंतर्गत आता है। यह मंदिर महान भारतीय प्राचीन वास्तुकला के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है। यह वास्तुकला की दृष्टि से सबसे समृद्ध मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में एक शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर की प्रत्येक दीवार कलात्मक है और भव्य कलाकृतियों और नक्काशी से भरी है। यह जटिल नक्काशी और मूर्ति कला उस समय की कहानियों को आपके सामने बयां करती हैं।
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो (Kandariya Mahadev Mandir Khajuraho) का सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर है। यह मंदिर 6500 वर्ग फीट के क्षेत्र में बना हुआ है और इस मंदिर की जमीन से ऊंचाई 117 फिट है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। इस चबूतरे में जाने के लिए ऊर्ध्वाधर सीढ़ियों बनी हुई है। यह ऊंचा चबूतरा हाथी, घोड़ा, आयुध एवं शिकार करते हुए लोग, और नृत्य करते हुए लोगों के दृश्यों से सुसज्जित है।
मंदिर की संरचना में अलग-अलग कक्ष देखने के लिए मिलते हैं। मंदिर की योजना विन्यास में अर्ध मंडप, मंडप, महा मंडप, अंतराल तथा गर्भ ग्रह है। गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक प्रदक्षिणा पथ बना हुआ है। हर एक कक्ष दूसरे कक्ष से सुव्यवस्थित तरीके से जुड़ा हुआ है।
प्रवेश द्वार पर एक आयताकार हॉल बना हुआ है, जिसे अर्ध मंडप कहते हैं। अर्ध मंडप के आगे जाने पर केंद्रीय स्तंभों वाले हॉल देखने के लिए मिलता है, जिस मंडप कहा जाता है। आगे जाने पर मुख्य गर्भगृह देखा जा सकता है। यहां पर सुंदर आर्च की संरचना देखी जाती है, जो गर्भ ग्रह के प्रवेश द्वार पर बनी हुई है, जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनती है। यहां पर मुख्य प्रवेश द्वार और गर्भ ग्रह के प्रवेश द्वार पर आर्च देखा जा सकता है।
गर्भगृह के ऊपर मुख्य शिखर है। मुख्य शिखर के दोनों तरफ लघु शिखर बने हुए हैं, जो इसकी सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं। मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। यह शिवलिंग संगमरमर का बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में सुंदर देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनाई गई है, जो मंदिर की मुख्य आकर्षण का केंद्र है। मंदिर की आंतरिक दीवारों और बाहरी दीवारों में ढेर सारी प्रतिमाएं हैं, जो आप देख सकते हैं।
खजुराहो का कंदरिया महादेव मंदिर के दर्शन (Kandariya Mahadev Temple Darshan )
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो (Kandariya Mahadev Mandir Khajuraho) मुख्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर खजुराहो मुख्य शहर में शिवसागर झील के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर में पहुंचने लिए सबसे पहले आपको टिकट बुक करनी पड़ती है। यहां पर टिकट काउंटर बना हुआ है, जहां से आप पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में प्रवेश करने के लिए टिकट ले सकते हैं। टिकट लेने के बाद आपको मंदिर तक चलने के लिए मंदिर तक जाना पड़ता है। मंदिर टिकट काउंटर से थोड़ा दूर है।
मंदिर के चारों तरफ खूबसूरत गार्डन बना हुआ है। मंदिर को बाहर से देखने पर मंदिर भव्य और आकर्षक लगता है। यह मंदिर एक चबूतरे पर बना हुआ है। चबूतरे में चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। चबूतरे के ऊपर एक बड़े मंच पर मंदिर की संरचना बनी है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी है और प्रवेश द्वार के अंदर जाकर अर्ध मंडप देखने के लिए मिलता है। प्रवेश द्वार में एक सुंदर आर्च बना हुआ है, जो इस मंदिर को और भी ज्यादा आकर्षक बनाता है। अर्ध मंडप पर बनी हुई छत पर बहुत ही कलात्मक नक्काशी देखी जा सकती है, जिसमें बहुत बारीक नक्काशी की गई है।
मंदिर के मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। यह शिवलिंग बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह के बाहर की तरफ प्रदक्षिणा पथ बना हुआ है, जहां पर परिक्रमा की जा सकती है। वैसे इन मंदिरों में पूजा नहीं होती है, मगर कुछ लोग आज भी इन मंदिरों में फूल और भगवान को तिलक लगाते हैं। मंदिर में अंदर घूमने के बाद आप मंदिर के बाहर आ सकते हैं और मंदिर की बाहरी दीवारों पर बनी हुई मूर्तियों को देख सकते हैं, जो खजुराहो का मुख्य आकर्षण है।
अन्य मंदिरों तुलना में कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) सबसे बड़ा और विशाल है। इस मंदिर की दीवारों में ढेर सारी मूर्तियां बनी हुई है, जो उसे समय के जीवन काल को दर्शाती है। उसे समय में लोगों के जीवन में क्या-क्या होता था। यहां देवी-देवता, सैनिक, युध्द में जाते सिपाही, संगीतकार, नर्तक, योद्धा, दैनिक जीवन के दृश्य, कुम्हार, शिकार का पीछा करते शिकारी, समाधिस्थ योगी, यज्ञ अनुष्ठान करते हुए साधु, और भी ढेर सारी प्रतिमाएं हैं जो अलग-अलग चीजों को दिखाती हैं।
यहां पर कामुक मूर्तियां भी बनी हुई है, जो यहां का मुख्य आकर्षण है, जिसमे अलग-अलग सेक्स पोजीशन देखने के लिए मिलती है। इन सभी मूर्तियों को आप विस्तार पूर्वक देख सकते हैं। इन मूर्तियों को देखकर इन मूर्तियों में होने वाली गतिविधियां आपको साफ समझ में आ जाएंगे। कंदरिया महादेव मंदिर में घूमने के बाद आप खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के अन्य मंदिरों की सैर कर सकते हैं।
कंदरिया महादेव मंदिर का नाम कैसे पड़ा (Why is this temple called Kandariya Mahadev Temple)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) का नाम उसके ढांचे और स्वरूप से जुड़ा हुआ है।
“कंदरिया” शब्द का अर्थ :- संस्कृत शब्द कंदरा का अर्थ होता है गुफा। “कंदरिया” का आशय है गुफानुमा या गुफा जैसा दिखने वाला। इस मंदिर की वास्तुकला और ऊँचाई को देखकर यह एक विशाल पर्वत या गुफा जैसा प्रतीत होता है।
कंदरिया महादेव मंदिर नामकरण का कारण :- मंदिर का शिखर (ऊपरी भाग) लगभग 31 मीटर ऊँचा है और इसे इस तरह से बनाया गया है कि यह हिमालय की पर्वतमालाओं और गुफाओं जैसा दिखता है। इसी कारण इसे “कंदरिया महादेव” कहा गया — यानी गुफा समान पर्वतमाला का शिव मंदिर।
मंदिर का नाम इसकी बनावट के कारण पड़ा है। कंदरिया मंदिर में प्रवेश करने पर ऐसा लगता है कि हम किसी गुफा में प्रवेश कर रहे है। इसलिए इस मंदिर को कंदरिया महादेव मंदिर कहा गया।
कंदरिया महादेव मंदिर का इतिहास (Kandariya Mahadev Mandir History)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) का निर्माण 1025 से 1050 ईस्वी के बीच चंदेल वंश के राजा विद्याधर ने करवाया था। यह काल भारतीय मंदिर वास्तुकला का स्वर्ण युग माना जाता है।
इतिहासकारों का मानना है कि चंदेल शासकों ने अपने साम्राज्य की समृद्धि और धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करने के लिए इन मंदिरों का निर्माण कराया। “कंदरिया” शब्द का अर्थ है गुफा सदृश या गुफा जैसा, इसलिए मंदिर का नाम कंदरिया महादेव पड़ा।
कंदरिया महादेव मंदिर की वास्तुकला
- कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) नागर शैली (Nagara Style) में बना है और खजुराहो का सबसे बड़ा मंदिर है।
- मंदिर की लंबाई लगभग 31 मीटर और ऊँचाई लगभग 31 मीटर है।
- इसमें 84 शिखर बने हैं, जो हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं का आभास कराते हैं।
- मंदिर का गर्भगृह (Sanctum) भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें शिवलिंग स्थापित है।
- मंदिर की दीवारों, मंडप और शिखर पर अद्भुत मूर्तिकला देखने को मिलती है।
कंदरिया महादेव मंदिर की मूर्तियाँ (Kandariya Mahadev Mandir Sculptures)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) अपनी भव्य मूर्तियों और नक्काशी के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
- कामुक मूर्तियाँ (Erotic Sculptures): कंदरिया महादेव मंदिर विशेष रूप से अपनी कामुक शिल्पकला के लिए जाना जाता है। ये मूर्तियाँ मानव जीवन, प्रेम और आध्यात्मिकता के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं।
- धार्मिक मूर्तियाँ: मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की लगभग 900 मूर्तियाँ बनी हुई हैं। इनमें भगवान शिव, पार्वती, गणेश, विष्णु और अन्य देवताओं के सुंदर चित्रण हैं।
- सामाजिक जीवन की झलक: मूर्तियों में नृत्य करती अप्सराएँ, संगीतकार, शिकारी और दैनिक जीवन से जुड़े दृश्य भी उकेरे गए हैं।
कंदरिया महादेव मंदिर का आंतरिक ढांचा (Internal structure of Kandariya Mahadev Mandir)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) का निर्माण गुफा जैसा आभास देता है और इसमें कई हिस्से हैं:
- अर्धमंडप (Entrance Porch): प्रवेश द्वार, जहाँ सुंदर नक्काशी की गई है।
- मंडप: सभा और पूजा के लिए स्थान।
- महामंडप: इसमें ऊँची छत और स्तंभ हैं।
गर्भगृह: यहाँ शिवलिंग स्थापित है और यह मंदिर का सबसे पवित्र हिस्सा है।
कंदरिया महादेव मंदिर किस शैली में बना है
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) भारतीय मंदिर वास्तुकला की नागर शैली (Nagara Style of Architecture) में बना है।
नागर शैली की मुख्य विशेषताएँ:
- ऊँचा और शिखरदार मंदिर (टावरनुमा संरचना)।
- गर्भगृह (Sanctum) के ऊपर ऊँचा शिखर (Shikhara)।
- मंदिर का आकार ऊपर से पिरामिड जैसा दिखता है।
- मंडप, महामंडप और गर्भगृह की योजना एक रेखा में होती है।
- दीवारों और स्तंभों पर सुंदर नक्काशी और मूर्तियाँ।
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) नागर शैली का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है क्योंकि इसमें लगभग 84 शिखर हैं, जो हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं का आभास कराते हैं।
खजुराहो डांस फेस्टिवल (Khajuraho Dance Festival)
हर साल फरवरी-मार्च में होने वाले खजुराहो नृत्य महोत्सव के दौरान कंदरिया महादेव मंदिर की पृष्ठभूमि में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों का आयोजन किया जाता है। यह नजारा बेहद मनमोहक होता है और दुनियाभर से पर्यटक इसे देखने आते हैं।
कंदरिया महादेव मंदिर घूमने का समय (Best time to visit Kandariya Mahadev Temple)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) दिनभर खुला रहता है। आप दिन भर में यहां पर कभी भी घूमने के लिए आ सकते हैं। मगर यहां घूमने के लिए सुबह का समय और शाम का समय बेस्ट रहता है। यह मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बना हुआ है। इसलिए यहां पर दोपहर के समय घूमने में बहुत परेशानी होती है। पत्थर के गर्म हो जाने से बहुत ज्यादा उमस बनती है, जिससे घूमने में दिक्कत होती है।
- खुलने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक।
- घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है।
गर्मियों में तापमान अधिक होने के कारण सर्दियों का मौसम यात्रा के लिए अनुकूल है।
कंदरिया महादेव मंदिर कहां स्थित है (Where is Kandariya Mahadev Temple located)
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो नगर में है। यह मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह (Western Group of Temples) में आता है। यह मंदिर खजुराहो मुख्य शहर में शिवसागर झील के पास में बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं।
कंदरिया महादेव मंदिर की गूगल मैप लोकेशन
कंदरिया महादेव मंदिर कैसे पहुँचें (How to reach Kandariya Mahadev Mandir)
- हवाई मार्ग: हवाई मार्ग से खजुराहो पहुंचना बहुत ही आसान है। खजुराहो में एयरपोर्ट बना हुआ है, जिससे आप मुख्य शहरों से डायरेक्ट खजुराहो पहुंच सकते हैं और खजुराहो एयरपोर्ट से टैक्सी के द्वारा आप इन मंदिरों में आ सकते हैं। खजुराहो एयरपोर्ट दिल्ली, भोपाल और वाराणसी से जुड़ा है।
- रेल मार्ग: खजुराहो मुख्य शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर खजुराहो रेलवे स्टेशन बना हुआ है। आप अन्य शहरों से खजुराहो रेलवे स्टेशन आ सकते हैं और उसके बाद खजुराहो सिटी तक ऑटो के द्वारा पहुंच सकते हैं और उसके बाद इन मंदिरों की सैर कर सकते हैं।
- सड़क मार्ग: सड़क मार्ग के द्वारा खजुराहो पहुंचना एक अच्छा माध्यम है। सड़क मार्ग से आप आसानी से खजुराहो पहुंच सकते हैं। खजुराहो सड़क मार्ग द्वारा अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। खजुराहो में आने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है, तो आप खजुराहो आसानी से आ सकते हैंऔर उसके बाद इन मंदिरों की सैर कर सकते हैं। खजुराहो सड़क मार्ग से जबलपुर, झांसी, बांदा और सागर से जुड़ा हुआ है।
कंदरिया महादेव मंदिर की यात्रा के सुझाव
- स्थानीय गाइड के साथ जाएँ ताकि मूर्तियों और इतिहास की सही जानकारी मिल सके।
- मंदिर में अनुशासन बनाए रखें क्योंकि यह धार्मिक स्थल है।
- फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए यह स्थान एक अद्भुत अनुभव है।
- नृत्य महोत्सव के समय यहाँ की यात्रा विशेष अनुभव देती है, इसलिए पहले से बुकिंग करें।
FAQ – कंदरिया महादेव मंदिर
1. खजुराहो के कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण किस वर्ष में हुआ था?
कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण 1025 ईस्वी से 1050 ईस्वी के बीच हुआ था।
2. कंदरिया महादेव मंदिर किस राज्य में है?
कंदरिया महादेव मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले के खजुराहो नगर में स्थित है।
3. कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण किस राजवंश ने कराया?
इस मंदिर का निर्माण चंदेल वंश (Chandela Dynasty) ने कराया था।
4. कंदरिया महादेव मंदिर किसने बनवाया था?
कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजा विद्याधर (Raja Vidyadhara) ने करवाया था।
5. कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण राजा विद्याधर (चंदेल वंश) द्वारा करवाया गया था।
निष्कर्ष
कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Mandir) भारतीय शिल्पकला और आस्था का अद्भुत संगम है। यह मंदिर केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई को भी दर्शाता है। यहाँ की मूर्तियाँ जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण करती हैं – चाहे वह आध्यात्मिकता हो या मानवीय भावनाएँ।
