Beautiful and Gorgeous Lakshmana Temple Khajuraho – लक्ष्मण मंदिर खजुराहो | इतिहास, वास्तुकला, महत्व और यात्रा गाइड

लक्ष्मण मंदिर खजुराहो (Lakshmana Temple Khajuraho)

भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित खजुराहो के मंदिर समूह विश्वभर में अपनी अद्वितीय शिल्पकला, मूर्तिकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple), जो खजुराहो के सबसे प्राचीन और भव्य मंदिरों में गिना जाता है। यह मंदिर न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

लक्ष्मण मंदिर की भव्यता (Magnificence of Lakshmana Temple)

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple), मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित एक अनुपम और भव्य मंदिर है। लक्ष्मण मंदिर अपने खास तरह की बनावट और मूर्ति कला के लिए प्रसिद्ध है। लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान विष्णु की बहुत ही सुंदर खंडित मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मूर्ति मुस्लिम शासको के द्वारा खंडित कर दी गई।

लक्ष्मण मंदिर आपको पुराने युग में ले जाता है, जहां पर आपको प्राचीन समय में लोगों के द्वारा की जाने वाली हर एक गतिविधि मूर्ति के द्वारा देखने के लिए मिलती है। यहां पर मूर्तियों को इतनी सुंदर तरीके से बनाया गया है, कि आप मूर्तियों को देखकर उनकी गतिविधि पहचान सकते है।

लक्ष्मण मंदिर की संरचना और मूर्तिकला (Structure and Sculpture of Lakshmana Temple)

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) पंचायतन शैली का संधार मंदिर है। संपूर्ण मंदिर एक ऊंचा चबूतरे के ऊपर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर में विकसित मंदिर के सभी भाग देखे जा सकते हैं, जिसमें मुख्य मंडप, मंडप, महामंडपम, अंतराल और गर्भ ग्रह है। इस मंदिर का विन्यास में अन्य मंदिरों के समान ही इसका पंचरथ गर्भ गृह है तथा मुख्य शिखर, लघु शिखर के समूह से युक्त है।

गर्भ गृह का प्रवेश द्वार सप्त शाखों से अलंकृत है, जिनमें मध्य की शाखा को विष्णु के अवतारों से अलंकृत किया गया है। सरदल के मध्य में लक्ष्मी है, जिनमें दोनों ओर ब्रह्मा एवं शिव है। गर्भ गृह में भगवान विष्णु की चतुर्भुजी प्रतिमा है। इस प्रतिमा में विष्णु भगवान के बैकुंठ स्वरूप की प्रतिमा है, जिसमें तीन मुख बने हुए हैं। बीच का मुख मनुष्य का है और बगल के मुख सिंह और वराह अवतार है।

दीवारों और स्तंभों पर की गई सुंदर नक्काशियों में देवताओं, अप्सराओं, दिव्य प्राणियों और मानव जीवन के विविध प्रसंगों का अद्भुत चित्रण मिलता है। मुख्य मंदिर के बाहर बने आंगन में चारों कोने पर चार छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं, जो इस मंदिर की खास पहचान है। यह छोटे-छोटे मंदिर खजुराहो के अन्य मंदिरों में देखने के लिए नहीं मिलते हैं। साथ ही, मंदिर पर उकेरी गई कामुक मूर्तियाँ खजुराहो की कला और संस्कृति का प्रतीक मानी जाती हैं।

गर्भगृह के ऊपर स्थित विशाल केंद्रीय शिखर दूर से ही इसकी भव्यता को दर्शाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मध्यकालीन भारतीय शिल्पकला और कला की उत्कृष्टता का भी प्रतीक है।

आज भी, लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) अपनी भव्य संरचना, अद्भुत मूर्तिकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करता है। यह स्थल भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक जीवंत उदाहरण है, जो हमारी प्राचीन कला और परंपरा की महानता को अमर बनाए हुए है।

खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर की दर्शन (Darshan of Laxman Temple of Khajuraho)

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) के दर्शन करने के लिए सबसे पहले आपको पश्चिमी मंदिर समूह के बाहर बने टिकट काउंटर से टिकट लेना पड़ता है। यहां पर टिकट एक व्यक्ति का ₹40 लगता है। अगर आप ऑनलाइन टिकट लेते हैं, तो उसके लिए ₹35 लगते हैं, जो बहुत ही कम है। आप यहां पर गाइड भी बुक कर सकते हैं। गाइड मंदिर के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देगा।

आप गाइड की बुकिंग एंट्री गेट के पास में कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे फेक गाइड भी मिलते हैं, जिन्हें आप बुक ना करें। मंदिर कॉम्प्लेक्स के गेट के अंदर ही गाइड बुक करें, जिनके पास एएसआई आई कार्ड और पास ज़रूर हो, उन्हें बुक करे।

पश्चिमी मंदिर समूह में प्रवेश करने पर आपको उल्टे हाथ की तरफ लक्ष्मण मंदिर देखने के लिए मिलता है। लक्ष्मण मंदिर बहुत ही भव्य है। लक्ष्मण मंदिर के ठीक सामने भगवान विष्णु के वराह अवतार का और मां लक्ष्मी का छोटा मंदिर बना हुआ है। आप इन मंदिरों को भी देख सकते हैं। लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) एक ऊंचे चबूतरे के ऊपर बना है। मंदिर के ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर के ऊपर जाकर आप मंदिर की भव्यता को देख सकते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगती है।

आप मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में जाकर भगवान विष्णु की चतुर्भुजी प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं। भगवान विष्णु की चतुर्भुजी प्रतिमा खंडित अवस्था में यहां पर विराजमान है। मुख्य गर्भ ग्रह के बाहर प्रदक्षिणा पथ बना हुआ है, जहां पर आप परिक्रमा कर सकते हैं। मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवारों में अनेकों मूर्तियां बनी हुई है, जिन्हें आप देख सकते हैं।

मंदिर के आंतरिक भागों की मूर्तियां देखने के बाद, आप मंदिर के बाहरी भाग की मूर्तियां देख सकते हैं, जो खूबसूरत और आकर्षक हैं। यह मूर्तियां प्राचीन समय के विभिन्न तरह के क्रियाकलापों को दिखाते हैं। इन मूर्ति कलाओं में सबसे प्रसिद्ध और मुख्य कामुक मूर्तियां हैं, जो सभी को आश्चर्य जनक लगते हैं। इसके अलावा मंदिर के चारों कोने पर बना हुआ छोटे-छोटे मंदिर को भी आप देख सकते हैं।

लक्ष्मण मंदिर का इतिहास (Laxman Temple History)

  • लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) का निर्माण 10वीं शताब्दी ईस्वी (लगभग 930–950 ईस्वी) में हुआ।
  • इसे चंदेल वंश (Chandela Dynasty) के शासक यशोवर्मन (Yashovarman) ने बनवाया था।
  • इस मंदिर का निर्माण, चंदेल शासकों की धार्मिक आस्था और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
  • यह मंदिर भगवान विष्णु के उस स्वरूप को समर्पित है जो वैष्णव पंथ का प्रमुख स्वरूप है।

लक्ष्मण मंदिर की वास्तुकला

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) भारतीय मंदिर वास्तुकला की नागर शैली (Nagara Style) का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्य विशेषताएँ:

  1. शिखर (Shikhara) – मंदिर का ऊँचा शिखर (tower) हिमालय पर्वत का प्रतीक है।
  2. गर्भगृह (Sanctum) – इसमें भगवान विष्णु की वैकुण्ठ प्रतिमा स्थापित है।
  3. मंडप और महामंडप – मंदिर में प्रवेश करते ही आपको एक अलंकरणयुक्त मंडप और विशाल हॉल (महामंडप) मिलता है।
  4.  मूर्ति शिल्प (Sculptures) – मंदिर की बाहरी दीवारों पर देव-देवियों, अप्सराओं, गंधर्वों और मिथुन (कामुक) मूर्तियों की अद्भुत नक्काशी की गई है। मूर्तियाँ जीवन के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाती हैं।
  5. प्रदक्षिणा पथ (Circumambulatory Path) – गर्भगृह के चारों ओर घूमने की व्यवस्था है, जिससे भक्त पूजा करते हुए परिक्रमा कर सकते हैं।

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) की मूर्तिकला

  • मंदिर की बाहरी दीवारों पर करीब 600 से अधिक मूर्तियाँ अंकित हैं।
  • इन मूर्तियों में विष्णु के विभिन्न अवतार, देवी-देवता, नर्तकियाँ, योद्धा और मिथुन युगल (कामुक मूर्तियाँ) दिखाई देती हैं।
  • मंदिर की सबसे खास मूर्ति है – वैकुण्ठ विष्णु, जिसमें विष्णु का चेहरा मानव का है, दाईं ओर वराह (सूअर), बाईं ओर नरसिंह (अर्धसिंह-अर्धमानव) और पीछे गरुड़ का चेहरा है।

धार्मिक महत्व

  • लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) खजुराहो का पहला विष्णु मंदिर है।
  • वैष्णव भक्तों के लिए यह मंदिर मोक्ष और भक्ति मार्ग का प्रतीक है।
  • इसकी मूर्तियाँ यह दर्शाती हैं कि जीवन केवल भक्ति या त्याग से ही नहीं, बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष (पुरुषार्थ के चार स्तंभ) के संतुलन से पूर्ण होता है।

लक्ष्मण मंदिर क्यों खास है?

  • खजुराहो का सबसे प्राचीन मंदिर।
  • नागर शैली की वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण।
  • वैकुण्ठ विष्णु प्रतिमा का एकमात्र प्रमुख उदाहरण।
  • करीब 600 से अधिक अनोखी मूर्तियाँ।
  • आज भी धार्मिक दृष्टि से सक्रिय।

लक्ष्मण मंदिर घूमने का समय

लक्ष्मण मंदिर दिनभर खुला रहता है। आप दिन में यहां पर कभी भी जा सकते हैं। मगर यह मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बने हुए हैं, इसलिए दिन के समय ज्यादा गर्मी के दिनों में यहां पर चलना बहुत ही दुभर हो जाता है, इसलिए आप सुबह के समय यहां घूमने जाएं या शाम के समय 4:00 बजे के बाद जाएं।

  • खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • सालभर खुला रहता है
  • घूमने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च (सर्दियों का मौसम)

लक्ष्मण मंदिर कहां पर है (Where is Lakshmana Temple)

लक्ष्मण मंदिर (Lakshmana Temple) खजुराहो मुख्य शहर में बना हुआ है। लक्ष्मण मंदिर खजुराहो में शिवसागर झील के पास में बना हुआ है। आप इस मंदिर में अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आ सकते हैं।

लक्ष्मण मंदिर खजुराहो की गूगल मैप लोकेशन

लक्ष्मण मंदिर कैसे पहुँचे?

  • स्थान: पश्चिमी मंदिर समूह, खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश
  • हवाई मार्ग: खजुराहो एयरपोर्ट लक्ष्मण मंदिर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। आप अगर वायु मार्ग से आ रहे हैं, तो आप खजुराहो एयरपोर्ट आ सकते हैं और उसके बाद टैक्सी के द्वारा लक्ष्मण मंदिर आ सकते हैं।
  • रेल मार्ग: खजुराहो रेलवे स्टेशन मुख्य खजुराहो शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर है। आप रेल मार्ग से आ रहे हैं, तो आप खजुराहो रेलवे स्टेशन आ सकते हैं और इसके बाद ऑटो के द्वारा खजुराहो सिटी पहुंच सकते हैं और लक्ष्मण मंदिर घूम सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: खजुराहो अन्य शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप सड़क मार्ग के द्वारा यहां पर आसानी से आ सकते हैं। यहां पर आने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। जबलपुर, झांसी, सागर और बांदा से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी कनेक्टिविटी है।

यात्रा सुझाव

  • सुबह या शाम के समय जाएँ ताकि मंदिर की खूबसूरत नक्काशी साफ दिखाई दे।
  • आरामदायक जूते पहनें क्योंकि यहाँ कई मंदिर एक साथ देखने होते हैं।
  • कैमरा ज़रूर ले जाएँ लेकिन फ्लैश का उपयोग न करें।
  • खजुराहो डांस फेस्टिवल (फरवरी-मार्च) के समय यात्रा करना सबसे बेहतरीन अनुभव होगा।

FAQs – लक्ष्मण मंदिर खजुराहो

Q1. लक्ष्मण मंदिर कहाँ स्थित है?
👉 लक्ष्मण मंदिर, मध्य प्रदेश के खजुराहो (जिला छतरपुर) में स्थित है।

Q2. लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
👉 इस मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजा यशोवर्मन ने 10वीं शताब्दी में करवाया था।

Q3. लक्ष्मण मंदिर किसे समर्पित है?
👉 यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।

Q4. लक्ष्मण मंदिर की खासियत क्या है?
👉 इसकी खासियत है वैकुण्ठ विष्णु प्रतिमा, नागर शैली की वास्तुकला और लगभग 600 से अधिक अद्भुत मूर्तियाँ।

Q5. लक्ष्मण मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?
👉 अक्टूबर से मार्च के बीच यहाँ घूमना सबसे अच्छा माना जाता है।

निष्कर्ष

लक्ष्मण मंदिर खजुराहो न केवल चंदेल वंश की धार्मिक आस्था और कला कौशल का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के धर्म, कला और जीवन दर्शन को भी प्रदर्शित करता है। इसकी भव्यता, शिल्पकला और धार्मिक महत्व इसे खजुराहो के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक बनाती है। यदि आप खजुराहो की यात्रा पर जा रहे हैं, तो लक्ष्मण मंदिर को देखना कभी न भूलें।

खजुराहो के अन्य प्रसिद्ध स्थान :- रानेह जलप्रपात
केन घड़ियाल वन्य जीव अभ्यारण

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