ललितपुर में घूमने की जगह – पर्यटन स्थल, मंदिर और झीलें : Lalitpur Tourist Places in Hindi

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ललितपुर में घूमने की जगह – पूरा पर्यटन गाइड 2025

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर ललितपुर जिला बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है। ललितपुर मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ का प्रमुख जिला है। ललितपुर जिला अपने इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्व से भरपूर है। यह जगह बुंदेला और मराठा शासको की विरासत रही है।

ललितपुर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। यहां पर प्राकृतिक झरना, पहाड़, प्राचीन मंदिर, गुफाएं, किले, चट्टानें, नदियाँ ललितपुर को एक अनोखा स्थान बनाते हैं और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

इस लेख में हम ललितपुर के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। ललितपुर में घूमने की कौन-कौन सी जगह (Lalitpur Tourist Places) है, ललितपुर में घूमने का समय कौन सा अच्छा है, ललितपुर में कैसे पहुंचे, इन सभी की जानकारी इस लेख में मिलेगी।
तो चलिए, जानते हैं ललितपुर में घूमने की जगहों की संपूर्ण सूची और यात्रा गाइड—

ललितपुर का इतिहास (History of Lalitpur)

ललितपुर जिला उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है। इसका इतिहास बहुत ही रोमांचक रहा है। यह क्षेत्र बुंदेला, चंदेल, मराठा और ब्रिटिश शासन के प्रभाव में रहा है, जिसके झलक यहां पर स्थित किलों, मंदिरों, मूर्तियां और पुरातात्विक अवशेष में देखी जा सकती है।

लोगों के अनुसार ललितपुर का नाम राजा ललितादित्य के नाम पर पड़ा, जबकि कुछ ऐतिहासिक मत इसे सच नहीं मानते है। ललितपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में पाषाण युग में मानवीय गतिविधियों की सबूत मिलते हैं। कांची, देवगढ़ और सुरवाया जैसे इलाकों में प्राचीन मंदिर और मूर्तियाँ आज भी उस समय की कला व संस्कृति का प्रमाण हैं।

चंदेल और बुंदेला शासक ने भी यहां राज्य किया है। 11वीं–12वीं शताब्दी में यह क्षेत्र चंदेल राजाओं के अधीन आया, जिन्होंने अनेक मंदिर एवं जल संरचनाएँ निर्मित कराईं। बाद में 16वीं–17वीं शताब्दी में बुंदेला राजवंश ने ललितपुर पर शासन किया, जिसमें बुंदेलखंड संस्कृति, नीलकंठेश्वर मंदिर और किलेबंदी इसके प्रमाण है।

18वीं शताब्दी में मराठाओं का प्रभाव यहाँ बढ़ा। 1817 के बाद ललितपुर ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान रेल मार्ग, प्रशासनिक इकाइयों और व्यापारिक गतिविधियों का ललितपुर में विस्तार हुआ। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ललितपुर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आज ललितपुर ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र बन चुका है। ललितपुर में देखने लायक ढेर सारी पर्यटन और दर्शनीय स्थान है।

ललितपुर में घूमने के लिए प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल (Lalitpur Tourist Places in Hindi)

ललितपुर के ऐतिहासिक स्थान (Historical places in Lalitpur)

देवगढ़ पहाड़ी ललितपुर (Deogarh Hill, Lalitpur)

देवगढ़ पहाड़ी ललितपुर के पास देवगढ़ घूमने के लिए एक प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थान है। देवगढ़ पहाड़ी बेतवा नदी के किनारे स्थित बहुत बड़े एरिया में फैली हुई है और यहां देखने के लिए बहुत सारी जगह है। यहां पर आप आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यह ललितपुर के पास घूमने के लिए एक बढ़िया जगह है।

चलिए जानते हैं – देवघर में घूमने वाली प्रमुख जगहों के बारे में

जैन मंदिर समूह, देवगढ़ ललितपुर (Deogarh Jain Temple)

जैन मंदिर देवगढ़ में घूमने के लिए मुख्य आकर्षण में से एक है। देवगढ़ जैन तीर्थ स्थल भी है। यहां पर ढेर सारे जैन मंदिर बने हुए हैं, जो देवगढ़ की पहाड़ियों पर अलग-अलग जगह पर स्थित है। यह सभी मंदिर पुरातत्व विभाग की देखरेख में है। यह सभी मंदिर बहुत सुंदर है। आप यहां पर आकर इन मंदिरों को देख सकते हैं। यह मंदिर गुप्त काल में बनाए गए हैं।

देवगढ़ की पहाड़ी पर करीब 31 जैन मंदिर बने हुए हैं और दो हजार से ज्यादा मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो पत्थर पर तराश कर बनाई गई है। प्रमुख रूप से श्री 1008 शांति नाथ भगवान की विशाल मूर्ति आकर्षण का केंद्र है। यहां पर दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। तीर्थयात्री और इतिहासकार इसे आध्यात्मिक एवं पुरातत्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं।

दशावतार मंदिर, देवगढ़ (Dashavatara Temple, Deogarh)

दशावतार मंदिर ललितपुर के पास देवगढ़ में घूमने के लिए एक प्रमुख स्थान है। यह मंदिर गुप्त काल में बनाया गया है। मंदिर की दीवारों में बनी हुई पर एक नक्काशियां लोगों को अपनी तरह आकर्षित करती हैं। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर दशावतार मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर में ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यह मंदिर पंचायतन शैली में बना है।

वराह मंदिर (Varaha Temple)

वराह मंदिर देवघर की पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर गुप्तकालीन है और वर्तमान समय में मंदिर नष्ट हो गया है। इसका कुछ भाग देखा जा सकता है। मंदिर के गर्भगृह में वराह की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिनका दाहिना हाथ जंघा तथा बाया हाथ पृथ्वी के उद्धार करते हुए प्रदर्शित किया गया है। प्रतिमा की बाई ओर कमल लिए हुए लक्ष्मी तथा नीचे नाग दंपति दिखाए गए हैं।

यह मंदिर ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर का अधिकांश भाग टूट गया है। आपको इसका प्रवेश द्वार और अन्य भाग देखने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर के आसपास घना जंगल है।

प्राचीन सिद्ध गुफाएं (Ancient Siddha Caves)

सिद्ध की गुफाएं ललितपुर के देवगढ़ में महावीर सेंचुरी के अंदर स्थित है। यह गुफाएं बेतवा नदी के किनारे बनी हुई है। यह गुफाएं पत्थरों को काटकर बनाई गई है। यहां पर जाने के लिए पगडंडियों वाला रास्ता है। यहां पर पहुंच कर आप इन गुफाओं को देख सकते हैं। यहां पर चारों तरफ का दृश्य प्राकृतिक है। यहां पर आपको नदी का सुंदर किनारा देखने के लिए मिलता है।

नाहर घाटी (Nahar Ghati)

नाहर घाटी देवघर में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। बरसात के मौसम में पहाड़ों से टपकने वाले पानी की धारा के कारण इस घाटी को नाहर घाटी कहा जाता है। घाटी के नीचे की और बेतवा नदी तक पहुंचाने के लिए ठोस चट्टानों को काटकर खड़ी सीढ़ियां बनी हुई है, जो काफी जर्जर अवस्था में है। यहां पर चट्टानों पर छोटे-छोटे आले बने हुए हैं, जिसमें सप्त मातृका का पट्टी, शिवलिंग और सूर्य भगवान जी की प्रतिमा का अंकन किया गया है।

राज घाटी (Raj Ghati)

राजघाटी देवगढ़ के घने जंगलों के अंदर घूमने के लिए एक सुंदर जगह है। यहां पर आकर आप चट्टानों में गुफा का और जंगलों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

महावीर स्वामी अभ्यारण ललितपुर (Mahaveer Swami Sanctuary Lalitpur)

महावीर स्वामी अभ्यारण ललितपुर के पास देवगढ़ में देखने के लिए एक प्रमुख अभ्यारण है। यहां पर ढेर सारी जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर नीलगाय, जंगली सूअर, जंगली हिरण, भालू, सियार, बंदर, लंगूर देखने के लिए मिल जाता है।

यहां पर अगर आप रुकना चाहते हैं, तो उसकी भी सुविधा उपलब्ध है। यहां पर वन विभाग का विश्राम स्थल बना हुआ है, जहां पर आप ठहर सकते हैं। यह अभ्यारण ललितपुर रेंज के अंतर्गत आता है। यहां पर ऊंची ऊंची पहाड़ियां है और बेतवा नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।

प्राचीन बौद्ध गुफाएं देवगढ़ (Ancient Buddhist Caves)

प्राचीन बौद्ध गुफाएं देवगढ़ के जंगलों के भीतर स्थित है। यह गुफाएं देवगढ़ से करीब साढे तीन किलोमीटर दूर है। यहां पर आप जंगल के रास्ते आ सकते हैं और इन गुफाओं को देख सकते हैं। यहां पर चट्टानों में बौद्ध और जैन मूर्तियां बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर है। यहां पर आप सीढ़ियों के द्वारा पहाड़ी के नीचे आ सकते हैं और गुफाएं देख सकते हैं।

कुरैया बीर मंदिर (Kuraiya Bir Temple)

कुरैया बीर मंदिर ललितपुर के पास कुचदों गांव में बना है। यह मंदिर शिव मंदिर है। यह मंदिर वर्गाकार गर्भगृह पंचारथ शैली का है। यह मंदिर आठवीं शताब्दी का प्रतीत होता है। यह मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। मंदिर परिसर में एक बावली और मुख्य मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुंदर नक्काशी मंदिर की दीवारों पर की गई है। मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना है।

तालबेहट

तालबेहट ललितपुर जिले का एक छोटा सा नगर है। यह ललितपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। तालबेहट में ढेर सारे ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थान है, जो आप यहां पर आकर देख सकते हैं।  तालबेहट में देखने के लिए बहुत सारी जगह है।

तालबेहट का किला (Talbehat Fort)

तालबेहट का किला तालबेहट नगर में एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर बना है। यह किला राम सरोवर झील के किनारे बना हुआ है। तालबेहट का किला बहुत सुंदर है। इस किले से मानसरोवर झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। तालबेहट किले का निर्माण 1618 में भरत शाह के द्वारा किया गया था।

तालबेहट के किले को मर्दन सिंह का किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला बहुत ही सुंदर है। इस किले मे सुंदर छतरियां, ऊंचे ऊंचे बुर्ज और दीवारें, दरवाजे देखने के लिए मिलते हैं। इसका प्रवेश द्वार भी बहुत भव्य है।

तालबेहट के किले मे तीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर श्री हनुमान जी का, नरसिंह भगवान जी का और अंगद भगवान जी का मंदिर बना हुआ है। किले में जाने के लिए दो मुख्य दरवाजे हैं। यहां पर राजा मर्दन सिंह का राज हुआ करता था। उन्होंने 1847 की क्रांति में रानी दुर्गावती का अंग्रेजों के विरुद्ध साथ दिया था।

मानसरोवर झील (Mansarovar Lake)

मानसरोवर झील को तालबेहट तालाब के नाम से भी जाना जाता है। यह तालाब बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस झील के किनारे मंदिर और पार्क बने हैं, जहां पर आप जाकर शांतिपूर्ण अपना समय बता सकते हैं।

हजारिया महादेव मंदिर ललितपुर (Hajariya Mahadev Temple Lalitpur)

हजारिया महादेव मंदिर ललितपुर के पास तालबेहट में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर एक अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शिवलिंग में हजार छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं। यह शिवलिंग बहुत ही सुंदर लगते हैं।

ललितपुर के प्रसिद्ध मंदिर (Famous temples in Lalitpur)

रणछोड़ जी मंदिर ललितपुर (Ranchod Ji Temple Lalitpur)

रणछोड़ जी मंदिर ललितपुर के पास एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर देवगढ़ में बेतवा नदी के किनारे, धौरा गांव के पास में बना है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में श्री कृष्ण जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो प्राचीन है। यहां पर बेतवा नदी का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है। बेतवा नदी में आप यहां बोटिंग का मजा ले सकते हैं।

रणछोड़ मंदिर के बारे में ढेर सारी मान्यताएं हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि जब श्री कृष्ण जी का कालयवन से युद्ध हो रहा था। तब वह यहीं पर रणभूमि को छोड़कर भागे थे। इसलिए इस मंदिर को रणछोड़ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की बहुत ही सुंदर चतुर्दशी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। भगवान विष्णु जी गरुण के ऊपर विराजमान है। मंदिर परिसर में और भी ढेर सारे देवी देवताओं की मूर्तियों के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

मंदिर परिसर में भगवान शंकर की यहां पर चौमुखी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर नव दुर्गा मंदिर बना हुआ है, जहां पर आप दुर्गा जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर उमा महेश्वरी की बहुत सुंदर प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर छोटे-छोटे मंदिर भी बने हुए हैं, जो प्राचीन है।

मुचकुंद गुफाएं ललितपुर – Muchkund Caves Lalitpur

मुचकुंद गुफा ललितपुर के पास धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। यह गुफा ललितपुर में घने जंगल के अंदर स्थित है। यह गुफाएं रणछोड़ मंदिर के पास में स्थित है। इस गुफा में आने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। रणछोड़ जी मंदिर से यह गुफा करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पूरा रास्ता जंगल से भरा हुआ है।

इन गुफाओं के बारे में कहा जाता है, श्री कृष्ण जी का कालयवन राक्षस से युद्ध हो रहा था, तब श्री कृष्ण जी रणभूमि छोड़कर भाग रहे थे और कालयवन श्री कृष्ण जी का पीछा कर रहा था। श्री कृष्ण जी, इस गुफा में जाकर छुप गए। इस गुफा में मुचकुंद ऋषि गहरी निद्रा में सो रहे थे। भगवान श्री कृष्ण ने अपना पितांबर मुचकुंद ऋषि के ऊपर डाल दिया और छुप गए।

कालयवन राक्षस आया और ऋषि मुचकुंद से अभद्र व्यवहार करने लगा, और ऋषि मुचकुंद के ऊपर रखा पितांबर उठाकर फेंक दिया, जिससे ऋषि मुचकुंद की आंख खुली और जलती रोशनी कालयवन राक्षस के ऊपर पड़ी और कालयवन राक्षस जलकर नष्ट हो गया, इसलिए यह जगह मुचकुंद ऋषि के नाम से जानी जाती है।

श्री कृष्ण जी ने ऋषि मुचकुंद को शांत होने के लिए कहा और उनसे माफी मांगी। इस जगह का यह धार्मिक महत्व है, अगर आप इस जगह घूमने जाते हैं, तो इस जगह की खूबसूरती को एंजॉय करें।

प्राचीन हिंदू मंदिर चांदपुर ललितपुर – Ancient Hindu Temple Lalitpur

चांदपुर ललितपुर के पास एक छोटा सा गांव है। यह देवगढ़ से 12 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर ढेर सारी प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं, जो पूरे गांव के आसपास के इलाके में फैले हुए है। आप यहां पर आकर इन मंदिरों को देख सकते हैं। यह मंदिर चंदेल वंश के द्वारा बनाए गए थे। चांदपुर में और भी ढेर सारे मंदिर है। यहां पर बिल्मोरी मंदिर, जैन मंदिर, झामर मंदिर और शांतिनाथ मन्दिर है।

सहस्त्रलिंग मंदिर (Sahastralinga Temple)

सहस्त्रलिंग मंदिर ललितपुर के पास चांदपुर गांव में बना है। यह मंदिर खंडहर अवस्था में यहां पर मौजूद है। यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस शिवलिंग में अनेक छोटे-छोटे लिंग बने हुए हैं, जिससे यह शिवलिंग बहुत ही सुंदर लगता है और इस शिवलिंग को सहस्त्र लिंग के रूप में पूजा जाता है। मंदिर के आस-पास मंदिर के खंडहर अवशेष देखे जा सकते हैं।

वराह मंदिर (Varaha Temple)

वराह मंदिर ललितपुर के पास चांदपुर गांव में बना है। यह एक सुंदर मंदिर है। इस मंदिर में वराह भगवान की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां वराह भगवान जी की प्रतिमा पाषाण से बनी हुई है। मंदिर के आस-पास मंदिर के खंडहर अवशेष देखे जा सकते हैं।

विष्णु जी और लक्ष्मी नारायण मंदिर (Vishnu and Lakshmi Narayan Temple)

विष्णु जी और लक्ष्मीनारायण मंदिर चांदपुर में बना हुआ एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी और लक्ष्मी माता को समर्पित है। यहां पर आप आकर इस मंदिर में घूम सकते हैं और इस मंदिर की खूबसूरत कारीगरी को देख सकते हैं।

भंडारिया मंदिर (Bhandaria Temple)

भंडारिया मंदिर चांदपुर में बना हुआ एक सुंदर और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर एक ऊंची चबूतरे पर बना हुआ है। इसकी दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। इसमें एक गर्भ ग्रह और मंडप देखने के लिए मिलता है।

दुधाई मंदिर समूह ललितपुर (Dudhai Temple Group Lalitpur)

दुधाई मंदिर समूह ललितपुर में स्थित एक प्राचीन मंदिर समूह है। यह मंदिर समूह ललितपुर जिले में दुधाई नाम के गांव में स्थित है। दुधाई गांव ललितपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम पाली के पास है। यहां पर सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है और इन मंदिरों में आप घूमने लिए जा सकते हैं। ये मंदिर चंदेल वंश के द्वारा बनाया गया है।

नरसिंह भगवान की शैलकृत मूर्ति (Rock-Cut Sculpture of Lord Narasimha)

नरसिंह भगवान की यह प्रतिमा बहुत ही अद्भुत है। यह प्रतिमा पहाड़ी पर तलाशी गई है। यह प्रतिमा 30 फीट ऊंची है। इसमें भगवान नरसिंह का बहुत ही भयानक रूप देखने के लिए मिलता है। इस प्रतिमा में भगवान नरसिंह हिरणकश्यप का वध कर रहे हैं। इस प्रतिमा तक पहुंचाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है।

अखाड़ा (Akhara)

64 योगिनी मंदिर एक सुंदर मंदिर है। इस मंदिर को अखाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक खुले आसमान के नीचे सुंदर संरचना है। स्थापत्य की दृष्टि से यह संपूर्ण संरचना लगभग गोलाकार है, जिसमें छोटे-छोटे वर्गाकार संरचना लिए हुए सपाट छत युक्त लघु कक्ष मंदिर जगती पर एक दूसरे के साथ निर्मित है। इस संपूर्ण संरचना के पूर्वी और पश्चिमी भाग नष्ट हो गए हैं। यह संरचना ऊंची पहाड़ी पर बनी हुई है। आप यहां पर जाकर इस जगह को देख सकते हैं। यह बहुत ही सुंदर लगती है।

वराह मंदिर (Varaha Temple)

वराह मंदिर दुधई गांव में बना एक सुन्दर मंदिर है। यह मंदिर खुला आसमान के नीचे बना हुआ है। यहां पर वराह भगवान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।

जैन मंदिर (Jain Temple)

जैन मंदिर दुधई गांव में बना एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर खंडहर अवस्था में है। इस मंदिर की दीवार में सुन्दर नक्काशी है। यहां पर और भी मंदिर बने है।

नीलकंठ मंदिर पाली (Neelkanth Temple, Pali)

नीलकंठ मंदिर ललितपुर के पास पाली ग्राम में बना हुआ है। यह मंदिर ललितपुर से करीब 38 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी के ऊपर बना है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर तक पहुंचाने के लिए सीढ़ियां से जाना पड़ता है। मंदिर अच्छी अवस्था में है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

नीलकंठ मंदिर चंदेल शासको के द्वारा बनवाया गया है। गर्भगृह की पिछली द्वार पर लंबी गर्दन वाली त्रिमुखी शिव की एक पुरानी प्रतिमा और केंद्र में एक शिवलिंग रखा हुआ है। इस मंदिर का संरक्षण कार्य बुंदेला शासक के समय में 18वीं शताब्दी में किया गया था। आप इस मंदिर में आकर इस मंदिर की सुंदरता और आसपास की भव्य दृश्य का आनंद ले सकते हैं। यहां पर एक कुंड बना हुआ है, जिससे पानी निकलता है।

चुवन धाम (Chuvan Dham)

चुवन धाम ललितपुर के पास बंट गांव में बना हुआ है। यह बंट गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर घने जंगल के अंदर बना है। यहां पर जाने के लिए सड़क मार्ग है। यहां पर आप अपनी बाइक और कार से आराम से जा सकते हैं। यह एक सुंदर और आध्यात्मिक स्थान है। यहां पर मंदिर बना है। यहां पर हनुमान जी का सुंदर मंदिर बना है। यहां आस-पास का दृश्य हरियाली से भरपूर हैं। बरसात के समय यहां पर सुंदर झरना देखने के लिए मिलता है, जो पहाड़ों के ऊपर से बहता है और आकर्षक लगता है। यहां पर बहुत सारे लोग झरने में स्नान करते हैं।

पांडव कालीन मंदिर ललितपुर (Pandava Period Temple Lalitpur)

पांडव कालीन मंदिर ललितपुर के पास घूमने के लिए एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर जामुनी नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां चारों तरफ प्राकृतिक माहौल देखने के लिए मिलता है। यहां पर आने के लिए परोल गांव से आना पड़ता है।

यहां पर जंगल के अंदर ट्रैकिंग करनी पड़ती है। उसके बाद इस मंदिर में आप पहुंच जाते हैं। यहां पर शिव भगवान जी और राधे कृष्णा जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह जगह प्रकृति के बहुत करीब है। अगर आपको एडवेंचर करने का मन है, तो आप यहां पर आ सकते हैं।

तुवन मंदिर ललितपुर (Tuvan Temple, Lalitpur)

तुवन मंदिर ललितपुर का एक प्रसिद्ध और सुन्दर मंदिर है। यह मंदिर ललितपुर मुख्य शहर में सुमेरा तालाब के पास में बना है। यह मंदिर आसपास के एरिया में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में बहुत सारे लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के गेट के अंदर प्रवेश होते ही एक अलग एनर्जी फील होती है। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में हनुमान जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

ललितपुर के पास प्रसिद्ध बांध (Famous dam near Lalitpur)

गोविंद सागर बांध ललितपुर (Govind Sagar Dam Lalitpur)

गोविंद सागर बांध ललितपुर में घूमने का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। गोविंद सागर बांध एक बहुत बड़ा और सुन्दर जलाशय है। इस जलाशय में साइफन प्रणाली इस्तेमाल की गई है। यह बांध ललितपुर शहर के पास ही में स्थित है। आप यहां पर कार और बाइक से घूमने के लिए आ सकते हैं।

बरसात के समय बांध का दृश्य देखते बनता है, क्योंकि बरसात के समय बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य बहुत ही आकर्षक लगता है। आप यहां पर बरसात के समय या शाम के समय जब सूर्यास्त होता है। तब आ सकते हैं। यह बांध शहजाद नदी पर बना हुआ है।

राजघाट बांध ललितपुर (Rajghat Dam Lalitpur)

राजघाट बांध ललितपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध बेतवा नदी पर बना हुआ है। बांध के बाजू में ही सुंदर पार्क बना हुआ है, जहां पर तरह-तरह के पौधे लगाए गए हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात में यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं।

बरसात के समय डैम का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। बरसात के समय डैम पूरी तरह पानी से भर जाता है और इसका पानी ओवरफ्लो कर बहता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। आप यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। बांध के सामने से एक रोड जाती है, जहां से आप इस डैम का शानदार दृश्य देख सकते हैं।

शहजाद बांध ललितपुर (Shahzad Dam Lalitpur)

शहजाद बांध ललितपुर शहर का एक सुंदर स्थल है। यह एक बहुत बड़ा जलाशय है। यह जलाशय ललितपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह जलाशय 1992 में बनाया गया था। यह जलाशय शहजाद रिवर पर बना है। आप इस जलाशय में घूमने के लिए आ सकते हैं।

माताटीला डैम ललितपुर (Matatila Dam Lalitpur)

माताटीला डैम ललितपुर जिले में तालबेहट नगर के पास में स्थित एक सुंदर बांध है। यह बांध बेतवा नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस बांध के पास एक पार्क बना हुआ है, जिसे माताटीला पार्क कहा जाता है। यह जगह बहुत सुंदर है और प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है।

यहां पर बरसात में आना और समय बिताना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि बरसात में यहां पर चारों तरफ हरियाली होती है। डैम से थोड़ी ही दूरी पर मालिनी देवी मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर भी बहुत सुंदर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं।

ललितपुर में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Lalitpur)

ललितपुर में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का रहता है। आप यहां पर अक्टूबर की मार्च के बीच में आ सकते हैं और ललितपुर के पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं। इस समय मौसम बहुत ही बढ़िया रहता है, जिससे घूमने में कोई भी दिक्कत नहीं होती है। आप यहां आराम से घूम सकते हैं।

आप यहां गर्मी और बरसात के समय भी आ सकते हैं। अगर गर्मी के समय यहां पर तापमान बहुत ज्यादा रहता है, जिससे घूमने में दिक्कत हो सकती है। बारिश के बाद हरी-भरी पहाड़ियाँ भी मन मोह लेती हैं।

ललितपुर कैसे पहुंचे? (How to reach Lalitpur?)

रेलवे स्टेशन: ललितपुर मुख्य शहर में रेलवे स्टेशन बना हुआ है, जो खजुराहो दिल्ली रूट से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर रेल मार्ग से आसानी से आ सकते हैं और मुख्य शहर में पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग: यहां पर झांसी, टीकमगढ़, सागर, मुरैना, छतरपुर, देवरी आदि शहरों से बस की सुविधा उपलब्ध है। आप यहां पर आराम से बस के द्वारा आ सकते हैं। उसके बाद अन्य जगह में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जा सकते हैं।
निकटतम एयरपोर्ट: ललितपुर का निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो में बना है। आप खजुराहो हवाई मार्ग से आ सकते हैं और उसके बाद ललितपुर सड़क मार्ग के द्वारा या रेल मार्ग के द्वारा पहुंच सकते हैं।

ललितपुर का गूगल मैप लोकेशन

रुकने की जगह (Hotels & Stays)

  • बजट होटल
  • धर्मशालाएँ (जैन धामों के पास)
  • lakeside resorts (मताटिला)

निष्कर्ष

ललितपुर एक अनछुआ लेकिन बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहाँ इतिहास, आध्यात्मिकता, रोमांच, प्रकृति और संस्कृति—सबका मिश्रण मिलता है। जो भी बुंदेलखंड की आत्मा को महसूस करना चाहता है, उसे ललितपुर जरूर घूमना चाहिए।

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