Top 10 Omkareshwar Tourist Places in Hindi : ओंकारेश्वर में घूमने की 10 बेहतरीन जगहें

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Omkareshwar Tourist Places : ओंकारेश्वर यात्रा की पूरी जानकारी

ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित, एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है। ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ एक सुंदर स्थान है। यहां पर नर्मदा नदी के बीच में एक छोटा सा द्वीप बना हुआ है, जिसमें ओंकारेश्वर मंदिर बना हुआ है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ओंकारेश्वर ॐ के आकार का है। इसलिए इसे ओंकारेश्वर कहा जाता है। ओंकारेश्वर नर्मदा नदी से घिरा हुआ है। यह स्थान आध्यात्मिक होने के साथ प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

अगर आप ओंकारेश्वर की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से ओंकारेश्वर में घूमने के दर्शनीय स्थल और पर्यटन स्थल, ओंकारेश्वर के आकर्षण, ओंकारेश्वर में रुकने की जगह, ओंकारेश्वर में घूमने का सबसे अच्छा समय, इन सभी टॉपिक के बारे में जानकारी देंगे, ताकि आपकी ओंकारेश्वर ट्रिप बहुत अच्छे से आप इंजॉय कर सकें।

ओंकारेश्वर का महत्व (Importance of Omkareshwar)

ओंकारेश्वर का धार्मिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक महत्व है। ओंकारेश्वर धर्म, इतिहास अध्यात्म और प्राकृतिक सुंदरता से जुड़ा हुआ है। इस जगह में आकर इस जगह की महानता को जानकर आपके मन में अलग ऊर्जा का संचार होगा।

1. धार्मिक महत्व

  • ओंकारेश्वर का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यहां भगवान शिव का एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के बीच में बने टापू पर स्थापित है।
  • 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण यह स्थान संपूर्ण भारतवर्ष में पूजनीय और पवित्र माना जाता है।
  • पौराणिक मान्यता है कि यहां पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • नर्मदा नदी के द्वीप का आकार “ॐ” जैसा दिखाई देता है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।

2. ऐतिहासिक महत्व

  • ओंकारेश्वर का उल्लेख स्कंद पुराण, शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में मिलता है।
  • चंदेल, परमार और मराठा शासकों ने यहां मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार कराया। आप आज भी यहां पर प्राचीन मंदिर देख सकते हैं, जिनकी अवशेष यहां पर टापू में आराम से देखे जा सकते हैं।
  • आदि शंकराचार्य ने भी ओंकारेश्वर में शिक्षा प्राप्त की थी, जिससे यह स्थान वेदांत दर्शन और सनातन परंपरा से जुड़ा।

3. आध्यात्मिक महत्व

  • नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह स्थल साधना और ध्यान के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यहां पर आकर नर्मदा नदी के किनारे बैठकर एक अजीब तरह की शांति मिलती है।
  • यहां स्थित आश्रम, घाट और परिक्रमा मार्ग साधकों को आत्मिक शांति प्रदान करते हैं।
  • सावन और महाशिवरात्रि के समय लाखों श्रद्धालु यहां आकर शिव भक्ति में लीन हो जाते हैं।

4. प्राकृतिक महत्व

  • ओंकारेश्वर के चारों तरफ नर्मदा नदी बहती है। नर्मदा नदी की शांत धारा और द्वीप का अद्भुत संगम इस जगह को खास बनाता है।
  • नाव की सवारी और घाटों का दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।
  • ओंकार पर्वत की परिक्रमा करते हुए भक्त धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य दोनों का अनुभव करते हैं।

5. सांस्कृतिक महत्व

  • ओंकारेश्वर में साल भर धार्मिक उत्सव और मेलों का आयोजन होता है।
  • यहां आने वाले पर्यटक न केवल भगवान शिव की भक्ति में लीन होते हैं, बल्कि मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव करते हैं।

Omkareshwar Tourist Places – ओंकारेश्वर में घूमने के दर्शनीय और पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी

ओंकारेश्वर में मंदिरों, घाटों, प्राकृतिक दृश्यों और ऐतिहासिक धरोहरों की भरमार है। आइए जानते हैं ओंकारेश्वर में घूमने लायक प्रमुख स्थलों के बारे में –

1. श्री ओंकारेश्वर मंदिर

ओंकारेश्वर में घूमने के लिए सबसे प्रमुख स्थल ओंकारेश्वर मंदिर है। ओंकारेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर टापू में बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए ब्रिज की सुविधा और नाव की सुविधा है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदिर का निर्माण कलचुरि काल में हुआ था और इसकी वास्तुकला अद्भुत है। मंदिर के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की विशेषता

  • यह ओंकारेश्वर का सबसे प्रमुख आकर्षण है।
  • मंदिर में चढ़ने के लिए प्रसाद एवं अन्य सामग्री मंदिर के रास्ते में और मंदिर के आस-पास मिल जाती हैं।
  • मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और अद्भुत है, जिसमें कई शिल्पकृतियां और धार्मिक चित्र उकेरे गए हैं।
  • सावन और महाशिवरात्रि के समय यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
  • मंदिर परिसर में ढेर सारी मंदिर बने हुए हैं, जिनके अलग-अलग धार्मिक महत्व है।

2. ममलेश्वर मंदिर

ममलेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर के दूसरे ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध है। यह ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर मंदिर के दूसरे तरफ नर्मदा नदी के पास में बना हुआ है। यहां पर आप ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने के बाद, घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर शांत और भव्य वातावरण में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने यहाँ माँ पार्वती को “मम” (मतलब “मेरा”) कहकर संबोधित किया था, इसीलिए इस स्थान का नाम ममलेश्वर पड़ा।

ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की विशेषता

  • ममलेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर मंदिर से कम भीड़भाड़ वाला और शांत स्थल है। यहां पर आकर आप आध्यात्मिक चिंतन कर सकते हैं।
  • यह मंदिर पूरी तरह बलुआ पत्थरों से बना हुआ है और यहां पर पत्थरों पर सुंदर काम देखने के लिए मिलता है।
  • तीर्थ यात्री अपनी यात्रा के दौरान ओमकारेश्वर और ममलेश्वर दोनों मंदिरों के दर्शन करते हैं। यहां पर ममलेश्वर मंदिर के दर्शन के बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है।
  • इस जगह के बारे में माना जाता है कि यहां पर धार्मिक गुरु शंकराचार्य ने अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद के साथ एक गुफा में आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त किया थी।

3. सिद्धनाथ मंदिर (Siddhanath Temple)

सिद्धनाथ मंदिर ओंकारेश्वर एक ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह स्थल ओंकारेश्वर पर्वत की परिक्रमा मार्ग पर पड़ता है। आप यहां पर आकर इस मंदिर को देख सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसमें सुंदर नक्काशीदार स्तंभ देखे जा सकते हैं। हाथियों से सुसज्जित मंच देखा जा सकता है। यह मंदिर वर्तमान समय में खंडहर तब्दील हो गए हैं, मगर इसके अवशेष देखकर इसकी भव्यता का पता चलता है।

सिद्धनाथ मंदिर की विशेषता

  • नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह प्राचीन मंदिर अपनी शानदार स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
  • मंदिर की दीवारों पर बने जटिल नक्काशी और मूर्तियां इसकी ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाती हैं।
  • यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव को अर्पण चढ़ाकर आशीर्वाद लेते हैं।

4. नर्मदा नदी और नदी पर बने हुए सुंदर घाट (Narmada River and the beautiful ghats)

ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। ओंकारेश्वर में ढेर सारे सुंदर-सुंदर घाट बने हुए हैं, जहां पर जाकर आप घूम सकते हैं। इन घाटों में जाकर आप नहाने का भी आनंद उठा सकते हैं। चलिए जानते हैं, ओंकारेश्वर के घाटों के बारे में –

गौमुख घाट ओंकारेश्वर (Gaumukh Ghat Omkareshwar)

गौमुख घाट नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध घाट है। इस घाट में मुख्य आकर्षण यहां पर स्थित शिवलिंग है, जिसके ऊपर से हमेशा गौमुख से पानी गिरता रहता है। यह शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। आप उसके आकर दर्शन कर सकते हैं।

आप यहां पर आकर बोटिंग का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर ढेर सारे बोट वाले रहते हैं, जिससे आप यहां पर बोट की बुकिंग करके नर्मदा नदी की परिक्रमा कर सकते हैं। यहां पर आप नहाने का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां पर मंदिर बना हुआ है, जहां पर आप पूजा और दर्शन कर सकते हैं।

नगर घाट ओंकारेश्वर (Nagar Ghat Omkareshwar)

नगर घाट ओंकारेश्वर के एक सुंदर और महत्वपूर्ण आकर्षक स्थान में से एक है। यह घाट मुख्य ओंकारेश्वर शहर से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर है। यह घाट बहुत अच्छा और साफ सुथरा है। आप यहां पर नहाने का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर नर्मदा नदी ज्यादा गहरी नहीं है।

नर्मदा नदी पर यहां पर बॉउंड्री वॉल बनी है, जिससे आप यहां पर आराम से नहा सकते हैं और तैर सकते हैं। यहाँ से नर्मदा नदी और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का नज़ारा बहुत ही मनमोहक है। शाम के समय यहाँ आयोजित होने वाली आरती का दृश्य अद्भुत होता है। घाट पर नाव की सवारी का आनंद भी लिया जा सकता है।

अभय घाट ओंकारेश्वर (Abhay Ghat Omkareshwar)

अभय घाट ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के किनारे बना हुआ एक सुंदर घाट है। यह घाट बहुत ही अच्छी तरह से डेवलप किया गया है। यहां पर मोरारजी देसाई जी की समाधि बनी हुई है। मोरारजी देसाई की स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी और सादी जीवनशैली के व्यक्ति थे। यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां आप अच्छा शांतिपूर्ण समय बिता सकते है। यहां पर आप आकर योग कर सकते हैं। यहां पर आप आकर स्नान कर सकते हैं।

5. गौरी-सोमनाथ मंदिर (Gauri-Somnath Temple)

गौरी सोमनाथ मंदिर ओंकारेश्वर टापू में बना हुआ एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर ओंकारेश्वर की यात्रा के दौरान घूमने के लिए सबसे अच्छा स्थान में से एक है। यह मंदिर ओंकारेश्वर परिक्रमा पथ पर एक ऊंची पहाड़ी पर बना है। मंदिर में जाने के लिए करीब 300 सीढ़ियां है। यह मंदिर ओंकारेश्वर का प्राचीन शिव मंदिर है।
इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान शिव का शिवलिंग और नंदी भगवान जी की प्रतिमा है। मंदिर के गर्भगृह में काले पत्थर से बना एक विशाल छह फुट ऊँचा शिवलिंग है, जिसकी बनावट बहुत सुन्दर है। गर्भगृह के बाहर भी इसी पत्थर से बना एक नंदी प्रतिमा है। यहां पर माता पार्वती के लिए प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

गौरी-सोमनाथ मंदिर की विशेषता

  • यह मंदिर ओंकारेश्वर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
  • यहां स्थापित शिवलिंग का आकार अत्यंत विशाल है।
  • मान्यता है कि यह शिवलिंग अपना रंग बदलता है – यदि कोई भक्त इसे साफ नज़र से देखे तो यह सफेद दिखाई देता है, यदि पापी देखे तो काला और सामान्य लोगों को यह धूसर रंग का प्रतीत होता है।
  • इस चमत्कारिक मान्यता के कारण हर साल हजारों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।

6. नर्मदा कावेरी संगम ओंकारेश्वर (Narmada Kaveri Sangam Omkareshwar)

नर्मदा कावेरी संगम ओंकारेश्वर में देखने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। यह ओंकारेश्वर टापू के सबसे अंतिम छोर पर बना हुआ है। यहां पर आप परिक्रमा मार्ग से पैदल जा सकते हैं। यहां पर नर्मदा नदी का एक सुंदर नजारा देखने के लिए मिलता है। इस स्थल के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर कावेरी नदी अंडरग्राउंड होकर आती है और नर्मदा नदी से मिलती है और इन दोनों नदियों का यहां पर संगम होता है।

नर्मदा कावेरी संगम की विशेषता

  • यह स्थल ध्यान करने के लिए एक अच्छी जगह है।
  • यहां पर आकर आप नहाने का आनंद ले सकते हैं।
  • यहां पर शाम के समय बिताना बहुत अच्छा और शांतिपूर्ण लगता है।
  • यहां पर सनसेट का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।

7. ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (Rin Mukteshwar Mahadev Temple)

ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर ओमकारेश्वर में घूमने के लिए एक सुंदर और अच्छी स्थान में से एक है। यह मंदिर नर्मदा कावेरी संगम के पास ओंकारेश्वर परिक्रमा पथ में बना है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस मंदिर में आकर पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में ढेर सारी देवी देवता विराजमान है।

ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता

  • इस मंदिर में सवा किलो या सवा मन चने की दाल या अन्य भेंट को चढ़ाया जाता है।
  • यह मंदिर प्राचीन और सुन्दर है।
  • यहां पर बहुत सारे लोग मन्नत के धागे बांध के जाते हैं।

8. मां अन्नपूर्णा माता मंदिर (Maa Annapurna Mata Temple)

मां अन्नपूर्णा मंदिर ओंकारेश्वर घूमने के लिए एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में बने नागर घाट के किनारे मुख्य सिटी से करीब 1 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर माता अन्नपूर्णा को समंदर समर्पित है। मंदिर में लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती माता का मंदिर बना हुआ है। मंदिर में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा 35 फुट की है और इसमें विष्णु भगवान जी के विराट अवतार के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

मां अन्नपूर्णा माता मंदिर की विशेषता

  • इस मंदिर के सामने घाट बना हुआ है। घाट से मंदिर का दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर के सामने ही भगवान विष्णु का विराट अवतार देखा जा सकता है।
  • मंदिर में जाकर शांति मिलती है। मंदिर का वातावरण आध्यात्मिक है।
  • यह प्राचीन मंदिर ओंकारेश्वर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
  • मंदिर में ढेर सारी पेंटिंग्स और भित्ति चित्र देखे जा सकते हैं, जो बहुत ही आकर्षक है। मंदिर की भित्तिचित्र कला और मूर्तियां देखने लायक हैं।
  • इसे भारतीय शिल्पकला का अद्भुत नमूना माना जाता है।

श्री गजानन महाराज मंदिर ओंकारेश्वर (Shri Gajanan Maharaj Temple Omkareshwar)

श्री गजानन महाराज मंदिर ओंकारेश्वर में घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। यह मंदिर महान संत और आध्यात्मिक गुरु, श्री गजानन महाराज को समर्पित है। यहां पर एक विशाल मंदिर परिसर देखा जा सकता है, जहां पर मुख्य आकर्षण संगमरमर के पत्थरों से बना भव्य मंदिर और द्वार है। इस मंदिर में एक बड़ा सा बगीचा बना है। यह मंदिर बहुत अच्छा और साफ-सुथरा है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। ओंकारेश्वर क्षेत्र में महाराज गजानन जी की लीला को बताया जाता है।

माना जाता है, कि यहां पर गजानन महाराज जी की अमावस्या पर मां नर्मदा जी के स्नान एवं ओंकारेश्वर जी के दर्शन हेतु ओंकारेश्वर आये थे। मां नर्मदा जी का स्नान और भगवान ओंकारेश्वर जी की पूजा और दर्शन के पश्चात, महाराज अन्य चार भक्तों के साथ नाव में सवार होकर खेड़ी घाट की ओर जा रहे थे। तब नाव चट्टान से टकरा गई और नाव में पानी भरने लगा। नाव डूबने लगी, साथ में आए सभी भक्त घबराने लगे। इस समय मां नर्मदा ने साक्षात प्रकट होकर नाव को किनारे में लगाया और श्री महाराज जी को दर्शन दिए और अंतर ध्यान हो गई।

श्री गजानंद महाराज मंदिर और आश्रम की विशेषता

  • श्री गजानन महाराज मंदिर और आश्रम ओंकारेश्वर में ठहरने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां पर कमरों की व्यवस्था मिल जाती है। आप यहां पर आकर ठहर सकते हैं।
  • यहां पर कैंटीन बनी हुई है, जहां पर बहुत कम प्राइस पर भरपेट खाना मिलता है।
  • यहां पर एक बड़ा सा गार्डन बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं।
  • यहां प्रतिदिन भजन, कीर्तन और पूजा का आयोजन होता है।
  • श्रद्धालु यहां आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

ओंकारेश्वर बांध ओंकारेश्वर (Omkareshwar Dam Omkareshwar)

ओंकारेश्वर बांध ओंकारेश्वर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। ओंकारेश्वर डैम के गेट का दृश्य आपको मुख्य ओंकारेश्वर शहर से ही देखने के लिए आराम से मिल जाता है। आप यहां पर सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा डैम के आसपास ढेर सारी व्यू प्वाइंट बने हुए हैं, जहां से आप इसके सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

ओंकारेश्वर बांध की विशेषता

  • ओंकारेश्वर बांध के पास ही एक जीरो पॉइंट बना हुआ है, जहां से आप ओंकारेश्वर डैम का और आसपास के दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं।
  • ओंकारेश्वर बांध से नर्मदा नदी को बहता हुआ देखना बहुत ही अच्छा लगता है। आप यहां पर शांति पूर्वक आकर बैठ सकते हैं और नर्मदा नदी को बहता हुआ देख सकते हैं।

ओंकारेश्वर में देखने और करने योग्य गतिविधियां (Things to see and do in Omkareshwar)

  • नाव यात्रा – नर्मदा नदी में बोट राइड करके मंदिरों और घाटों का नज़ारा लेना। ओंकारेश्वर पर्वत की परिक्रमा नाव के द्वारा भी कर सकते हैं। इसके चार्ज बहुत ज्यादा हाई रहते हैं।
  • फोटोग्राफी – ओंकारेश्वर प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां पर आप आकर फोटोग्राफी कर सकते हैं। यह फोटोग्राफी के लिए एक परफेक्ट जगह है।
  • ध्यान और योग – यहां पर प्राचीन समय में बहुत सारे साधु संतों ने तपस्या किया है। यहां पर आकर आप चिंतन और मनन जैसी गतिविधियां कर सकते हैं। यहां पर बहुत ज्यादा शांति है, जिसमें आप अच्छा समय बिता सकते हैं।
  • स्नान – ओंकारेश्वर में ढेर सारी घाट नर्मदा नदी के किनारे बने हुए हैं, जहां पर जाकर आप स्नान का आनंद ले सकते हैं।

ओंकारेश्वर कहाँ है (Where is Omkareshwar)

ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश राज्य के खंडवा ज़िले में स्थित है। यह नर्मदा नदी के बीच स्थित एक टापू (मंडाता द्वीप) पर बसा हुआ है, जिसकी आकृति हिन्दू पवित्र प्रतीक “ॐ” जैसी दिखाई देती है।

ओंकारेश्वर का भौगोलिक स्थान

  • नदी – नर्मदा नदी
  • ज़िला – खंडवा, मध्य प्रदेश
  • नज़दीकी बड़ा शहर – इंदौर (लगभग 77 किमी दूर)
  • समुद्र तल से ऊँचाई – लगभग 150 मीटर

धार्मिक महत्व

  • ओंकारेश्वर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
  • यहाँ दो प्रमुख मंदिर हैं:
    1. ओंकारेश्वर मंदिर (टापू पर)
    2. ममलेश्वर मंदिर (नदी के किनारे)
  • नर्मदा नदी के बीच बसे इस स्थल का महत्व तीर्थराज के रूप में है और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

ओम्कारेश्वर का गूगल मैप लोकेशन

ओंकारेश्वर की दूरी (प्रमुख शहरों से) (Distance to Omkareshwar)

  • खंडवा से ओंकारेश्वर की दूरी (Distance to Omkareshwar from Khandwa): ~70 किमी
  • इंदौर से ओंकारेश्वर की दूरी (Distance to Omkareshwar from Indore) : ~77 किमी
  • उज्जैन से ओंकारेश्वर की दूरी (Distance to Omkareshwar from Ujjain) : ~140 किमी
  • भोपाल से ओंकारेश्वर की दूरी (Distance to Omkareshwar from Bhopal) : ~260 किमी

In Short :- ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले में, नर्मदा नदी के मांधाता द्वीप पर स्थित है, और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र तीर्थ है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे (How to Reach Omkareshwar Jyotirlinga)

ओंकारेश्वर पहुँचना बहुत आसान है क्योंकि यह मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ पहुँचने के लिए आप सड़क, रेल और हवाई – तीनों मार्गों का उपयोग कर सकते हैं।

ट्रेन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे (How to reach Omkareshwar Jyotirlinga by train)

नज़दीकी रेलवे स्टेशन: 

  • ओंकारेश्वर रोड (Mortakka Junction) – ओंकारेश्वर से लगभग 12 किमी दूर।
  • खंडवा रेलवे स्टेशन – लगभग 70 किमी दूर।
  • इंदौर रेलवे स्टेशन – लगभग 77 किमी दूर।

खंडवा और इंदौर दोनों ही बड़े जंक्शन हैं, यहाँ से देश के कई शहरों (दिल्ली, मुंबई, भोपाल, उज्जैन, नागपुर आदि) के लिए सीधी ट्रेनें मिलती हैं। ओंकारेश्वर रोड स्टेशन से मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी, जीप या लोकल बस आसानी से मिल जाती है।

हवाई मार्ग से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे (How to reach Omkareshwar Jyotirlinga by air)

निकटतम एयरपोर्ट: देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर – लगभग 77 किमी दूर।

इंदौर एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के लिए नियमित उड़ानें हैं। एयरपोर्ट से टैक्सी या बस द्वारा सीधे ओंकारेश्वर पहुँचा जा सकता है। आप इंदौर से बस के द्वारा भी ओंकारेश्वर आ सकते हैं।

सड़क मार्ग से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे (How to reach Omkareshwar Jyotirlinga by road)

ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
इंदौर से दूरी: लगभग 77 किमी (NH-47 के रास्ते 2 घंटे)
खंडवा से दूरी: लगभग 70 किमी (2 घंटे)
उज्जैन से दूरी: लगभग 140 किमी (3–4 घंटे)
भोपाल से दूरी: लगभग 260 किमी (6–7 घंटे)

यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको सीधी बस सेवाएँ और टैक्सी दोनों आसानी से मिल जाती हैं।

स्थानीय परिवहन

ओंकारेश्वर एक टापू (नर्मदा नदी के बीच स्थित) पर बसा है। यहाँ पहुँचकर मंदिर तक जाने के लिए पैदल पुल और नाव (फेरी) दोनों का विकल्प मिलता है। अधिकतर श्रद्धालु नाव से दर्शन के लिए जाते हैं क्योंकि यह यात्रा धार्मिक और रोमांचक दोनों लगती है।

👉 संक्षेप में:

हवाई यात्रा से आएँ तो इंदौर एयरपोर्ट सबसे पास है। रेल से आएँ तो ओंकारेश्वर रोड स्टेशन या खंडवा/इंदौर स्टेशन सही विकल्प हैं। सड़क से भोपाल, इंदौर, खंडवा, उज्जैन आदि शहरों से बस/टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

ओंकारेश्वर में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit in Omkareshwar)

ओंकारेश्वर में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का होता है। मगर आप यहां पर खास अवसर, जैसे श्रावण मास में और महाशिवरात्रि के समय भी आ सकते हैं। श्रावण मास और महाशिवरात्रि में यात्रा करने का अलग महत्व होता है।

ठंड के समय ओंकारेश्वर की यात्रा (Omkareshwar trip during winters)

ओंकारेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम) है। यह समय ओंकारेश्वर आने के लिए सबसे आदर्श है। इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है और तापमान 15°C–25°C रहता है। नर्मदा नदी का किनारा और नौकायन (boat ride) का अनुभव बहुत सुंदर होता है। ठंड के समय परिक्रमा करने में, मंदिर घूमने में थकावट नहीं होगी और आप आराम से सभी जगह एक्सप्लोर कर सकते हैं।

गर्मी के समय ओंकारेश्वर की यात्रा (Omkareshwar trip during summer)

ओंकारेश्वर घूमने के लिए बहुत सारे लोग अप्रैल से जून के माह में भी आते हैं। इस समय बहुत ज्यादा गर्मी रहती है, जिससे घूमने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इस समय तापमान बहुत ज्यादा हाई रहता है। इस समय तापमान 35°C–45°C तक पहुँच जाता है। दोपहर में गर्मी ज़्यादा होती है, दर्शन सुबह या शाम को करना बेहतर रहता है। इस समय भी श्रद्धालु आते हैं लेकिन यात्रा थोड़ी कठिन लग सकती है।

बरसात के समय ओंकारेश्वर की यात्रा (Omkareshwar trip during rainy season)

ओंकारेश्वर में घूमने का बरसात का समय बहुत ही बढ़िया है। बरसात के समय आकर आप ओंकारेश्वर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। ओंकारेश्वर में बरसात का समय जुलाई से सितंबर तक रहता है। भारी बरसात में आप यहां पर नहीं जाए, क्योंकि भारी बरसात में यहां पर एक्टिविटी बंद हो जाती हैं, तो आपको ज्यादा एक्टिविटी करने नहीं मिलेगी।

बरसात में नर्मदा नदी अपने पूरे सौंदर्य में रहती है। पहाड़ियां और घाट हरियाली से भर जाते हैं। मानसून में मंदिर परिसर और घाटों पर भीड़ कम होती है, शांति का अनुभव मिलता है।

खास अवसर पर ओंकारेश्वर की यात्रा

श्रावण मास (जुलाई–अगस्त) → भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे पवित्र समय, सावन सोमवार के समय श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने और जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। इस समय मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।

महाशिवरात्रि (फरवरी/मार्च) → महाशिवरात्रि में ओंकारेश्वर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। इस समय यहां बहुत सारी भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। इस समय यहां मेला और धार्मिक आयोजन होते हैं।

ओंकारेश्वर में रुकने की व्यवस्था (Stay facilities in Omkareshwar)

ओंकारेश्वर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, इसलिए यहाँ हर प्रकार के यात्रियों के लिए रुकने की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध है।

1. ओंकारेश्वर में धर्मशालाएँ और आश्रम

ओंकारेश्वर में ढेर सारे आश्रम और धर्मशालाएं हैं, जहां पर रुकने की व्यवस्थाएं उपलब्ध है। आप यहां पर बहुत कम कीमत पर ठहर सकते हैं। यहां पर आपको अच्छी व्यवस्थाएं मिल जाती हैं।
ओंकारेश्वर के प्रमुख धर्मशाला 

  • गजानन महाराज संस्थान धर्मशाला
  • ओंकारेश्वर ट्रस्ट धर्मशाला
  • नर्मदा मंदिर धर्मशाला

कई अखाड़ों और मठों के अपने आश्रम भी हैं जहाँ श्रद्धालु रुक सकते हैं। यहाँ आपको ₹200 – ₹600 प्रति दिन के हिसाब से कमरे मिल जाते हैं।

2. ओंकारेश्वर में होटल और लॉज

ओंकारेश्वर में बजट से लेकर मिड-रेंज होटल और लॉज उपलब्ध हैं। होटल की कीमत ₹800 से ₹2500 प्रति रात तक हो सकती हैं। मंदिर क्षेत्र, घाट और मुख्य बाजार के पास कई होटल हैं जहाँ रुकना सुविधाजनक रहता है।

3. निकटवर्ती शहरों में ठहरना

अगर आपका बजट बहुत ज्यादा है और आप रिसॉर्ट्स में रुकना चाहते हैं, तो आप इंदौर के आस-पास रिसॉर्ट्स में रुक सकते हैं। इंदौर ओंकारेश्वर से 77 किलोमीटर दूर है। यहां पर बहुत सारे रिसॉर्ट्स और 7 स्टार होटल है, जहां पर आपको हाई क्लास सर्विस मिलती है और आप यहां पर रुक सकते हैं।

ओंकारेश्वर में ठहरने के लिए सुझाव

  • अगर आप दर्शन और परिक्रमा के लिए जा रहे हैं तो ओंकारेश्वर नगर या मंदिर के पास धर्मशाला/होटल में रुकना बेहतर रहेगा।
  • आप ओंकारेश्वर पहुंचते हैं, तो यहां पर आपको कुछ लोग रोकेंगे और अपने साथ चलने के लिए कहेंगे, तो आप उनके साथ मत जाना, होटल की बुकिंग करने के लिए। नहीं तो वो लोग आपसे भी कमीशन लेंगे और होटल से भी कमीशन लेंगे।
  • परिवार या बच्चों के साथ आरामदायक ठहराव चाहिए तो इंदौर या खंडवा में होटल बुक करें और वहाँ से ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जाएँ।
  • श्रावण मास, महाशिवरात्रि और बड़े पर्वों पर भीड़ अधिक होती है, इसलिए कमरे पहले से बुक कराना अच्छा रहेगा।

ओंकारेश्वर यात्रा के लिए महत्वपूर्ण टिप्स (Important tips for Omkareshwar Yatra)

1. ओंकारेश्वर मंदिर दर्शन से जुड़ी बातें

  • ओंकारेश्वर मंदिर सुबह 5 बजे से खुल जाता है, इसलिए सुबह-सुबह दर्शन करना सबसे अच्छा रहता है।
  • मंदिर में दर्शन करने जाते हैं, तो यहां पर काफी भीड़ रहती है। यहां पर पंडित जी रहते हैं, जो VIP दर्शन करने के लिए कहते हैं, तो आपको जल्दी दर्शन करना है, तो आप उनके साथ जा सकते हैं। नहीं तो थोड़ा इंतजार के बाद, आपको यहां दर्शन मिल जाते है।
  • खासकर श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर बहुत भीड़ रहती है, इसलिए जल्दी पहुँचना अच्छा है।
  • अभिषेक / पूजन कराने के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा अधिकृत पंडितों से ही संपर्क करें।

2. पहनावा और नियम

  • मंदिर में सादे व पारंपरिक कपड़े पहनना उचित है।
  • महिलाएँ साड़ी/सलवार और पुरुष धोती/कुर्ता या साधारण कपड़े पहनें।
  • जूते-चप्पल मंदिर के बाहर उतारकर रखें। जूते चप्पल के लिए स्टैंड बना है, वहां पर रखें।

3. साथ रखने योग्य सामान

  • अपने साथ ज्यादा कीमती सामान ना ले जाये। ज्यादा गहने ना पहने और हल्का बैग रखें।
  • पानी की बोतल और हल्का नाश्ता साथ रखें।
  • बरसात के मौसम में छाता/रेनकोट और गर्मियों में टोपी/गमछा उपयोगी रहेगा।

4. स्थानीय परिवहन

  • मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल पुल और नाव दोनों विकल्प हैं।
  • नाव यात्रा धार्मिक दृष्टि से भी शुभ मानी जाती है, लेकिन मानसून में पानी अधिक होने पर सावधानी बरतें।

5. ठहरने की सलाह

  • साधारण बजट के लिए धर्मशालाएँ और आश्रम उपलब्ध हैं।
  • परिवार के साथ यात्रा कर रहे हों तो होटल या लॉज बुक करना बेहतर है।
  • त्योहारों और श्रावण मास में भीड़ बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए पहले से कमरे बुक कर लें।

6. पैसों और खरीदारी से जुड़े सुझाव

  • आप यहां पर जाते हैं, तो अपने साथ चिल्लर पैसे जरूर लेकर जाएं। छोटे नोट 5, 10, 20, 50 की जरूर रखें, क्योंकि यहां पर खरीदारी करते समय, ऑटो से यात्रा, चढ़ावा या दान देते समय यह पैसे लगा सकते हैं।
  • घाट और मंदिर के पास छोटी दुकानें हैं, जहाँ से प्रसाद और धार्मिक सामग्री खरीद सकते हैं।

 7. सुरक्षा और सावधानियाँ

  • भीड़ के समय बच्चों पर विशेष ध्यान दें।
  • अनजान लोगों को पैसे/सामान न सौंपें।
  • किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल अधिकृत पंडित/ट्रस्ट काउंटर से पूजन की रसीद लें।

8. सबसे अच्छा समय

  • अक्टूबर से मार्च यात्रा का सबसे आरामदायक समय है।
  • श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर दर्शन का महत्व विशेष होता है।

Omkareshwar Tourist Places in Hindi – FAQ

1. ओंकारेश्वर कहाँ स्थित है?
ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले में नर्मदा नदी के बीच मांधाता द्वीप पर स्थित है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

2. ओंकारेश्वर में घूमने के प्रमुख स्थल कौन-कौन से हैं?
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, ममलेश्वर मंदिर, नर्मदा घाट, ओंकार पर्वत परिक्रमा मार्ग, और आसपास के धार्मिक स्थल यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।

3. ओंकारेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?
अक्टूबर से मार्च का समय ओंकारेश्वर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त है। श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर यहाँ विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं।

4. ओंकारेश्वर कैसे पहुँचा जा सकता है?
नज़दीकी रेलवे स्टेशन ओंकारेश्वर रोड (मोरटक्का) और निकटतम एयरपोर्ट इंदौर है। सड़क मार्ग से इंदौर, खंडवा और उज्जैन से बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

5. ओंकारेश्वर में रुकने की क्या व्यवस्था है?
यहाँ धर्मशालाओं, आश्रमों और बजट होटलों से लेकर इंदौर व खंडवा में अच्छे होटलों तक ठहरने की सुविधा उपलब्ध है।

6. ओंकारेश्वर यात्रा के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
हल्का सामान साथ रखें, भीड़भाड़ के समय बच्चों पर ध्यान दें, अधिकृत पंडित या ट्रस्ट से ही पूजन कराएँ और बरसात के मौसम में नाव की सवारी करते समय सावधानी बरतें।

निष्कर्ष

ओंकारेश्वर एक आदर्श धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है, जहाँ आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ के मंदिर, घाट, और प्राकृतिक स्थल पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। अगर आप एक शांत और सुखद यात्रा की तलाश में हैं, तो ओंकारेश्वर आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

 

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