सीहोर में घूमने की 20 बेहतरीन जगह, उनकी खासियत और यात्रा गाइड – 10 Amazing Sehore Tourist Places in Hindi

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सीहोर के दर्शनीय और पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी और यात्रा गाइड

Sehore Tourist Places in Hindi : मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित सीहोर जिला अपना एक विशेष स्थान रखता है। यह जिला ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। भोपाल से केवल 35 किलोमीटर दूर स्थित यह शहर प्राचीन काल से ही एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र रहा है। सीहोर जिला प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक धरोहरों, वन्य जीव स्थल और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित करता है।

सीहोर जिले के पास घूमने के लिए प्रमुख पर्यटन स्थल – Sehore Tourist Places in Hindi

सीहोर जिला मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध जिलों में से एक है। सीहोर जिले में प्राचीन मंदिर, तालाब, बांध, वन्य जीव अभ्यारण है, जो बहुत सुंदर है और इन सभी स्थलों में आप घूमने के लिए जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं – सीहोर जिले के पास घूमने के प्रमुख स्थलों के बारे में

सीहोर के फेमस मंदिर (Famous Temples in Sehore)

कुबेरेश्वर मंदिर सीहोर (Kubereshwar Temple, Sehore)

कुबेरेश्वर मंदिर भारत के मध्य प्रदेश में सीहोर के पास स्थित एक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। यहां पर देश भर से भक्त भगवान शिव के दर्शन और कथा सुनने के लिए आते हैं। यहां पर वार्षिक रुद्राक्ष वितरण समारोह होता है, जो बहुत प्रसिद्ध है और भक्त पूरे देश से इस रुद्राक्ष वितरण समारोह में आते हैं और रुद्राक्ष प्राप्त करते हैं।

कुबेरेश्वर मंदिर सीहोर जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर है। यह भोपाल इंदौर मार्ग पर बना हुआ है। यह मंदिर भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर बस और टैक्सी आसानी से आ सकते हैं। यहां पर बहुत ही भव्य मंदिर बनाया गया है, जो शिव जी को समर्पित है। यहां पर विष्णु भगवान जी को समर्पित मंदिर भी बनाया गया है। यहां का वातावरण अच्छा और आध्यात्मिक है। आप यहां पर आकर कथा सुन सकते हैं और रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं।

कुबरेश्वर मंदिर की खासियत

  • यह मंदिर पंडित प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा बनाया गया है और मंदिर का प्रबंध भी उनके द्वारा कराया जाता है।
  • इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।
  • यहां पर भगवान शिव का विशाल शिवलिंग और भगवान विष्णु की शेष सैया पर लेटी हुई विशाल प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
  • यहां पर महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।

श्री चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर (Shri Chintaman Ganesh Temple, Sehore)

श्री चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को पेशवाकालीन श्री चिंतामन गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है, यह मंदिर महान मराठा शासक पेशवा बाजीराव के समय का है और इस मंदिर की पुनः निर्माण करने में उनका मुख्य योगदान है। यह मंदिर सीहोर जिले में सीवन नदी के पास में बना हुआ है। इस मंदिर में आप सड़क मार्ग से घूमने के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर के पास पार्किंग के लिए बहुत बड़ी जगह है।

चिंतामन गणेश मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में गणेश जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। गणेश जी की प्रतिमा आभूषणों से और फूलों से सजी हुई है और उनके दोनों तरफ उनकी पत्नियों रिद्धि और सिद्धि विराजमान है। मंदिर परिसर में और भी ढेर सारी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के आस-पास ढेर सारी दुकाने हैं, जहां से आपको प्रसाद और अन्य सामग्री मिल जाती है।

श्री चिंतामन गणेश मंदिर की खासियत

  • श्री चिंता मां गणेश मंदिर के परिसर में काल भैरव, मां दुर्गा, भगवान शिव, मां पार्वती के दर्शन किए जा सकते हैं।
  • चिंतामन गणेश मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। यहां पर मनोकामना मांगने से पहले भक्त मंदिर की दीवारों पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मनोकामना पूरी होने पर वापस आते हैं और मंदिर की दीवार से फिर से स्वास्तिक बनाते हैं और इस पर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
  • मंदिर में बुधवार के दिन बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। इस दिन दूर-दूर से लोग भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं।
  • मंदिर की संरचना बहुत सुंदर है। यह मराठा कालीन संरचना देखने के लिए मिलती है।

मनकामेश्वर महादेव मंदिर सीहोर (Mankameshwar Mahadev Temple, Sehore)

मनकामनेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन जिले के मध्य में स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक मुख्य स्थल है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस मंदिर को मनकामेश्वर मंदिर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस मंदिर में आकर आप जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह जरूर पूरी होती है।

मनकामेश्वर मंदिर की खासियत

  • मनकामेश्वर मंदिर बहुत सुंदर और शांत है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। यहां पर आकर अच्छा समय बिताया जा सकता है।
  • मंदिर परिसर में आप अन्य देवी देवताओं के दर्शन भी कर सकते हैं। यहां पर हनुमान जी और अन्य मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं।

श्री हनुमान फाटक मंदिर सीहोर (Shri Hanuman Fatak Mandir Sehore)

श्री हनुमान फाटक मंदिर सीहोर के एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सीहोर में सीवन नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। मंदिर के आसपास का दृश्य बहुत सुंदर और सकारात्मक है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में हनुमान जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। प्रतिमा के दर्शन करके बहुत अच्छा अनुभव होता है। मंदिर परिसर में ढेर सारे देवी देवताओं के मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं।

हनुमान फाटक मंदिर की खासियत

  • यह मंदिर सिवान नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर सीवन नदी का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। आप यहां पर शाम के समय जाकर बैठकर सीवन नदी के दृश्य को एंजॉय कर सकते हैं और मंदिर के सकारात्मक वातावरण में कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं।
  • यहां पर सूर्यास्त का समय बहुत अच्छा लगता है। सूर्यास्त के समय यहां आकर आप सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
  • यहां पर और भी मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं।
  • यहां पर मंगलवार और शनिवार के दिन बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।

मरी माता मंदिर सीहोर (Maa Narayani Dham, Mari Mata Temple, Sehore)

मरी माता मंदिर सीहोर जिले के इच्छावर तहसील के कांकरखेड़ा गांव में बना है। यह मंदिर बहुत पुराना है और बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर मरी माता को समर्पित है। इस मंदिर में आकर आप मरी माता के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर परिसर बहुत अच्छा है। मंदिर परिसर में और भी बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। मंदिर में आकर अच्छा लगता है।

मरी माता मंदिर की खासियत

  • मरी माता मंदिर आसपास के एरिया में बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर बहुत सारे भक्त मरी माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
  • मंदिर के आस-पास दुकान हैं, जहां से आप प्रसाद और अन्य सामग्री ले सकते हैं।
  • मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है

भूतेश्वर मंदिर सीहोर (Bhuteshwar Temple, Sehore)

भूतेश्वर मंदिर सीहोर में सीवान नदी के किनारे स्थित एक सुंदर और पवित्र स्थान है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर चिंतामन गणेश मंदिर के पास में स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर भगवान शिव जी प्राकृतिक परिवेश में स्थापित किए गए हैं। यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए हैं और सीवान नदी बहती है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं और भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर सती माता मंदिर भी देखने के लिए मिलता है।

भूतेश्वर मंदिर की खासियत

  • भूतेश्वर मंदिर प्राकृतिक परिवेश से घिरा हुआ है। यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे और नदी का दृश्य देखने के लिए मिलता है।
  • भूतेश्वर मंदिर सीहोर में घूमने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। आप यहां पर मंदिर की सैर कर रहे हैं, तो आप इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।
  • यह मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है।

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केरी के महादेव और केरी जलप्रपात सीहोर (Keri Ke Mahadev, Sehore)

केरी के महादेव और केरी जलप्रपात सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक प्राकृतिक और धार्मिक स्थान में से एक है। यह जगह सीहोर जिले में रातापानी वन्यजीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। आप यहां पर झिरी द्वार से प्रवेश करते हुए पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए एक कच्चा रास्ता है। यह जगह घने जंगल के अंदर स्थित है।

यहां पर भगवान शिव जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है और जंगल के बीच में एक सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुंदर घाटी देखी जा सकती है। यह जगह चारों तरफ से हरियाली और प्राकृतिक परिवेश से घिरी है। यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिताया जा सकता है।

केरी महादेव मंदिर और केरी जलप्रपात की खासियत

  • केरी महादेव मंदिर और केरी जलप्रपात घने जंगल के अंदर बना है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
  • यहां पर बरसात में चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। बरसात में यहां पर जलप्रपात का दृश्य बहुत ही आकर्षक होता है।जलप्रपात में पानी की बहुत ज्यादा मात्रा होती है।
  • यहां पर जंगल पहाड़ और पेड़ पौधों का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। यहां पर जंगली जीव भी देखे जा सकते हैं।
  • यहां पर आप जाते हैं, तो अपना खाना खुद लेकर जाएं, क्योंकि यहां पर किसी पर ही प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है।

बाघराज माता प्राचीन मंदिर सीहोर (Baghraj Mata Ancient Temple, Sehore)

बाघराज माता प्राचीन मंदिर सीहोर जिले के पास घने जंगलों के अंदर स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर सीहोर यह मंदिर दाहोद डैम के पास इमलिया गोंडी गांव के पास में स्थित है। यहां पर आप सड़क मार्ग से आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। मंदिर तक पहुंचाने के लिए कुछ दूरी तक ट्रैकिंग भी करनी पड़ती है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर बना है।

यहां पर आपको मां दुर्गा के स्वरूप त्रिपुर सुंदरी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर प्राकृतिक गुफा है, जहां पर यह मंदिर बना हुआ है ,आप यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

बाघराज मंदिर की खासियत

  • यह मंदिर चारों तरफ से जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है। मंदिर की गुफा प्राकृतिक है और यहां पर ढेर सारे देवी देवता विराजमान है।
  • यहां पर आकर आध्यात्मिक वातावरण में आप कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं और चिंतन कर सकते हैं।
  • नवरात्रि के समय यहां पर बहुत सारे भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।

सलकनपुर मंदिर सीहोर (Salkanpur Temple, Sehore)

सलकनपुर माता मंदिर मध्य प्रदेश के सीहोर में घूमने के लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान में से एक है। यह मंदिर सीहोर जिले के रेहती के पास में सलकनपुर गांव में विंध्याचल पहाड़ियों पर बना हुआ है। इस मंदिर को विंध्यवासिनी विजयासन माता या विंध्यवासनी बीजासन देवी मन्दिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग,सीढ़ियों और और रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। मंदिर में पहुंचने के लिए करीब 1400 सीढ़ियां हैं।

सलकनपुर माता मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर के मुख्य गर्भग्रह में विंध्यवासिनी मां के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। विंध्यवासिनी बिजासन देवी मां दुर्गा का एक रूप है। इस मंदिर के बारे में माना जाता है, की देवी दुर्गा राक्षस रक्तबीज का समाप्त करने के लिए बिजासन देवी का रूप धारण करी थी। यहां पर आप आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

सलकनपुर मंदिर की खासियत

  • सलकनपुर मंदिर को एक सिद्ध पीठ और शक्तिपीठ के रूप में माना जाता है।
  • यहां पर नवरात्रि के समय ढेर सारे भक्त मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रि के समय मेला लगता है।
  • यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। मंदिर से चारों तरफ का भव्य दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मनमोहक लगता है।
  • मंदिर के आसपास ढेर सारी दुकाने हैं, जहां से आप हस्तशिल्प, स्मृति चिन्ह, स्नेक्स और प्रसाद सामग्री ले सकते हैं।

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टपकेश्वर महादेव मंदिर बायां सीहोर (Tapkeshwar Mahadev Temple, Sehore)

टपकेश्वर महादेव मंदिर सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर और प्राकृतिक स्थान में से एक है। यह मंदिर सीहोर जिले के पास बुधनी तहसील के बयान में घने जंगल के अंदर बना हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आने के लिए एक अच्छी सड़क है, कुछ दूरी तक पक्की सड़क है, जहां पर आप गाड़ी लेकर जा सकते हैं।

मंदिर तक पहुंचाने के लिए थोड़ी ट्रैकिंग भी करनी पड़ती है। यहां पर प्राकृतिक गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर श्री राम जी, माँ सीता, लक्मण जी के दर्शन भी करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर आकर अच्छा लगता है।

टपकेश्वर महादेव मंदिर की खासियत

  • टपकेश्वर महादेव मंदिर घने जंगल के अंदर बना है। यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिताया जा सकता है।
  • इस मंदिर में सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं।
  • मंदिर में आने का रास्ता बहुत ही सुंदर है। यहां पर जंगल का खूबसूरत रास्ता देखने के लिए मिलता है।
  • मंदिर के आने के रास्ते में एक बड़ी सी झील देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर है। यह झील चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है और इस बयान झील के नाम से जानते हैं।
  • टपकेश्वर मंदिर के रास्ते में हनुमान कुटी मंदिर बना है, जहां पर आप घूमने जा सकते हैं।
  • यहां पर बरसात के समय जलप्रपात भी देखने के लिए मिलता है।

सीहोर जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल (Historical Places near Sehore District)

कुंवर सिंह की छतरी सीहोर (Kunwar Singh’s Chhatri, Sehore)

कुंवर चैन सिंह की छतरी सीहोर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यह मुख्य सीहोर शहर में भोपाल इंदौर हाईवे मार्ग से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से अपने वाहन से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आने के लिए गली थोड़ी सी तंग है। इस छतरी में आकर, आप कुंवर चैन सिंह जी को शत-शत प्रणाम कर सकते हैं।

कुंवर चैन सिंह जी ने 1824 में अंग्रेजों सैन्य बल के साथ सशस्त्र संघर्ष करते हुए अपनी जान को गंवाया था। नरसिंहपुर के राजकुमार श्री कुंवर चैन सिंह और उनके अंगरक्षक हिम्मत खान और बहादुर खान सहित 41 जांबाज ने बहादुरों से लड़ते हुए इस स्थल पर वीरगति प्राप्त की थी। उन्हीं की याद में यहां पर यह छतरी बनी हुई है। आप यहां पर जाकर उनके दर्शन कर सकते हैं।

कुंवर चैन सिंह की छतरी की खासियत

  • यह छतरी बहुत सुंदर है और ऊंचे मंडप पर बनी हुई है। आप छतरी में घूमने लिए जा सकते हैं और छतरी के अंदर जाकर दर्शन कर सकते हैं।
  • यहां पर बहुत बड़ा कंपाउंड है, जहां पर पेड़ पौधे लगे हुए हैं। आप यहां पर आराम से जा सकते हैं। यहां पर कोई भी रोक-टोक नहीं है।
  • छतरी के बाहर मजार देखने के लिए मिलती है, जो हिम्मत खान और बहादुर खान जी की है।

सारू मारु शैलचित्र और बुद्ध स्तूप सीहोर (Saru Maru Rock Paintings and Buddha Stupa, Sehore)

सारू मारु गुफाएं सीहोर के पास घूमने के लिए एक प्राचीन और पुरातात्विक स्थान है। यहां पर प्राचीन मठ और बौद्ध गुफाएं देखने के लिए मिलती है। यह सीहोर जिले के पास बुधनी तहसील के पानगुरारिया गांव के पास में स्थित है। यहां पर आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह स्थल घने जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर ढेर सारे स्तूप बने हुए हैं, जहां पर प्राचीन समय में बौद्ध भिक्षु निवास किया करते थे।

यह स्थल प्राचीन काल में बहुत महत्वपूर्ण था और यह बौद्ध गतिविधियों के केंद्र में से एक था। इस स्थल पर भिक्षुओं के लिए कई स्तूप और प्राकृतिक गुफाएं हैं। मुख्य गुफा में अशोक के दो शिलालेख मिले हैं। यह शिलालेख प्राकृत भाषा में है। शिलालेख की लिपि दूसरे शताब्दी ईसा पूर्व की है। यहां पर आप पहाड़ी से दूर-दूर तक की घाटियों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

सारू मारु गुफाएं की खासियत

  • यह ट्रैकिंग के लिए बहुत ही बढ़िया जगह है। यह गुफाएं पहाड़ी के ऊपर बनी है। इन गुफाओं तक पहुंचाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
  • यहां चारों तरफ जंगल और पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह जगह प्राकृतिक परिदृश्यों से भरपूर है।
  • यह सीहोर जिले के पास समय बिताने के लिए बहुत बढ़िया जगह है। आप यहां पर फैमिली ट्रिप के लिए आ सकते हैं।

गिन्नौरगढ़ का किला सीहोर (Ginnaurgarh Fort, Sehore)

गिन्नौरगढ़ का किला सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक मुख्य ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल है। यह किला रातापानी वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बना है। यह सीहोर जिले की बुधनी तहसील में स्थित है। आप यहां पर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। किले में जाने के लिए आपको वन विभाग की चौकी में शुल्क देना पड़ता है और आपके साथ एक गाइड जाता है। किले में पहुंचने के लिए करीब १ km की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह किला पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है।

गिन्नौरगढ़ का किला में पहुंच कर, किले के अंदर ढेर सारे स्थल देखने के लिए मिलते हैं। इस किले का निर्माण बारहवीं शताब्दी में गोंड राजा निजाम शाह के द्वारा करवाया गया था। 18वीं शताब्दी में दोस्त मोहम्मद खान द्वारा किले में कब्जा कर लिया गया था। किले में के अंदर प्रवेश द्वारों के अवशेष, किले की दीवारें, रानी महल, राजा महल के खंडहर और कई जल स्रोत देखने के लिए मिलते हैं। यह किला लंबे समय तक गोंड शासक का गढ़ रहा है।

गिन्नौरगढ़ का किला की खासियत

  • ये जगह भोपाल और सीहोर जिले के पास घूमने के लिए बढ़िया जगह है। आप यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यहां पर बहुत शांति है।
  • यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यहां पर ढेर सारे अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां पर जंगली जानवर के भी दर्शन हो सकते हैं।
  • यहां पर आकर आप ट्रैकिंग का आनंद उठा सकते हैं।
  • किले के अंदर ढेर सारी खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर चट्टानों में देवी देवताओं की प्रतिमाओं को बनाया गया है, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं।

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सीहोर जिले के पास फेमस बांध (Famous Dam near Sehore District)

कोलार बांध सीहोर (Kolar Dam, Sehore)

कोलार बांध सीहोर जिले के पास एक सुन्दर स्थल है। यह बांध रातापानी वन्यजीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। इस बांध तक जाने के लिए पक्की सड़क उपलब्ध है। आप यहां पर अपने वाहन से घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां पर आपको सड़क के दोनों तरफ जंगल का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों और जंगल से घिरा हुआ है। यहां पर आप कर आप अच्छा और शांतिपूर्वक समय बिता सकते हैं।

कोलार बांध की खासियत

  • कोलार बांध सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक वीकेंड गेटवे है। आप यहां पर जाकर अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। आप यहां पर सुकून भरे पल को इंजॉय कर सकते हैं।
  • यह जगह परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए बढ़िया है।
  • यहां पर बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। आप यहां पर जाकर बोट राइड का आनंद ले सकते हैं।
  • यह जगह मानसून के समय बहुत अच्छी लगती है। मानसून में यहां चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है और डैम का जलस्तर भी बढ़ जाता है।

दाहोद जलाशय सीहोर (Dahod Reservoir, Sehore)

दाहोद जलाशय सीहोर के पास देखने लायक एक अच्छा स्थान है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। दाहोद जलाशय मंडीदीप के काफी करीब है। यहां पर आकर आप विशाल एरिया में फैला हुआ डैम देख सकते हैं। डैम के चारों तरफ सुंदर पहाड़ियों का दृश्य देखा जा सकता है। डैम में आप आसानी से घूमने के लिए आ सकते हैं। इस जगह में बरसात के समय बहुत अच्छा लगता है। बरसात के समय डैम पानी से पूरी तरह भर जाता है और इसका दृश्य देखने लायक रहता है।

दाहोद जलाशय की खासियत

  • आप यहां पर शाम के समय जाकर सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
  • यह आस-पास के एरिया में पीने का पानी उपलब्ध कराता है।
  • बरसात में जब जलाशय पूरी तरह पानी से भर जाता है, तो इसका पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य देखने लायक रहता है।

सीहोर के पास फेमस झरना (Famous waterfalls near Sehore)

कालिया देव मंदिर और जलप्रपात सीहोर (Kalia Dev Temple and Waterfall, Sehore)

कालिया देव मंदिर और जलप्रपात सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर स्थान में से एक है। यहां पर एक मंदिर और एक सुंदर झरना देखने के लिए मिलता है।कालिया देव मंदिर और झरना सीहोर के पास अल्लीपुर गाँव में स्थित है। आप यहां पर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर और झरना सीप नदी में बना है।

यह जलप्रपात चट्टानों के ऊपर से बहता है और बहुत ही आकर्षक लगता है। आप जलप्रपात का खूबसूरत दृश्य देखने के लिए बरसात के समय आ सकते हैं। बरसात के समय यह झरना अपने पूरे चरम सौंदर्य पर होता है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।

कालिया देव मंदिर और जलप्रपात की खासियत

  • यह जगह बहुत सुंदर और शांत है। आप यहां पर अच्छा समय बिता सकते हैं।
  • यह जगह फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए बढ़िया है।
  • आप यहां पर आते हैं, तो अपने साथ खाने का सामान जरूर लेकर आएं, क्योंकि यहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं है।
  • यहां पर आप सावधानी जरूर रखें क्योंकि झरने में किसी भी तरह की रेलिंग नहीं लगी हुई है, जिससे यहां पर दुर्घटना हो सकती है।

सीहोर के पास प्राकृतिक स्थान (Natural places near Sehore)

देलावाड़ी घाट सीहोर (Delawadi Ghat, Sehore)

देलावाड़ी घाट सीहोर के पास घूमने के लिए एक सुंदर स्थान है। यहां पर आकर आप अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ घाटी और पेड़ पौधों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर घना जंगल है, जो दूर-दूर तक फैला हुआ है। यहां पर वॉच टावर बने हुए हैं, जहां से आप घाटी का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। देलावाड़ी जंगल कैंप है, जहां आप अच्छा समय बिता सकते है।

जंगल के अंदर आपको और भी स्थल देखने के लिए मिलते हैं जहां पर आप जा सकते हैं यहां पर दिलवाला कैंप लगता है जहां पर जाकर आप ठहर सकते हैं और रोमांस का अनुभव कर सकते हैंजंगल के अंदर जलप्रपात भी बरसात के समय देखने के लिए मिलता है जहां पर जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है

देलावाड़ी घाटी की खासियत

  • यह जगह बहुत खूबसूरत है और चारों तरफ से जंगल से घिरी है।
  • आप यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
  • यहां पर आकर आप ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं।
  • यहां पर आप जंगल में ट्रेकिंग के लिए जा सकते हैं और खूबसूरत रास्तों को एंजॉय कर सकते हैं।

बेतवा उद्गम स्थान (Betwa River Origin)

बेतवा नदी उद्गम स्थल सीहोर जिले के पास झिरी में स्थित एक प्राकृतिक स्थान है। यह स्थल कोलार बांध जाने वाले मार्ग में स्थित है। यहां पर आप आसानी से सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह मुख्य रोड पर ही बना हुआ है। यहां पर बेतवा नदी का उद्गम हुआ है।

बेतवा नदी मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है। यहां पर नदी के उद्गम स्थल पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है, जहां पर शिव भगवान जी विराजमान है। यहां पर लगातार पानी की धार गोमुख से गिरती रहती है। उद्गम स्थल के चारों तरफ का वातावरण बहुत अच्छा है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं और कुछ टाइम यहां पर रूक सकते हैं।

बेतवा नदी उद्गम की खासियत

  • यहां पर कई लोग आकर स्नान भी करते हैं। यहां पर एक छोटा सा घाट बना हुआ है, जहां पर स्नान किया जा सकता है।
  • यहां पर चारों तरफ हरियाली और पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं।
  • यहां का माहौल शांत और अच्छा है।

खेओनी वन्यजीव अभयारण्य सीहोर (Kheoni Wildlife Sanctuary, Sehore)

खेओनी वन्यजीव अभयारण्य मध्यप्रदेश के हिडन अभयारण्य में से एक है। यह सीहोर जिले के पास घूमने के लिए एक सुंदर और प्राकृतिक स्थान में से एक है। यहां पर आप अगर सफारी का आनंद ले सकते हैं। यहां पर जंगली जानवर और घना जंगल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर तेंदुआ, चीता और बाघ देखने के लिए मिल जाएगा। इसके अलावा यहां पर हिरण, भालू और पक्षियों की ढेर सारी प्रजाति देखने के लिए मिलती है।

खेओनी वन्यजीव अभयारण्य की खासियत

  • यहां पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। आप यहां पर रात में ठहर सकते हैं। यहां पर कैंपिंग और गेस्ट हाउस की भी सुविधा उपलब्ध है।
  • यहां पर जंगल, घाटी और नदी के सुंदर दृश्य को देखने के लिए वॉच टावर बने हुए हैं, जहां से आप दूर-दूर तक के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं।

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सीहोर में घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Sehore)

सीहोर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का माना जाता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। तापमान लगभग 10°C से 25°C तक रहता है, जिससे मंदिरों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा आरामदायक होती है।

मानसून (जुलाई–सितंबर) में हरियाली बढ़ जाती है, लेकिन कभी-कभी तेज़ बारिश यात्रा में बाधा डाल सकती है। गर्मियों (अप्रैल–जून) में तापमान 40°C तक पहुँच जाता है, जिससे घूमना मुश्किल हो सकता है।

इसलिए, अगर आप कुबेरश्वर महादेव मंदिर, हनुमान फाटक, गणेश मंदिर या सीहोर के आसपास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं तो सर्दी और हल्के मौसम का समय सबसे उपयुक्त रहेगा।

सीहोर कैसे पहुंचे (How to reach Sehore)

सीहोर पहुँचने के लिए आपके पास कई साधन उपलब्ध हैं – सड़क, रेल और वायु मार्ग।

रेल मार्ग : सीहोर मुख्य शहर में रेलवे स्टेशन बना हुआ है। यह भोपाल–उज्जैन रेल मार्ग पर स्थित है। यहाँ से भोपाल (लगभग 40 किमी), इंदौर (लगभग 170 किमी), उज्जैन (लगभग 120 किमी) और अन्य बड़े शहरों के लिए ट्रेनें मिल जाती हैं।

सड़क मार्ग : सीहोर NH-86 और NH-12 से जुड़ा हुआ है। भोपाल से सीहोर की दूरी लगभग 40 किमी है, और यहाँ तक बस, टैक्सी या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है। इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद और विदिशा से भी सीहोर के लिए बस सेवा उपलब्ध है।

वायु मार्ग : सीहोर का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, भोपाल है, जो लगभग 35–40 किमी दूर है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी या बस के माध्यम से सीहोर पहुँच सकते हैं।

यात्रा टिप्स (Travel Tips for Sehore)

  1. घूमने का सबसे अच्छा समय – अक्टूबर से मार्च
  2. झरनों और डैम के लिए – मानसून (जुलाई-सितंबर)
  3. भोपाल और इंदौर से सीहोर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  4. स्थानीय व्यंजन और मालवी भोजन ज़रूर चखें।
  5. धार्मिक स्थलों पर जाते समय ड्रेस कोड और रीति-रिवाज़ का पालन करें।

FAQ – सीहोर में घूमने की जगह (Sehore Tourist Places in Hindi)

Q1. सीहोर में घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?
अक्टूबर से मार्च तक का समय सीहोर घूमने के लिए आदर्श है।

Q2. सीहोर में कौन-कौन से मंदिर प्रसिद्ध हैं?
सीहोर के प्रसिद्ध मंदिर – चिंतामन गणेश मंदिर, कुबेरेश्वर धाम मंदिर, हनुमान फाटक मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, भूतेश्वर मंदिर।

Q3. सीहोर के पास कौन-कौन से डैम हैं?
कोलार डैम, सीप डैम, दोहद डैम, झोलियापुर डैम और सीवन डैम सीहोर जिले के प्रमुख डैम हैं।

Q4. सीहोर कैसे पहुँचे?
सीहोर भोपाल से मात्र 35 किमी दूर है। यह सड़क और रेलवे दोनों से अच्छी तरह जुड़ा है।

Q5. क्या सीहोर परिवार के साथ घूमने लायक है?
जी हाँ, यहाँ मंदिर, पार्क, डैम और ऐतिहासिक स्थल परिवार व बच्चों के लिए आदर्श हैं।

निष्कर्ष

सीहोर जिला धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक तीनों दृष्टियों से बेहद खास है। यहाँ के मंदिर आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, पार्क और डैम प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं और ऐतिहासिक स्थल हमें अतीत से जोड़ते हैं। अगर आप भोपाल या इंदौर घूमने आएं तो सीहोर की यात्रा ज़रूर करें।

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