शारदा देवी मंदिर बरेला – पहाड़ी की चोटी पर स्थित अद्भुत मंदिर
शारदा देवी मंदिर जबलपुर (Sharda Mandir Barela Jabalpur) के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान में से एक है। यह मंदिर जबलपुर शहर के बाहर क्षेत्र, जबलपुर मंडला रोड पर एक ऊंची पहाड़ी पर बना है। यह मंदिर बरेला के पास एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर को बरेला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
शारदा देवी मंदिर रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा मिश्रण है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इस मंदिर से चारों तरह का चारों तरफ का विहंगम नजारा देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आ सकते हैं।
आज इस लेख में हम आपको जबलपुर के प्रसिद्ध शारदा देवी मंदिर के बारे में बताएंगे, ताकि आप अगर जबलपुर यात्रा कर रहे हैं, तो इस मंदिर की जरूरी यात्रा करें। यह जगह प्रकृति का आनंद लेने और आत्मिक शांति पाने के लिए यह स्थान सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।
शारदा देवी मंदिर जबलपुर का आध्यात्मिक और प्राकृतिक वातावरण (The Spiritual and Natural Environment in Sharda Mandir Barela Jabalpur)
शारदा देवी मंदिर जबलपुर के पास घूमने के लिए एक सुंदर और प्राकृतिक स्थान में से एक है। अगर आप जबलपुर शहर के पास किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां पर आपको शांति मिले, तो आप यहां पर आ सकते हैं। क्योंकि यहां पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं रहती है। यह जबलपुर के बाहर स्थित है और यहां पर आप आकर शांतिपूर्वक अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।
शारदा देवी मंदिर बरसात और ठंड के समय घूमने के लिए परफेक्ट है। गर्मी में यहां पर थोड़ा घूमने में परेशानी हो सकती है। यह मंदिर जबलपुर शहर के बाहरी क्षेत्र में जबलपुर मंडला रोड पर बना हुआ है। यह मंदिर बरेला मुख्य शहर से करीब 5 से 6 किलोमीटर दूर है। मंदिर तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क बनी हुई है। मंदिर की पहाड़ी तक पहुंचने के लिए बहुत ही शानदार रास्ता है। यह रास्ता खतरनाक भी है और खूबसूरत भी है।
इस रास्ते से होते हुए मंदिर तक पहुंचा जा सकता है और मंदिर में शारदा माता के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर मुख्य मंदिर शारदा माता का है। यहां पर हनुमान जी, कालिका माता जी, भगवान शिव जी, गणेश जी और भी ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां का वातावरण प्राकृतिक है। यहां पर आसपास पेड़ पौधे लगे हुए हैं। मंदिर से चारों तरफ का बहुत ही शानदार दृश्य देखने के लिए मिलता है। नवरात्रि के समय इस जगह पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
बरेला के शारदा मंदिर की यात्रा और दर्शन (Visit and Darshan of Maa Sharda Mandir Barela Jabalpur)
बरेला के शारदा मंदिर की यात्रा की शुरुआत जबलपुर से कर सकते हैं। जबलपुर से शारदा मंदिर करीब 35 से 40 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर गाड़ी, बाइक और कार से आराम से जा सकते हैं। आप यहां पर स्थानीय परिवहन से भी जा सकते हैं। यहां पर मंडला जाने वाली बस से जा सकते हैं और मंदिर के पास उतार सकते हैं। उसके बाद आगे की चढ़ाई आप पैदल कर सकते हैं।
बरेला मंदिर बरेला मुख्य शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है। बरेला मंदिर की तलहटी में नीचे की तरफ ढेर सारी दुकान देखने के लिए मिलती है, जहां से आप प्रसाद और अन्य सामग्री ले सकते हैं। यहां पर खाने-पीने के लिए बहुत सारी दुकानें और स्टाल लगे हुए हैं, जहां पर आप चाय, कॉफी या नाश्ता कर सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ी के सबसे ऊंचे शिखर पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है।
शारदा देवी मंदिर जाने के रास्ते में छायादार स्थान बने हुए हैं, जहां पर आप बैठ सकते हैं। आप अपनी बाइक और कार से मंदिर तक जा सकते हैं। नवरात्रि के समय यहां पर बाइक और कार आपको नीचे ही रखना पड़ता है और मंदिर तक पैदल जाना पड़ता है। मगर साल के अन्य दिनों में आप यहां पर बाइक और कार से मंदिर के ऊपर तक जा सकते हैं। मंदिर के पास ही पार्किंग के लिए बहुत बड़ी जगह है, जहां पर आप गाड़ी खड़ी कर सकते हैं। उसके बाद आप मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
मंदिर एक ऊंचा से चबूतरे के ऊपर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर में नीचे की तरफ आप चप्पल उतार सकते हैं। उसके बाद मंदिर के परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर परिसर में पानी की टंकी रखी हुई है, जहां पर आप अपना पैर धो सकते हैं और उसके बाद आप मुख्य मंदिर में मां शारदा के दर्शन कर सकते हैं।
मां शारदा की प्रतिमा बहुत ही सुंदर है। मां शारदा की प्रतिमा गहनों और वस्त्र से सुसज्जित है। मां शारदा के दर्शन करने के बाद, मंदिआते र के परिसर में बने अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर हनुमान जी का मंदिर, गणेश जी का मंदिर, शिव पार्वती जी का मंदिर, मां काली का मंदिर बना हुआ है, जिनकी आप दर्शन कर सकते हैं। परिसर में बैठने की व्यवस्था है, जहां पर आप बैठकर शांति का अनुभव कर सकते हैं।
यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए और अच्छा समय बिताने आते हैं। यहां पर बच्चे लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यहां पर बहुत बड़ा स्पेस है, जहां पर आप आराम से बैठकर भजन कीर्तन कर सकते हैं। मंदिर से आप चारों तरफ का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यहां पर दूर-दूर तक फैली पहाड़ियों और घाटियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। बरसात के समय यह जगह बहुत ज्यादा आकर्षक हो जाती है। बरसात में यहां पर चारों तरफ हरियाली देखी जा सकती है।
नवरात्रि के समय बरेला शारदा मंदिर में खास उत्सव (Special Celebrations at the Barela Sharda Temple During Navratri)
नवरात्रि के समय शारदा मंदिर में बहुत ही खास उत्सव मनाया जाता है। इस समय मंदिर को बहुत अच्छी तरह से सजाया जाता है। मंदिर का पूरा रास्ता बहुत सुंदर लगता है। पूरे रास्ते में ढेर सारी दुकान देखने के लिए मिलती हैं। मंदिर में इस समय लोग पैदल यात्रा करते हैं। लोग जिस भी परिवहन से आते हैं। उसे मंदिर के नीचे की तरफ खड़ा कर देते हैं और मंदिर की तरफ पैदल यात्रा करते हैं। इस समय मंदिर में जाकर मां के दर्शन करने का बहुत महत्व है। यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
शारदा देवी मंदिर बरेला का महत्व (Significance of Sharda Devi Temple Barela)
माँ शारदा को विद्या और ज्ञान की देवी माना जाता है। जबलपुर और बरेला के स्थानीय लोग विशेष रूप से विद्यार्थियों को यहाँ लाकर माँ शारदा का आशीर्वाद लेते है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धा से माँ शारदा के दर्शन करता है, उसे सफलता, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है।
- यह मंदिर जबलपुर के सबसे पुराने धार्मिक स्थलों में गिना जाता है।
- यहाँ का दिव्य और शांत वातावरण इसे खास बनाता है।
- पहाड़ी से चारों ओर फैले प्राकृतिक दृश्यों का आनंद पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव है।
शारदा देवी मंदिर का इतिहास और मान्यता
शारदा देवी मंदिर का इतिहास कई दशकों पुराना है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना भक्तों की गहरी आस्था और माँ शारदा की कृपा से हुई। शारदा माता मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर माता ने किसी व्यक्ति को स्वप्न में दिखाया, कि वह इस जगह पर है। उस व्यक्ति ने इस बात को अपने परिवार से बताया। तब परिवार वालों ने उस व्यक्ति को इस बात के लिए कहा, कि यह सपना है और इसे भूल जाओ। मगर माता ने उसे व्यक्ति को बार-बार स्वप्न में, अपना इस जगह होने का बताया। तब उस व्यक्ति ने यहां पर मंदिर का निर्माण किया और धीरे-धीरे इस मंदिर की प्रसिद्ध बढ़ती गई।
शारदा देवी मंदिर की फोटो (Sharda Devi Mandir photo)

शारदा देवी मंदिर स्थापत्य कला और मंदिर परिसर
शारदा देवी मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है।
- मुख्य गर्भगृह – इसमें माँ शारदा की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति पर चाँदी का मुकुट और वस्त्र अत्यंत भव्य लगते हैं।
- शिल्पकला – मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलात्मक झलक देखने को मिलती है।
- प्रांगण – विशाल प्रांगण में श्रद्धालुओं के बैठने और पूजा करने की पर्याप्त व्यवस्था है।
- आरती स्थल – आरती और भजन के समय पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठता है।
यात्रा टिप्स
- सुबह और शाम की आरती के समय मंदिर अवश्य जाएँ।
- नवरात्रि में भीड़ अधिक रहती है, इसलिए पहले से योजना बनाकर जाएँ।
- बरेला कस्बे में भोजन और ठहरने की सामान्य व्यवस्था उपलब्ध है, लेकिन बेहतर विकल्प जबलपुर शहर में मिलते हैं।
- यदि आप विद्यार्थी हैं तो अपनी पढ़ाई की किताबें साथ लेकर जाएँ और मंदिर में माँ शारदा से आशीर्वाद लें।
- स्थानीय संस्कृति और रीति-रिवाज का सम्मान करें।
शारदा देवी मंदिर के आसपास घूमने योग्य स्थल
बरेला और जबलपुर के आसपास कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं, जिन्हें आप शारदा देवी मंदिर के साथ देख सकते हैं:
- भेड़ाघाट – नर्मदा नदी के संगमरमर की चट्टानों के बीच नाव विहार।
- धुआँधार जलप्रपात – शानदार झरना जो भेड़ाघाट में ही स्थित है।
- मदन महल किला – इतिहास प्रेमियों के लिए जबलपुर का आकर्षक स्थल।
- रानी दुर्गावती संग्रहालय – कला और संस्कृति का प्रमुख केंद्र।
- गौर नदी का तट – बरेला के पास स्थित यह नदी तट भी शांत वातावरण प्रदान करता है।
- बरगी डैम – जबलपुर के पास विशाल डैम।
- डुमना नेचर पार्क – एक सुंदर इको टूरिज्म स्थल
शारदा देवी मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach Sharda Devi Temple)
सड़क मार्ग
- जबलपुर शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर मंडला रोड पर स्थित है।
- बरेला पार करने के बाद पहाड़ी की चोटी तक जाने का रास्ता मिलता है।
रेल मार्ग
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निकटतम रेलवे स्टेशन जबलपुर जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 22–25 किमी दूर है। जबलपुर रेलवे स्टेशन आने के बाद, स्थानीय परिवहन से यहां पर आ सकते हैं।
वायु मार्ग
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निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर डुमना एयरपोर्ट है। यहाँ से टैक्सी लेकर आसानी से मंदिर पहुँचा जा सकता है।
शारदा देवी मंदिर बरेला का गूगल मैप लोकेशन
शारदा देवी मंदिर यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit Sharda Devi Temple)
नवरात्रि – नवरात्रि शारदा देवी मंदिर में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय है। इस समय मंदिर की यात्रा करने का अधिक महत्व होता है। इस समय आकर आप माता के दर्शन और पूजा अर्चना कर सकते हैं। इस समय मंदिर का माहौल भी बहुत अच्छा रहता है। यहां पर भजन कीर्तन 24 घंटे चलते रहते हैं।
सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) – अगर आप पिकनिक और अच्छा शांतिपूर्वक समय बिताना है, तो आप यहां पर ठंड के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। ठंड और बरसात के समय यहां पर आकर अच्छा और शांतिपूर्ण समय बिताया जा सकता है। यहां पर आपको चारों तरफ हरियाली और पेड़ पौधे देखने के लिए मिलेंगे। यह जबलपुर के पास पिकनिक और शांतिपूर्वक समय बिताने के लिए एक अच्छी जगह है। गर्मी में सुबह या शाम का समय यात्रा के लिए बेहतर माना जाता है।
सुविधाएँ और सावधानियाँ
- पहाड़ी की चोटी पर दुकानें उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए पूजा सामग्री नीचे से ही खरीद लें।
- मंदिर परिसर में पानी और शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए तैयारी करके जाएँ।
- खाने-पीने की दुकानों पर पार्किंग की सुविधा मिल जाती है।
- यह मंदिर शहर से थोड़ी दूरी पर बाहरी इलाके में स्थित है, इसलिए दिन के उजाले में जाना सुरक्षित रहता है।
शारदा देवी मंदिर बरेला – FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. शारदा देवी मंदिर, बरेला कहाँ स्थित है?
शारदा देवी मंदिर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में बरेला के पास, मंडला रोड पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह जबलपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
Q2. शारदा देवी मंदिर, बरेला तक कैसे पहुँचे?
जबलपुर से मंडला रोड पर 20 किमी की यात्रा करनी होती है। बरेला पार करने के बाद पहाड़ी पर चढ़ने का रास्ता मिलता है। आप यहाँ तक कार, बाइक या टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते हैं।
Q3. शारदा देवी मंदिर, बरेला का धार्मिक महत्व क्या है?
यह मंदिर माँ शारदा को समर्पित है, जो विद्या और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। विद्यार्थी और भक्त यहाँ आकर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
Q4. शारदा देवी मंदिर में दर्शन करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
दर्शन के लिए सालभर जा सकते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं और भक्तों की संख्या अधिक रहती है। सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) यात्रा के लिए सबसे अनुकूल है।
Q5. क्या शारदा देवी मंदिर में भीड़ रहती है?
सामान्य दिनों में यहाँ भीड़-भाड़ बहुत कम होती है, जिससे शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लिया जा सकता है। केवल नवरात्रि में यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं।
Q6. क्या मंदिर तक वाहन ले जा सकते हैं?
जी हाँ, दोपहिया और चारपहिया वाहन सीधे पहाड़ी की चोटी तक जा सकते हैं। रास्ता घुमावदार और रोमांचक है, इसलिए सावधानी से ड्राइव करना चाहिए।
Q7. शारदा देवी मंदिर परिसर में कौन-कौन सी सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
मंदिर परिसर में पानी और शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। पूजा सामग्री और खाने-पीने की दुकानें नीचे मिलती हैं। पार्किंग की सुविधा आसपास की दुकानों पर मिल जाती है।
Q8. क्या शारदा देवी मंदिर में रात को भी दर्शन किए जा सकते हैं?
हाँ, नवरात्रि के अंतिम दो दिनों में मध्यरात्रि तक दर्शन की विशेष व्यवस्था रहती है। सामान्य दिनों में दर्शन सुबह से शाम तक ही किए जा सकते हैं।
Q9. क्या परिवार के साथ घूमने के लिए यह मंदिर उपयुक्त है?
बिल्कुल, यहाँ का शांत वातावरण, स्वच्छ परिसर और पहाड़ी से दिखने वाला प्राकृतिक नज़ारा परिवार संग घूमने के लिए इसे खास जगह बनाता है।
Q10. शारदा देवी मंदिर की यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
पूजा सामग्री नीचे से खरीद लें, क्योंकि ऊपर दुकानें नहीं हैं। दिन के उजाले में यात्रा करना सुरक्षित रहता है, खासकर अगर आप बाइक से जा रहे हैं।
निष्कर्ष
शारदा देवी मंदिर, बरेला धार्मिक आस्था, रोमांचक यात्रा और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है। यहाँ का दिव्य वातावरण, पहाड़ी से दिखाई देने वाले शानदार नज़ारे और माँ शारदा की भव्य प्रतिमा हर आगंतुक के मन को छू लेती है।
अगर आप जबलपुर या बरेला की यात्रा पर हैं, तो इस मंदिर को अवश्य अपनी सूची में शामिल करें। यह यात्रा आपके लिए शांति, रोमांच और आध्यात्मिक अनुभव से भरी होगी।
