टिकिटोरिया देवी मंदिर – सागर जिले का मिनी मैहर
टिकिटोरिया देवी मंदिर (Tikitoriya Devi Mandir) मध्य प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थान में से एक है। यह मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहली तहसील में बना हुआ है। यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सौंदर्य प्राचीनता और धार्मिक आस्था के कारण लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर को मिनी मैहर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्रसिद्ध स्थल है।
मध्य प्रदेश का आध्यात्मिक स्थान टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoria Temple, a spiritual place in Madhya Pradesh)
टिकिटोरिया देवी मंदिर सागर (Tikitoriya Devi Mandir Sagar) जिले के पास में बना हुआ एक प्रमुख धार्मिक स्थान है। सागर का टिकीटोरिया मंदिर “मिनी मैहर” के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर के चारों तरफ का वातावरण सकारात्मक और आध्यात्मिक है। मंदिर में आकर एक अलग सुकून मिलता है। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर की पहाड़ी के चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो इस जगह को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।
टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) में ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं। टिकिटोरिया देवी मंदिर के मुख्य गर्भगृह माँ दुर्गा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मां दुर्गा यहां पर सिंघवासिनी रूप में विराजमान है। मां दुर्गा जी के साथ यहां पर महालक्ष्मी और सरस्वती जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मुख्य मंदिर के परिसर में ही एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है, जहां पर ढेर सारी प्राचीन प्रतिमाएं रखी हुई है। इन प्रतिभाओं के आप दर्शन कर सकते हैं।
मुख्य मंदिर के पीछे की तरफ भैरव बाबा जी का मंदिर बना है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर हनुमान जी का गुफानुमा मंदिर बना हुआ है, जहां पर हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमा देखी जा सकती है। यह प्रतिमा बहुत प्राचीन और आकर्षक है। इस मंदिर का महत्व दूर-दूर तक फैला हुआ है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिर में नवरात्रि के त्यौहार के समय एक अलग ही माहौल रहता है। यहां पर भजन कीर्तन होते हैं। गांव के लोग यहां पर अलग-अलग धार्मिक आयोजन करते हैं।
टिकीटोरिया मंदिर में देवी दुर्गा के दर्शन (Darshan of Goddess Durga at Tikitoria Temple)
टिकीटोरिया दुर्गा मंदिर (Tikitoriya Durga Mandir) के दर्शन या यात्रा की शुरुआत आप सागर जिले या जबलपुर जिले से कर सकते हैं। यह मंदिर सागर जिले के पास रहली तहसील में बना हुआ है। यह मंदिर सागर से 50 किलोमीटर दूर और जबलपुर जिले से करीब 130 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर सड़क के द्वारा आसानी से आ सकते हैं। यहां पर बाइक, कार या सार्वजनिक परिवहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर मुख्य हाईवे सड़क से कुछ ही दूरी पर बना हुआ है।
सागर जबलपुर हाईवे मार्ग से मंदिर आसानी से देखा जा सकता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर में पहुंचकर बाहर पार्किंग के लिए बहुत बड़ा स्पेस दिया गया है, जहां पर आप कार और गाड़ी कर सकते हैं। उसके बाद मंदिर में जा सकते हैं। एंट्री गेट से प्रवेश होते ही मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ प्रसाद और अन्य सामग्रियों की दुकान देखने के लिए मिलती है।
दुकानदार लोग प्रसाद लेने के लिए कहते हैं। आप यहां पर प्रसाद मंदिर में चढ़ने के लिए ले सकते हैं। मंदिर के नीचे की तरफ ढेर सारे कमरे बने हुए हैं। यहां पर धर्मशाला बनी हुई है। अगर कोई तीर्थयात्री दूर से आ रहा हो, तो वह यहां पर रुक सकता है। इसके लिए मंदिर प्रबंधन से परमिशन लेनी पड़ती है। यहां पर ढेर सारे पंडित जी और ब्राह्मण लोग भी रहते हैं। यहां पर चबूतरा बना हुआ है, जहां पर बैठ सकते हैं। खाना पीना खा सकते हैं।
यहां पर लोग दूर-दूर से आते हैं और ग्रुप के साथ आते हैं, तो यहीं बैठकर आराम करते हैं और खाना पीना खाते हैं। उसके बाद मंदिर की सीढ़ियां से चढ़ता स्टार्ट कर सकते हैं। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर करीब 200 सीढ़ियां बनी है। सीढ़ियां के ऊपर छायादार शेड बना है। सीढ़ियां के किनारे बैठने के लिए चेयर बनाई गई है। यह सीढ़ियां सफेद सीढ़ियां में सफेद मार्बल लगा हुआ है। सीढ़ियां से ऊपर पहुंच कर मंदिर देखने के लिए मिलता है।
टिकीटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) बहुत ही सुंदर है। यह पूरा सफेद संगमरमर से बना हुआ है और बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर के ऊपर एक बड़ा सा गुंबद बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। मंदिर के परिसर में मंदिर की हिस्ट्री लिखी हुई है। टिकीटोरिया मंदिर परिसर में ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन कर सकते हैं। मुख्य मंदिर में मां दुर्गा की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
मां दुर्गा के यहां पर भव्य मूर्ति है। मां दुर्गा की मूर्ति संगमरमर से बनी हुई है और मां शेर पर सवार है, इसलिए इन्हें सिंहवाहिनी के नाम से जाना जाता है। यहां मां दुर्गा की अष्टभुजी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मां दुर्गा के बाजू में लक्ष्मी जी और मां सरस्वती की मूर्ति विराजमान है। मां दुर्गा के दर्शन करने के बाद आप परिसर के अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर परिसर में बाई ओर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है, जहां पर प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यह मूर्तियां बहुत सुंदर है और पूरी तरह पत्थर से बनी हुई है।
मंदिर के पीछे की तरफ काल भैरव जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर हवन कुंड बना है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और नारियल भगवान को अर्पित करते हैं और हवन कुंड में डाल देते हैं। यहां पर शिवलिंग के दर्शन भी होते हैं। यहां पर पंचमुखी हनुमान जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। हनुमान जी की प्रतिमा बहुत ही आकर्षक और बहुत ही यूनिक है। हनुमान जी की मूर्ति पर गुफा में विराजमान है।
यहां पर एक छोटा सा गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर पेड़ पौधे लगे हुए हैं। पहाड़ी के ऊपर से आप चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां से आपको दूर-दूर तक का मनोरम दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर के दर्शन करने के बाद, यहां पर एक प्राकृतिक गुफा है, जो आप देख सकते हैं। इन सभी जगह को देखने के बाद आप मंदिर में नीचे की तरफ आ सकते हैं और आराम करके या खाना पीना खाकर आप अपने आगे की यात्रा कर सकते हैं।
मंदिर के नीचे की तरफ तलहटी में सामुदायिक भवन बना है, जहां पर शादी, विवाह, पूजा, पाठ और अन्य कार्यक्रम किए जाते हैं। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए एक छोटा सा गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर ढेर सारे झूले लगे हुए हैं। यहां पर एक छोटा सा तालाब भी देखने के लिए मिलता है।
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टिकिटोरिया देवी मंदिर इतिहास (Tikitoriya Devi Temple History)
टिकिटोरिया देवी मंदिर (Tikitoriya Devi Mandir) का इतिहास काफी प्राचीन और रोचक है। स्थानीय परंपराओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना गोंड रानी दुर्गावती जी के द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना है।
मंदिर में ढेर सारी प्राचीन प्रतिमाओं देखने के लिए मिलती है, जो यहां पर संभाल कर रखी गई है। मंदिर में स्थित पाषाण प्रतिमा के बारे में कहा जाता है, कि मंदिर के प्राचीन पाषाण मूर्ति, जो रानी दुर्गावती के द्वारा स्थापित की गई थी। उसे कुछ लोगों के द्वारा खंडित कर दिया गया था। तब पास के गांव के एक परिवार ने यहां पर संगमरमर की मूर्ति की स्थापना करवाई, जिसकी आप दर्शन कर सकते हैं।
नवरात्रि के समय टिकिटोरिया मंदिर में खास उत्सव (Special Celebrations at Tikitoriya Temple During Navratri)
नवरात्रि के समय मां दुर्गा के दर्शन करने का अलग महत्व है। इस समय बहुत सारी श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन करने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। इस जगह पर इस समय बहुत भीड़ रहती है। यहां पर मेला लगता है, जिसमें ढेर सारी दुकानें लगती हैं और आसपास के गांव वाले और दूर-दूर से लोग भी यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस समय मंदिर का माहौल बहुत ही अच्छा रहता है। यहां पर भजन कीर्तन होते हैं।
टिकिटोरिया देवी मंदिर का महत्व (Significance of Tikitoriya Devi Temple)
1. “मिनी मैहर”
माँ शारदा के प्रसिद्ध मैहर मंदिर की तरह ही, टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ भी भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। इसी कारण इसे लोग प्यार से “मिनी मैहर” कहते हैं।
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2. नवरात्रि का उत्सव
नवरात्रि के अवसर पर यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। नौ दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना होती है। मंदिर परिसर में मेले लगते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन करने आते हैं।
3. तीर्थस्थल और सांस्कृतिक केंद्र
यह मंदिर बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रमुख तीर्थस्थल है। धार्मिक महत्व के साथ-साथ यह सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र भी है।
टिकीटोरिया देवी मंदिर फोटो (Tikitoriya Devi Temple photos Gallery)


टिकिटोरिया मंदिर में यात्रा का अनुभव
टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) की यात्रा भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक और रोमांचक अनुभव होती है। सीढ़ियाँ चढ़ते हुए वातावरण में गूंजते भजन और “जय माता दी” की आवाज़ भक्तों को ऊर्जा और उत्साह प्रदान करती है। पहाड़ी से आसपास का दृश्य बेहद खूबसूरत लगता है। मंदिर के शांत वातावरण में ध्यान और पूजा करने से आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
टिकिटोरिया देवी मंदिर कहा है (Where is Tikitoriya Devi Temple)
टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) सागर जिले की रेहली तहसील में स्थित है। मंदिर टिकिटोरिया पहाड़ी (टिकिटोरिया पर्वत) पर बसा है। यह जबलपुर-सागर राजमार्ग पर रेहली शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। यहाँ पहुँचने के लिए भक्तों को पहाड़ी की सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो इसे और भी रोमांचक और पवित्र बनाती हैं।
टिकीटोरिया मंदिर का गूगल मैप लोकेशन
टिकिटोरिया देवी मंदिर कैसे पहुँचे (How to Reach Tikitoriya Devi Temple)
सड़क मार्ग – सड़क मार्ग से पहले आपको रहली आना पड़ेगा। रहली से यह मंदिर 5 किलोमीटर दूर है। सागर से भी बस, ऑटो और निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग – मंदिर का निकम रेलवे स्टेशन सागर में है। सागर से आप स्थानीय परिवहन द्वारा रहली आ सकते हैं और उसके बाद मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। इसलिए स्थानीय परिवहन से पहुंचने में यहां कोई भी दिक्कत नहीं होगी।
वायु मार्ग – मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर में है। जबलपुर में आप डुमना एयरपोर्ट आ सकते हैं और डुमना से स्थानीय परिवहन के द्वारा आप इस मंदिर में पहुंच सकते हैं।
टिकिटोरिया देवी मंदिर यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit Tikitoriya Devi Temple)
नवरात्रि – नवरात्रि इस मंदिर में दर्शन करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। नवरात्रि में बहुत सारी श्रद्धालु जाकर मंदिर में दर्शन करते हैं। इस समय मां दुर्गा के दर्शन करने का अलग महत्व है। आप यहां पर नवरात्रि में आकर मां के दर्शन कर सकते हैं।
सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) – अगर आप पर्यटन के लिए आ रहे हैं। टिकिटोरिया मंदिर और मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थलों में जाना चाहते हैं, तो इस समय आ सकते हैं और टिकीटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) और अन्य दर्शनीय स्थलों में घूम सकते हैं।
यात्रा टिप्स
- सीढ़ियाँ चढ़ने के लिए आरामदायक जूते पहनें।
- बुजुर्ग और बच्चे धीरे-धीरे चढ़ाई करें, क्योंकि सीढ़ियाँ ऊँची हैं।
- नवरात्रि में भीड़ अधिक रहती है, इसलिए सुबह जल्दी पहुँचना अच्छा रहेगा।
- मंदिर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखने में सहयोग करें।
- पंचमुखी हनुमान मंदिर के दर्शन करना न भूलें।
आसपास घूमने योग्य स्थल
टिकिटोरिया मंदिर (Tikitoriya Mandir) की यात्रा के साथ आप आसपास के दर्शनीय स्थलों का भी आनंद ले सकते हैं:
- रेहली शहर – रहली का किला, सूर्य मंदिर और अन्य स्थान
- आपचंद की गुफा
- नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य
- सागर शहर
- जबलपुर
FAQ Section – टिकिटोरिया देवी मंदिर (Tikitoriya Devi Mandir)
Q1. टिकिटोरिया देवी मंदिर कहाँ स्थित है?
टिकिटोरिया देवी मंदिर (Tikitoriya Devi Mandir) मध्यप्रदेश के सागर जिले की रेहली तहसील में, जबलपुर-सागर राजमार्ग पर रेहली से लगभग 5 किमी दूर स्थित है।
Q2. टिकिटोरिया मंदिर को “मिनी मैहर” क्यों कहा जाता है?
यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और नवरात्रि के समय बड़ी संख्या में भक्त यहाँ पहुँचते हैं। इसकी लोकप्रियता और आस्था के कारण इसे “मिनी मैहर” कहा जाता है।
Q3. टिकिटोरिया देवी मंदिर कितनी पुराना है?
स्थानीय परंपराओं के अनुसार मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना माना जाता है, जबकि कुछ ऐतिहासिक स्रोत इसे 225 से 250 वर्ष पुराना बताते हैं।
Q4. यहाँ मुख्य देवी कौन हैं?
मंदिर में माँ सिंहवाहिनी की अष्टभुजा रूपी प्रतिमा विराजमान है।
Q5. टिकिटोरिया मंदिर तक पहुँचने के लिए कितनी सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं?
भक्तों को लगभग 200 सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं। पहले यहाँ लगभग 365 संगमरमर की सीढ़ियाँ थीं।
Q6. पंचमुखी हनुमान मंदिर कहाँ है?
मुख्य मंदिर के नीचे एक गुफा में पंचमुखी हनुमान मंदिर स्थित है, जहाँ भक्त विशेष रूप से दर्शन करने जाते हैं।
Q7. टिकिटोरिया मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
नवरात्रि का समय सबसे उपयुक्त है। इसके अलावा सर्दियों (नवंबर से फरवरी) में यहाँ का मौसम यात्रा के लिए अच्छा रहता है।
Q8. टिकिटोरिया मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
- सड़क मार्ग से रेहली से 5 किमी दूर
- निकटतम रेलवे स्टेशन – सागर
- नज़दीकी एयरपोर्ट – भोपाल और जबलपुर
निष्कर्ष
टिकिटोरिया देवी मंदिर (Tikitoriya Devi Mandir), जिसे “मिनी मैहर” कहा जाता है, केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और इतिहास का संगम है। यह मंदिर अपने प्राचीन इतिहास, भव्यता और माँ सिंहवाहिनी की दिव्य प्रतिमा के कारण विशेष महत्व रखता है।
यदि आप मध्यप्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सागर जिले के टिकिटोरिया मंदिर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। यहाँ की यात्रा आपको आध्यात्मिक शांति, रोमांच और सांस्कृतिक अनुभव से भर देगी।
